खेल
लय में आने मुश्किल होगा, लेकिन हमारे पास समय है : श्रीजेश

मार्च के पहले सप्ताह में भारतीय हॉकी टीम के 32 खिलाड़ी भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के बेंगलुरू स्थित राष्ट्रीय कैम्प में इकट्ठा हुए थे। इस कैम्प का लक्ष्य एफआईएच प्रो लीग में हिस्सा लेने के लिए जर्मनी और इंग्लैंड के लिए जाने वाली टीम का चयन करना था।
लेकिन तीन सप्ताह के भीतर कोविड-19 के कारण स्थिति बिगड़ गई जिसके कारण 25 मार्च को लॉकडाउन लगा और चार सप्ताह का यह कैम्प तीन महीने लंबा हो गया। खिलाड़ियों को जून के मध्य में अखिरकार घर जाने का मौका मिला।
टीम के अनुभवी गोलकीपर पीआर. श्रीजेश ने आईएएनएस से कहा, “यह हमारे लिए काफी मुश्किल है। हम गतिविधियों, टीम बैठकों और इस तरह की चीजों में व्यस्त थे। जब लॉकडाउन आया हमारी ट्रेनिंग का समय कम हो गया। हमें ट्रेनिंग कार्यक्रम मिला और उसके आधार पर हम छोटे-छोटे समूहों में जाकर ट्रेनिंग करने लगे।”
उन्होंने कहा, “इसलिए अगर हम कुछ गतिविधियां नहीं कर रहे होते तो हम बस बैठे रहते थे। मैं जल्दी उठ जाता हूं कि क्योंकि मैं किताब पढ़ता हूं और अपने खाली समय में कुछ रचनात्मक करने की कोशिश करता हूं। सुबह में कुछ योगा करता था और इसके बाद ब्रेकफास्ट कर हम अपना काम करते थे।”
उन्होंने कहा, “दोपहर में हम नेटफ्लिक्स पर कुछ देखते थे या इसी तरह का कुछ करते थे। शाम को हम कैम्प में टहलने निकलते थे। हम उस दौरान ट्रेनिंग भी करते थे। कुछ रनिंग एक्सरसाइज और जिम। इसलिए हमारी ट्रेनिंग उसकी तुलना में कम थी जो हम पहले कर रहे थे।”
हॉकी खिलाड़ियों के लिए एक अच्छी बात यह है कि प्रो लीग का कार्यक्रम बदला गया है और टोक्यो ओलम्पिक भी अगले साल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
श्रीजेश ने कहा, “हम इसलिए तो तैयारी कर रहे हैं, ओलम्पिक के लिए। अब हम जानते हैं कि हम कब किसी टीम के खिलाफ खेलेंगे। यह हमारे लिए बड़ी प्ररेणा है कि हम कोविड-19 से वापसी करें क्योंकि चार महीने हमने नहीं खेला है, लेकिन जब कार्यक्रम आया तो यह हमारे लिए अच्छा था। इससे हमें कुछ काम करने में मदद मिली।”
पुरुष टीम का प्रो लीग में अगला मैच अप्रैल-2021 में अर्जेंटीना के खिलाफ होगा। श्रीजेश ने कहा है कि वह इसी साल नवंबर में होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप ट्रॉफी में वापसी की तैयारी कर रहे हैं।
श्रीजेश लंबे अरसे बाद वापसी के अनुभव से गुजर चुके हैं। एसीएल चोट न 2017 में श्रीजेश को तकरीबन एक साल के लिए टीम से बाहर रखा था।
उन्होंने कहा, “पहले भी मुझे सामान्य ट्रेनिंग में वापसी करने में छह से सात महीने का समय लगा, लेकिन वो अलग था, तब हमारे पास छोटा लक्ष्य था। हम जानते थे कि हमारा अगला टूर्नामेंट कब है और मैं वापसी के बारे में सोच सकता था।”
उन्होंने कहा, “लेकिन इस समय में आप स्वास्थ हो ट्रेनिंग से दूर हो तो, यह जरूरी है कि आप उन सभी मैचों को देखें जो आप पहले खेल चुके हो और अपनी गलती निकालो। आप किसी और से बेहतर अपनी गलती निकाल सकते हो। इसलिए यह हमारे लिए समय है कि हम उन गलतियों को देखें और हमारी बुनियाद को मजबूत करें। एक बार टूर्नामेंट्स शुरू हो जाएंगे तो हम तैयार रहेंगे क्योंकि हम एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी में कोई शीर्ष टीम से नहीं खेलेंगे।”
उन्होंने कहा, “हर किसी के लिए अंतर्राष्ट्रीय हॉकी में उसी लय में वापसी करना मुश्किल होगा लेकिन मुझे लगता है कि हमारे पास लय हासिल करने का समय है।”
श्रीजेश उन चुनौती को भलीभांती जानते हैं जो भारत के बाहर सफर करने को लेकर आएंगी, लेकिन इस समय उनका पूरा ध्यान मैदान पर वापसी करने पर है।
उन्होंने कहा, “पहली चीज हम जिसका इंतजार कर रहे हैं वो है मैदान पर वापसी। हम क्वांरनटीन में जाने, स्टेडियम में रहने और बाकी चीजों को लेकर भी चिंतित नहीं हैं। पहली चीज टूर्नामेंट्स खेलना है, जब आप हॉकी के बारे में सोचते हो तो यह काफी मुश्किल है क्योंकि यह फिजिकल स्पोर्ट है।”
राजनीति
आतंकवाद को बख्शा नहीं जाएगा, तिरंगा रैली देश की शान : सतपाल शर्मा

जम्मू, 21 मई। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के हालिया बयानों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को जुबानी हमला किया। जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष सतपाल शर्मा ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर उठाए गए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए विपक्षी नेताओं पर हमला बोला।
सतपाल शर्मा ने मंगलवार को मिडिया से बात करते हुए महबूबा मुफ्ती के हालिया बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ उन 26 निर्दोष नागरिकों की शहादत का जवाब है, जिन्हें 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने धर्म पूछकर मार डाला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि जो भी इस हमले के पीछे होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई व्यक्ति हो या कोई देश। थल सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर उसके लॉन्चिंग पैड तबाह कर दिए। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। यह कार्रवाई एक सशक्त संदेश है कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का झुकाव उग्रवादियों के प्रति आज भी बना हुआ है। वे ऐसे बयान देते हैं जिससे आतंकवादियों का मनोबल बढ़ता है, लेकिन देश की सेना ने यह दिखा दिया है कि हमलावरों को छोड़ा नहीं जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की टिप्पणी पर जवाब देते हुए सतपाल शर्मा ने कहा कि ऐसे समय में जब देशभर में तिरंगा रैलियों के जरिए भारतीय सेना और वायुसेना का सम्मान हो रहा है, खड़गे का बयान निराशाजनक है। चूक हो सकती है, लेकिन प्रधानमंत्री ने पुलवामा हमले के बाद भी यही कहा था कि हमारे जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। पाकिस्तान को उसी की जमीन पर जाकर करारा जवाब दिया गया।
शर्मा ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान भारत में धार्मिक विभाजन फैलाने की साजिश रच रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म पूछकर की गई हत्याएं और उसके बाद की पाकिस्तान समर्थित गतिविधियां इसी दिशा में इशारा करती हैं। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि विपक्ष ऐसे संवेदनशील समय में भी पाकिस्तान की साजिशों पर चुप रहता है।
तिरंगा रैली के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सतपाल शर्मा ने कहा कि यह किसी राजनीतिक दल की पहल नहीं, बल्कि आम नागरिकों का देश प्रेम है। यह हमारा प्रथम कर्तव्य है कि जब तिरंगा रैली निकाली जाए, तो उसमें हम सब शामिल हों। मेरा विपक्ष के नेताओं से भी निवेदन है कि वे इस राष्ट्रीय प्रतीक के सम्मान में हिस्सा लें। तिरंगा हमारे देश की आन, बान और शान है, इसके लिए न जाने कितने वीर सैनिकों ने अपनी जान कुर्बान की है।
राजनीति
भाजपा का तंज, ‘राहुल बोल रहे पाकिस्तान की भाषा’, ‘निशान-ए पाकिस्तान’ को लेकर पूछा चुभता सवाल

नई दिल्ली, 20 मई। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कांग्रेस लगातार प्रश्न उठा रही है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी को आधार बनाकर सवाल दाग रहे हैं तो कई नेता सबूत की तलाश कर रहे हैं। भाजपा ने मुख्य विपक्षी दल के इस रवैए पर तंज कसा है। असम सरकार के मंत्री अशोक सिंघल के विवादित पोस्ट के बाद पार्टी की मीडिया सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने भी कुछ सवाल पूछे हैं।
अशोक सिंघल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने राहुल गांधी की तस्वीर को पाक आर्मी चीफ की तस्वीर के साथ जोड़कर शेयर किया। इस तस्वीर के आधे हिस्से में राहुल गांधी का चेहरा और आधे में पाकिस्तान आर्मी चीफ असीम मुनीर का चेहरा लगाया गया है। अशोक सिंघल ने अपने पोस्ट में लिखा, “सीमाओं से अलग एजेंडे पर एक।”
वहीं, भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने भी मंगलवार को सिलसिलेवार तरीके से एक्स पर कुछ पोस्ट डाले। एक कार्टून पोस्ट किया जिसमें पाक जनरल की पीठ पर खड़े होकर एक शख्स सरहद के पार देख गिराए गए रफेल की जानकारी मांग रहा है। इसके साथ ही मालवीय ने एक दूसरी पोस्ट में सिंघल वाली तस्वीर साझा कर लिखा- यह आश्चर्य की बात नहीं है कि राहुल गांधी पाकिस्तान और उसके हितैषियों की भाषा बोल रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए बधाई नहीं दी, जो स्पष्ट रूप से भारत के प्रभुत्व को दर्शाता है। इसके बजाय, वे बार-बार पूछते हैं कि हमने कितने जेट खो दिए- एक सवाल जिसका जवाब पहले ही डीजीएमओ ब्रीफिंग में दे चुके हैं। मजे की बात यह है कि उन्होंने एक बार भी यह नहीं पूछा कि संघर्ष के दौरान कितने पाकिस्तानी जेट मार गिराए गए, या भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तानी एयरबेस पर बमबारी के दौरान कितने विमान अपने हैंगर में खड़े रहते हुए नष्ट हो गए।
इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस से चुभता सवाल पूछा कि क्या अब ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ राहुल गांधी को दिया जाएगा?
दरअसल, कांग्रेस ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लगातार सवाल उठा रही है। हाल ही में सांसद राहुल गांधी ने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के उस बयान को लेकर सवाल पूछे थे जिसमें विदेश मंत्री यह कह रहे हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के तहत होने वाली एयर स्ट्राइक के बारे में पाकिस्तान को सूचना दी थी। हालांकि, राहुल के इन दावों पर 18 मई को विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के दावों का खंडन किया।
कांग्रेस नेता ने एक्स पोस्ट पर भी अपनी बात रखी। इसके जवाब में भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने एक वीडियो पोस्ट किया था। राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा, ‘राहुल गांधी की मूर्खता महज आकस्मिक नहीं है, यह भयावह है। वह पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं।’ मालवीय ने भारत के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई के एक बयान का वीडियो साझा किया। इसके साथ कहा कि वह भारत के लाभ और विपक्ष के नेता की मंशा को उजागर करने के लिए घई के 11 मई के बयान को दोबारा पोस्ट कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय
अवामी लीग समर्थकों ने संयुक्त राष्ट्र में विरोध प्रदर्शन किया, पार्टी से प्रतिबंध हटाने की मांग

संयुक्त राष्ट्र, 20 मई। बांग्लादेश में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में उसके समर्थकों ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि संयुक्त राष्ट्र यह सुनिश्चित करे कि देश में लोकतंत्र फिर से कायम हो।
यूएसए अवामी लीग के अध्यक्ष सिद्दीक रहमान ने कहा, “मोहम्मद यूनुस की गैरकानूनी सरकार ने अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि यह एक कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई पार्टी है।”
उन्होंने कहा कि अगर चुनाव संयुक्त राष्ट्र की मंशा के मुताबिक सभी को साथ लेकर कराए जाने हैं, तो अवामी लीग से प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए और उसे चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोकतंत्र बहाल हो।
रहमान ने कहा कि भले ही यूनुस को नोबेल पुरस्कार मिला हो, लेकिन अब वह एक तानाशाह बन गए हैं। वह बिना चुनाव के सरकार चला रहे हैं और उन्होंने एक चुनी हुई वैध सरकार को हटा दिया है।
विरोध प्रदर्शन में बोलने वालों ने कहा कि अमेरिका को बांग्लादेश में लोकतंत्र फिर से बहाल करने की मांग करनी चाहिए।
यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पिछले सप्ताह बांग्लादेश चुनाव आयोग ने पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दिया, जिससे वह चुनाव में भाग लेने के लिए अयोग्य हो गई।
बांग्लादेश ने चुनाव की तारीख तय नहीं की है।
विरोध प्रदर्शन के आयोजक प्रदीप कर ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों के साथ संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र सौंपा है।
उन्होंने कहा कि शेख हसीना ‘वैध प्रधानमंत्री हैं’, जबकि यूनुस ने “जमात-ए-इस्लामी और आतंकवादियों” की मदद से सत्ता हासिल की है।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय9 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार3 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
-
महाराष्ट्र5 years ago
31 जुलाई तक के लिए बढ़ा लॉकडाउन महाराष्ट्र में, जानिए क्या हैं शर्तें