खेल
WTC पॉइंट्स टेबल: न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में हार के बावजूद भारत अभी भी शीर्ष पर है, लेकिन फाइनल में पहुंचना आसान नहीं होगा

भारत के घरेलू रिकॉर्ड को अभी-अभी बड़ा झटका लगा है! 12 साल के वर्चस्व के बाद, वे अपने ही मैदान पर श्रृंखला हार गए, जिसमें मिशेल सेंटनर ने बढ़त बनाई और बेहतरीन स्पिन के सामने भारत की बल्लेबाजी को कमजोर बना दिया। दूसरे टेस्ट में 113 रन की हार ने न केवल श्रृंखला को समाप्त कर दिया – इसने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप स्टैंडिंग में भारत की शीर्ष स्थिति को भी नुकसान पहुंचाया।
न्यूजीलैंड के लिए यह ऐतिहासिक जीत थी। वे 1955 से भारत का दौरा कर रहे हैं, लेकिन कीवी टीम को भारतीय किले पर कब्ज़ा करने में लगभग 70 साल लग गए।
भारत, जो कभी अपनी मजबूत बल्लेबाजी के लिए जाना जाता था, ने अपनी बल्लेबाजी लाइनअप को बार-बार बिखरते देखा, जिसकी शुरुआत बेंगलुरू में 46 रनों पर ऑलआउट होने से हुई और श्रृंखला में हार के साथ समाप्त हुई, जिसे वे जल्द ही भूलना चाहेंगे।
टेस्ट क्रिकेट का सबसे लंबा अपराजित सिलसिला खत्म
न्यूजीलैंड ने भारत की 18 श्रृंखलाओं से चली आ रही घरेलू जीत की लय को तोड़ दिया, जिससे इस शताब्दी में भारत की घरेलू मैदान पर यह चौथी टेस्ट श्रृंखला हार बन गई।
इस श्रृंखला में न्यूजीलैंड से भारत की हार ने वास्तव में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल तक की उसकी राह को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
भारत को अर्हता प्राप्त करने के लिए क्या करना होगा, इसका विवरण इस प्रकार है:
जीत प्रतिशत अंक
न्यूजीलैंड से हार के बाद भारत का जीत प्रतिशत 62.82 है, जो ऑस्ट्रेलिया के 62.50 से थोड़ा ही आगे है। शीर्ष दो में बने रहने और क्वालीफिकेशन सुनिश्चित करने के लिए, उन्हें ऑस्ट्रेलिया से ऊपर अपने जीत प्रतिशत अंक बनाए रखने का लक्ष्य रखना होगा, जिनके अपने आगामी मैच भी जीतने की उम्मीद है।
आगामी टेस्ट
भारत के पास WTC फाइनल से पहले छह टेस्ट मैच बचे हैं। अपनी जगह पक्की करने के लिए उन्हें इनमें से कम से कम चार मैच जीतने होंगे, ताकि वे अपनी स्थिति मजबूत बनाए रख सकें। हालांकि, इन छह मैचों में से पांच ऑस्ट्रेलिया की घरेलू धरती पर होंगे, जिससे चुनौती और भी कठिन हो जाएगी। ऑस्ट्रेलिया को अपने घरेलू मैदान पर दबदबे के लिए जाना जाता है, जो भारत के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा, खासकर वहां की तेज गेंदबाजी के अनुकूल परिस्थितियों में।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ होने वाली यह सीरीज़ काफ़ी अहम होगी। अगर भारत ऑस्ट्रेलिया में चार में से कम से कम तीन टेस्ट मैच जीत लेता है, तो उसके WTC प्रतिशत में काफ़ी वृद्धि होने की संभावना है। इस सीरीज़ में कोई भी ड्रॉ मैच भी फ़ायदेमंद होगा, क्योंकि इससे ऑस्ट्रेलिया के जीतने वाले मैचों की संख्या कम हो जाएगी, जिससे भारत को जीत-हार के अनुपात में फ़ायदा होगा।
खेल
यूएफा प्रेसिडेंट से मिले जय शाह, म्यूनिख में क्रिकेट का प्रतिनिधित्व करने पर सम्मानित

नई दिल्ली, 31 मई। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष जय शाह को म्यूनिख में क्रिकेटिंग इकोसिस्टम का प्रतिनिधित्व करने पर सम्मानित किया गया है। यहां उन्होंने यूएफा प्रेसिडेंट अलेक्सांद्र सेफरिन से भी मुलाकात की। इसकी जानकारी खुद शाह ने दी।
शाह की सेफरिन से मुलाकात 2024/25 यूएफा चैंपियंस लीग फाइनल से पहले हुई है, जो म्यूनिख में 75,000 सीटों वाले एलियांज एरिना में पेरिस सेंट-जर्मेन (पीएसजी) और तीन बार के चैंपियन इंटर मिलान के बीच खेला जाएगा।
शनिवार को अपने एक्स अकाउंट पर शाह ने लिखा, “चैंपियंस लीग फाइनल से पहले म्यूनिख में क्रिकेट का प्रतिनिधित्व करके और यूएफा प्रेसिडेंट एलेक्जेंडर सेफरिन के साथ चर्चा करके सम्मानित महसूस किया। दूसरे स्पोर्टिंग लीडर्स के साथ समय बिताना हमेशा मूल्यवान होता है, क्योंकि आईसीसी हमारे खेल की वैश्विक पहुंच का विस्तार कर रहा है।”
पिछले साल दिसंबर में आईसीसी चेयरमैन के तौर पर अपना कार्यकाल शुरू करने के बाद से ही जय शाह क्रिकेट के लिए नए बाजार खोलने और विस्तार करने के लिए दौरे कर रहे हैं। आईसीसी के सबसे युवा चेयरमैन के तौर पर कार्यभार संभालने के तुरंत बाद शाह ने 2032 ब्रिस्बेन ओलंपिक और पैरालंपिक आयोजन समितियों के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की। शाह ने जनवरी 2025 में आईओसी प्रेसिडेंट थॉमस बाक से भी मुलाकात की थी।
पूर्व बीसीसीआई सचिव शाह ने इससे पहले 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने के अभियान में बड़ी भूमिका निभाई थी। मार्च में शाह ने क्रिस्टी कोवेंट्री को भी बधाई दी थी। क्रिस्टी 23 जून से बाक की जगह आईओसी अध्यक्ष बनने जा रही हैं और शीर्ष पद संभालने वाली पहली महिला होंगी।
शाह ने क्रिस्टी से तब भी मुलाकात की, जब वह 4 मार्च को दुबई में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी सेमीफाइनल मैच में शामिल हुई थीं। जिम्बाब्वे की पूर्व तैराक क्रिस्टी ने ओलंपिक में सात पदक जीते हैं।
यूएफा चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पीएसजी 2020 में जर्मन क्लब बायर्न म्यूनिख से हारने के बाद यूरोप की शीर्ष फुटबॉल लीग के अपने दूसरे खिताबी मुकाबले में भाग लेगी। दूसरी ओर, इंटर अपने चौथे चैंपियंस लीग खिताब का टारगेट रखेगी।
ऐसा पहली बार होगा, जब कोई जर्मन वेन्यू साल 2012 के बाद चैंपियंस लीग फाइनल की मेजबानी कर रहा है।
राष्ट्रीय
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 6.99 बिलियन डॉलर बढ़कर 692.7 बिलियन डॉलर के पार

नई दिल्ली, 31 मई। आरबीआई के लेटेस्ट साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 23 मई को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 6.99 बिलियन डॉलर की शानदार वृद्धि दर्ज की गई, जो बढ़कर 692.72 बिलियन डॉलर हो गया।
आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख घटक, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 4.52 बिलियन डॉलर बढ़कर 586.17 बिलियन डॉलर हो गईं।
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, इस सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार घटक के मूल्य में भी जबरदस्त वृद्धि हुई, जो 2.37 बिलियन डॉलर बढ़कर 83.58 बिलियन डॉलर हो गई।
स्पेशल ड्राइंग राइट्स (एसडीआर) 81 मिलियन डॉलर बढ़कर 18.571 बिलियन डॉलर हो गए।
आंकड़ों के अनुसार, सप्ताह के दौरान आईएमएफ के साथ भारत की आरक्षित स्थिति 30 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.401 बिलियन डॉलर हो गई।
16 मई को समाप्त हुए पिछले सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.89 बिलियन डॉलर घटकर 685.73 बिलियन डॉलर रह गया था।
हालांकि, इससे पहले 9 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.5 बिलियन डॉलर बढ़कर 690.62 बिलियन डॉलर हो गया था।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में किसी भी तरह की मजबूती से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए को मजबूती मिलती है।
विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद को दर्शाती है और आरबीआई को अस्थिर होने पर रुपए को स्थिर करने के लिए अधिक गुंजाइश देती है।
मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार आरबीआई को रुपए को गिरने से रोकने के लिए अधिक डॉलर जारी कर स्पॉट और फॉरवर्ड करेंसी मार्केट में हस्तक्षेप करने में सक्षम बनाता है।
इसके विपरीत, गिरता विदेशी मुद्रा भंडार आरबीआई को रुपए को सहारा देने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए कम जगह देता है।
इस बीच, वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत का बाह्य क्षेत्र मजबूत होकर उभरा है। वस्तुओं एवं सेवाओं के कुल निर्यात में अप्रैल में 12.7 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि दर्ज की गई तथा यह 73.8 अरब डॉलर के स्तर को छू गया, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 65.48 अरब डॉलर था।
देश का वस्तु निर्यात इस महीने में 9.03 प्रतिशत बढ़कर 38.49 अरब डॉलर हो गया, जिसमें उच्च मूल्य वाले इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग सामान में सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की गई, जो देश के बढ़ते विनिर्माण आधार को दर्शाता है।
इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात अप्रैल में 39.51 प्रतिशत बढ़कर 3.69 अरब डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल इसी महीने यह 2.65 अरब डॉलर था।
इंजीनियरिंग सामान का निर्यात इस महीने में 11.28 प्रतिशत बढ़कर 9.51 अरब डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल अप्रैल में यह 8.55 अरब डॉलर था।
आभूषण निर्यात 10.74 प्रतिशत बढ़कर 2.26 बिलियन डॉलर से 2.5 बिलियन डॉलर हो गया।
राष्ट्रीय
दिल्ली में कोरोना वायरस से पहली मौत की पुष्टि

नई दिल्ली, 31 मई। देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार को कोरोना से पहली मौत की पुष्टि हुई है। 60 वर्षीय मृतक महिला पहले से ही कई बीमारियों से जूझ रही थी। कोरोना को लेकर लोगों के बीच में डर का माहौल पैदा कर दिया है।
दिल्ली में कोरोना के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है। लेकिन, स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि वो हर प्रकार की परिस्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से दुरूस्त कर ली गई है।
राजधानी में कोरोना के 104 मामले सक्रिय हैं। इनमें से 99 मामले पिछले एक सप्ताह के दौरान बढ़े हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में सबसे ज्यादा सक्रिय मामले केरल में हैं। इसके बाद महाराष्ट्र और दिल्ली का नंबर आता है। केरल में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या 430, महाराष्ट्र में 209 और दिल्ली में 104 हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 19 मई तक 24 सक्रिय मामले थे। लेकिन, एक ही हफ्ते में 99 मामले और बढ़े, जबकि 24 मरीज अब तक रिकवर हुए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, कई राज्यों में सक्रिय मामले बढ़े हैं, जिनमें केरल (+355), महाराष्ट्र (+153) और दिल्ली (+24) शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ जगहों पर मौतों में भी इजाफा हुआ है, जिनमें महाराष्ट्र (+4) और कर्नाटक (+1) शामिल हैं। हालांकि, बहुत से राज्यों में कोई नया मामला या मौत नहीं दर्ज की गई है।
इसके अलावा, कोविड-19 से सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में ठीक हुए हैं। महाराष्ट्र में 8,29,849, केरल में 6,84,927 और आंध्र प्रदेश में 2,32,635 में सबसे अधिक मरीजों ने कोरोना को मात दी है। सबसे ज्यादा मौतें (कोरोना की पहली लहर से अब तक) : महाराष्ट्र (1,48,606), तमिलनाडु (38,086) और कर्नाटक (40,412) में हुई हैं।
बता दें कि 19 मई के बाद देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस के नए मामले दर्ज किए गए हैं। जिनमें आंध्र प्रदेश में (4), छत्तीसगढ़ में (1), गोवा में (1), गुजरात में (76), हरियाणा में (8), कर्नाटक में (34), मध्य प्रदेश में (2), राजस्थान में (11), तमिलनाडु में (3) और तेलंगाना में (1) मरीज शामिल हैं।
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