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उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी की स्थापना से भोजपुरी इंडस्ट्री को मिलेगी उड़ान

उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी की स्थापना के लिए घोषणा के बाद भोजपुरी इंडस्ट्री को उड़ान मिलने की संभावना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऐलान के बाद भोजपुरी फि ल्मों की दुनिया में काम कर रहे पूर्वांचल के तमाम कलाकरों और निर्माताओं में उम्मीदें जगने लगी हैं।
उप्र में भोजपुरी फि ल्में काफी संख्या में बनती हैं। स्टूडियों से लेकर तमाम तकनीकी काम के लिए यहां के निर्माताओं को मुंबई पर निर्भर रहना पड़ता है। यहां पर फि ल्म सिटी बनने से काफी चीजों में सहूलियतें मिलने की उम्मींद निर्माताओं को है।
भोजपुरी फि ल्मों के निर्माता योगेष राज मिश्रा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि, करीब 70 फीसद भोजपुरी फि ल्मों की शूटिंग यूपी में हो रही है। यूपी में फि ल्म सिटी बनने से हमारी इंडस्ट्री को अच्छा सर्पोट मिल जाएगा। अभी मुबंई में लोकेशन के लिए काफी पैसा खर्च करना पड़ता है। फि ल्म सिटी में जेल, होटल, अस्पताल सब एक जगह मिल जाऐंगे। एक छत के नीचे सारी सुविधाएं मिलने से बहुत सारी राह असान होंगी। इससे बहुत सुविधा मिलेगी। इससे आने जाने का खर्च भी बच जाएगा। टाइम और पैसा दोंनों बचेगा। इससे निर्माताओं की काफी समस्याएं कम होगी। फि ल्म सिटी बनने से बहुत लाभ होगा।
निर्माता संजय श्रीवस्तव ने बातचीत में कहा कि, यूपी में फि ल्म सिटी बनने से बहुत सारी सुविधाएं एक छत के नीचे मिलने लगेंगी। इसके लिए हमें बार-बार कहीं और जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हमें इस फि ल्म सिटी से बहुत उम्मींदे हैं। भोजपुरी सिनेमा के लिए इस फि ल्म सिटी से बहुत स्कोप है। जो भोजपुरी फि ल्मों के लिए वारदान साबित होगा।
प्रसिद्घ फि ल्म अभिनेता दिनेश लाल निरहुआ ने कहा कि, यूपी में फि ल्म सिटी बनने से लोकल कलाकारों को बहुत अच्छा अवसर मिलेगा। भोजपुरी सिनेमा की भाषा में पकड़ रखने वाले अच्छे लोग मिल जाएंगे। जो अपने शहर को छोड़कर दूर नहीं जाना चाहते हैं। इससे फि ल्में अच्छी बनेंगी। इससे भोजपुरी सिनेमा और शिखर पर पहुंचेगा। फि ल्म सिटी बनने के बाद बहुत सी चीजें आसान हो जाएंगी। जैसे मुंबई की फि ल्म सिटी में क्षेत्रीय भाषाओं को बहुत सारी सुविधाएं मिलती है, वैसे ही यूपी में फि ल्म सिटी बनने से हमें बहुत सारा लाभ मिलेगा। क्षेत्रीय भाषा की फि ल्मों को बढ़ावा मिलेगा। यूपी की मल्टीप्लेक्स में एक शो दिखाने की छूट हो जाएगी जैसे अन्य राज्यों में मिल रही है।
फि ल्म अभिनेत्री आम्रपाली दुबे ने कहा कि, यूपी में फि ल्म सिटी बनने से बहुत सारी सुविधाएं हो जाएगी। बहुत सारे कलाकारों को अपने घर में काम मिलेगा। भोजपुरी भाषा को सम्मान मिलेगा। यूपी में हिन्दी फि ल्मों को बराबर ही सब्सिडी मिल रही है। फिल्म सिटी बनने के बाद क्षेत्रीय भाषा को प्राथमिकता मिलेगी। यूपी में चाहे जहां फि ल्म सिटी बने, वह अच्छी ही होगी।
फि ल्म अभिनेत्री कनक पांडेय ने कहा कि यूपी में फि ल्म सिटी बनाने से उप्र, बिहार, झारखंड के कलाकारों को बहुत फोयदा होगा। यूपी की फि ल्म सिटी हमारी पहचान होगी। सारी सुविधाएं एक छत के नीचे मिलेंगी। इससे यूपी का भी फि ल्मी दुनिया में और नाम होगा।
फि ल्म समीक्षक लक्ष्मीशंकर मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में फि ल्म सिटी बनने से भोजपुरी इंडस्ट्री को काफी फायदा होगा। यहां के लोकल कलाकारों को रोजगार मिलेगा। साथ ही स्टूडियो, डबिंग, मिक्सिंग गानों की रिकार्डिंग की जो सुविधा मिलेगी यह भोजपुरी दुनिया के लिए वारदान होगा। इसलिए यूपी की फि ल्म सिटी खासकर भोजपुरी सिनेमा को बहुत सारी उम्मींदे जगा रही है।
बॉलीवुड
संजय दत्त ने कहा, ‘अजय देवगन के साथ ‘सन ऑफ़ सरदार 2′ करना मज़ेदार होता’

मुंबई, 22 जुलाई। अभिनेता संजय दत्त ने खुलासा किया कि अजय देवगन के साथ “सन ऑफ़ सरदार 2” करना मज़ेदार होता।
अपने इंस्टाग्राम पर इस बहुप्रतीक्षित ड्रामा के हाल ही में रिलीज़ हुए ट्रेलर को फिर से शेयर करते हुए, दत्त ने राजू उर्फ अजय को उनकी आगामी फ़िल्म के लिए शुभकामनाएँ दीं।
उन्होंने कैप्शन में लिखा, “सन ऑफ़ सरदार 2 के लिए राजू को शुभकामनाएँ, इसे भी साथ में करना मज़ेदार होता @ajaydevgn।”
इस फ्रैंचाइज़ी की पहली फ़िल्म “सन ऑफ़ सरदार” में दत्त और अजय दुश्मन मित्र के रूप में नज़र आए थे, जो 2012 में सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई थी।
मूल फ़िल्म में दत्त ने बलविंदर सिंह संधू या बिल्लू की भूमिका निभाई थी, जबकि अजय जसविंदर सिंह रंधावा या जस्सी के रूप में नज़र आए थे।
पुरानी पारिवारिक दुश्मनी के चलते वे न चाहते हुए भी एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए थे।
अजय जहाँ सीक्वल में अपनी भूमिका दोहराते नज़र आएंगे, वहीं दत्त की जगह अभिनेता और राजनेता रवि किशन ने ले ली है।
ट्रेलर की बात करें तो, क्लिप की शुरुआत जस्सी (अजय द्वारा अभिनीत) की डिंपल (नीरू बाजवा द्वारा अभिनीत) से शादी से होती है। इसके बाद, वह अपनी ज़िंदगी की चार बड़ी परेशानियों के बारे में बताते हैं। पहली परेशानी यह है कि डिंपल ने उनसे तलाक मांग लिया है।
दूसरी परेशानी के बारे में बताते हुए, जस्सी ने बताया कि वह चार महिलाओं के बीच फँस गए हैं, जिनमें से एक राबिया (मृणाल ठाकुर द्वारा अभिनीत) हैं। हालाँकि उन्हें उनसे प्यार हो गया है, लेकिन समस्या यह है कि वह पाकिस्तान से हैं। जस्सी की तीसरी परेशानी एक माफिया परिवार में फंसना है। उनकी चौथी और आखिरी परेशानी उनकी ‘बेबे’ के वादे में फँसना है।
विजय कुमार अरोड़ा के निर्देशन में बनी, “सन ऑफ सरदार 2” में अजय देवगन, रवि किशन, संजय मिश्रा, मृणाल ठाकुर, नीरू बाजवा, चंकी पांडे, कुब्रा सैत, दीपक डोबरियाल, विंदू दारा सिंह, रोशनी वालिया, शरत सक्सेना, अश्विनी कालसेकर, साहिल मेहता और दिवंगत मुकुल देव प्रमुख भूमिकाओं में हैं।
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जावेद अख्तर ने ब्रिटिश संसद में उर्दू पर एक सत्र दिया, शबाना ने शेयर की तस्वीर

मुंबई, 15 जुलाई। दिग्गज अभिनेत्री शबाना आज़मी ने ब्रिटिश संसद की एक तस्वीर साझा की और बताया कि उनके पति और दिग्गज पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने हाउस ऑफ लॉर्ड्स में उर्दू पर एक सत्र आयोजित किया था।
शबाना ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें दोनों ब्रिटिश संसद के सामने पोज़ देते हुए दिखाई दे रहे हैं।
उन्होंने पोस्ट के साथ कैप्शन लिखा: “ब्रिटिश संसद में जहाँ #जावेद अख्तर ने #हाउस ऑफ लॉर्ड्स में #उर्दू पर एक सत्र आयोजित किया।”
दिग्गज अभिनेत्री ने 11 जुलाई को जावेद अख्तर और फरहान अख्तर के बीच आइसक्रीम का आनंद लेते हुए एक प्यारे पिता-पुत्र के पल को साझा किया था।
उन्होंने इंस्टाग्राम पर जावेद और फरहान की एक छोटी सी आइसक्रीम पार्लर में बैठकर आइसक्रीम का आनंद लेते हुए एक कैंडिड तस्वीर पोस्ट की।
शबाना ने तस्वीर के साथ कैप्शन लिखा, “पिता और पुत्र एक छोटे से आइसक्रीम पार्लर में आइसक्रीम का आनंद लेते हुए। छुट्टियों में सभी तरह की छूट है।”
जावेद अख्तर इससे पहले पटकथा लेखिका हनी ईरानी से शादी कर चुके थे। उन्होंने 1984 में शबाना आज़मी से शादी की थी।
पिछले महीने, शबाना आज़मी ने अपने ‘मैड गर्ल्स ग्रुप’ की एक खूबसूरत झलक साझा की, जो फरहान अख्तर के अचानक आने से और भी यादगार बन गई।
“मुझे याद नहीं आ रहा, मैंने इसे पहले ही पोस्ट कर दिया होगा। यह मेरे फ़ोन पर आया और मैंने सोचा कि इसे शेयर करना मज़ेदार होगा। यह हमारा मैड ग्रुप है #शहाना गोस्वामी #संध्या मृदुल, आपकी सच्ची #दिव्या दत्ता, @Faroutakhtar की अतिथि भूमिका के साथ,” दिग्गज स्टार ने लिखा।
उन्हें आखिरी बार क्राइम थ्रिलर “डब्बा कार्टेल” में देखा गया था, जिसका प्रीमियर 28 फरवरी को नेटफ्लिक्स पर हुआ था।
शबाना का करियर 160 से ज़्यादा फ़िल्मों में फैला है, जिनमें से ज़्यादातर स्वतंत्र और नवयथार्थवादी समानांतर सिनेमा में हैं, हालाँकि उन्होंने मुख्यधारा की फ़िल्मों के साथ-साथ कई अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स में भी काम किया है।
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री ने 1974 में अंकुर फिल्म से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की और जल्द ही समानांतर सिनेमा की अग्रणी अभिनेत्रियों में से एक बन गईं। यह उस समय कला फिल्मों की एक नई लहर थी, जो अपनी गंभीर विषय-वस्तु और यथार्थवाद के लिए जानी जाती थी और जिसे कभी-कभी सरकारी संरक्षण भी प्राप्त होता था।
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हिंदी-मराठी संघर्ष: ज़ैन दुर्रानी ने विभिन्न क्षेत्रों की विविध भाषाओं के सम्मान पर ज़ोर दिया

मुंबई, 10 जुलाई। मूल रूप से कश्मीर निवासी और वर्तमान में मुंबई में रह रहे अभिनेता ज़ैन दुर्रानी ने उस क्षेत्र की विविध भाषाओं और संस्कृतियों का सम्मान करने और उन्हें अपनाने के महत्व पर ज़ोर दिया है जहाँ आप रहते हैं, साथ ही अपनी जड़ों से भी जुड़े रहें।
आगामी फिल्म “आँखों की गुस्ताखियाँ” में नज़र आने वाले अभिनेता ने आपसी सम्मान और एकीकरण के माध्यम से सांस्कृतिक सद्भाव की भी वकालत की है।
महाराष्ट्र में हिंदी और मराठी भाषी लोगों के बीच भाषा संघर्ष से जुड़े मौजूदा विवाद के बारे में मीडिया से बात करते हुए, ज़ैन ने कहा: “मुझे लगता है कि हम कई संस्कृतियों और कई भाषाओं का एक विविध मिश्रण हैं। यहाँ तक कि हमारी मुद्रा भी हमारी कुछ भाषाओं का प्रतिनिधित्व करती है और देश भर में कई अन्य भाषाएँ मौजूद हैं।”
अभिनेता ने साझा किया कि हमें अपने रहने वाले स्थानों की स्थानीय भाषाओं का सम्मान करना चाहिए।
“आप जिस भी क्षेत्र में रहते हैं, वहाँ की भाषाओं को उचित सम्मान देना सीखना अनिवार्य है।”
उन्होंने आगे कहा, “सिर्फ़ खुश करने के लिए नहीं, बल्कि अपनी संस्कृति को एक भेंट के रूप में लाते हुए आत्मसात करने और अपनी जड़ों से मजबूती से जुड़े रहने के लिए।”
वर्तमान में, महाराष्ट्र राज्य हिंदी और मराठी भाषी लोगों के बीच भाषाई संघर्ष को लेकर विवादों में घिरा हुआ है। राजनीतिक दल मनसे के कार्यकर्ताओं पर मराठी भाषा बोलने से इनकार करने वालों के ख़िलाफ़ हिंसक कार्रवाई करने का आरोप लगाया गया है, जो हिंदी की देवनागरी लिपि से मिलती-जुलती भाषा है।
अभिनय की बात करें तो, अभिनेता संतोष सिंह द्वारा निर्देशित “आँखों की गुस्ताखियाँ” में विक्रांत मैसी और शनाया कपूर के साथ स्क्रीन स्पेस साझा करते नज़र आएंगे।
‘आँखों की गुस्ताखियाँ’ में शनाया विक्रांत के साथ नज़र आएंगी।
आगामी फिल्म रस्किन बॉन्ड की लोकप्रिय लघु कहानी, “द आइज़ हैव इट” से प्रेरित है। ज़ी स्टूडियोज़ और मिनी फिल्म्स द्वारा समर्थित, इस परियोजना का निर्माण मानसी बागला और वरुण बागला ने किया है।
11 जुलाई को रिलीज़ होने वाली यह फिल्म मिनी फिल्म्स का विक्रांत मैसी के साथ दूसरा सहयोग है, इससे पहले उनकी साझेदारी फोरेंसिक के रीमेक पर।
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