अपराध
भारत में सामने आए कोविड-19 के 18653 नए मामले, कुल आंकड़ें हुए 5.85 लाख
भारत में बीते 24 घंटों में कोविड-19 के 18,653 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिसके बाद कुल मामले 5,85,493 हो गए हैं। वहीं इससे होने वाली मौतों की संख्या 17,400 हो गई है। यह जानकारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों से मिली। अस्पतालों से अब तक कुल 3,47,978 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है, जबकि कोविड-19 के रोगियों में रिकवरी दर 59.07 प्रतिशत है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटों में देश में 507 मौतें दर्ज की गईं, जिसके बाद कोविड-19 से होने वाली मौतों का कुल आंकड़ा 17,400 हो गया।
महाराष्ट्र में 4878 नए मामले दर्ज किए गए हैं, यह देश का सबसे प्रभावित राज्य है। यहां संक्रमण के कुल 1,74,761 मामले हैं, जबकि 7855 लोगों की मौत हो चुकी हैं।
इसके बाद तमिलनाडु का स्थान है, जहां कुल 90,167 मामले हैं, जिसमें से 1201 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50074 लोग उबर चुके हैं। वहीं राज्य में अभी 38892 सक्रीय मामले हैं।
दिल्ली में कुल 87,360 मामले हैं, जिनमें 2,742 मौतें शामिल हैं, वहीं अब तक 58,348 लोग ठीक हो चुके हैं।
वहीं 10,000 से अधिक मामलों वाले राज्यों में गुजरात में 32,557 मामलों और 1,846 मौतों के साथ चौथे स्थान पर है, इसके बाद उत्तर प्रदेश (23,492), राजस्थान (18,014), मध्य प्रदेश (13,593), पश्चिम बंगाल (18,559), हरियाणा (14,548), कर्नाटक (15,242), आंध्र प्रदेश, (14,595) और तेलंगाना (16,339) शामिल हैं।
देश में डायग्नोस्टिक लैब की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। भारत में अब कोविड-19 को समर्पित 1,049 लैब हैं। इनमें 761 सरकारी लैब और 288 निजी लैब शामिल हैं।
अपराध
ग्वालियर में झूठी इज्जत की खातिर बेटी की गोली मारकर हत्या
ग्वालियर, 15 जनवरी। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में ऑनर किलिंग का मामला सामने आया है, जहां पिता ने अपने भतीजे के साथ मिलकर बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी।
लड़की का नाम तनु था और वह 18 जनवरी को होने वाली शादी के लिए तैयार नहीं थी। पिता और चचेरे भाई की गोली का शिकार बनी तनु गुर्जर महाराजपुरा थाने में रहती थी। वह पिछले छह साल से अपने प्रेमी के साथ रिलेशन में थी। घर वालों ने जबरदस्ती तनु की शादी तय कर दी थी।
18 जनवरी को तनु की शादी होने वाली थी। घर में हल्दी आदि की रस्में भी चल रही थीं। इसी दौरान तनु ने शादी से इंकार कर दिया। तनु के शादी से इंकार पर परिजन नाराज थे। तनु ने दो दिन पहले एक वीडियो पुलिस अधिकारियों को भेजकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था, जिसमें उसने कहा था कि वह किसी और युवक से प्रेम करती है, लेकिन पिता उसकी मर्जी के बगैर कहीं और शादी करना चाहते हैं।
इसके बाद पुलिस द्वारा नजर रखी जा रही थी। इसी बीच पिता और चचेरा भाई तनु को एक कमरे में ले गए और गोली मार दी। वहीं पुलिस ने पिता और भतीजे के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। बेटी की गोली मारकर हत्या करने के बाद पिता मौके पर ही मौजूद रहा और उसे बेटी की हत्या का कोई पछतावा नहीं है।
तनु का एक वीडियो सोशल मीडिया पर है, जिसमें वह कह रही है कि मेरा नाम तनु गुर्जर है, मेरे पापा का नाम महेश और मां का नाम ममता गुर्जर है। मैं एक लड़के से प्यार करती हूं, छह साल से उसके साथ रिलेशन में हूं। घर वाले पहले हमारी शादी के लिए मान गए थे, लेकिन बाद में मुकर गए। अब वो मुझे मारते हैं और जान से मारने की धमकी देते हैं। मैं जिससे प्यार करती हूं, वह आगरा में रहता है। अगर मुझे कुछ हुआ तो मेरी मौत के जिम्मेदार मेरे घर वाले होंगे। वो मुझ पर शादी करने का दबाव बना रहे हैं, लेकिन मैं यह नहीं कर सकती हूं।
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बंगाल : ‘एक्सपायरी’ सलाइन से मौत मामला, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई अंगों के फेल होने की बात आई सामने
कोलकाता, 15 जनवरी। पश्चिम मिदनापुर जिले में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 10 जनवरी को कथित तौर पर एक्सपायर रिंगर लैक्टेट दिए जाने के बाद मरने वाली महिला मामोनी रुइदास की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें उसकी मौत के पीछे मल्टी ऑर्गन फेलियर और सेप्टीसीमिया होने का संकेत दिया गया है।
मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी महिला के शरीर में जहरीले तरल पदार्थ की मौजूदगी की बात कही गई है। इस बात ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पीड़िता को सलाइन के अलावा ऑक्सीटोसिन भी दिया गया था ताकि जहरीले तरल पदार्थ के असर को नियंत्रित रखा जा सके।
इस मामले में पहले से ही दो जांच की जा रही हैं, पहली राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित समिति और दूसरी राज्य पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) कर रहा है।
पिछले सप्ताह पश्चिम मिदनापुर जिले के उक्त सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पांच महिलाएं कथित तौर पर एक्सपायरी रिंगर लैक्टेट दिए जाने के बाद बीमार पड़ गई थीं। इनमें से एक महिला की अस्पताल में मौत हो गई।
इसके बाद अन्य चार महिलाओं को उसी अस्पताल की क्रिटिकल केयर यूनिट और इंटेंसिव केयर यूनिट में उपचार के लिए रखा गया। उनमें से तीन को उनकी चिकित्सा स्थिति में तेज गिरावट के बाद कोलकाता के सरकारी एस.एस.के.एम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित करना पड़ा।
इस घटना ने गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं, क्योंकि एक्सपायरी आरएल सलाइन कथित तौर पर पश्चिम बंगा फार्मास्युटिकल लिमिटेड से आई थी, जो कि पहले कर्नाटक सरकार और बाद में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रतिबंधित की गई कंपनी थी।
इसके बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों-सह-उप-प्रधानाचार्यों और जिलों के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में पश्चिम बंगा फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा आपूर्ति किए गए कंपाउंड सोडियम लैक्टेट इंजेक्शन (आरएल) के मौजूदा स्टॉक को पूरी तरह से बंद कर दें।
बाद में, राज्य सरकार ने राज्य में सभी स्वास्थ्य सेवा संस्थाओं से उक्त कंपनी द्वारा आपूर्ति की गई सभी दवाओं के स्टॉक को हटाने का भी निर्देश दिया।
इस घटना ने राज्य की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में इसी तरह के मामलों को लेकर चिंताएं फिर से पैदा कर दी हैं।
अपराध
ठाणे क्राइम ब्रांच ने तीन बांग्लादेशी महिलाओं को किया गिरफ्तार
मुंबई, 15 जनवरी। देश के अलग-अलग राज्यों में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में ठाणे जिले में अवैध रूप से रह रही तीन बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये महिलाएं ठाणे जिले के डोंबिवली इलाके के मानपाड़ा पुलिस थाने के अंतर्गत कोलेगांव में अनिल पाटिल चॉल में रह रही थीं। इन महिलाओं को ठाणे क्राइम ब्रांच यूनिट-4 ने गिरफ्तार किया है।
ठाणे क्राइम ब्रांच के अनुसार, गिरफ्तार महिलाओं की पहचान रोजीना बेगम (29), तंजिला खातून (22) और शेफाली बेगम (23) के रूप में हुई है। सभी महिलाएं बांग्लादेश के जेसोर जिले के नवापारा इलाके की रहने वाली हैं।
बता दें कि 1 जनवरी से लेकर 11 जनवरी तक मुंबई के विभिन्न इलाकों से 26 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद अब तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है।
मुंबई पुलिस ने मुंबई में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ अभियान चलाकर शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों, गोवंडी, शिवाजी नगर, मानखुर्द, देवनार, चूनाभट्टी और घाटकोपर से कई बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। इन गिरफ्तारियों में कई ऐसे लोग भी हैं जो 10 से 15 सालों से मुंबई में रह रहे थे।
पुलिस ने इन घुसपैठियों के पास से बर्थ सर्टिफिकेट, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों को बरामद किए थे। जांच में सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए। पुलिस के अनुसार, इन घुसपैठियों के दस्तावेज एजेंटों द्वारा बनाए गए थे, जो 5 से 10 हजार रुपये लेकर इन घुसपैठियों के लिए फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट और अन्य जरूरी दस्तावेज तैयार करते थे, जिनकी मदद से उनका आधार कार्ड भी बनवाया गया था।
मुंबई पुलिस के डीसीपी नवनाथ ढवले ने बीते दिनों कहा था कि अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
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