राजनीति
हम कोरोना को जितना रोक पाएंगे, उतनी ही हमारी अर्थव्यवस्था खुलेगी : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने की दिशा में लगातार काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम कोरोना को जितना रोक पाएंगे, उतनी ही हमारी अर्थव्यवस्था खुलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की चर्चा से आगे की रणनीति तय करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान पंजाब, असम, केरल, उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, गोवा, मणिपुर, सिक्किम सहित कुल 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को भी शाम तीन बजे से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, गुजरात सहित कुल 15 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमें इस बात का हमेशा ध्यान रखना है कि हम कोरोना को जितना रोक पाएंगे, उसका बढ़ना जितना रोक पाएंगे, उतना ही हमारी अर्थव्यवस्था खुलेगी, हमारे दफ्तर खुलेंगे, मार्केट खुलेंगे, ट्रांसपोर्ट के साधन खुलेंगे, और उतने ही रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स, हेल्थ के जानकार, लॉकडाउन और भारत के लोगों द्वारा दिखाए गए अनुशासन की आज चर्चा कर रहे हैं। आज भारत में रिकवरी रेट 50 प्रतिशत से ऊपर है। आज भारत दुनिया के उन देशों में अग्रणी है जहां कोरोना संक्रमित मरीजों का जीवन बच रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना की लड़ाई में भारत को एक उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि भविष्य में जब कभी भारत की कोरोना के खिलाफ लड़ाई का अध्ययन होगा, तो ये दौर इसलिए भी याद किया जाएगा कि कैसे इस दौरान हमने साथ मिलकर काम किया, कॉपरेटिव फीडरिज्म का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ इस वीडियो कांफ्रेंसिंग के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि इससे आगे की रणनीति तय करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, “आज इस चर्चा में मुझे भी आपसे बहुत कुछ जानने का मौका मिलेगा, जमीनी स्तर पर वास्तविकता को समझने का अवसर मिलेगा,आज की चर्चा के निकले प्वाइंट और आपके सुझाव देश को आगे की रणनीति निर्धारित करने में मदद करेंगे।”
उन्होंने कहा कि अनलॉक1 को 2 सप्ताह हो रहे हैं, इस दौरान जो अनुभव आए हैं उसकी समीक्षा उसपर चर्चा आगे के लिए बहुत उपयोगी हो सकती हैं। निर्यात सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं। इससे पता चलता है कि हालात सुधर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोकल प्रोडक्ट के लिए जिस क्लस्टर बेस्ड रणनीति की घोषणा की गई है, उसका भी लाभ हर राज्य को होगा। इसके लिए जरूरी है कि हम हर ब्लॉक, हर जिले में ऐसे प्रोडक्ट्स की पहचान करें, जिनकी प्रोसेसिंग या मार्केटिंग करके, एक बेहतर प्रोडक्ट हम देश और दुनिया के बाजार में उतार सकते हैं।
राष्ट्रीय समाचार
ईडी ने यशदीप शर्मा के बैंक धोखाधड़ी मामले में चार शहरों में मारा छापा

ED
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को यशदीप शर्मा और अन्य के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी मामले में चार प्रमुख शहरों दिल्ली, हैदराबाद, जयपुर और मुंबई में एक-एक परिसर पर तलाशी अभियान चलाया।
यह कार्रवाई डीएलजेडओ-I जोनल कार्यालय द्वारा की जा रही है। ईडी ने पंजाब एंड सिंध बैंक की शिकायत पर दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर एक ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दर्ज किया है। जांच में पाया गया कि यशदीप शर्मा और उनके परिवार के सदस्यों ने अपनी स्वामित्व वाली संस्थाओं के जरिए बैंक से लिए गए लगभग 70 करोड़ रुपये के ऋण की हेराफेरी की।
ईडी के अनुसार, तलाशी वाले परिसर यशदीप शर्मा से जुड़े व्यक्तियों और संस्थाओं के हैं। ऋण की बड़ी रकम को उनकी विभिन्न कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया गया, जो किसी व्यावसायिक गतिविधि में शामिल नहीं थीं। इससे बैंक को भारी नुकसान हुआ। यह धोखाधड़ी का मामला मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है। तलाशी के दौरान दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड और अन्य सबूत जुटाए जा रहे हैं ताकि फंड्स के गैरकानूनी प्रवाह का पता लगाया जा सके।
यशदीप शर्मा की संस्थाएं मुख्य रूप से रियल एस्टेट और अन्य क्षेत्रों में सक्रिय बताई जा रही हैं। लेकिन, जांच में सामने आया कि ऋण का इस्तेमाल व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया। ईडी का कहना है कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार और बैंक फ्रॉड पर लगाम लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। इससे पहले सीबीआई ने भी इस मामले में प्रारंभिक जांच की थी, जिसमें शर्मा परिवार की भूमिका संदिग्ध पाई गई।
वहीं, ईडी ने कहा कि जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। बैंकिंग क्षेत्र में ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं और ऐसी छापेमारी से निवेशकों का भरोसा मजबूत होगा। फिलहाल, तलाशी अभियान सुचारू रूप से चल रहा है और जल्द ही और खुलासे होने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय समाचार
जोगेश्वरी मौत मामला: सुरक्षा अनुपालन सुनिश्चित करना बिल्डर की ज़िम्मेदारी है: बीएमसी

CRIME
मुंबई भाजपा अध्यक्ष और विधायक अमीत साटम ने मांग की है कि बीएमसी सुरक्षा मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी निर्माणाधीन स्थलों का शहरव्यापी ऑडिट कराए।
यह मांग 22 वर्षीय संस्कृति अमीन की दुखद मौत के बाद आई है, जिसकी 8 अक्टूबर को जोगेश्वरी पूर्व में एक पुनर्विकास स्थल से गिरती ईंट से मौत हो गई थी।
साटम ने घटना की गहन जाँच की भी माँग की। रविवार को लगभग 1,000 निवासियों ने बिल्डर के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की माँग करते हुए एक विरोध मार्च निकाला।
“मेरे संज्ञान में लाया गया है कि उक्त स्थल पर सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं किए जाने के संबंध में पहले भी शिकायतें मिली थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
साटम ने कहा, “अगर ये आरोप सही हैं तो बीएमसी प्रशासन को संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।”
साटम ने शहर भर में कड़ी सुरक्षा जाँच की भी माँग की। उन्होंने आगे कहा,
“बीएमसी को सभी निर्माणाधीन स्थलों का ऑडिट करना चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि सुरक्षा मानदंडों का पालन हो रहा है या नहीं। किसी भी उल्लंघन को जल्द से जल्द ठीक किया जाना चाहिए।
जन सुरक्षा के हित में, अनुपालन सुनिश्चित होने तक काम रोकने का नोटिस जारी किया जाना चाहिए।”
इस बीच, बीएमसी के भवन प्रस्ताव विभाग, जो नए निर्माण और पुनर्विकास परियोजनाओं के लिए अनुमति प्रदान करता है, ने कहा कि निर्माण स्थलों पर सभी एहतियाती सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करना बिल्डर, डेवलपर, वास्तुकार और अन्य पेशेवरों की जिम्मेदारी है।
राज्य शहरी विकास विभाग ने अगस्त 2025 में ऊँची इमारतों के निर्माण कार्यों के लिए विशेष सुरक्षा नियंत्रण दिशानिर्देश जारी किए।
कुछ सिफारिशें इस प्रकार हैं: एक सुरक्षा अधिकारी की नियुक्ति, अग्रभाग और ऊँचाई संबंधी कार्यों के लिए सुरक्षा, आस-पास के क्षेत्रों की सुरक्षा, और अस्वीकृति की सूचना (IOD) की शर्तों का अनुपालन।
“डीसीपीआर 2034 खंड 12(5) के प्रावधानों के अनुसार, यह बिल्डर की जिम्मेदारी है कि वह साइट पर और आसपास के क्षेत्रों में सभी सुरक्षा सावधानियां सुनिश्चित करे।
आईओडी की अनुमति देने से बीएमसी किसी भी प्रकार की चोट या क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं होती। सरल शब्दों में, एक बार जब किसी बिल्डर को काम शुरू करने की अनुमति मिल जाती है, तो वह सुरक्षा मानदंडों के पालन की पूरी ज़िम्मेदारी स्वीकार करता है,” एक वरिष्ठ बीएमसी अधिकारी ने कहा।
अधिकारी ने कहा कि हालांकि बीएमसी अनुपालन की पुष्टि के लिए निर्माण स्थलों का निरीक्षण करती है, लेकिन दौरे अक्सर नहीं होते, जिससे प्रवर्तन की प्रभावशीलता पर चिंताएं पैदा होती हैं।
अपराध
सिंडिकेट बैंक धोखाधड़ी मामला: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ईडी ने घर खरीदारों को लौटाई संपत्ति

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सिंडिकेट बैंक (अब केनरा बैंक) धोखाधड़ी मामले में जब्त की गई ‘रॉयल राजविलास’ परियोजना की संपत्तियों को लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के 10 अक्टूबर को दिए गए आदेश के बाद उठाया गया है।
यह मामला 2011 से 2016 के बीच सिंडिकेट बैंक से मुख्य आरोपी भरत बंब और अन्य द्वारा की गई 1267.79 करोड़ रुपए की बड़ी धोखाधड़ी से संबंधित है। सीबीआई ने इस संबंध में प्राथमिकी और आरोपपत्र दायर किए थे। ईडी ने इस धोखाधड़ी की आय को ‘रॉयल राजविलास’ परियोजना के अधिग्रहण और विकास में लगाने के आरोप में मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम 2002 के तहत जांच शुरू की थी।
जांच के दौरान, ईडी ने 2 अप्रैल 2019 को एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया था, जिसके तहत 365 बिना बिके फ्लैट, 17 वाणिज्यिक इकाइयां और 2 प्लॉट कुर्क किए गए थे। इस कुर्की की पुष्टि एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने भी की थी।
इसके बाद, याचिकाकर्ता कंपनी को कॉर्पोरेट देनदार के रूप में दिवाला और दिवालियापन संहिता 2016 के तहत कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में लाया गया। सीआईआरपी के तहत, मुंबई स्थित एनसीएलटी ने 24 फरवरी 2022 को न केवल समाधान योजना को मंजूरी दी, बल्कि ईडी के कुर्की आदेश को भी रद्द कर दिया।
ईडी ने एनसीएटी के इस आदेश को यह कहते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर में चुनौती दी कि एनसीएलटी के पास पीएमएलए के तहत पारित कुर्की आदेश को रद्द करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है। यह कानूनी लड़ाई उच्च न्यायालय की एकल पीठ और खंडपीठ दोनों में चली। उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 28 मार्च 2025 को अपने निर्णय में एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया।
इसके बाद मामला मेसर्स उदयपुर वर्ल्ड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दायर एक एसएलपी के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने घर खरीदारों के हितों को सर्वोपरि मानते हुए ईडी को निर्दोष घर खरीदारों को संपत्ति वापस करने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 अक्टूबर के अपने आदेश में निदेशालय के इस प्रयास की सराहना करते हुए निपटारा कर दिया। हालांकि, ईडी ने यह स्पष्ट किया है कि पीएमएलए के तहत सिंडिकेट बैंक धोखाधड़ी मामले में उसकी जांच अभी भी जारी है और यदि किसी घर खरीदार द्वारा किए गए भुगतान की राशि भविष्य की जांच में अपराध की आय से जुड़ी पाई जाती है, तो निदेशालय कानून के अनुसार उचित कदम उठाने का हकदार होगा।
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