राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली सरकार को मिली ऑक्सीमीटर की पहली खेप
												दिल्ली में होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना रोगियों को दिल्ली सरकार ऑक्सी पल्स मीटर मुहैया करवाएगी। दिल्ली सरकार को ऑक्सीमीटर की पहली खेप उपलब्ध हो गई है। खास बात यह है कि यह ऑक्सीमीटर दिल्ली सरकार को मुफ्त में मिले हैं।
होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को ऑक्सीमीटर दिए जाने का ऐलान करने के 24 घंटे के अंदर ही दिल्ली सरकार को 490 ऑक्सीमीटर की पहली खेप मिली है। यह ऑक्सीमीटर दिल्ली सरकार को एक उद्यमी ने डोनेट किए हैं।
राजीव श्रॉफ नामक एक उद्यमी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर उन्हें यह ऑक्सीमीटर भेंट किए हैं। मुख्यमंत्री ने इसकी पुष्टि करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर यह रीट्वीट किया है। इसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना संक्रमितों की देखभाल और होम आइसोलेशन को सपोर्ट करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
जल्द ही कई अन्य संगठन भी दिल्ली सरकार की इस मुहिम से जुड़ कर कोरोना संक्रमित को मिल रहे होम आइसोलेशन उपचार में सहयोगी बन सकते हैं।
दिल्ली के अंदर होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना रोगियों को दिल्ली सरकार ऑक्सी पल्स मीटर मुहैया करवाएगी। इस ऑक्सी पल्स मीटर से कोरोना रोगी अपने शरीर में ऑक्सीजन का स्तर माप सकेंगे। ऑक्सीजन की कमी होने पर दिल्ली सरकार कोरोना रोगियों को उनके घर पर ही ऑक्सीजन का सिलेंडर मुहैया करवाएगी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “कोरोना वायरस की बीमारी में यदि सही समय पर ऑक्सीजन मिल जाए तो बीमार व्यक्ति बहुत जल्द ठीक हो सकता है। दिल्ली सरकार अब होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमित लोगों को एक ऑक्सी मीटर देगी। जिससे वह घर पर ही अपने शरीर का ऑक्सीजन स्तर जांच सकते हैं।”
इसके अलावा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को जगन्नाथ रथ यात्रा के विषय पर कहा, “आज से भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा की शुरूआत हो रही है, भगवान जगन्नाथ जी की कृपा हम सभी पर सदैव बनी रहे।”
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली दंगा: मुझपर UAPA के तहत कोई केस नहीं बनता, शिफा उर रहमान ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

नई दिल्ली: दिल्ली दंगे मामले में आरोपी व एक्टिविस्ट शिफ़ा उर रहमान ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उन्हें ‘चुनकर फंसाया गया’ है और उनके खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून के तहत कोई अपराध नहीं बनता। उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर और रहमान पर यूएपीए और पुराने आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
आरोपियों पर ये है आरोप
इस मामले में पुलिस का आरोप है कि वे फरवरी 2020 के दंंगों के ‘मास्टरमाइंड’ थे, जिनमें 53 लोगों की मौत हुई और 700 से अधिक घायल हुए थे। यह हिंसा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान भड़की थी।
किसी भी गवाह ने नहीं की यह बात
रहमान की ओर से पेश सीनियर वकील सलमान खुर्शीद ने जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन. वी. अंजारिया की बेंच से कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व छात्रसंघ के अध्यक्ष के रूप में रहमान की भूमिका में किसी भी गवाह ने यह नहीं कहा कि वह हिंसा में शामिल थे।
वकील ने कोर्ट में दी दलील
वकील ने कहा कि नागरिकों को उस कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करने का अधिकार है, जिससे वे असहमत है, और शांतिपूर्ण विरोध को अपराधी आचरण के समान नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा, ‘उन्हें चुन-चुन कर आरोपी बनाया गया है।
यूएपीए के तहत नहीं साबित होता आरोप
यूएपीए के तहत कोई आरोप साबित नहीं होता, भले ही हम सभी आरोपों को सही मान लें। उन्होंने मुकदमे में कोई देरी नहीं की। कृपया उनका बैकग्राउंड देखा जाए। उन्होंने स्थानीय निकायों के लिए काम किया है, और जामिया को अपना घर मानते हैं।
राजनीति
पूर्व रेलमंत्री ललित नारायण मिश्रा हत्याकांड में 50 साल बाद फिर जांच की मांग, दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका

नई दिल्ली, 4 नवंबर: पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा (एलएन मिश्रा) की हत्या के 50 साल बाद भाजपा नेता और सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अश्विनी कुमार चौबे ने इस मामले में सीबीआई जांच पर सवाल उठाते हुए कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की है।
अश्विनी चौबे ने अपनी याचिका में दावा किया है कि एलएन मिश्रा की हत्या के लिए जिन लोगों को दोषी ठहराया गया, वे असल अपराधी नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई ने इस मामले की गहराई से जांच नहीं की और यह हत्या उस दौर की एक बड़ी राजनीतिक साजिश का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य जनता के बीच लोकप्रिय और प्रभावशाली नेता ललित नारायण मिश्रा को रास्ते से हटाना था।
ललित नारायण मिश्रा उस समय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और रेल मंत्री थे। 2 जनवरी 1975 को बिहार के समस्तीपुर में एक रेलवे प्रोजेक्ट का उद्घाटन करते समय हुए ग्रेनेड हमले में उनकी मौत हो गई थी। सीबीआई की जांच में आनंद मार्ग संगठन के चार सदस्यों संतोषानंद, सुधेवानंद, गोपालजी और रंजन द्विवेदी को आरोपी बनाया गया था। लंबी सुनवाई के बाद दिल्ली की एक अदालत ने 2014 में इन सभी को दोषी ठहराया था।
अश्विनी कुमार चौबे ने याचिका दायर कर दोबारा जांच की मांग की है। इस मामले में सुनवाई के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने भी 11 नवंबर की तारीख तय की है। दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस विवेक चौधरी और मनोज जैन की बेंच सुनवाई करेगी।
इससे पहले, अश्विनी चौबे ने ललित नारायण मिश्रा की हत्या की फिर से जांच की मांग करते हुए 27 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा था।
उन्होंने लिखा, “ललित नारायण मिश्रा की हत्या की निष्पक्ष जांच की मांग की जाती है, ताकि मामले में न्याय मिल सके क्योंकि यह न केवल ललित नारायण मिश्रा के परिवार की ओर से, बल्कि बिहार और मिथिलांचल क्षेत्र के लोगों की तरफ से भी मांगा गया है। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि जस्टिस मैथ्यू आयोग और जस्टिस तारकुंडे रिपोर्ट के साथ-साथ बिहार पुलिस सीआईडी रिपोर्ट में ललित नारायण मिश्रा की हत्या के संबंध में अलग-अलग निष्कर्ष हैं, इसलिए भारत सरकार की ओर से जांच स्थापित करना महत्वपूर्ण है ताकि ललित नारायण मिश्रा को न्याय मिल सके। इस मामले में आपसे हस्तक्षेप करने का विनम्र अनुरोध है।”
राजनीति
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के लिए मतदान जारी

नई दिल्ली, 4 नवंबर: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में आज यानी मंगलवार को छात्रसंघ चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। इस दौरान कई छात्र ऊर्जा एवं उत्साह के साथ मतदान के लिए पहुंच रहे हैं। विश्वविद्यालय के प्रत्येक स्कूल व केंद्र के छात्र इस चुनाव में मतदाता हैं।
विभिन्न छात्र संगठन बीते कई दिनों से विश्वविद्यालय के अलग-अलग हॉस्टल्स में छात्रों से संवाद स्थापित करने का प्रयास करते रहे। छात्र संगठनों का कहना है कि यह चुनाव केवल वैचारिक आंदोलन नहीं, बल्कि सेवा और समाधान की संस्कृति का प्रतीक है। मंगलवार सुबह से ही विभिन्न छात्र संगठनों से जुड़े युवा मतदान केंद्रों के आसपास जुटना शुरू हो गए थे। विश्वविद्यालय में कुल 8 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
जेएनयू के इन मतदान केन्द्रों पर मंगलवार सुबह 9 बजे से मतदान प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहली पाली का मतदान दोपहर 1 बजे तक चलेगा। इसके बाद दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर दूसरी पाली का मतदान प्रारंभ होगा जो शाम 5 बजकर 30 मिनट तक जारी रहेगा। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव व संयुक्त सचिव के लिए यह मतदान हो रहा है। विश्वविद्यालय के कुल 9043 छात्र मतदान में हिस्सा ले सकेंगे।
गौरतलब है कि विभिन्न वाम संगठन जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में इस वर्ष संयुक्त रूप से चुनाव लड़ रहे हैं। वाम संगठन जैसे कि एसएफआई, आइसा व डीएसएफ लंबे समय बाद छात्रसंघ चुनाव में साथ आए हैं। इन वामदलों की ओर से अध्यक्ष पद के लिए अदिति मिश्रा मैदान में हैं। उपाध्यक्ष के लिए कीझाकूट गोपिका बाबू, सचिव पद पर सुनील यादव व संयुक्त सचिव के लिए दानिश अली चुनाव लड़ रहे हैं।
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में अभाविप की ओर से अध्यक्ष पद पर विकास पटेल चुनाव मैदान में हैं। उपाध्यक्ष पद पर तान्या कुमारी चुनाव लड़ रही हैं। महासचिव पद के लिए राजेश्वर कांत दुबे व संयुक्त सचिव पद के लिए अनुज एबीवीपी के प्रत्याशी हैं। इसके अलावा अन्य संगठनों ने भी इन चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं। विश्वविद्यालय में मतदान प्रारंभ होने के साथ ही छात्रों को इस संबंध में जानकारी देने की भी पूरी व्यवस्था की गई है।
चुनाव नतीजों की बात करें तो 6 नवंबर को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव का नतीजा जारी किया जाएगा। इस साल जेएनयू छात्र संघ चुनाव कमेटी की ओर से एक ऑफिशियल वेबसाइट की जानकारी दी गई है। विश्वविद्यालय के छात्र इस वेबसाइट के जरिए लाइव रिजल्ट और अन्य आधिकारिक सूचनाएं हासिल कर सकेंगे। छात्र संगठनों ने इन चुनावों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व छात्रों से जुड़े अनेक मुद्दे उठाए हैं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने इन चुनावों में शोधार्थियों की फेलोशिप, हॉस्टल आवंटन की पारदर्शिता, वाई-फाई सुविधा के विस्तार, और अकादमिक वातावरण के सुदृढ़ीकरण जैसे मुद्दों को उठाया है। एबीवीपी का कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय, पटना विश्वविद्यालय, गुवाहाटी विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय और हैदराबाद विश्वविद्यालय सहित कई संस्थानों में अभाविप के प्रति छात्रों का समर्थन तेजी से बढ़ा है। यह लहर केवल चुनावी नहीं, बल्कि वैचारिक परिवर्तन की लहर है, जो बताती है कि आज का युवा संघर्ष नहीं, समाधान चाहता है।
- 
																	
										
																			व्यापार5 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
 - 
																	
										
																			अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
 - 
																	
										
																			महाराष्ट्र4 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
 - 
																	
										
																			अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
 - 
																	
										
																			न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
 - 
																	
										
																			अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
 - 
																	
										
																			अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
 - 
																	
										
																			राष्ट्रीय समाचार9 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
 
