महाराष्ट्र
महाराष्ट्र ने अगस्त में ही लागू कर दिया था कृषि विधेयक

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी ने अगस्त में ही विवादास्पद कृषि विधेयकों को लागू कर दिया था, जो अब सरकार के लिए बड़ी शर्मिदगी के तौर पर उभरकर सामने आया है।
गौरतलब है कि ये विधेयक पिछले सप्ताह संसद में पारित हुए हैं और राज्य सरकार ने इसके पारित होने से पहले इसे लागू कर दिया था। इन विधेयकों को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
मार्केटिंग के निदेशक सतीश सोनी द्वारा 10 अगस्त को जारी अधिसूचना में सभी कृषि उपज एवं पशुधन बाजार समितियों (एपीएमसी) और जिला कृषि सहकारी समितियों को राज्य में प्रस्तावित कानूनों पर तीन अध्यादेशों को ‘सख्ती से लागू करने’ का आदेश दिया गया था।
ये विधेयक, कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 हैं।
एमवीए गठबंधन पार्टी यानी शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस नए कानूनों का कड़ा विरोध कर रही है, लेकिन वह केंद्र द्वारा कोई भी नियम, दिशानिर्देश या ढांचा जारी करने से पहले ही इसे राज्य सरकार आगे बढ़ा चुकी थी और उसके छह सप्ताह बाद संसद द्वारा इन विधेयकों को मंजूरी दी गई, जिसके बाद इसे लेकर विरोध प्रदर्शन किया जाने लगा।
इस संबंध में सोनी से संपर्क किए जाने पर भले ही उन्होंने अधिसूचना जारी करने की पुष्टि की, लेकिन वर्तमान में इस पर राजनीतिक रवैये को देखते हुए टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया। इससे साबित होता है कि महाराष्ट्र इन नए कानूनों को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता व मार्केटिंग मंत्री बालासाहेब शामरा पाटिल से इस पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर वह टालमटोल करने लगे।
पाटिल ने आईएएनएस से कहा, “आदेश जारी किया गया था, लेकिन अब उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के हालिया बयान के बाद स्थिति अलग है।”
हैरानी की बात यह है कि राज्य में इन विधेयकों के लागू होने के छह सप्ताह बाद भी अजीत पवार ने इस घटनाक्रम पर अनभिज्ञता जाहिर की। इसका पता तब चला, जब उन्होंने संकेत दिया कि राज्य इन कृषि विधेयकों को लागू नहीं करेगी।
उपमुख्यमंत्री ने 26 सितंबर को पुणे में मीडियाकर्मियों से कहा था, “राज्य और देशभर के किसान विरोध कर रहे हैं, ऐसे में सरकार कोई भी ‘अंतिम निर्णय’ लेने से पहले विशेषज्ञों से परामर्श करेगी।”
इस बीच, राज्य कांग्रेस प्रमुख और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने सोमवार को दोपहर में राजभवन तक विरोध मार्च निकालने की योजना बनाई, जिससे पार्टी के लिए स्थिति और अपमानजनक हो गई।
मार्केटिंग विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने खुलासा किया कि अधिसूचना जारी करने का निर्णय केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल के निर्देशों के बाद लिया गया था, जिन्होंने राज्य को तुरंत ऐसा करने के लिए कहा।
आईएएस अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, “यह मामला लॉ डिपार्टमेंट के पास भेजा गया था, जिसने कहा कि हमारे पास इसे लागू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, जिसके बाद संबंधित मंत्री (पाटिल) द्वारा इसे मंजूरी दे दी गई थी।”
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सलाहकार व वसंतराव नाइक शेट्टी स्वावलंबन मिशन (एमओएस रैंक) के अध्यक्ष किशोर तिवारी इस बात से सहमत थे और उन्होंने भी सवाल किया कि किसके इशारे पर नौकरशाहों ने आदेश जारी किए, जबकि उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, केरल, ओडिशा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे कई अन्य राज्य इसका विरोध कर रहे हैं।
तिवारी ने आईएएनएस से कहा, “संबंधित विभाग के प्रमुख को मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री को अंधेरे में रखने के लिए बर्खास्त किया जाना चाहिए.. इससे राज्य सरकार के खिलाफ एक गहरी साजिश की बू आ रही है और एमवीए सहयोगियों को तुरंत इस बारे में चर्चा करनी चाहिए, जिससे किसानों का विश्वास उनमें बना रहे।”
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि यह दिलचस्प है कि तीनों दलों, शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के नेता 10 अगस्त की अधिसूचना से अनभिज्ञ लग रहे हैं, जबकि आधिकारिक रुख किसानों के विरोध को देखते हुए इन कानूनों का विरोध करना है।
इन दलों के नेताओं ने इस बात की ओर इशारा किया कि किस तरह इन कृषि विधेयकों के कारण भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने गठबंधन तोड़ लिया और भाजपा शासित राज्यों में भी सत्ताधारी पार्टी को किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है।
शिवसेना सांसद संजय राउत और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार को एनडीए छोड़ने और ‘मजबूती से किसानों के साथ’ खड़े होने पर पंजाब के शिअद के फैसले का स्वागत किया था, जबकि उनके अपने महाराष्ट्र में उन्हें शर्मिदगी उठानी पड़ी।
इस नए खुलासे से राज्य के किसानों को आघात लगने की उम्मीद है, वहीं यह मुद्दा एमवीए के भीतर विवाद को जन्म दे सकता है, हालांकि राज्य में विपक्षी दल भाजपा के लिए यह खुश होने की बात है।
महाराष्ट्र
मुंबई दिवाली से पहले नागरिकों के चेहरों पर मुस्कान… 1 करोड़ रुपये से अधिक का सामान लौटा, पुलिस के प्रदर्शन की सराहना, लोगों में खुशी का माहौल

मुंबई: मुंबई पुलिस ने दिवाली से पहले नागरिकों के खोए और चोरी हुए सामान लौटाकर और उनके चेहरों पर मुस्कान बिखेरकर उनकी खुशियाँ लौटा दी हैं। मुंबई के ज़ोन 8 के डीसीपी मनीष कलवानिया ने आज दिवाली से पहले नागरिकों का खोया और अन्य सामान लौटाया, जिसकी कीमत एक करोड़ से ज़्यादा है, जिसमें 2000 मोबाइल फ़ोन भी शामिल हैं। डीसीपी ने कहा कि चोरी और खोए हुए सामान की वापसी से लोगों की खुशी दोगुनी हो गई है क्योंकि ज़्यादातर लोगों ने अपने सामान की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन पुलिस ने उनके चेहरों पर मुस्कान लौटा दी है। मुंबई पुलिस ने विभिन्न पुलिस स्टेशनों पर लोगों का सामान लौटाने की प्रक्रिया शुरू की है। यह प्रक्रिया मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती की पहल पर शुरू की गई है। चोरी और खोए हुए सामान की वापसी के बाद मुंबई में लोगों का पुलिस पर भरोसा और मज़बूत हुआ है और अब पुलिस ऐसे मामलों में बेहतर प्रदर्शन कर रही है जिनमें लोगों का सामान चोरी हो गया है या गायब हो गया है। पुलिस अब कई ऐसे लोगों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है जो अपना सामान भूल गए थे या उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनका सामान उन्हें फिर से मिल पाएगा।
महाराष्ट्र
मुंबई के चेंबूर और मालाबार हिल का बेंगलुरु स्थित बिल्डरों द्वारा ₹4,800 करोड़ की लागत से पुनर्विकास किया जाएगा

मुंबई : बेंगलुरु स्थित रियल एस्टेट डेवलपर, पूर्वांकरा लिमिटेड ने मुंबई में दो प्रमुख पुनर्विकास परियोजनाओं की घोषणा की है, जिससे चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में उसके पश्चिमी पोर्टफोलियो में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। बेंगलुरु में भी दो परियोजनाएँ जोड़ने वाली इस कंपनी ने सभी चार परियोजनाओं में कुल सकल विकास मूल्य (जीडीवी) ₹9,100 करोड़ दर्ज किया है।
मुंबई में, पूर्वांकरा को दक्षिण मुंबई के पॉश मालाबार हिल इलाके में एक प्रमुख पुनर्विकास परियोजना मिली है। 1.43 एकड़ में फैली इस परियोजना में 7 लाख वर्ग फुट विकास क्षमता होगी, जिसका मूल्य लगभग ₹2,700 करोड़ है।
दूसरी परियोजना चेंबूर में स्थित है और इसमें 4 एकड़ ज़मीन पर 12 लाख वर्ग फुट का विकास शामिल है, जिसका अनुमानित मूल्य ₹2,100 करोड़ है। एचटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, दोनों परियोजनाएँ मुंबई के प्रमुख और उभरते आवासीय क्षेत्रों में अपने पुनर्विकास को मज़बूत करने की पूर्वांकरा की रणनीति का हिस्सा हैं।
पुरवणकारा लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आशीष पुरवणकारा ने कहा, “निरंतर मांग और समय पर परियोजना निष्पादन से समर्थित हमारी विकास गति मजबूत बनी हुई है।” “वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में, हमने लगभग 9,100 करोड़ रुपये मूल्य के 6.36 मिलियन वर्ग फुट से अधिक विकास योग्य क्षेत्र के साथ अपने पोर्टफोलियो का विस्तार किया।”
कंपनी ने वित्त वर्ष 26 की जुलाई-सितंबर तिमाही में ₹1,322 करोड़ की पूर्व-बिक्री दर्ज की, जो पिछले वर्ष की ₹1,270 करोड़ की बिक्री से 4% अधिक है। वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में कुल पूर्व-बिक्री ₹2,445 करोड़ रही, जो 4% की वृद्धि दर्शाती है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में औसत प्राप्ति बढ़कर ₹8,814 प्रति वर्ग फुट हो गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7% अधिक है।
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि मुंबई का पुनर्विकास बाज़ार राष्ट्रीय डेवलपर्स की ओर से लगातार गहरी दिलचस्पी खींच रहा है, जिसका कारण संपत्ति की बढ़ती कीमतें और ज़मीन की सीमित उपलब्धता है। मालाबार हिल और चेंबूर परियोजनाओं के साथ, पूर्वांकरा शहर के उच्च-मूल्य वाले पुनर्विकास क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में अपनी स्थिति बना रहा है।
महाराष्ट्र
एएनसी की कार्रवाई, करोड़ों का ड्रग्स जब्त, 6 गिरफ्तार

मुंबई: एंटी नारकोटिक्स सेल ने मुंबई में विभिन्न स्थानों पर कार्रवाई के दौरान 7.01 करोड़ रुपये मूल्य की एमडी और नेट्रोपम टैबलेट सहित एक नाइजीरियाई समेत छह ड्रग तस्करों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। मुंबई के वकोला में एक नाइजीरियाई से 5.23 करोड़ रुपये मूल्य की 523 ग्राम कोकीन जब्त की गई। घाटकोपर, कुर्ला सीएसटी, मजगांव, ताड देव, बोरीवली इलाकों में की गई छापेमारी में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनके कब्जे से 54.65 लाख रुपये मूल्य की मेफेडोन एमडी जब्त की गई। ये पांच अंतरराज्यीय ड्रग गिरोह का हिस्सा हैं। इस ऑपरेशन में नेट्रोपम टैबलेट सहित अन्य ड्रग्स भी जब्त किए गए। मुंबई पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर डीसीपी नुनाथ धुळे ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
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