अपराध
हैदराबाद : अपने अपहरण, दुष्कर्म की साजिश रचने वाली लड़की ने आत्महत्या की

हैदराबाद के घाटकेसर में करीब दो हफ्ते पहले अपने अपहरण और दुष्कर्म की साजिश रचने वाली 19 वर्षीय लड़की ने आत्महत्या कर ली है। उसने कथित रूप से अपने घर से दूर जाने के लिए यह साजिश रची थी। पुलिस ने यह जानकारी दी। उसने घाटकेसर में अपने चाचा के घर पर नींद की गोलियों खा लीं, जहां वह रह रही थी। लड़की कथित तौर उसके साजिश रचने का खुलासा होने के बाद डिप्रेशन में थी।
परिवार के लोग उसे अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने ऑटोप्सी के लिए शव को सरकारी अस्पताल भेज दिया है।
10 फरवरी की शाम को पुलिस को उसके परिवार से फोन आया कि लड़की एक ऑटो रिक्शा चालक ने अपहरण कर लिया है, जब वह कॉलेज से घर लौट रही थी। कुछ घंटों बाद वह अन्नोजीगुडा रेलवे गेट के पास एक सड़क पर अर्ध-नग्न अवस्था में मिली और मुश्किल से चल पा रही थी।
पुलिस ने उसे एक अस्पताल में शिफ्ट कर दिया था और मामला दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी। हालांकि, अगले तीन दिनों की जांच में पता चला कि उसने घर से भागने के लिए अपने अपहरण और दुष्कर्म की फर्जी कहानी गढ़ी।
पुलिस ने ऑटो चालक से पूछताछ की और उसके कॉलेज के पास और अन्य बिंदुओं पर सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया। लड़की के बयान में कई विसंगतियां पाई गईं। बाद में उसने पुलिस के सामने स्वीकार किया कि उसने उस अपराध के बारे में झूठ बोला था जो कभी नहीं हुआ।
राचकोंडा के पुलिस आयुक्त महेश एम. भागवत ने 13 फरवरी को मीडिया को बताया कि अपहरण और दुष्कर्म की पूरी कहानी फर्जी थी।
उसने उस शाम अपनी मां को फोन करके बताया था कि ऑटो चालक आरएल नगर में नहीं रुक रहा है और वह तेज गति से गाड़ी चला रहा है। परिवार ने पुलिस को सतर्क कर दिया, जिसने बाद में उसका पता लगाया।
पुलिस द्वारा विश्लेषण किए गए सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि उसने उस आदमी के ऑटो रिक्शा पर सवारी ही नहीं की, जिसपर उसने उसके दोस्तों के साथ अपहरण और दुष्कर्म का आरोप लगाया था।
पुलिस ने यह भी पाया कि उसने दुष्कर्म की उपस्थिति पैदा करने के लिए अपने कपड़े खुद ही उतार दिए। पुलिस के आने से पहले घटनास्थल पर जाने की कोशिश करते हुए, वह फिसल गई और झाड़ियों में गिर गई, जिससे उसके पैर में चोट आ गई।
कम से कम 100 सीसीटीवी कैमरों से फुटेज का विश्लेषण करने वाली पुलिस ने पाया कि वह चार किलोमीटर से अधिक दूरी तक अकेले चली थी। वह पुलिस और उसके माता-पिता के कॉल का भी जवाब देती रही और अपनी लाइव लोकेशन साझा की।
जांच से यह भी पता चला है कि उसने ऑटो चालक को फंसाने की कोशिश की थी, क्योंकि उसके साथ उसका पहले से विवाद था। पुलिस ने ऑटो चालक और उनसे पूछताछ करने वाले लोगों से माफी मांगी।
पुलिस को यह भी पता चला कि लगभग छह महीने पहले उसने अपने एक दोस्त से झूठ बोला था कि उसके भाई का अपहरण कर लिया गया था और कुछ फिरौती के भुगतान के बाद उसे छोड़ दिया गया था।
अपराध
झारखंड हाईकोर्ट से जमानत के बाद भारत से फरार हुआ नाइजीरिया का साइबर क्रिमिनल, सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता

suprim court
रांची/नई दिल्ली, 3 सितंबर। झारखंड में साइबर फ्रॉड की बड़ी वारदात का आरोपी एक नाइजीरियाई नागरिक हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद भारत छोड़कर भाग गया। सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़े मामले में झारखंड सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात पर गंभीर चिंता जताई है कि भारत में आपराधिक वारदात अंजाम देने वाले विदेशी नागरिक अक्सर अदालत से बेल मिलने के बाद देश छोड़कर भाग जाते हैं।
जस्टिस दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एजी मसीह की पीठ ने झारखंड सरकार की याचिका पर नाइजीरियाई नागरिक की जमानत रद्द कर दी। हालांकि नाइजीरिया के साथ प्रत्यर्पण संधि न होने की वजह से भारत सरकार ने उसे फिलहाल वापस लाने में असमर्थता जताई है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका का निष्पादित करते हुए केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि वह ऐसे कदम उठाए कि भारत में अपराध के आरोपी विदेशी नागरिक बेल मिलने के बाद भागकर मुकदमे से बच न सकें।
न्यायालय ने कहा कि भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली की अखंडता बनाए रखने के लिए जरूरी है। नाइजीरियाई नागरिक को झारखंड पुलिस ने 2019 में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 419, 420, 467, 468, 471, 120बी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66डी के तहत गिरफ्तार किया था। उसपर गिरिडीह निवासी कारोबारी निर्मल झुनझुनवाला से साइबर फ्रॉड के जरिए 80 लाख रुपए की ठगी का आरोप था।
गिरफ्तारी के बाद दो साल से अधिक समय तक वह झारखंड की जेल में रहा। झारखंड हाईकोर्ट ने 13 मई, 2022 को उसे जमानत दी थी, लेकिन वह जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर नाइजीरिया भाग गया। इसके बाद राज्य ने सुप्रीम कोर्ट से उसकी बेल रद्द करने का आवेदन किया।
सुप्रीम कोर्ट ने इस बढ़ती प्रवृत्ति पर पहले भी नवंबर 2024 में चिंता जताई थी कि साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में विदेशी नागरिक जमानत मिलने के बाद देश छोड़ देते हैं। न्यायालय ने कहा कि स्पष्ट कानूनी प्रक्रिया या नीति के अभाव में भारतीय प्राधिकरण असहाय रहते हैं, खासकर उन देशों में जहां भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है।
अपराध
दिल्ली पुलिस ने सीमा पार मोबाइल तस्करी रैकेट का किया भंडाफोड़, सरगना सहित तीन गिरफ्तार

नई दिल्ली, 3 सितंबर। दिल्ली पुलिस की एसटीएफ ने राष्ट्रीय राजधानी से लूटे गए मोबाइल के मामले में अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
दरअसल, यह कार्रवाई दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने की है। एसटीएफ ने 2 सितंबर को दिल्ली के सराय काले खां स्थित वेस्ट टू वंडर पार्क के पास से इस गिरोह के तीन सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सरगना भी शामिल है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मोहतार शेख, मोहम्मद गुलू शेख और अब्दुल शमीम के रूप में हुई है, जो सभी पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के निवासी हैं।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि मंगलवार को एसटीएफ को सूचना मिली थी कि चोरी किए गए या छीने गए मोबाइल फोनों का मुख्य खरीदार मोहतार शेख अपने दो साथियों के साथ दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के इलाके में घूम रहा है। इस सूचना पर एसटीएफ ने एक विशेष टीम गठित की और सराय काले खां के वेस्ट टू वंडर पार्क के पास जाल बिछाया। मंगलवार शाम करीब 7:15 बजे पुलिस ने आईएसबीटी की ओर से आ रहे मोहतार शेख और उसके दो साथियों की पहचान की। इसके बाद टीम ने तुरंत उन्हें गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान उनके पास से तीन देसी पिस्तौल, छह जिंदा कारतूस और 228 महंगे मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
पुलिस के मुताबिक, दिल्ली से लूटे गए मोबाइल को पश्चिम बंगाल के रास्ते सीमा पार नेपाल और बांग्लादेश भेजा जाता था। पूछताछ में पता चला कि मोहतार शेख इस गिरोह का मुख्य सरगना है। वह अपने दोनों साथियों के साथ मिलकर स्थानीय चोरों से कम कीमत पर चोरी के मोबाइल फोन खरीदता था। इसके बाद ये फोन वाहकों और बिचौलियों के नेटवर्क के माध्यम से नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में भेजे जाते थे, जहां इन्हें ऊंचे दामों पर बेचा जाता था।
इन गिरफ्तारियों ने एक बड़े सीमा पार नेटवर्क का खुलासा किया है, जो न केवल दिल्ली में सड़क अपराधों को बढ़ावा देता है, बल्कि चोरी के उपकरणों का अवैध विदेशी व्यापार भी करता है।
पुलिस अन्य नेटवर्क सदस्यों, स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं और विदेशी खरीदारों की पहचान के लिए जांच कर रही है।
अपराध
ठाणे में सनसनी: भिवंडी में घरेलू विवाद के बाद पत्नी का सिर काटने के आरोप में पति गिरफ्तार

crime
ठाणे: तीन दिनों की जांच के बाद, भोईवाड़ा पुलिस ने मंगलवार को एक महिला के कटे हुए सिर के मामले को सुलझा लिया। पुलिस ने उसके पति को गिरफ्तार कर लिया है। पति के विवाहेतर संबंध के संदेह से उपजे घरेलू विवाद के बाद भिवंडी में कथित तौर पर एक तेज चाकू से महिला का सिर काट दिया गया था।
पीड़िता की पहचान प्रवीण उर्फ मुस्कान (22) के रूप में हुई है, जो अपने पति के साथ नाले से कुछ ही मीटर की दूरी पर रहती थी। आरोपी मोहम्मद ताहा अंसारी उर्फ सोनू (25), जो पेशे से ड्राइवर है, ने दो साल पहले उससे शादी की थी। दंपति का एक साल का बेटा भी है।
पुलिस के मुताबिक, मुस्कान, उसके पति और ससुराल वालों के बीच घरेलू मुद्दों को लेकर अक्सर झगड़े होते रहते थे। सूत्रों के अनुसार, वह अपने पति से अलग रहना चाहती थी। आखिरकार, उसने भिवंडी के ईदगाह क्रीक इलाके के पास एक मकान किराए पर लिया और अपने बेटे के साथ अलग रहने लगी।
पुलिस ने बताया कि टीमों ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और मुखबिरों को सूचित किया। कटे हुए सिर की जाँच करते हुए, अधिकारियों ने नाले के पास रहने वालों से पूछताछ की और पता चला कि एक महिला का घर चार दिनों से बंद था। फिर उसके परिवार का पता लगाया गया और उसके पति सोनू ने हत्या की बात कबूल कर ली। उसे गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में आगे की जाँच के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन के जाँच अधिकारी प्रमोद कुंभार ने कहा, “प्रारंभिक जाँच से पता चलता है कि मुस्कान को अपने पति पर विवाहेतर संबंध होने का शक था, जिसके कारण उनके बीच अक्सर झगड़े होते थे। कथित तौर पर उसने धारदार चाकुओं से मुस्कान का सिर काट दिया और शव के टुकड़ों को नाले में फेंक दिया।”
पुलिस टीम, दमकल विभाग और डॉग स्क्वॉड ने खाड़ी में मुस्कान के अवशेषों की तलाश की। उसके धड़ का पता लगाने के लिए ड्रोन कैमरा भी लगाया गया। चार घंटे की कोशिशों के बावजूद, धड़ नहीं मिला और बाद में तलाश बंद कर दी गई।
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