राजनीति
योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर से किया नामांकन, अमित शाह भी रहे मौजूद
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व गोरखपुर शहर के प्रत्याशी योगी आदित्यनाथ ने आज अपना नामांकन किया। पहली बार विधानसभा लड़ने जा रहे योगी आदित्यनाथ के साथ गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे।
गोरखपुर कलेक्ट्रेट के कमरा नंबर-24 में मुख्यमंत्री के पर्चा भरने के दौरान वहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। इसके पहले दोनों नेताओं ने एमपी इंटर कालेज मैदान पर एक सभा को सम्बोधित किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पैदल ही अमित शाह के साथ गोरखपुर कलेक्ट्रेट नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंचे थे। अमित शाह के साथ धर्मेन्द्र प्रधान भी थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस दौरान वहां पर आधिकारिक प्रोटोकॉल नहीं दिया गया। यहां पर योगी आदित्यनाथ बतौर यूपी के मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि एक उम्मीदवार के रूप में पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर शहर विधानसभा सीट के लिए दो सेट में नामांकन किया। मुख्यमंत्री योगी 12.45 बजे गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं प्रस्तावक विश्वनाथ अंदर गए और पर्चा दाखिल किया। उसके बाद 12.49 पर बाहर आए और गृहमंत्री बाहर सोफे पर बैठ गए। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी प्रस्तावक सुरेंद्र अग्रवाल के साथ 12.51 पर अंदर गए और दूसरा सेट में नामांकन दाखिल किया।
यह पहला मौका है कि तीनों बड़े नेता एक साथ किसी के नामांकन में शामिल होने के लिए गोरखपुर पधारे हैं। सीएम योगी गोरखपुर शहर विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार बनाए गए हैं।
नामांकन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बृहस्पतिवार को भी कलेक्ट्रेट के अलग-अलग न्यायालय कक्षों में रिटनिर्ंग ऑफिसर (आरओ)-सहायक रिटनिर्ंग ऑफिसर (एआरओ) ने बैठकर, उन सभी प्रक्रियाओं को पूरा किया जो नामांकन के दौरान होती हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी और एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने नामांकन कक्षों समेत पूरे कलेक्ट्रेट परिसर और शास्त्री चौराहे से कचहरी चौराहे तक का निरीक्षण कर तैयारियां जांची। नामांकन के दौरान यह मार्ग बंद रहेगा। इससे सिर्फ प्रशासन एवं पुलिस के अफसरों की ही गाड़ियां गुजर सकेंगी।
नामांकन के दौरान कलेक्ट्रेट परिसर एवं उसके आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहेंगे। बड़ी संख्या में फोर्स तैनात की गई है। कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट से लेकर नामांकन कक्ष के बाहर व भीतर जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
राष्ट्रीय समाचार
डीजीसीए ने पायलटों की मेडिकल जांच आसान की, 10 नए एयरोमेडिकल सेंटर जोड़े

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर: नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पायलटों और एयरक्रू की मेडिकल जांच को तेज और आसान बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार को 10 नए एयरोमेडिकल मूल्यांकन केंद्रों को मंजूरी दी गई, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में फैले हैं।
डीजीसीए के इस कदम से क्लास 1, 2 और 3 मेडिकल जांच की क्षमता बढ़ेगी, और पायलटों को समय पर सर्टिफिकेट मिल सकेगा।
पहले सिर्फ 8 केंद्र थे, जो सिर्फ क्लास 1 की शुरुआती जांच करते थे। अब नए केंद्र सभी तरह की जांच करेंगे, जिसमें शुरुआती, स्पेशल, अस्थायी अयोग्यता के बाद और उम्र से जुड़ी जांच भी शामिल हैं।
ये केंद्र भारतीय वायुसेना के बोर्डिंग सेंटरों के अलावा हैं। सभी में आधुनिक मशीनें, अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर और विशेष डॉक्टर उपलब्ध हैं। डीजीसीए के सख्त नियम और आईसीएओ (अंतरराष्ट्रीय मानक) का पालन होगा।
नए केंद्रों की लोकेशन की बात करें तो अपोलो हॉस्पिटल्स (नई दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, इंदौर), मुंबई: नानावटी हॉस्पिटल्स, पुणे: रूबी हॉल क्लिनिक, वीएम मेडिकल केयर सेंटर, नई दिल्ली: मैक्स मल्टी स्पेशियलिटी सेंटर और मेदांता मेडिसिटी शामिल हैं।
डीजीसीए का कहना है कि इससे जांच में देरी कम होगी, पायलटों की कमी नहीं होगी और उड़ान सुरक्षा मजबूत रहेगी। भारत दुनिया का सबसे तेज बढ़ता एविएशन मार्केट है, इसलिए नियामक ढांचे को मजबूत करना जरूरी है।
इस संबंध में सभी विस्तृत दिशा-निर्देशों और अनुदेशों के साथ डीजीसीए की आधिकारिक वेबसाइट पर ‘सार्वजनिक सूचना’ प्रकाशित की गई है।
यह विस्तार चिकित्सा प्रमाणन प्रक्रिया को अधिक कुशल और कम समय लेने वाला बनाकर विमानन समुदाय के कल्याण के प्रति डीजीसीए की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे प्रशासनिक देरी के कारण संभावित पायलटों की कमी को कम करने में मदद मिलेगी।
यह पहल दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजार की मांगों को पूरा करने के लिए भारत के नागरिक विमानन नियामक ढांचे को आधुनिक बनाने और बढ़ाने के डीजीसीए के निरंतर प्रयास का एक हिस्सा है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
सोनम वांगचुक की नजरबंदी मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट लद्दाख स्थित जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत नजरबंदी को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा।
वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे अंगमो की ओर से दायर इस मामले में उनकी नजरबंदी की वैधता और अधिकारियों द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं।
इस महीने की शुरुआत में, न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने अंगमो को अपनी रिट याचिका में संशोधन करने की अनुमति दी थी, जब उनके वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सरकार की ओर से दिए गए नए विवरण शामिल करने की अनुमति मांगी थी।
सिब्बल ने अदालत को बताया कि केंद्र सरकार ने वांगचुक को नजरबंदी के आधार बता दिए हैं, जिससे मूल याचिका में संशोधन करना जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा, “मैं याचिका में संशोधन करूंगा ताकि मामला यहीं जारी रह सके।” इसके बाद, अदालत ने मामले की अगली सुनवाई बुधवार को तय कर दी।
सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका में मूल रूप से यह तर्क दिया गया था कि अधिकारी एनएसए की धारा 8 के तहत हिरासत के आधार प्रस्तुत करने में विफल रहे हैं, जिसके अनुसार बंदियों को एक निश्चित समय के भीतर उनकी हिरासत के कारणों के बारे में सूचित किया जाना आवश्यक है।
हालांकि, लेह प्रशासन ने जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोंक के माध्यम से दायर अपने हलफनामे में दावा किया कि निर्धारित अवधि के भीतर बंदी को कारणों से विधिवत अवगत करा दिया गया था।
इस बीच, एनएसए के तहत गठित सलाहकार बोर्ड ने हाल ही में वांगचुक की हिरासत की समीक्षा की। पूर्व न्यायाधीश एमके हुजुरा (अध्यक्ष), जिला न्यायाधीश मनोज परिहार और सामाजिक कार्यकर्ता स्पल जयेश अंगमो सहित तीन सदस्यीय पैनल ने राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल में तीन घंटे तक बंद कमरे में सुनवाई की। कार्यवाही के दौरान वांगचुक और उनकी पत्नी दोनों मौजूद थे।
सुनवाई कथित तौर पर एनएसए लगाने के प्रशासन के औचित्य और वांगचुक के प्रतिनिधित्व पर केंद्रित थी, जिसमें इसे चुनौती दी गई थी।
सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था। इसके बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हुए और नागरिक अधिकार समूहों ने भी इसकी आलोचना की। उन्होंने वांगचुक की हिरासत को मनमाना और अनुचित बताया।
राजनीति
महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए तेजस्वी के साथ राहुल गांधी शुरू करेंगे चुनावी प्रचार

rahul gandhi
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन की ओर से चुनावी अभियान तेज कर दिया गया है। अब चुनावी अभियान को धार देने के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बुधवार से बिहार में चुनावी अभियान में हिस्सा लेंगे।
राहुल गांधी चुनावी अभियान की शुरुआत करते हुए मुजफ्फरपुर और दरभंगा में जनसभाओं को संबोधित करेंगे। वह महागठबंधन के सीएम पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के साथ संयुक्त रूप से मंच साझा करेंगे। दोनों नेता जनसभाओं को संबोधित करेंगे और महागठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में वोट करने की अपील करेंगे।
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव वोटर अधिकार यात्रा के बाद एक बार फिर एक साथ जनता के बीच होंगे। तय कार्यक्रम के अनुसार, राहुल गांधी बुधवार को दोपहर 12:30 बजे श्री कृष्ण राय यादव मैदान, सादपुरा बुजुर्ग, मझौलिया, सकरा, मुजफ्फरपुर में तेजस्वी यादव के साथ संयुक्त जनसभा को संबोधित करेंगे।
इसके बाद दोपहर 2:15 बजे गंगा भगत मेमोरियल मैदान, दरभंगा में तेजस्वी यादव के साथ संयुक्त जनसभा होगी। बिहार कांग्रेस नेताओं के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राहुल गांधी का राज्य का पहला दौरा होगा। राहुल गांधी ने इससे पहले बिहार में वोटर अधिकार यात्रा में हिस्सा लिया था। उन्होंने 16 दिन बिहार में बिताए थे और कई जिलों में लोगों से बातचीत करने के लिए लगभग 1,300 किलोमीटर की यात्रा की थी।
वोटर अधिकार यात्रा के बाद राहुल गांधी एक बार फिर बिहार लौट रहे हैं। हालांकि, एनडीए में शामिल नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी के बिहार लौटने से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है। वोटर अधिकार यात्रा के दौरान लोगों को भ्रमित करने का माहौल बनाया गया। एसआईआर के नाम पर वोटर अधिकार यात्रा सिर्फ टूरिस्ट यात्रा बनकर रह गई है। बिहार की जनता इनके झूठे दावों में नहीं आने वाली है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के चुनावी अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी 29 अक्टूबर को बिहार आ रहे हैं। इसके बाद सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कई कार्यक्रम तय हैं।
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