खेल
वेस्टइंडीज खिलाड़ियों ने न्यूजीलैंड में तोड़े आइसोलेशन नियम

इस समय न्यूजीलैंड में मौजूद वेस्टइंडीज पुरुष क्रिकेट टीम को ट्रेनिंग सुविधाओं से वंचित रखा गया है जिसका कारण उसके कुछ खिलाड़ियों का आइसोलेशन प्रोटोकॉल्स तोड़ना है। न्यूजीलैंड क्रिकेट के मुताबिक, वेस्टइंडीज के कुछ खिलाड़ियों ने बबल के नियमों को तोड़ा। वेस्टइंडीज टीम के लिए बनाए गए दो अलग-अलग बबल के खिलाड़ियों ने एक दूसरे के साथ समय बिताया और खाना खाया।
इसी के कारण मेहमान वेस्टइंडीज के पूरे खिलाड़ी अब बचे हुए क्वारंटीन पीरियड तक ट्रेनिंग नहीं कर पाएंगे। उन्हें अपना क्वारंटीन परिषद में ही खत्म करना होगा। खिलाड़ियों का क्वारंटीन पीरियड शुक्रवार को खत्म हो रहा है।
एनजेडसी ने बुधवार को एक बयान में कहा, इस बात के कोई सबूत, या शिकायत नहीं है कि मेहमान टीम के किसी सदस्य ने परिषद के बाहर कदम रखा है या कोई अन्य शख्स परिषद में आया हो।
बयान में कहा गया है, “एनजेडसी स्वास्थय मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रही है। एनजेडसी वेस्टइंडीज टीम और उसके प्रबंधन, संबंधित सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगी ताकि दोबारा नियमों का उल्लंघन न हो।”
वेस्टइंडीज टीम के सदस्य 14 दिन के क्वारंटीन पीरियड में हैं जिनका बुधवार को टेस्ट होगा।
एनजेडसी ने बयान में कहा, “वेस्टइंडीज टीम का अंतिम कोविड-19 टेस्ट आज (बुधवार) होगा, परिणाम मंजूरी देते हैं तो टीम शुक्रवार को आइसोलेशन खत्म कर क्वींसटाउन के लिए रवाना होगी जहां वो न्यूजीलैंड-ए टीम के साथ दो मैच खेलेगी।”
वहीं क्रिकेट वेस्टइंडीज ने इस मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी है।
बोर्ड ने बयान में कहा, “इस सुबह क्रिकेट वेस्टइंडीज को पता चला कि हमारी टीम के कुछ सदस्यों ने न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में टीम के आइसोलेशन परिषद में कोविड-19 प्रोटोकॉल्स का उल्लंघन किया है।”
बोर्ड ने बताया, “न्यूजीलैंड के स्वास्थय मंत्रालय ने हमें बताया है कि वेस्टइंडीज के सभी सदस्य अब बाकी के क्वारंटीन पीरियड के दौरान ट्रेनिंग नहीं कर पाएंगे और अब उन्हें अपना क्वारंटीन परिषद में ही पूरा करना होगा। सीडब्ल्यूआई न्यूजीलैंड के स्वास्थय मंत्रालय के इस कदम के साथ है।”
वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड की टीमें तीन टी-20 और दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेंगी। इस दौरे की शुरुआत 27 नवंबर से हो रही है।
राष्ट्रीय
अहमदाबाद हादसा : हॉस्टल के बाहर बेटे की मौत, मां घायल, परिवार में मातम

अहमदाबाद, 13 जून। अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में कई घरों के चिराग बुझ गए। विमान में सवार 242 में से 241 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। यात्रियों के अलावा एयरपोर्ट से कुछ दूरी पर हॉस्टल के बाहर चाय बेचने वाले मां-बेटे भी हादसे की चपेट में आ गए। इसमें 14 साल के बच्चे की जान चली गई।
गुरुवार को जैसे ही विमान ने उड़ान भरी, वह कुछ ही देर बाद अस्पताल के हॉस्टल से टकरा गया और भयानक आग लग गई। उसी दौरान हॉस्टल के पास मौजूद आकाश उसकी चपेट में आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बेटे को बचाने के लिए उसकी मां दौड़ी, लेकिन वह भी विमान का मलबा गिरने से गंभीर रूप से घायल हो गईं। फिलहाल मां का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
इस दर्दनाक हादसे के बाद परिवार पूरी तरह से टूट चुका है।
मृतक आकाश का बड़ा भाई कल्पिश लगातार रो रहा है और उसका कहना है, “हमें न तो मां से मिलने दिया जा रहा है और न ही अपने छोटे भाई आकाश के अंतिम दर्शन करने दिए गए।”
मिडिया से बातचीत में कल्पिश ने बताया, “मेरे बड़े भाई का फोन आया था, तब मुझे अपने परिवार के बारे में जानकारी मिली।”
रोते-बिलखते कल्पिश ने कहा, “मुझे अपने भाई से मिलने नहीं दिया जा रहा है। मां अभी ठीक हैं।”
अहमदाबाद में गुरुवार को दर्दनाक हादसा हुआ था। एयर इंडिया की फ्लाइट दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई, जिसमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स सवार थे। टेक ऑफ के कुछ मिनट बाद प्लेन क्रैश हो गया।
अहमदाबाद एयरपोर्ट से कुछ दूरी पर प्लेन अस्पताल के हॉस्टल से टकराया और उसमें आग लग गई। मृतक यात्रियों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल हैं। अन्य मृतक यात्रियों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल हैं।
दुर्घटना
‘उनका स्वभाग बहुत ही सरल था’, पूर्व सीएम विजय रूपाणी के निधन पर बोले उनके कर्मचारी विजयभाई

राजकोट, 13 जून। अहमदाबाद में गुरुवार को एयर इंडिया के प्लेन क्रैश में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का निधन हो गया। उनके निधन से पूरा गुजरात दुखी है। पूर्व सीएम के निधन पर उनके यहां बीते 25 साल से काम कर रहे विजयभाई ने दुख जताया है।
विजयभाई ने कहा कि उनके जैसे सरल स्वभाव का व्यक्ति मैंने अपने जीवन में नहीं देखा। उन्होंने बताया कि वह 25 साल से पूर्व सीएम के यहां काम कर रहे थे। इस हादसे से वह बेहद दुखी हैं। बोले, “वह बहुत अच्छे आदमी थे। मुझे अपना परिवार मानते थे। मैं भी उन्हें बड़े भाई की तरह मानता था। परिवार से अधिक उन्हें मान देता था। मेरे पास कुछ भी नहीं था, आज जो कुछ भी है सब उन्हीं की देन हैं। उन्होंने मुझे हमेशा परिवार का हिस्सा ही माना है। मुझे जब भी किसी चीज की जरूरत होती तो वह मेरा सारा काम करवाते थे। मेरे बच्चों को पढ़ाने से लेकर सभी चीज़ों में उन्होंने मेरी बहुत मदद की है।”
पुजारी मनीष भट्ट ने बताया, ” मैं मंदिर में पिछले 5 साल से पूजा-पाठ कर रहा हूं और पूर्व सीएम को मैं 5 साल से जानता हूं। सोसायटी का जब भी कोई कार्यक्रम होता था तो वह सभी बैठकों में शामिल होते थे। मंदिर में आते थे और हर त्योहार पर विशेष पूजा-पाठ करवाते थे। वह सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। उनके निधन से बहुत दुख हुआ है। भगवान से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को अपने चरणों में स्थान दे।”
पूर्व सीएम के निधन पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से दुख जताया गया। भाजपा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में लिखा, “एयर इंडिया की फ्लाइट एआई 171 की दुर्घटना अत्यंत दुखद है। इस दुर्घटना में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पंजाब भाजपा के प्रभारी विजय रूपाणी का निधन हुआ है। उनका निधन गुजरात और पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। पूरा देश इस त्रासदी से व्यथित है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें और शोकसंतप्त परिवारों को यह असीम दुख सहने की शक्ति दें।“
राष्ट्रीय
मदुरै: दुरई दयानिधि के खिलाफ ईडी की कार्रवाई, सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाने का आरोप

मदुरै, 13 जून। पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.के. अलागिरी के बेटे दुरई दयानिधि के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को बड़ा कदम उठाया है। उन पर ओलंपस ग्रेनाइट्स कंपनी के जरिए सरकारी जमीन से अवैध रूप से ग्रेनाइट निकालने का आरोप है, जिससे सरकार को 259 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
इस मामले में मदुरै की सीबीआई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। दुरई ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए मामले से बरी होने की याचिका दायर की है।
मामला मुदरै जिले के मेलूर के कीलावलावु क्षेत्र से जुड़ा है। ओलंपस ग्रेनाइट्स और इसके हितधारकों, जिनमें दुरई दयानिधि और एस. नागराजन शामिल हैं, पर सरकारी जमीन से गैरकानूनी तरीके से ग्रेनाइट निकालने का आरोप है।
2012 में कीलावलावु पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।
2018 में मेलूर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में 5,191 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई, जिसमें दुरई और नागराजन सहित कई लोगों के नाम थे।
ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अलग से जांच शुरू की और दुरई की 40.34 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया, जिसमें मदुरै और चेन्नई में 25 जमीन के पार्सल, इमारतें और बैंक में सावधि जमा शामिल हैं। शुक्रवार को मदुरै की सीबीआई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई।
दुरई की कानूनी टीम ने उनकी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए बरी करने की मांग की।
ईडी ने कोर्ट में तर्क दिया कि दुरई को व्यक्तिगत रूप से पेश होना चाहिए। सुनवाई के बाद जज ने मामले को जल्द दोबारा सुनने का आदेश दिया।
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