राजनीति
सुप्रीम कोर्ट ने पोंगल पर घोषित किया अवकाश, तमिलनाडु मुख्यमंत्री ने कहा धन्यवाद

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के.पलानीस्वामी ने शुक्रवार को 14 और 15 जनवरी, 2021 को पोंगल त्योहार के कारण अवकाश घोषित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। यहां जारी एक बयान में पलानीस्वामी ने तमिल के फसल उत्सव के लिए छुट्टियों की घोषणा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद किया।
पोंगल त्योहार तमिल माह थाई के पहले दिन बारिश / सूर्य देवता और खेत, जानवरों को धन्यवाद देने के लिए मनाया जाता है।
तमिलों के लिए पोंगल उत्सव चार दिनों का होता है, पहला दिन भोगी होता है, इस दिन लोग अपने पुराने कपड़े, चटाई और अन्य सामान जलाते हैं। घरों को नया रूप दिया जाता है।
दूसरा दिन तमिल महीने थाई के पहले दिन मनाया जाने वाला मुख्य पोंगल त्योहार होता है।
तीसरे दिन मट्टू पोंगल होता है, जब बैल और गायों को नहलाया जाता है और उनके सींगों को रंगा जाता है और उनकी पूजा की जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है, क्योंकि वे खेतों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इसके बाद महिलाएं पक्षियों को रंगीन चावल खिलाती हैं और अपने भाइयों के कल्याण के लिए प्रार्थना करती हैं।
राज्य के कुछ हिस्सों में जल्लीकट्टू, जो कि बैलों से जुड़ा खेल है, उसे भी आयोजित किया जाता है।
चौथा दिन कन्नुम पोंगल होता है, इस दिन लोग बाहर जाते हैं और रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलते हैं, दर्शनीय स्थलों की यात्रा करते हैं।
राष्ट्रीय समाचार
इंडिया पोस्ट ने एडवांस्ड पोस्टल टेक को किया शुरू, रियल-टाइम ट्रेकिंग से लेकर लेनदेन हुआ तेज

नई दिल्ली, 6 अगस्त। इंडिया पोस्ट ने राष्ट्रीय स्तर पर एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी (एपीटी) सिस्टम को लॉन्च कर दिया है। इससे रियल-टाइम ट्रेकिंग से लेकर लेनदेन की रफ्तार में इजाफा हुआ है। यह जानकारी संचार मंत्रालय द्वारा बुधवार को दी गई।
एपीटी को आईटी 2.0 के तहत किए जा रहे इंडिया पोस्ट के डिजिटल बदलाव के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि एपीटी सिस्टम से लेनदेन की रफ्तार, डिजिटल पेमेंट एकीकरण, रियल-टाइम ट्रेकिंग और ग्राहक अनुभव में सुधार देखा गया है।
आगे कहा कि पुराने से नए सिस्टम की तरफ यह परिवर्तन, अधिक तीव्र, स्मार्ट और अधिक ग्राहक-केंद्रित डाक सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सरकार ने बताया कि शहरी, ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्र में 1.64 लाख से ज्यादा डाक घरों के विशाल नेटवर्क के कारण इस एपीटी सिस्टम के रोलआउट के पहले दिन 4 अगस्त को कुछ धीमापन महसूस किया गया, लेकिन टेक्निकल टीम ने इसका समाधान निकाल लिया और अगले दिन इसे सुधार लिया गया।
मंत्रालय के अनुसार, 5 अगस्त को पूरे भारत में इस नए एप्लिकेशन के माध्यम से 20 लाख से ज्यादा वस्तुओं की बुकिंग की गई और 25 लाख से ज्यादा वस्तुओं की डिलीवरी की गई।
भारतीय डाक विभाग ने कहा, “भारतीय डाक निर्बाध सार्वजनिक सेवा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। विभाग कार्य-निष्पादन पर कड़ी नजर रख रहा है और सुचारू एवं कुशल बदलाव सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रहा है।”
इससे पहले, यह घोषणा की गई थी कि डाक विभाग डिजिटल परिवर्तन और बेहतर ग्राहक सेवा की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए पूरी दिल्ली में अपना अगली पीढ़ी का एपीटी एप्लिकेशन शुरू करेगा।
वहीं, मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा था, “4 अगस्त को, राजधानी भर के 353 डाकघर और 61 शाखा डाकघर इस अपडेटेड डिजिटल प्लेटफॉर्म को लॉन्च करेंगे।”
इसके लिए, विभाग ने सुरक्षित और निर्बाध बदलाव सुनिश्चित करने हेतु शनिवार, 2 अगस्त को सेवा बंद रखने की योजना बनाई थी।
डाकघर सिस्टम आवश्यक डेटा माइग्रेशन, सत्यापन और कॉन्फिगरेशन प्रक्रियाओं से गुजर रहा था, इसलिए उस दिन 414 प्रभावित स्थानों पर कोई सार्वजनिक लेनदेन नहीं हुआ।
राष्ट्रीय समाचार
‘स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराएं’, सरकार ने की ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से जुड़ने की अपील

नई दिल्ली, 6 अगस्त। तीन साल पहले शुरू हुई ‘हर घर तिरंगा’ पहल अब जन आंदोलन का रूप ले चुकी है। देशभर में समाज के अलग-अलग वर्ग के लोगों ने इस विचार को अपनाया है। इसी क्रम में, ‘एक राष्ट्रगान, एक झंडा और एक राष्ट्र’ की भावना के साथ इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय संस्कृति मंत्रालय ने कदम उठाए हैं।
15 अगस्त को 79वें स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर भारतीय संस्कृति मंत्रालय ने देशवासियों से ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से जुड़ने की अपील की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के जरिए संस्कृति मंत्रालय ने लिखा, “हर घर तिरंगा अभियान में शामिल हों और देशभक्ति की भावना जगाएं। तिरंगा स्वयंसेवक के रूप में पंजीकरण करें, दूसरों को 15 अगस्त तक अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रेरित करें और अपनी ‘सेल्फी विद तिरंगा’को ‘हर घर तिरंगा’ वेबसाइट पर अपलोड करें।
भारत सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव के मौके पर 2022 में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान शुरू किया था। इस अभियान के पीछे का विचार लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना पैदा करना और उन्हें भारत की यात्रा और इस महान राष्ट्र के निर्माण में योगदान देने वालों की याद दिलाना है। 2022 में इस अभियान को अपार सफलता मिली, जहां 23 करोड़ परिवारों ने अपने घरों में तिरंगा फहराया और 6 करोड़ लोगों ने ‘हर घर तिरंगा’ वेबसाइट पर सेल्फी अपलोड कीं। डाक विभागने इस अभियान को अंतिम छोर तक पहुंचाया और देश के सुदूर कोने में भी राष्ट्रीय ध्वज की उपलब्धता सुनिश्चित की।
संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक, साल 2022 में ‘हर घर तिरंगा’ वेबसाइट पर 5 करोड़ से अधिक तिरंगा सेल्फी अपलोड की गई थीं। 2023 में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत 10 करोड़ से अधिक सेल्फी अपलोड की गईं। उसी साल, चंडीगढ़ में 5,885 लोगों की भागीदारी के साथ ‘राष्ट्रीय ध्वज लहराती हुई दुनिया की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला की तस्वीर’ का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया। 2024 में 5 करोड़ से अधिक लोगों ने सेल्फी अपलोड की।
आपदा
उत्तराखंड में बादल फटने से महाराष्ट्र के 24 नागरिक फंसे, सुप्रिया सुले ने सीएम धामी से मदद मांगी

पुणे, 6 अगस्त। उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना के बाद महाराष्ट्र के 24 नागरिक उत्तराखंड में फंस गए हैं। उनकी सुरक्षा को लेकर एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने चिंता जाहिर की। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड में फंसे नागरिकों के नाम के साथ मोबाइल नंबर भी जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों से उनसे संपर्क न होने के कारण परिवार के लोग काफी चिंतित हैं।
एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “महाराष्ट्र के मंचर क्षेत्र के लगभग 24 नागरिक उत्तराखंड में हाल ही में हुए बादल फटने की घटना के कारण फंसे हुए हैं। पिछले 24 घंटों से उनसे संपर्क न होने के कारण उनके परिवार के लोग काफी चिंतित हैं।”
सुप्रिया सुले ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मदद की अपील की। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय से अनुरोध है कि कृपया हस्तक्षेप करें और उन्हें जल्द से जल्द बचाने में मदद करें।”
उन्होंने उत्तराखंड में फंसे हुए कुछ लोगों के नाम और मोबाइल नंबर भी एक्स पर शेयर किया है, जिनमें अशोक किसान भोर (9890600661), सविता शंकर काले (9527085169), अशोक टेमकर (9867571585), लीला रोकड़े (9130346544), माणिक ढोरे (9822364243), मारुति शिंदे (9284153045), समृद्धि जंगम (9936819132), सतीश मांगड़े (9766663401), लीना जंगम (9769621996), पुरूषोत्तम (9881403519), संगीता वालू (8830146903), शिंदे गहिनीनाथ (9881930966), अरुणा सातकर (9860758977), विट्ठल खेडकर (9405851609), सुनीता धोरे (7499490903), नितिन जाधव (9325666487) और मंगल (8805255991) शामिल है।
सुप्रिया सुले ने उत्तराखंड सरकार से अनुरोध किया है कि वहां फंसे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और उन्हें जल्द से जल्द बचाने में मदद करें।
इस बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को उत्तराकाशी में बादल फटने की घटना को लेकर राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने सभी अधिकारियों को स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए, ताकि अगर किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति पैदा हो, तो उससे कुशलतापूर्वक निपटा जा सके।
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