अंतरराष्ट्रीय
हैदराबाद में महामारी की वजह से बड़ी संख्या में कैब ड्राइवर बेरोजगार

कोविड-19 महामारी ने सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, लेकिन कुछ अन्य की तुलना में बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। आजीविका के लिए दिन-प्रतिदिन की कमाई पर निर्भर रहने वाले लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
महामारी ने बड़ी संख्या में कैब ड्राइवरों को बेरोजगार कर दिया है। लगभग सात महीनों से नाममात्र की कमाई के साथ इस टेक हब में सैकड़ों कैब ड्राइवरों को गुजर-बसर के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
जैसा कि लगभग सभी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियां अभी भी ‘वर्क फ्रॉम होम’ मोड में काम कर रही हैं, इन कंपनियों द्वारा काम पर रखे गए 30,000 कैब यूं ही पड़े हुए हैं, जिससे ड्राइवर बेरोजगार हो गए हैं।
शहर में दर्जनों आईटी कंपनियों द्वारा वाहनों को किराए पर लेना कई ट्रैवल ऑपरेटरों के लिए आय का मुख्य स्रोत और ड्राइवरों के लिए आजीविका का स्रोत था।
यहां तक कि वे कैब ड्राइवर जिनके पास खुद का वाहन हैं, वे भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। कोविड के पहले की तुलना में उनकी आय एक तिहाई तक कम हो गई है।
हालांकि, पिछले कुछ महीनों के दौरान दैनिक कोविड मामलों की संख्या में काफी कमी आई है, लेकिन ड्राइवरों को लगता है कि जमीनी स्तर पर हालात में कुछ खास सुधार नहीं हुआ है।
पर्यटन एक अन्य प्रमुख क्षेत्र था जो ट्रैवल ऑपरेटरों और कैब ड्राइवरों को रेवेन्यू प्रदान करता था। इस क्षेत्र को महामारी के कारण कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है।
तीन महीने के लिए, टोटल लॉकडाउन के दौरान और बाद में आंशिक ढील के बाद भी लगभग सभी कैब सड़कों से दूर थे।
जब कैब लौटे तो उन्हें यात्री नहीं मिला। कोविड-19 के डर ने यात्रियों को कैब से दूर रखा।
भले ही पिछले चार महीनों में कई क्षेत्रों से प्रतिबंध हटा दिए गए हैं, लेकिन आर्थिक गतिविधि को कोविड के पहले वाले स्तर पर बहाल होना बाकी है।
कैब ड्राइवरों ने हर दिन 10-15 ट्रिप कीं, यात्रियों को कार्यालयों, हवाईअड्डे, रेलवे स्टेशनों, बसों, बाजारों, पर्यटन स्थलों, अस्पतालों और बाहरी स्थानों पर पहुंचाया।
हैदराबाद में आईटी/आईटीईएस कंपनियों द्वारा काम पर रखे गए 30,000 कैब के अलावा तकरीबन 1.2 लाख कैब हैं।
इंडियन फेडरेशन ऑफ एप बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (आईएफएटी) के महासचिव शेख सलाउद्दीन ने आईएएनएस को बताया, “लॉकडाउन को तकनीकी रूप से हटा दिया गया है, लेकिन कैब ड्राइवरों के लिए लॉकडाउन अभी भी जारी है।”
उन्होंने बताया कि हर दिन 5,000 कैब हैदराबाद एयरपोर्ट के लिए ऑपरेट होते थे, लेकिन वर्तमान में वहां मुश्किल से 200 गाड़ियां हैं।
महामारी फैलने से पहले, लगभग 13,000 वाहन पर्यटन क्षेत्र में काम कर रहे थे, लेकिन इस क्षेत्र को अभी भी खुलना है, जिसके कारण ऑपरेटर और ड्राइवर खाली बैठे हैं।
जैसा कि लोगों ने कोविड-19 के डर से व्यक्तिगत वाहनों को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया था, कैब की मांग में और कमी आई।
औसतन, एक ड्राइवर कोविड के प्रकोप से पहले एक दिन में 10-12 राइड करता था, लेकिन अब वह पांच भी नहीं कर पा रहा है।
समान मासिक किस्तों (ईएमआई) का भुगतान करने के लिए मुश्किल से कमी होने के बीच, 13,000 रुपये से लेकर 25,000 रुपये प्रति माह तक की ईएमआई के कारण कई ड्राइवरों ने या तो निजी फाइनेंसरों को अपने वाहन खो दिए हैं या कैब को सरेंडर कर दिया है क्योंकि उनके पास लंबित भुगतान करने के लिए पैसे नहीं है।
ड्राइवरों के संकट को बढ़ाते हुए कुछ ऐप-आधारित टैक्सी ऑपरेटरों ने वाहनों को वापस लेने के लिए ड्राइवरों के साथ लीड कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिए।
बदहाली ने कई कैब ड्राइवरों को अपने पेशे से दूसरे पेशे में जाने के लिए मजबूर किया है।
सलाबद्दीन कहते हैं कि कई कैब ड्राइवर गांवों से शहर में रहने के लिए आए थे, लेकिन महामारी और इसके कारण होने वाली परेशानियों ने उन्हें गांवों में वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया।
कुछ ड्राइवरों, जिनके पास अपने वाहन थे, वे उन्हें रोडसाइड शॉप में बदलकर मास्क,दस्ताने, सैनिटाइजर, सब्जियां या फल बेच दिए।
एक ड्राइवर जनार्दन ने एक निर्माण स्थल पर एक मजदूर के रूप में काम करना शुरू कर दिया। जब भी उसे कुछ ग्राहक मिलते हैं तो वह ट्रिप करते हैं।
कोंडल रेड्डी ने ट्रैक्टर चालक के रूप में काम करने के लिए मेडक जिले में अपने गांव लौटने के लिए अपनी कार बेच दी।
एक अन्य ड्राइवर सैयद मोइज को भी अपने वाहन को कैब एग्रीगेटर को सौंपना पड़ा। वह अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ग्रामीण इलाकों में एक ऑटोरिक्शा चालक के रूप में काम करते हैं।
सलाउद्दीन ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान शांत रहने वाले फाइनेंसरों ने लॉकडाउन के मानदंडों में ढील देते ही ईएमआई के भुगतान के लिए ड्राइवरों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया।
सलाउद्दीन ने कहा, “ड्राइवरों ने भी अच्छी कमाई नहीं शुरू की थी, लेकिन फाइनेंसरों ने ईएमआई लेना शुरू कर दिया। फिर कर्ज चुकाने की मांग की गई, जो ड्राइवरों ने परिवारों को चलाने के लिए लॉकडाउन अवधि के दौरान लिया था।”
वाहनों के रखरखाव की लागत भी बढ़ गई है, क्योंकि वाहनों को लंबे समय तक ऐसे ही रखा गया था।
उन्होंने कहा, “अब केवल थोड़ा सुधार हुआ है। वर्तमान में अनलॉक 5 और सिनेमा हॉलों के फिर से खुलने के साथ, हमें आने वाले दिनों में सुधार की कुछ संभावनाएं दिखाई दे सकती हैं।”
उनका मानना है कि केवल आईटी फर्मो और अन्य व्यवसायों को फिर से खोलने, बिजनेस ट्रैवलर्स और पर्यटकों की यात्रा और अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों में सामान्य स्थिति हालात को फिर से अनुकूल कर सकती है।
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने को लेकर भारत में काफी उत्साह : अरविंद पनगढ़िया

नई दिल्ली, 26 जुलाई। 16वें वित्त आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने कहा है कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर भारत में काफी उत्सुकता और उत्साह है, जिससे भारतीय उद्योगों को एक बड़े निर्यात बाजार तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।
सीएसआईएस चेयर ऑन इंडिया एंड इमर्जिंग एशिया इकोनॉमिक्स द्वारा न्यूयॉर्क में आयोजित एक कार्यक्रम में पनगढ़िया ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता देश के वैश्विक निवेश परिदृश्य के लिए एक बड़ी सफलता ला सकता है।
उन्होंने इस सप्ताह आयोजित कार्यक्रम में ‘राइजिंग इंडिया’ के लिए अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुए कहा, “व्यापक हित में, विशेष रूप से वर्तमान व्यापार शुल्क के संदर्भ में अर्थव्यवस्था को अधिक मुक्त बनाने की आवश्यकता है और जब आप व्यापार समझौते करते हैं तो आपको अपने निर्यात के लिए बड़े बाजारों तक भी पहुंच मिलती है।”
संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ाने के वर्तमान संदर्भ ने दुनिया में एक अलग व्यापार गतिशीलता पैदा कर दी है।
उन्होंने कहा, “मुझे जो संकेत मिल रहे हैं, उनसे लगता है कि अमेरिकी व्यापार समझौते को लेकर काफी उत्सुकता है। मुझे इस समझौते के साथ-साथ यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ भविष्य में होने वाले समझौते को लेकर भी काफी उत्साह दिखाई दे रहा है।”
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के सफल समापन के बाद, अब सभी की निगाहें यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ होने वाले व्यापार समझौते पर टिकी हैं।
भारत और यूरोपीय संघ जून 2022 से एफटीए पर बातचीत कर रहे हैं और 12 दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है, जिसमें आखिरी दौर जुलाई 2025 में होगा। भारत और यूरोपीय संघ 2025 के अंत तक एक मुक्त व्यापार समझौते पर सहमति बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि अमेरिका भारत के साथ एक व्यापार समझौते के करीब है । वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारतीय वार्ता दल ने इसी महीने वाशिंगटन का दौरा किया था।
पनगढ़िया ने कहा, “मैं अपने वर्तमान पद पर रहते हुए सरकार का हिस्सा नहीं हूं, लेकिन अमेरिका और अन्य देशों के साथ व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर करने में हमारी गहरी रुचि है।”
अंतरराष्ट्रीय समाचार
1 अगस्त तक ज्यादातर व्यापार समझौते पूरे हो जाएंगे: ट्रंप

वाशिंगटन, 26 जुलाई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह 1 अगस्त तक अधिकांश देशों के साथ अपने व्यापार समझौते पूरे कर लेंगे। दक्षिण कोरिया सहित कई व्यापारिक साझेदार इस समय अमेरिकी “प्रतिस्पर्धी” टैरिफ दरों को कम करने के लिए समझौते की कोशिश में लगे हुए हैं।
व्हाइट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार करीब 200 देशों को टैरिफ दरों के बारे में एक पत्र भेज सकती है, जिसका मतलब होगा कि उनके साथ समझौता हो चुका है। ट्रंप ने कहा, “वे टैरिफ का भुगतान करते हैं और वही समझौता होता है।”
ट्रंप ने कहा, “1 अगस्त आ रहा है और तब तक हमारे ज्यादातर व्यापार समझौते पूरे हो जाएंगे।” उन्होंने कहा कि जब ये पत्र भेजे जाएंगे, तो इसका मतलब होगा कि समझौता हो चुका है।
दक्षिण कोरिया उन प्रमुख देशों में शामिल है जो अमेरिका के साथ 25 प्रतिशत प्रतिस्पर्धी टैरिफ और ऑटोमोबाइल व स्टील जैसे क्षेत्रों पर अलग-अलग शुल्कों को टालने या कम करने के लिए समझौता करना चाहता है, क्योंकि ये शुल्क उसकी निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था पर भारी असर डाल सकते हैं।
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया, “हम दक्षिण कोरिया के साथ व्यापार वार्ताओं में उत्पादक प्रगति कर रहे हैं, ताकि अनुचित व्यापार बाधाओं को कम किया जा सके और अमेरिकी कंपनियों के लिए बाजार पहुंच बढ़ाई जा सके।”
दक्षिण कोरिया ने अमेरिका के साथ व्यापार सहयोग को मजबूत करने के लिए जहाज निर्माण, सेमीकंडक्टर और बैटरियों जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में कई प्रस्ताव दिए हैं।
गुरुवार को दक्षिण कोरिया के उद्योग मंत्री किम जुंग-क्वान और व्यापार मंत्री यो हान-कू ने वॉशिंगटन में अमेरिकी वाणिज्य सचिव हावर्ड लटनिक के साथ मुलाकात की।
इसके अलावा, कोरिया के वित्त मंत्री कू यून-चोल और ट्रेड मंत्री यो हान-कू की योजना शुक्रवार को अमेरिका के ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर के साथ एक “2 प्लस 2” बैठक करने की थी, लेकिन बेसेंट की व्यस्तता के कारण बैठक स्थगित कर दी गई।
व्यापार
टेस्ला मॉडल Y भारत में 60 लाख रुपये में लॉन्च, डिलीवरी 2025 की तीसरी तिमाही से शुरू होने की संभावना

मुंबई, 15 जुलाई। इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला ने मंगलवार को भारत में अपनी रियर-व्हील ड्राइव (RWD) मॉडल Y कार लॉन्च की, जिसकी शुरुआती कीमत 59.89 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) है।
टेस्ला मॉडल Y लॉन्ग रेंज रियर-व्हील ड्राइव की कीमत इसकी वेबसाइट पर प्रकाशित मूल्य सूची के अनुसार 67.89 लाख रुपये होगी।
मॉडल Y की अमेरिका में शुरुआती कीमत 44,990 डॉलर, चीन में 263,500 युआन और जर्मनी में 45,970 यूरो है। भारत में इसकी कीमत, किसी भी संघीय कर प्रोत्साहन से पहले, अमेरिका में इसकी मूल कीमत से लगभग 15,000 डॉलर का अंतर दर्शाती है।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार, टेस्ला मॉडल Y शुरुआत में मुंबई, दिल्ली और गुरुग्राम में उपलब्ध होगी और इसकी डिलीवरी इस साल की तीसरी तिमाही में शुरू होने की संभावना है।
टेस्ला मॉडल Y के RWD संस्करण की रेंज एक बार पूरी तरह चार्ज करने पर 500 किमी होने का दावा किया गया है। लॉन्ग रेंज RWD संस्करण की रेंज 622 किमी होने का दावा किया गया है।
अपनी तेज़ चार्जिंग क्षमता के साथ, मॉडल Y को RWD ट्रिम के लिए 238 किमी और लॉन्ग रेंज RWD ट्रिम के लिए 267 किमी तक की रेंज जोड़ने में 15 मिनट लगते हैं।
इसकी वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, मॉडल Y RWD 5.9 सेकंड में 0 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकता है, जबकि लॉन्ग रेंज RWD मॉडल को समान त्वरण के लिए 5.6 सेकंड लगते हैं। दोनों संस्करणों की अधिकतम गति 201 किमी प्रति घंटा समान है।
टेस्ला का पहला शोरूम मुंबई में खुला है, जबकि कंपनी द्वारा नई दिल्ली में दूसरा शोरूम खोलने की उम्मीद है। मॉडल Y शुरुआत में मुंबई, दिल्ली और गुरुग्राम में उपलब्ध होगा। इसकी डिलीवरी कैलेंडर वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में शुरू होगी।
केबिन में 15.4-इंच का फ्रंट टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, 8-इंच का रियर टचस्क्रीन, वेंटिलेशन वाली पावर्ड फ्रंट सीटें, पावर्ड टू-वे फोल्डिंग और हीटेड सेकंड-रो, फुटवेल और डोर पॉकेट एम्बिएंट लाइटिंग, रैप-अराउंड एम्बिएंट लाइटिंग और नौ स्पीकर जैसी सुविधाएँ हैं।
इससे पहले, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यहाँ बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में टेस्ला के पहले शोरूम ‘एक्सपीरियंस सेंटर’ का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह केवल एक एक्सपीरियंस सेंटर का उद्घाटन नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि टेस्ला मुंबई शहर में आ गई है, जो भारत की उद्यमशीलता की राजधानी है – न कि केवल वित्तीय, वाणिज्यिक और मनोरंजन की राजधानी।
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