राष्ट्रीय समाचार
डिस्कॉम के लिए 90 हजार करोड़ रुपये का पैकेज नाकाफी, बकाया 1 लाख करोड़ रुपये के पार

वित्तीय संकट का सामना कर रहीं सरकारी विद्युत वितरण कंपनियों (डिसकॉम) के लिए केंद्र द्वारा घोषित 90,000 करोड़ रुपये की तरलता सहायता विद्युत उत्पादन कंपनियों के बकाए का भुगतान करने के लिए नाकाफी हो सकती है। क्योंकि बकाया राशि एक लॉख करोड़ रुपये के ऊपर पहुंच गया है।
विद्युत उत्पादन कंपनियों का डिस्कॉम पर बकाया वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 73 प्रतिशत और मासिक आधार पर आठ प्रतिशत बढ़कर अप्रैल 2020 तक 1,05,000 करोड़ रुपये हो गया है।
कुल बकाया 1,23,000 करोड़ रुपये है, जो नवंबर 2015 के 1,35,000 करोड़ रुपये के पीक स्तर के करीब है।
विद्युत वितरण कंपनियों पर विद्युत उत्पादन कंपनियों के कुल बकाए का 81 प्रतिशत राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और झारखंड जैसे प्रमुख राज्यों के डिस्कॉम पर है।
एमके ग्लोबल फायनेंशियल सर्विसिस की रिपोर्ट के अनुसार, डिस्कॉम्स की खराब वित्तीय सेहत लॉकडाउन के दौरान और बिगड़ गई, क्योंकि पूरे वाणिज्यिक और औद्योगिक सेगमेंट में बिजली की खपत में तीव्र गिरावट आई। संग्रह भी अप्रैल 2020 में 20 प्रतिशत और मई 2020 में 35-40 प्रतिशत गिर गया।
इससे डिस्कॉम पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया। राज्य सरकारों द्वारा आत्मनिर्भर भारत पैकेज तरलता सपोर्ट में भागीदारी के प्रति उदासीनता से यह समस्या और बढ़ी। राज्यों की उदासीनता की वजह यह है कि पीएफसी और आरईसी द्वारा डिस्कॉम को ऋण तभी दिए जाएंगे, जब राज्य सरकारें पूर्ण गारंटी देंगी।
चूंकि कोरोनावायरस महामारी के कारण राज्यों की वित्तीय हालत बुरी तरह प्रभावित हुई है, लिहाजा कुछ राज्यों ने केंद्र से इस योजना के तहत ऋण पर ब्याज दर में और कटौती कर इसे फिलहाल के 9.5 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत से कम पर लाने का आग्रह किया है। कुछ राज्यों ने अपने डिस्कॉम को तरलता पैकेज के लिए आगे बढ़ने की अनुमति ही नहीं दी।
एमके ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, “सरकार ने हालांकि आत्मनिर्भर भारत स्कीम के तहत 90 हजार करोड़ रुपये का एक पैकेज दिया है, लेकिन इसका क्रियान्वयन अनुमान से धीमा है। हम मानते हैं कि इसमें किसी भी अतिरिक्त देरी से पहले से संकटग्रस्त डिस्कॉम की वित्तीय सेहत और बिगड़ जाएगी।”
आज की तारीख तक पांच राज्यों के डिस्कॉम ने आत्मनिर्भर भारत स्कीम के तहत 33,100 करोड़ रुपये मांगे हैं – तमिलनाडु (15,500 करोड रुपये), आंध्रप्रदेश (6,600 करोड़ रुपये), महाराष्ट्र (5,000 करोड़ रुपये), राजस्थान (4,500 करोड़ रुपये) और पंजाब (2,000 करोड़ रुपये)। इनमें से अबतक 12,300 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की जा चुकी है (3,300 करोड़ रुपये आंध्रप्रदेश के लिए, 2,000 करोड़ रुपये पंजाब के लिए, 2,000 करोड़ रुपये राजस्थान के लिए और 5,000 करोड़ रुपये महाराष्ट्र के लिए)।
राष्ट्रीय समाचार
पीएम मोदी से बात करना सम्मानजनक, इस साल भारत आने का बेसब्री से इंतजार : एलन मस्क

नई दिल्ली, 19 अप्रैल। टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने शनिवार को कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी से बात करना उनके लिए सम्मानजनक है और वह इस साल के अंत में भारत आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
अरबपति बिजनेसमैन और पीएम मोदी ने इससे पहले कई मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं शामिल हैं।
एलन मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “पीएम मोदी से बात करना सम्मानजनक है। मैं इस साल के अंत में भारत आने का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।”
पीएम मोदी ने टेस्ला के सीईओ से कई मुद्दों पर बातचीत की।
पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “एलन मस्क से अलग-अलग मुद्दों पर बात की, जिसमें इस साल की शुरुआत में वाशिंगटन डीसी में हमारी बैठक के दौरान शामिल किए गए विषय भी शामिल हैं। हमने टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाओं पर चर्चा की। इन क्षेत्रों में भारत, अमेरिका के साथ अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
इससे पहले पीएम मोदी ने इस साल फरवरी में अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान वाशिंगटन में मस्क से मुलाकात की थी।
बैठक के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा था, “वाशिंगटन डीसी में एलन मस्क के साथ बैठक अच्छी रही। हमने स्पेस, मोबिलिटी, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें वे मुद्दे भी शामिल हैं, जिन्हें लेकर वे बेहद उत्साही हैं। मैंने सुधार और ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ को आगे बढ़ाने की दिशा में भारत के प्रयासों के बारे में बात की।”
एक दूसरे पोस्ट में, पीएम मोदी ने मस्क के बच्चों के साथ बिताए गए कुछ क्षणों की झलकियां साझा की, जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा, “एलन मस्क के परिवार से मिलना और कई विषयों पर बात करना भी एक खुशी की बात थी!”
पीएम मोदी की मस्क के साथ बातचीत ऐसे समय में हुई है, जब टेस्ला भारतीय बाजार में प्रवेश करने के लिए तैयार है।
यह घटनाक्रम भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए चल रही बातचीत की पृष्ठभूमि में भी हुआ है।
महाराष्ट्र
मुस्लिम थिंक टैंक ने बोहरा प्रतिनिधिमंडल के ‘कठोर’ वक्फ संशोधन अधिनियम के समर्थन की निंदा की

मुंबई: मुस्लिम थिंक टैंक मिल्ली शूरा ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर वक्फ संशोधन अधिनियम के प्रति समर्थन व्यक्त करने वाले दाऊदी बोहरा प्रतिनिधिमंडल की निंदा की है।
समूह ने इस कानून को एक ‘कठोर अधिनियम’ बताया, जिसका पूरे देश में मुस्लिम तंजीमों या संगठनों द्वारा पुरजोर विरोध किया गया, जिसमें संसद में विपक्षी पार्टी के सांसद और हिंदू तथा अन्य समुदायों के सदस्य भी शामिल थे।
संगठन ने कहा कि इस विधेयक का संसद के दोनों सदनों में और बाहर भी जोरदार विरोध किया गया। मिल्ली शूरा, मुंबई के संयोजक एडवोकेट जुबैर आज़मी और प्रोफेसर मेहवश शेख ने कहा कि बोहरा समुदाय द्वारा कानून का समर्थन मुस्लिम सामूहिक सहमति और मुस्लिम इज्मा से उनकी दूरी और विद्रोह को दर्शाता है, जो मुस्लिम उम्मा के प्रति उनकी असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
महाराष्ट्र
‘संभाजी नगर की सामूहिक औद्योगिक भावना महाराष्ट्र में सबसे मजबूत है,’ सीएम देवेंद्र फड़णवीस कहते हैं

संभाजी नगर: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने शुक्रवार को चैंबर ऑफ मराठवाड़ा इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (सीएमआईए) के साथ बातचीत के दौरान संभाजी नगर की बढ़ती औद्योगिक क्षमता की सराहना की।
उन्होंने स्थानीय उद्योगपतियों की उद्यमशीलता की भावना और सामूहिक प्रेरणा की प्रशंसा की तथा उन्हें इस क्षेत्र को एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र में बदलने में महत्वपूर्ण शक्ति बताया।
फडणवीस ने कहा, “जब व्यापार और उद्योग की बात आती है, तो मैं हमेशा कहता हूं कि संभाजी नगर के हमारे उद्योगपतियों में जिस तरह की उद्यमशीलता मैं देखता हूं, वह महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा है। यहां सबसे ज्यादा उत्सुकता है। अक्सर लोग अपने निजी व्यावसायिक विचारों के बारे में अपने फायदे के लिए ज्यादा सोचते हैं, लेकिन यहां मैं सामूहिक भावना देखता हूं। मैं एक सामूहिक प्रयास देखता हूं जो लगातार संभाजी नगर को आगे बढ़ाने और इसे एक औद्योगिक चुंबक में बदलने की दिशा में काम करता है।”
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं ने क्षेत्र में एक समृद्ध औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया है।
उन्होंने कहा, “उस समय कई लोगों ने सोचा होगा कि मैं अतिशयोक्ति कर रहा हूं, लेकिन आज जब हम डीएमआईसी (दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा) को देखते हैं, और हम देखते हैं कि 10,000 एकड़ का औद्योगिक क्षेत्र विकसित हो चुका है और एक भी भूखंड नहीं बचा है, तो अब प्रतीक्षा सूची है और हम 8,000 एकड़ अतिरिक्त भूमि का अधिग्रहण करने वाले हैं। आज सभी बड़े खिलाड़ी यहां मौजूद हैं।”
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में भविष्य में औद्योगिक विकास की काफी संभावनाएं हैं, विशेषकर डीएमआईसी क्षेत्र में चल रहे विकास को देखते हुए।
उन्होंने कहा, “जब भी हम उद्योगपतियों को संभाजी नगर लाते हैं, तो वे यहीं रहने और निवेश करने का निर्णय लेते हैं। दूसरी बात, उद्योग हमेशा एक और चीज की तलाश करते हैं: क्या वहां मानव संसाधन उपलब्ध है या प्रशिक्षित जनशक्ति है। और संभाजी नगर के उद्योगपतियों ने इतना अच्छा पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है कि यहां आने वाले हर व्यक्ति को लगता है कि उनकी जरूरत की हर चीज पहले से ही उपलब्ध है – और इसीलिए वे यहां निवेश करते हैं।”
मुख्यमंत्री फडणवीस ने पहले समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेसवे के निर्माण की वकालत की थी, जिसके बारे में उनका मानना है कि इसने औद्योगिक केंद्र के रूप में क्षेत्र की बढ़ती प्रमुखता में योगदान दिया है।
इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ स्वतंत्रता सेनानी चापेकर बंधुओं के स्मारक का दौरा किया, जिन्होंने 1897 में पुणे में प्लेग के कुप्रबंधन के लिए एक ब्रिटिश अधिकारी की हत्या कर दी थी।
मुख्यमंत्री ने स्कूली छात्रों से स्मारक देखने का आग्रह करते हुए कहा कि यह स्थान न केवल उस स्थान के बारे में है जहां ब्रिटिश अधिकारी मारा गया था, बल्कि यह “उनके पूरे परिवार के प्रगतिशील विचारों की झलक भी प्रदान करता है।”
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