अपराध
अगस्ता वेस्टलैंड : मिशेल ने अनुबंध टाइप कराने के लिए 22 हजार यूरो का भुगतान किया

ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन जेम्स मिशेल, जो 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड मामले में कथित बिचौलियों में से एक है, उसने अगस्ता वेस्टलैंड अनुबंधों को टाइप करने के लिए 22,000 यूरो में एक टाइपिस्ट को काम पर रखा था।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पिछले महीने दिल्ली की अदालत में दायर किए गए 12,000 से अधिक पन्नों वाले पूरक आरोप पत्र (चार्जशीट) में इसका खुलासा हुआ है। इसे आईएएनएस ने भी देखा है।
आरोप पत्र में एजेंसी ने दावा किया है कि मिशेल ने जे. बी. सुब्रमण्यन को अगस्ता वेस्टलैंड नाम के अनुबंध पत्र और रिपोर्ट टाइप करने के लिए काम पर रखा था।
इसमें कहा गया है, जांच के दौरान मिशेल के एक सहयोगी, सुब्रमण्यन ने कहा है कि उनके निदेशरें के अनुसार, उसने प्रेषण या रिपोर्ट टाइप की और इन्हें अगस्ता वेस्टलैंड/फिनमेकैनिका, गुइडो हेश्के के कार्यालय में भेजा।
इसमें आरोप लगाया गया है, सुब्रमण्यन ने इस तरह की रिपोर्ट टाइप करने या तैयार करने और भेजने के लिए मिशेल से विदेशी आवक के रूप में करीब 22,000 यूरो प्राप्त किए।
सीबीआई ने यह भी दावा किया कि आठ अप्रैल, 2019 को लिखावट विशेषज्ञ (राइटिंग एक्सपर्ट) ने यह भी माना है कि मिशेल ने 14 मई, 2008 को एक प्रेषण/रिपोर्ट पर कुछ शब्द या आंकड़े लिखे हैं, जो आरोपी अगस्ता वेस्टलैंड होल्डिंग एनवी और एसपीए के सीईओ गिउसेपे ओरसी को भेजी गई थी।
सीबीआई ने दावा किया कि यह भी प्रमाणित किया गया है कि मिशेल की लिखावट कभी-कभार बड़े अक्षरों (कैपिटल लेटर) में और कभी-कभी छोटे अक्षरों में होती थी। इसके अलावा उसकी लिखावट खराब भी बताई गई है।
सीबीआई ने इस साल सितंबर में हवाला ऑपरेटर राजीव सक्सेना समेत 15 लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया था, जिसे जनवरी 2019 में भारत में प्रत्यर्पित किया गया था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि मिशेल ने वेस्टलैंड सपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के पूर्व जनरल मैनेजर के. वी. कुन्हिकृष्णन को सलाहकार शुल्क के रूप में 90 लाख रुपये का भुगतान किया था।
मालूम हो कि सितंबर में दायर की गई पूरक चार्जशीट में सीबीआई ने संदीप त्यागी, प्रवीण बख्शी, प्रताप कृष्ण अग्रवाल, आईडीएस इन्फोटेक लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंध निदेशक, नरेंद्र कुमार जैन, कोलकाता के राजेश कुमार जैन, ओम मेटल्स इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंध निदेशक सुनील कोठारी, मिशेल के करीबी सहयोगी कुन्हिकृष्णन को नामजद किया है।
एजेंसी ने सक्सेना, इंटरस्टेलर टेक्नॉलॉजीज लिमिटेड के तत्कालीन निदेशक, जियाकोमिनो सपनारो, अगस्ता वेस्टलैंड इंटरनेशनल लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंध निदेशक, दीपक गोयल, गौतम खेतान के एक अधिकारी, आईडीएफसी इन्फोटेक लिमिटेड, एयरोमेट्रिक्स इन्फो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, नील माधव कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, मैनक एजेंसी प्राइवेट लिमिटेड, और इंटरस्टेलर टेक्नॉलॉजीज लिमिटेड को भी नामजद किया है।
यह मामला इटली के रक्षा निर्माण क्षेत्र की दिग्गज कंपनी फिनमेकेनिका (जिसे अब लियोनाडरे के नाम से जाना जाता है) द्वारा बनाए गए 12 एडब्ल्यू-101 हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए 3,600 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की फेरी से संबंधित है। सौदे में कथित तौर पर बिचौलियों और अन्य लोगों को रिश्वत दी गई थी। 2010 में तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संपग्र) सरकार द्वारा खरीद को मंजूरी दी गई थी।
अपराध
झारखंड हाईकोर्ट से जमानत के बाद भारत से फरार हुआ नाइजीरिया का साइबर क्रिमिनल, सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता

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रांची/नई दिल्ली, 3 सितंबर। झारखंड में साइबर फ्रॉड की बड़ी वारदात का आरोपी एक नाइजीरियाई नागरिक हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद भारत छोड़कर भाग गया। सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़े मामले में झारखंड सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात पर गंभीर चिंता जताई है कि भारत में आपराधिक वारदात अंजाम देने वाले विदेशी नागरिक अक्सर अदालत से बेल मिलने के बाद देश छोड़कर भाग जाते हैं।
जस्टिस दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एजी मसीह की पीठ ने झारखंड सरकार की याचिका पर नाइजीरियाई नागरिक की जमानत रद्द कर दी। हालांकि नाइजीरिया के साथ प्रत्यर्पण संधि न होने की वजह से भारत सरकार ने उसे फिलहाल वापस लाने में असमर्थता जताई है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका का निष्पादित करते हुए केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि वह ऐसे कदम उठाए कि भारत में अपराध के आरोपी विदेशी नागरिक बेल मिलने के बाद भागकर मुकदमे से बच न सकें।
न्यायालय ने कहा कि भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली की अखंडता बनाए रखने के लिए जरूरी है। नाइजीरियाई नागरिक को झारखंड पुलिस ने 2019 में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 419, 420, 467, 468, 471, 120बी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66डी के तहत गिरफ्तार किया था। उसपर गिरिडीह निवासी कारोबारी निर्मल झुनझुनवाला से साइबर फ्रॉड के जरिए 80 लाख रुपए की ठगी का आरोप था।
गिरफ्तारी के बाद दो साल से अधिक समय तक वह झारखंड की जेल में रहा। झारखंड हाईकोर्ट ने 13 मई, 2022 को उसे जमानत दी थी, लेकिन वह जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर नाइजीरिया भाग गया। इसके बाद राज्य ने सुप्रीम कोर्ट से उसकी बेल रद्द करने का आवेदन किया।
सुप्रीम कोर्ट ने इस बढ़ती प्रवृत्ति पर पहले भी नवंबर 2024 में चिंता जताई थी कि साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में विदेशी नागरिक जमानत मिलने के बाद देश छोड़ देते हैं। न्यायालय ने कहा कि स्पष्ट कानूनी प्रक्रिया या नीति के अभाव में भारतीय प्राधिकरण असहाय रहते हैं, खासकर उन देशों में जहां भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है।
अपराध
दिल्ली पुलिस ने सीमा पार मोबाइल तस्करी रैकेट का किया भंडाफोड़, सरगना सहित तीन गिरफ्तार

नई दिल्ली, 3 सितंबर। दिल्ली पुलिस की एसटीएफ ने राष्ट्रीय राजधानी से लूटे गए मोबाइल के मामले में अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
दरअसल, यह कार्रवाई दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने की है। एसटीएफ ने 2 सितंबर को दिल्ली के सराय काले खां स्थित वेस्ट टू वंडर पार्क के पास से इस गिरोह के तीन सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सरगना भी शामिल है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मोहतार शेख, मोहम्मद गुलू शेख और अब्दुल शमीम के रूप में हुई है, जो सभी पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के निवासी हैं।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि मंगलवार को एसटीएफ को सूचना मिली थी कि चोरी किए गए या छीने गए मोबाइल फोनों का मुख्य खरीदार मोहतार शेख अपने दो साथियों के साथ दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के इलाके में घूम रहा है। इस सूचना पर एसटीएफ ने एक विशेष टीम गठित की और सराय काले खां के वेस्ट टू वंडर पार्क के पास जाल बिछाया। मंगलवार शाम करीब 7:15 बजे पुलिस ने आईएसबीटी की ओर से आ रहे मोहतार शेख और उसके दो साथियों की पहचान की। इसके बाद टीम ने तुरंत उन्हें गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान उनके पास से तीन देसी पिस्तौल, छह जिंदा कारतूस और 228 महंगे मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
पुलिस के मुताबिक, दिल्ली से लूटे गए मोबाइल को पश्चिम बंगाल के रास्ते सीमा पार नेपाल और बांग्लादेश भेजा जाता था। पूछताछ में पता चला कि मोहतार शेख इस गिरोह का मुख्य सरगना है। वह अपने दोनों साथियों के साथ मिलकर स्थानीय चोरों से कम कीमत पर चोरी के मोबाइल फोन खरीदता था। इसके बाद ये फोन वाहकों और बिचौलियों के नेटवर्क के माध्यम से नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में भेजे जाते थे, जहां इन्हें ऊंचे दामों पर बेचा जाता था।
इन गिरफ्तारियों ने एक बड़े सीमा पार नेटवर्क का खुलासा किया है, जो न केवल दिल्ली में सड़क अपराधों को बढ़ावा देता है, बल्कि चोरी के उपकरणों का अवैध विदेशी व्यापार भी करता है।
पुलिस अन्य नेटवर्क सदस्यों, स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं और विदेशी खरीदारों की पहचान के लिए जांच कर रही है।
अपराध
ठाणे में सनसनी: भिवंडी में घरेलू विवाद के बाद पत्नी का सिर काटने के आरोप में पति गिरफ्तार

crime
ठाणे: तीन दिनों की जांच के बाद, भोईवाड़ा पुलिस ने मंगलवार को एक महिला के कटे हुए सिर के मामले को सुलझा लिया। पुलिस ने उसके पति को गिरफ्तार कर लिया है। पति के विवाहेतर संबंध के संदेह से उपजे घरेलू विवाद के बाद भिवंडी में कथित तौर पर एक तेज चाकू से महिला का सिर काट दिया गया था।
पीड़िता की पहचान प्रवीण उर्फ मुस्कान (22) के रूप में हुई है, जो अपने पति के साथ नाले से कुछ ही मीटर की दूरी पर रहती थी। आरोपी मोहम्मद ताहा अंसारी उर्फ सोनू (25), जो पेशे से ड्राइवर है, ने दो साल पहले उससे शादी की थी। दंपति का एक साल का बेटा भी है।
पुलिस के मुताबिक, मुस्कान, उसके पति और ससुराल वालों के बीच घरेलू मुद्दों को लेकर अक्सर झगड़े होते रहते थे। सूत्रों के अनुसार, वह अपने पति से अलग रहना चाहती थी। आखिरकार, उसने भिवंडी के ईदगाह क्रीक इलाके के पास एक मकान किराए पर लिया और अपने बेटे के साथ अलग रहने लगी।
पुलिस ने बताया कि टीमों ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और मुखबिरों को सूचित किया। कटे हुए सिर की जाँच करते हुए, अधिकारियों ने नाले के पास रहने वालों से पूछताछ की और पता चला कि एक महिला का घर चार दिनों से बंद था। फिर उसके परिवार का पता लगाया गया और उसके पति सोनू ने हत्या की बात कबूल कर ली। उसे गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में आगे की जाँच के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन के जाँच अधिकारी प्रमोद कुंभार ने कहा, “प्रारंभिक जाँच से पता चलता है कि मुस्कान को अपने पति पर विवाहेतर संबंध होने का शक था, जिसके कारण उनके बीच अक्सर झगड़े होते थे। कथित तौर पर उसने धारदार चाकुओं से मुस्कान का सिर काट दिया और शव के टुकड़ों को नाले में फेंक दिया।”
पुलिस टीम, दमकल विभाग और डॉग स्क्वॉड ने खाड़ी में मुस्कान के अवशेषों की तलाश की। उसके धड़ का पता लगाने के लिए ड्रोन कैमरा भी लगाया गया। चार घंटे की कोशिशों के बावजूद, धड़ नहीं मिला और बाद में तलाश बंद कर दी गई।
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