खेल
देश में खेल संस्कृति के विकास में शारीरिक शिक्षा अहम : डॉ. आनन्देश्वर पांडेय

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के कोषाध्यक्ष डॉ. आनन्देश्वर पांडेय ने कहा है कि देश को यदि खेलों में महाशक्ति बनाना है तो देश में खेल संस्कृति का विकास करना होगा जो कि सिर्फ शारीरिक शिक्षा से ही संभव है। पांडेय ने यहां फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पेफी) की ओर से डीपीएस स्कूल साकेत और जी. डी. गोयनका पब्लिक स्कूल गाजियाबाद के सहयोग से आयोजित सात दिवसीय वर्चुअल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के समापन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा, “आज देश में हर जगह खेल प्रशिक्षक भले ही उपलब्ध ना हो, लेकिन शारीरिक शिक्षक हर जगह उपलब्ध हैं और अगर इन्हें सही ट्रेनिंग दी जाए तो देश में एक खेल संस्कृति का विकास किया जा सकता है। आज देश की 136 करोड़ की आबादी में बमुश्किल एक करोड़ लोग ही खेलों में भाग लेते हैं, जिसके कारण हमारा देश खेलों में उच्च स्तर पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता है। कई छोटे छोटे देश जिनकी आबादी हमारी राजधानी से भी कम है, वहां 90 प्रतिशत तक लोग खेलों में इन्वॉल्व रहते है क्योंकि उनके यहां खेल संस्कृति का हिस्सा है।”
पांडेय ने कहा कि पेफी द्वारा लॉकडाउन के दौरान शारीरिक शिक्षकों और खेल प्रशिक्षकों के लिए चलाए जा रहे इस तरह के कार्यक्रम सराहनीय हैं, जिससे शिक्षक अपने ज्ञान में वृद्धि करके देश में खेलों के विकास में अपनी महती भूमिका अदा करेंगे।
द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित व भारतीय खेल प्राधिकरण के निदेशक डॉ. अजय बंसल ने कहा, “अब वक्त बदल गया है। समाज में खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ी है। माता पिता बच्चों के खेलों में करियर पर ध्यान देने लगें हैं। ऐसे समय में पेरेंट और कोच का रिलेशन पॉजिटिव होना बहुत जरूरी है। शारीरिक शिक्षक और कोच के द्वारा समय समय पर पेरेंट के सवालों के जवाब और सहयोग से खिलाड़ी की प्रतिभा में निखार लाया जा सकता है।”
इस अवसर पर पेफी के राष्ट्रीय सह सचिव डॉ. चेतन कुमार ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा, ” ऐसे समय में जब सभी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी बंद है और एक नकारात्मकता का वातावरण चारो और है, पेफी के द्वारा पिछले सात दिनों से यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमें कि अलग अलग विषय पर देश विदेशों के प्रशिक्षकों के द्वारा लेक्च र दिए गए।”
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमृता पांडे ने किया। इस कार्यक्रम में पूरे देश से 1000 से अधिक शारीरिक शिक्षकों और प्रशिक्षकों ने भाग लिया।
दुर्घटना
दिल्ली-एनसीआर में तेज आंधी और बारिश से भारी नुकसान, 3 की मौत

नई दिल्ली, 22 मई। दिल्ली-एनसीआर में बुधवार की शाम करीब 8 बजे तेज आंधी और बारिश से भारी नुकसान हुआ है। अलग-अलग हादसों में तीन लोगों की जान चली गई है। सड़कों पर पेड़ गिरने से यातायात थम गया, इमारतों के दरवाजे और खिड़कियों के टूटकर गिरने से कई लोग घायल हो गए।
निजामुद्दीन के लोधी रोड पर बिजली का खंभा गिरने से 50 साल के दिव्यांग की मौत हो गई, वहीं उत्तर पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी और गाजियाबाद के मधुबन बापूधाम थाना क्षेत्र के हापुड़ चुंगी के पास पेड़ की टहनी गिरने से बाइक सवार की जान चली गई।
दिल्ली में मंगोलपुरी इलाके में फर्नीचर मार्केट में इमारत का छज्जा बीच सड़क पर गिरने से चार लोग घायल हो गए। वहीं, उत्तर पूर्वी दिल्ली में सड़क पर पेड़ गिरने से रेडी वाला घायल हो गया, वेलकम इलाके में पेड़ के गिरने से स्कूल की दीवार ढह गई। इससे दो कार क्षतिग्रस्त हो गईं।
वहीं, ग्रेटर नोएडा में सीआरसी बिल्डर के प्रोजेक्ट का जाल लटकने और पाइप गिरने से कार क्षतिग्रस्त हो गई। सुपरटेक ईको विलेज की सोसाइटी में फ्लैट की बालकनी के दरवाजे की खिड़की टूटी गई, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कई जगह पर पेड़ गिर गए। परथला के पास साइन बोर्ड गिर गया। वहीं ग्रेटर नोएडा वेस्ट की अपेक्स गोल्फ एवेन्यू सोसाइटी का मुख्य गेट गिर गया।
नोएडा–ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस–वे (परी चौक की ओर जाने वाले मार्ग) पर आंधी के कारण एक पोल गिर गया, जिस कारण यातायात प्रभावित हुआ। कैथल में भी शाम के समय आई तेज आंधी तूफान की वजह से सड़क पर पेड़ गिरने से यातायात बाधित हो गया।
मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को उत्तर कर्नाटक और गोवा तटों से दूर, पूर्वी मध्य अरब सागर पर ऊपरी हवा के चक्रवात के प्रभाव से एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। अगले 36 घंटों में इसके उत्तर की ओर बढ़ने और और अधिक सक्रिय होने की संभावना जताई गई है।
राजनीति
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र कर पीएम मोदी बोले, ‘22 अप्रैल का बदला 22 मिनट में लिया’

बीकानेर, 22 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राजस्थान के बीकानेर में एक सभा को संबोधित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि हमने 22 अप्रैल का बदला 22 मिनट में ले लिया।
पीएम मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “22 अप्रैल के हमले के जवाब में हमने 22 मिनट में आतंकियों के 9 सबसे बड़े ठिकाने तबाह कर दिए। दुनिया ने और देश के दुश्मनों ने भी देख लिया है कि जब सिंदूर बारूद बन जाता है तो नतीजा क्या होता है।”
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने तीनों सेनाओं को खुली छूट दी। तीनों सेनाओं ने मिलकर ऐसा चक्रव्यूह रचा कि पाकिस्तान को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया। राजस्थान की ये वीर धरा हमें सिखाती है कि देश और देशवासियों से बड़ा और कुछ नहीं है। 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने धर्म पूछकर हमारी बहनों की मांग का सिंदूर उजाड़ दिया था। वो गोलियां पहलगाम में चली थी, लेकिन उन गोलियों से 140 करोड़ देशवासियों का सीना छलनी हुआ था। इसके बाद हर देशवासी ने एकजुट होकर संकल्प लिया था कि आतंकवादियों को मिट्टी में मिला देंगे। उन्हें कल्पना से भी बड़ी सजा देंगे। आज आपके आशीर्वाद से देश की सेना के शौर्य से हम सब उस प्रण पर खरे उतरे हैं।”
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद से निपटने के लिए तीन सूत्रों पर भी बात की। पीएम मोदी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद से निपटने के तीन सूत्र तय कर दिए हैं। पहला- भारत पर आतंकी हमला हुआ तो करारा जवाब मिलेगा। समय हमारी सेनाएं तय करेंगी, तरीका भी हमारी सेनाएं तय करेंगी और शर्तें भी हमारी होंगी। दूसरा- एटम बम की गीदड़ भभकियों से भारत डरने वाला नहीं है। तीसरा- हम आतंक के आकाओं और आतंक की सरपरस्त सरकार को अलग-अलग नहीं देखेंगे, उन्हें एक ही मानेंगे। पाकिस्तान का ये खेल अब नहीं चलेगा।”
पीएम मोदी ने पाकिस्तान को भारी कीमत चुकाने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अब भारत ने दो टूक साफ कर दिया है कि हर आतंकी हमले की पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। ये कीमत पाकिस्तान की सेना और वहां की अर्थव्यवस्था चुकाएगी। पाकिस्तान ने अगर आतंकियों को एक्सपोर्ट करना जारी रखा तो उसको पाई-पाई के लिए मोहताज होना होगा। पाकिस्तान को भारत के हक का पानी नहीं मिलेगा। भारतीयों के खून से खेलना पाकिस्तान को अब महंगा पड़ेगा।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ये संयोग ही है कि 5 साल पहले जब बालाकोट में देश ने एयर स्ट्राइक की थी, उसके बाद मेरी पहली जनसभा राजस्थान में ही सीमा पर हुई थी। वीरभूमि का ही ये तप है कि ऐसा संयोग बन जाता है। अब इस बार जब ऑपरेशन सिंदूर हुआ, तो उसके बाद मेरी पहली जनसभा फिर यहां बीकानेर में आप सभी के बीच हो रही है।
उन्होंने आगे कहा, “एयर स्ट्राइक के बाद मैं जब चुरू आया था, तो मैंने कहा था कि “सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा।” आज मैं राजस्थान की धरती से देशवासियों से बड़ी नम्रता से कहना चाहता हूं कि जो सिंदूर मिटाने निकले थे, उन्हें मिट्टी में मिलाया गया है। जो हिंदुस्तान का लहू बहाते थे, आज कतरे-कतरे का हिसाब चुकाया है। जो सोच चुके थे कि भारत चुप रहेगा, आज वो घरों में दुबके पड़े हैं। जो अपने हथियारों पर घमंड करते थे, आज वो मलबे के ढेर में दबे हुए हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “ये शोध-प्रतिशोध का खेल नहीं, ये न्याय का नया स्वरूप है। ये ‘ऑपरेशन सिंदूर’ है। ये सिर्फ आक्रोश नहीं है, ये समग्र भारत का रौद्र रूप है। ये भारत का नया स्वरूप है। पहले घर में घुसकर वार किया था, अब सीधा सीने पर प्रहार किया है। आतंक का फन कुचलने की यही नीति है, यही रीति है। यही भारत है, नया भारत है।”
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका में इजरायली दूतावास के दो कर्मियों की गोली मारकर हत्या, जांच शुरू

वाशिंगटन, 22 मई। वाशिंगटन में यहूदी संग्रहालय के पास इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी ने इस घटना की पुष्टि की है।
होमलैंड सिक्योरिटी के मुताबिक, वाशिंगटन में इजरायली दूतावास के एक पुरुष और एक महिला कर्मचारी को बुधवार रात (अमेरिकी समयानुसार) कैपिटल यहूदी संग्रहालय से बाहर निकलते समय एक अज्ञात हमलावर ने गोली मार दी।
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने बताया, “इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की आज रात वाशिंगटन डीसी में यहूदी संग्रहालय के पास बेरहमी से हत्या कर दी गई। हम जांच कर रहे हैं। कृपया पीड़ितों के परिवारों के लिए प्रार्थना करें। हम इस अमानवीय अपराधी को न्याय के कटघरे तक अवश्य लाएंगे।”
इस बीच, इजरायल के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत डैनी डैनन ने इस हमले को “यहूदी-विरोधी आतंकवादी घटना” करार दिया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “यहूदी समुदाय को निशाना बनाना एक ‘लाल रेखा’ (खतरे के निशान ) को पार करना है। हमें विश्वास है कि अमेरिकी अधिकारी इस अपराध के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। इजरायल अपने नागरिकों और प्रतिनिधियों की सुरक्षा के लिए दृढ़ता से काम करता रहेगा।”
वाशिंगटन में इजरायली दूतावास के प्रवक्ता ताल नैम कोहेन ने हत्याओं की निंदा की और कहा, “हमें स्थानीय और संघीय स्तर पर कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर पूरा भरोसा है कि वे शूटर को पकड़ लेंगे और अमेरिका में इजरायल के प्रतिनिधियों और यहूदी समुदायों की रक्षा करेंगे।”
एफबीआई निदेशक काश पटेल ने कहा कि उन्हें और उनकी टीम को शूटिंग के बारे में जानकारी दी गई है और वे मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “हम पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करते हैं।”
उन्होंने कहा, “मेरी टीम और मुझे आज रात कैपिटल यहूदी संग्रहालय के बाहर और हमारे वाशिंगटन फील्ड ऑफिस के पास हुई शूटिंग के बारे में जानकारी दी गई है। हम एमपीडी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और अधिक जानकारी जुटा रहे हैं। अभी के लिए, कृपया पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करें। हम जनता को अपडेट रखेंगे।”
अमेरिकी मीडिया आउटलेट फॉक्स 5 से बात करते हुए अमेरिकन ज्यूइश कमेटी (एजेसी) ने पुष्टि की है कि बुधवार शाम को कैपिटल यहूदी संग्रहालय में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
एजेसी ने एक बयान में कहा, “हम इस बात से स्तब्ध हैं कि आयोजन स्थल के बाहर हिंसा की एक अकल्पनीय घटना हुई। इस समय, जब हम पुलिस से यह जानने का इंतजार कर रहे हैं कि वास्तव में क्या हुआ, हमारा ध्यान और हमारी संवेदनाएं केवल उन लोगों और उनके परिवारों के साथ हैं, जो प्रभावित हुए हैं।”
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