राजनीति
माता चिंतपूर्णी मंदिर में अब मिलेगा ऑनलाइन प्रसाद ‘छिन्नमस्तिका भोग’

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऊना जिला के माता चिंतपूर्णी मंदिर के ‘ऑनलाइन प्रसाद छिन्नमस्तिका भोग’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के ²ष्टिगत प्रदेश सरकार ने राज्य में सामाजिक भीड़ और संक्रमण के फैलाव को रोकने की दिशा में सभी मंदिरों और धार्मिक स्थलों को बंद रखा है।
उन्होंने कहा कि यद्यपि प्रदेश के अधिकतर धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं को ऑनलाइन दर्शन की सुविधा उपलब्ध करवा रही है, परंतु डाक विभाग के समन्वय से श्रद्धालुओं को प्रसाद प्रदान करने की सुविधा का शुभारंभ पहली बार किया गया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के मंदिरों में विशेषकर सावन अष्टमी मेले के दौरान देशभर से लाखों लोग आते थे, परंतु इस बार मंदिर बंद है। उन्होंने श्रद्धालुओं को प्रसाद की होम डिलीवरी सेवा प्रदान करने के ऊना जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने प्रसाद की ऑनलाइन डिलीवरी के लिए भारतीय डाक विभाग के सहयोग के लिए भी आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को धार्मिक पर्यटन की ²ष्टि से प्रमुख गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं और धार्मिक पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी मुख्य मंदिरों और धार्मिक स्थलों का विकास और रख-रखाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि माता चिंतपूर्णी मंदिर क्षेत्र का प्रमुख पवित्र धार्मिक स्थल है, जहां पूरे विश्व से पर्यटक आते हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार इस तीर्थस्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेहतर बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के अलावा धार्मिक स्थल को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालु अब दर्शन और प्रसाद के लिए ऑनलाइन आवेदन कर अपने घर पर ही इस धार्मिक स्थल का प्रसाद प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड और बाबा काशी विश्वनाथ, बनारस के बाद ‘प्रसाद’ की होम डिलीवरी की सुविधा देने वाला अग्रणी राज्यों में एक बन गया है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऊना जिला के माता चिंतपूर्णी मंदिर के ‘ऑनलाइन प्रसाद छिन्नमस्तिका भोग’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के ²ष्टिगत प्रदेश सरकार ने राज्य में सामाजिक भीड़ और संक्रमण के फैलाव को रोकने की दिशा में सभी मंदिरों और धार्मिक स्थलों को बंद रखा है।
उन्होंने कहा कि यद्यपि प्रदेश के अधिकतर धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं को ऑनलाइन दर्शन की सुविधा उपलब्ध करवा रही है, परंतु डाक विभाग के समन्वय से श्रद्धालुओं को प्रसाद प्रदान करने की सुविधा का शुभारंभ पहली बार किया गया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के मंदिरों में विशेषकर सावन अष्टमी मेले के दौरान देशभर से लाखों लोग आते थे, परंतु इस बार मंदिर बंद है। उन्होंने श्रद्धालुओं को प्रसाद की होम डिलीवरी सेवा प्रदान करने के ऊना जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने प्रसाद की ऑनलाइन डिलीवरी के लिए भारतीय डाक विभाग के सहयोग के लिए भी आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को धार्मिक पर्यटन की ²ष्टि से प्रमुख गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं और धार्मिक पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी मुख्य मंदिरों और धार्मिक स्थलों का विकास और रख-रखाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि माता चिंतपूर्णी मंदिर क्षेत्र का प्रमुख पवित्र धार्मिक स्थल है, जहां पूरे विश्व से पर्यटक आते हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार इस तीर्थस्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेहतर बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के अलावा धार्मिक स्थल को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालु अब दर्शन और प्रसाद के लिए ऑनलाइन आवेदन कर अपने घर पर ही इस धार्मिक स्थल का प्रसाद प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड और बाबा काशी विश्वनाथ, बनारस के बाद ‘प्रसाद’ की होम डिलीवरी की सुविधा देने वाला अग्रणी राज्यों में एक बन गया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार मंदिर परिसरों और आसपास के क्षेत्रों में बेहतर पेयजल सुविधा प्रदान करने की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार मंदिर परिसरों और आसपास के क्षेत्रों में बेहतर पेयजल सुविधा प्रदान करने की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।
राजनीति
गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को कश्मीर में करेंगे सुरक्षा समीक्षा बैठक

श्रीनगर, 8 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर मौजूद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को सुरक्षा समीक्षा बैठक करेंगे।
श्रीनगर के राजभवन में रात भर रुकने के बाद वह सुबह करीब 11 बजे से अपने व्यस्त कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे और केंद्र शासित प्रदेश में विभिन्न विकास परियोजनाओं की समीक्षा भी करेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होने वाली विकास समीक्षा की बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी शामिल होंगे।
इसके बाद गृह मंत्री एक सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, आईबी निदेशक तपन डेका, जम्मू और कश्मीर मामलों से जुड़े गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, जम्मू और कश्मीर पुलिस के प्रमुख, अर्धसैनिक बलों के प्रमुख और खुफिया एजेंसियों के अधिकारी शामिल होंगे। ये दोनों बैठक राजभवन में आयोजित होने वाली हैं।
सोमवार को जम्मू-कश्मीर दौरे पर पहुंचने के बाद अमित शाह ने श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास स्थित हुमहामा इलाके का दौरा किया था। यहां उन्होंने जम्मू और कश्मीर पुलिस के डिप्टी एसपी शहीद हुमायूं भट के परिवार से मुलाकात की। गृह मंत्री ने परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। वह करीब 20 मिनट तक हुमायूं के पिता, सेवानिवृत्त आईजीपी गुलाम हसन भट के साथ रुके। उन्होंने शहीद पुलिस अधिकारी की पत्नी फातिमा को भी संवेदना दी और अधिकारी के 20 महीने के बच्चे को आशीर्वाद दिया। शहीद के परिवार से मिलने के दौरान गृह मंत्री के साथ एलजी मनोज सिन्हा और सीएम उमर अब्दुल्ला भी थे।
बता दें कि हुमायूं 13 सितंबर, 2003 को अनंतनाग जिले के कोकरनाग तहसील के जंगलों में आतंकवादियों के एक समूह से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। अपनी बहादुरी के लिए अधिकारी को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था।
इसके बाद गृह मंत्री राज भवन गए, जहां उन्होंने कुछ व्यक्तियों और प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की। जम्मू दौरे के दौरान अमित शाह ने कठुआ जिले में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए चार पुलिसकर्मियों के परिवारों से भी मुलाकात की।
जम्मू में बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद कम हुआ है, लेकिन अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही स्थिति पूरी तरह सामान्य हो जाएगी। जम्मू विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा के जम्मू स्थित आवास पर उन्होंने भाजपा और आरएसएस के सदस्यों के साथ बंद कमरे में बैठक की।
सोमवार को कठुआ में बीएसएफ की सीमा चौकी के दौरे के दौरान गृह मंत्री ने बीएसएफ की देश के एक विशिष्ट सीमा प्रहरी बल के रूप में प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि सीमा की पूरी तरह तकनीक आधारित निगरानी के लिए बीएसएफ को अत्याधुनिक तकनीक मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने तैनात बीएसएफ जवानों से कहा कि देश सीमा की सुरक्षा और कर्तव्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के कारण बल का बहुत सम्मान करता है।
उन्होंने बीएसएफ अधिकारियों और जवानों से कहा कि आप साल भर, 24 घंटे अत्यधिक प्रतिकूल परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी निभाते हैं। बीएसएफ का एक गौरवशाली अतीत है और आप वास्तव में उस प्रतिष्ठा के हकदार हैं जो बीएसएफ ने देशवासियों के बीच अर्जित की है।
श्रीनगर में अपना कार्यक्रम पूरा करने के बाद अमित शाह दोपहर में दिल्ली लौट आएंगे।
राजनीति
हम बिहार का चेहरा बदलना चाहते हैं : राहुल गांधी

पटना, 7 अप्रैल। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि हिंदुस्तान की सच्चाई की रक्षक संविधान है। भगवान बुद्ध, गुरु नानक, कबीर ऐसे कई महापुरुष हैं, जिन्हें हिंदुस्तान मानता है। भीमराव अंबेडकर ने दलितों की लड़ाई लड़ी, लेकिन यह उन्हें दलितों ने ही सिखाया। उन्होंने उनके दर्द को समझा और उसके बाद उनकी लड़ाई लड़ी।
राहुल गांधी ने पटना में संविधान सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी है कि जो गरीब लोग हैं, जो कमजोर लोग हैं, ईबीसी, ओबीसी, गरीब, दलित इन सबको जोड़कर, इज्जत देकर आगे बढ़े। कांग्रेस पार्टी को जिस गति और जिस मजबूती से बिहार में काम करना चाहिए था, वो नहीं किया।
उन्होंने कहा कि हम अपनी गलती से समझे हैं और अब हम बिना रुके पूरी शक्ति के साथ बिहार के गरीब, कमजोर, ओबीसी, ईबीसी, दलित और महादलित को लेकर हम एक साथ आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने तेलंगाना के जातीय गणना को पारदर्शी बताते हुए कहा कि वहां जाति का पूरा का पूरा डेटा हमारे हाथ में है। बहुत सारे लोग बहुत तरह की बात करते हैं कि जाति जनगणना नहीं होनी चाहिए, लेकिन हम लोग चाहते हैं कि देशभर में जातीय जनगणना हो।
उन्होंने आरक्षण को लेकर कहा कि आज तेलंगाना में देखेंगे तो वहां बड़ी कंपनियों के मालिक, उसके सीईओ, प्रबंधन में ओबीसी, ईबीसी, दलित और महादलित के लोग नहीं मिलेंगे, लेकिन मजदूर वर्ग की सूची में यही लोग मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं 50 फीसदी आरक्षण की इस दीवार को तोड़कर फेंक दूंगा। इस देश को दस-पंद्रह लोग चला रहे हैं। जातीय जनगणना एक क्रांतिकारी कदम है, इससे देश की सच्चाई पता चलेगी।
उन्होंने एक आईआईटी प्रोफेसर का उदाहरण देते हुए कहा कि भले ही आप डॉक्टर, प्रोफेसर या कोई बड़े आदमी बन जाएं, मगर सिस्टम आपको आपका काम सही से नहीं करने देगा। अगर आप डॉक्टर हैं, दलित वर्ग से आते हैं और कोई अस्पताल खोलना चाहते हैं, तो आपको लोन नहीं मिलेगा। बैंक से लोन मिल भी जाएगा तो ब्यूरोक्रेट अड़ंगा लगा देंगे। उन्होंने इस सिस्टम में सुधार की जरूरत बताई।
उन्होंने कहा कि हम बिहार का चेहरा बदलना चाहते हैं। जो बिहार में हुआ है और जो आज बिहार में हो रहा है, जो एनडीए की सरकार बिहार में कर रही है, उससे हम लड़ रहे हैं और उसे हम हराने जा रहे हैं।
राजनीति
पीएम मुद्रा योजना में 10 वर्षों में बांटे गए 32 लाख करोड़ रुपए से अधिक के लोन

नई दिल्ली, 7 अप्रैल। पीएम मुद्रा योजना के तहत 10 वर्षों में 32.61 लाख करोड़ रुपए वैल्यू के 52 करोड़ से अधिक लोन दिए गए हैं। यह जानकारी आधिकारिक आंकड़ों में दी गई।
पीएम मुद्रा योजना 8 अप्रैल, 2015 को लॉन्च हुई थी और मंगलवार को इस योजना को 10 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस योजना से छोटे शहरों और गांवों तक कारोबार को बढ़ाने में मदद मिली है। इससे पहली बार कारोबार करने वाले लोगों को प्रोत्साहन मिला है।
एसकेओसीएच की “आउटकम्स ऑफ मोदीनॉमिक्स 2014-24″ रिपोर्ट के अनुसार, ”2014 से हर साल औसतन कम से कम 5.14 करोड़ व्यक्ति-वर्ष रोजगार सृजित हुए हैं, जिसमें अकेले पीएमएमवाई ने 2014 से प्रति वर्ष औसतन 2.52 करोड़ स्थिर और टिकाऊ रोजगार जोड़े हैं। इस परिवर्तन का एक उदाहरण जम्मू-कश्मीर है, इसे मुद्रा योजना के तहत अत्यधिक लाभ हुआ है और 20,72,922 मुद्रा लोन स्वीकृत किए गए हैं।”
वित्त मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, ”इस योजना से महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिली और 70 प्रतिशत से अधिक लोन महिला उद्यमियों द्वारा लिए गए हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्वतंत्रता बढ़ी है और लैंगिक समानता में योगदान मिला है।”
पीएम मुद्रा योजना के तहत पिछले नौ वर्षों में प्रति महिला दिए जाने वाले लोन की राशि 13 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़कर 62,679 रुपए हो गई। वहीं, प्रति महिला वृद्धिशील जमा राशि 14 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर 95,269 रुपए हो गई।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की सराहना की है और कहा कि यह योजना, जो महिला उद्यमिता पर विशेष ध्यान देने के साथ जमानत-मुक्त लोन प्रदान करती है, ने महिलाओं के स्वामित्व वाले एमएसएमई की संख्या को बढ़ाने में मदद की है, जो अब 28 लाख से अधिक हो गए हैं।
एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में मुद्रा योजना ने 52 करोड़ से अधिक लोन खाते खोलने में मदद की है, जो उद्यमशीलता गतिविधि में भारी उछाल को दर्शाता है।
पीएम मुद्रा योजना के तहत, किशोर लोन (50,000 से 5 लाख रुपए), जो बढ़ते व्यवसायों का समर्थन करते हैं, वित्त वर्ष 2016 में 5.9 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 44.7 प्रतिशत हो गए हैं, जो छोटे उद्योगों की वास्तविक प्रगति को दर्शाता है।
तरुण श्रेणी (5 लाख से 10 लाख रुपए) भी तेजी से आगे बढ़ रही है, जो साबित करती है कि मुद्रा केवल व्यवसाय शुरू करने के बारे में नहीं है, बल्कि उन्हें बढ़ाने में मदद करती है।
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