राजनीति
मध्य प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में निराशा का खतरा

मध्य प्रदेश में हो रहे विधानसभा के उप-चुनाव के दौरान जारी दल बदल ने कांग्रेस कार्यकतार्ओं को असमंजस में डाल दिया है और उनमें परिणाम से पहले निराशा का भाव बढ़ने का खतरा मंडराने लगा है।
राज्य में विधानसभा के उप-चुनाव सिर्फ इसलिए हो रहे हैं क्योंकि कांग्रेस के विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ा था और कमल नाथ की सरकार गिराई थी। पहले 22 विधायकों ने अपने पद से इस्तीफा दिया, उसके बाद एक-एक कर चार विधायक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद भाजपा का दामन थाम चुके हैं। चुनाव के दौरान भी यह सिलसिला जारी है और इसका सबसे ज्यादा असर कांग्रेस के कार्यकतार्ओं के मनोबल पर पड़ रहा है।
राज्य में विधायकों की संख्या के आधार पर कांग्रेस को बड़ी जीत जरूरी है, आशय साफ है कि सभी 28 सीटों पर कांग्रेस को चुनाव जीतना होगा, बाहरी समर्थन के आधार पर कांग्रेस तभी सरकार बना सकती है जब कम से कम वह 21 स्थानों पर जीत दर्ज करे। वर्तमान में निर्दलीय चार, बसपा दो और सपा का एक विधायक है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि कांग्रेस का कार्यकर्ता शुरूआत में उप-चुनाव को लेकर उत्साहित था क्योंकि उसे यह लग रहा था कि जनता उनके साथ है मगर वक्त गुजरने के साथ कांग्रेस कार्यकर्ता जमीन पर वह लड़ाई नहीं लड़ पा रहा है जो उसे जीत दिला सकती है। इसकी बड़ी वजह कार्यकर्ता को वह साधन नहीं मिलना है जिससे वह चुनावी युद्ध में सामने वाले को परास्त कर सके। इसका सीधा असर उसके मनोबल पर भी पड़ रहा है, यह स्थितियां पार्टी के लिए कहीं से भी बेहतर नहीं मानी जा सकती। यह बात सही है कि कमलनाथ की सरकार गिराए जाने को लेकर जनता में नाराजगी है लेकिन जरूरी यह भी है कि इस नाराजगी को बरकरार रखा जाए और यह तभी संभव है जब जमीनी कार्यकर्ता सक्रिय रहे।
राजनीतिक विश्लेषक साजी थॉमस का मानना है कि राज्य के उप-चुनाव कश्मकश वाले हैं। दोनों ही दल जोर लगाए हुए हैं, भाजपा सत्ता में है और सत्ताधारी दल को लाभ उप-चुनाव में मिलता है, इसे नकारा नहीं जा सकता, मगर यह भी सही है कि दल-बदल करने वालों को मतदाता वोट देने तैयार कैसे होगा। चुनाव में कार्यकर्ता किसी भी दल की बड़ी ताकत होता है, जिस भी दल के कार्यकर्ता का मनोबल अंत तक बना रहेगा, वह चुनावी नतीजों पर बड़ा असर डाल सकता है। कांग्रेस के लिए कार्यकर्ता का मनोबल बनाए रखना बड़ी चुनौती है क्योकि दल बदल का असर कार्यकर्ता पर पड़ा है।
राष्ट्रीय समाचार
वाराणसी में हनुमान चालीसा पाठ बजाने पर विवाद, पुजारी को धमकाने का आरोप, हिंदू संगठनों ने जताया विरोध

वाराणसी, 4 अक्टूबर : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मंदिर के पुजारी को धमकाने का मामला तेजी से तूल पकड़ रहा है। विवाद उस समय उत्पन्न हुआ, जब मंदिर में स्पीकर पर हनुमान चालीसा पाठ बजाया जा रहा था। इस घटना के कारण हिंदू संगठन से जुड़े लोगों में भारी गुस्सा है। उन्होंने विरोध करते हुए मौके पर जाकर फिर से हनुमान चालीसा पाठ किया।
जानकारी सामने आई कि वाराणसी के मदनपुर क्षेत्र में स्थित एक हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा पाठ बजाया जा रहा था। आरोप है कि हनुमान चालीसा पाठ पर विशेष समुदाय के लोगों ने आपत्ति जताई। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक व्यक्ति को पुजारी के साथ बहस करते हुए देखा गया। इसके बाद वहां अन्य लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।
मंदिर के पुजारी ने विशेष समुदाय के लोगों पर धमकी दिए जाने का भी आरोप लगाया है। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले पर संज्ञान लिया और आरोपी शख्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया। दशाश्वमेध के एसीपी शुभम कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि की।
हालांकि, इस घटना के बाद हिंदू संगठन भड़के हुए हैं। हिंदू संगठन हनुमान सेना ने घटना के विरोध में मंदिर के नजदीक जांगमबाड़ी मठ पर हनुमान चालीसा का पाठ किया।
संगठन के लोगों का कहना है कि मंदिर में मोबाइल पर सुबह-शाम हनुमान चालीसा का पाठ बजाया जाता है, लेकिन दूसरे समुदाय के लोग काशी में दिन में 5 बार नमाज पढ़ते हैं, जिससे पूरी काशी परेशान है।
उन्होंने कहा, “मस्जिदों पर लाउडस्पीकर हटवाने के लिए संगठन की तरफ से कई बार प्रयास किए गए। प्रशासन ने भी कई बार कोशिश की है। विरोध के समय लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी जाती है, लेकिन बाद में वे लोग फिर से तेज आवाज में लाउडस्पीकर पर नमाज पढ़ते हैं। सुबह 4 बजे ये लोग तेज स्पीकर में लाउडस्पीकर पर अजान करते हैं।”
हिंदू संगठन के लोगों ने चेतावनी दी कि अगर काशी में हनुमान चालीसा नहीं बजाई जाएगी तो मस्जिदों में नमाज भी नहीं होगी। उन्होंने कहा, “हनुमान जी की शपथ लेते हुए उन्होंने कहा कि हम किसी भी मस्जिद पर अजान नहीं होने देंगे, चाहे इसके लिए रासुका लगे या हमारा एनकाउंटर हो जाए।”
इसी बीच, संगठन के लोगों ने मामले में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई पर संतुष्टि जताई। इसके साथ ही, उन्होंने फिर से चेतावनी दी कि अगर दोबारा काशी में इस तरह की हरकत हुई तो वे चुप नहीं बैठेंगे।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में चक्रवात ‘शक्ति’ का अलर्ट: 4 से 7 अक्टूबर तक मुंबई, पुणे, ठाणे समेत कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी

मुंबई, 4 अक्टूबर : भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने महाराष्ट्र के कई हिस्सों के लिए अलर्ट जारी किया है क्योंकि अरब सागर में बना चक्रवात ‘शक्ति’ राज्य के पश्चिमी तट की ओर बढ़ रहा है। विभाग के अनुसार, 4 से 7 अक्टूबर के बीच मुंबई, ठाणे, रायगढ़, पालघर, रत्नागिरी, पुणे और आसपास के जिलों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है।
मौसम विभाग ने बताया कि यह प्रणाली अगले 24 घंटों में एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकती है। अधिकारियों ने समुद्र में तेज हवाओं, भारी बारिश और निचले इलाकों में जलभराव की चेतावनी दी है।
सरकार ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है और सभी आपदा प्रबंधन दलों को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने अपनी आपातकालीन हेल्पलाइन सक्रिय कर दी है और नागरिकों से अपील की है कि भारी बारिश के दौरान घरों में ही रहें।
विद्युत विभाग, रेलवे और बस सेवाओं को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
चक्रवात ‘शक्ति’ इस वर्ष अरब सागर में बनने वाला पहला बड़ा तूफान है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में राहत भरी बारिश तो होगी, लेकिन साथ ही ऊँची लहरों और भारी वर्षा से तटीय क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति भी बन सकती है।
राज्य सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और अनावश्यक यात्रा से बचें।
राजनीति
वायनाड भूस्खलन: प्रभावितों की मदद के लिए प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार से मांगे 2,221 करोड़ रुपए

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर : कांग्रेस नेता और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने केरल के वायनाड जिले में 2024 में आई भूस्खलन को लेकर केंद्र सरकार से राहत राशि कम दिए जाने पर विरोध जताया है। उन्होंने इस मुद्दे को राजनीति से ऊपर उठकर मानवता के दृष्टिकोण से देखने की बात कही है।
प्रियंका गांधी ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा कि वायनाड के लोगों ने भूस्खलन में अपने घर, जीवनयापन के साधन और अपने प्रियजनों को खो दिया है। इस त्रासदी से उबरने के लिए केरल सरकार ने 2,221 करोड़ रुपए की मदद मांगी थी ताकि प्रभावित लोगों की जिंदगी फिर से शुरू हो सके, लेकिन केंद्र सरकार ने मात्र 260 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की, जो कि मांग की गई राशि का बहुत छोटा हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि वायनाड के लोग प्रधानमंत्री के यहां आने के बाद मदद की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। प्रियंका गांधी ने यह भी स्पष्ट किया कि राहत और पुनर्वास का काम राजनीति से ऊपर होना चाहिए। मानव पीड़ा को राजनीतिक अवसर के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
प्रियंका ने आगे कहा कि वायनाड के लोग न्याय, समर्थन और सम्मान के हकदार हैं। ऐसे समय में जब वे अपने जीवन को दोबारा संवारने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें पूरा सहयोग मिलना चाहिए न कि उपेक्षा।
केरल के वायनाड में आए भूस्खलन ने हजारों लोगों की जिंदगी को पूरी तरह से बदलकर रख दिया था। घर तबाह हो गए थे, खेती-बाड़ी प्रभावित हुई थी और कई लोगों की मौत हो गई थी। इस आपदा ने स्थानीय जनता की हालत बेहद दयनीय कर दी थी।
कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से मंजूर की गई 260 करोड़ रुपए की राशि वायनाड के लिए पर्याप्त नहीं है। प्रियंका गांधी ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार से पुनः विचार करने और उचित राहत राशि मंजूर करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के संकट के समय में मानवता की जीत होनी चाहिए न कि राजनीति की। प्रियंका गांधी ने अपने ‘एक्स’ पोस्ट के अंत में लिखा, “राहत और पुनर्वास को राजनीति से ऊपर उठना होगा। मानवीय पीड़ा को राजनीतिक अवसर नहीं माना जा सकता।”
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र3 months ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार8 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा