खेल
डब्ल्यूपीएल 2025 : डीसी ने एमआई को 9 विकेट से हराया, जोनासन और लैनिंग ने बनाए शानदार रिकॉर्ड

नई दिल्ली, 1 मार्च। एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम, बेंगलुरु में महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) 2025 का 13वां मुकाबला दिल्ली कैपिटल्स वुमन (डीसी) और मुंबई इंडियंस वुमन (एमआई) टीम के बीच खेला गया। इस मैच में दिल्ली कैपिटल्स ने मुंबई इंडियंस को 9 विकेट से करारी शिकस्त दी। दिल्ली की जीत की नायिका रहीं जेस जोनासन, जिन्होंने शानदार गेंदबाजी के दम पर मुंबई को 123/9 पर रोक दिया और ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का खिताब अपने नाम किया।
मुंबई इंडियंस ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया, लेकिन उनकी शुरुआत अच्छी नहीं रही। यास्तिका भाटिया (11) और हेली मैथ्यूज (22) ने पहले विकेट के लिए 35 रन जोड़े, लेकिन शिखा पांडे ने भाटिया को आउट कर दिल्ली को पहली सफलता दिलाई। इसके बाद नेट साइवर-ब्रंट (18) और कप्तान हरमनप्रीत कौर (22) ने पारी को संभालने की कोशिश की, लेकिन जेस जोनासन ने दोनों को पवेलियन भेजकर मुंबई की कमर तोड़ दी। जोनासन ने अपने 4 ओवर में 3 महत्वपूर्ण विकेट चटकाए।
हरमनप्रीत के खिलाफ जोनासन के टी20 रिकॉर्ड (23 पारियों में 6 बार आउट, 107.75 स्ट्राइक रेट और सिर्फ 20.8 की औसत) ने इस मुकाबले में भी उनकी अहम भूमिका को रेखांकित किया।
मुंबई की मध्यक्रम बल्लेबाज अमेलिया केर (17) और सजीवन सजना (5) भी ज्यादा देर नहीं टिक सकीं। मिन्नू मणि ने भी 3 विकेट लेकर मुंबई को बैकफुट पर धकेल दिया। अंत में अमनजोत कौर (17*) ने कुछ तेज शॉट्स खेले, लेकिन मुंबई की पारी 20 ओवर में 123/9 पर सिमट गई।
124 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दिल्ली कैपिटल्स की शुरुआत कप्तान मेग लैनिंग और शेफाली वर्मा ने शानदार अंदाज में की। दोनों ने पहले विकेट के लिए 85 रनों की साझेदारी की। शेफाली वर्मा ने 28 गेंदों में 43 रन (4 चौके, 3 छक्के) की ताबड़तोड़ पारी खेली और 153.57 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए, लेकिन अमनजोत कौर ने उन्हें आउट कर यह जोड़ी तोड़ी।
दूसरे छोर पर मेग लैनिंग (60) नाबाद रहीं और 49 गेंदों में 9 चौकों की मदद से अपनी टीम को जीत तक ले गईं। उनके साथ जेमिमा रोड्रिग्स (15) ने भी नाबाद रहकर योगदान दिया। मेग लैनिंग ने इस लीग में कमाल की स्थिरता का प्रदर्शन किया है। लैनिंग ने 60* रनों की पारी के साथ वूमेन प्रीमियर लीग में अपनी 8वीं फिफ्टी प्लस स्कोर बनाई, जो लीग में सबसे ज्यादा है। दिल्ली कैपिटल्स ने यह लक्ष्य सिर्फ 14.3 ओवर में 1 विकेट खोकर हासिल कर लिया।
लैनिंग-शेफाली की जोड़ी भी लीग में खूब कमाल दिखा रही है। इस जोड़ी ने डब्ल्यूपीएल में 11वीं बार 50+ रनों की साझेदारी की, जो किसी भी जोड़ी द्वारा सबसे ज्यादा है। पावरप्ले में दिल्ली कैपिटल्स का स्कोर 57/0 रहा, जो इस सीजन में उनका तीसरा सर्वश्रेष्ठ पावरप्ले प्रदर्शन रहा। इस टीम का बेस्ट पावरप्ले स्कोर भी एमआई के खिलाफ आया था जब उन्होंने 1 विकेट के नुकसान पर 60 रन बनाए थे।
इसके अलावा जोनासन ने इस मैच में 3 विकेट लेकर वूमेन प्रीमियर लीग में अपने ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ अवॉर्ड्स की संख्या 5 तक पहुंचाई, जो हरमनप्रीत कौर के बराबर है। वहीं इस सीजन में पहली बार एमआई पावरप्ले में कोई विकेट नहीं ले सकी, जो मुंबई के लिए एक चिंता का विषय रहा। दिल्ली कैपिटल्स ने इस मैच में हर विभाग में मुंबई इंडियंस को पछाड़ दिया।
राजनीति
राज ठाकरे की पहल और उद्धव हुए राजी, संदीप देशपांडे ने बताया, कैसे बनी ‘संयुक्त मार्च’ पर सहमति

मुंबई, 27 जून। महाराष्ट्र में 20 साल के बाद राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे राजनीतिक मंच साझा करेंगे। हिंदी भाषा के विरोध में दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का साथ देते हुए संयुक्त मार्च का ऐलान किया है। इस फैसले की जानकारी शिवसेना-यूबीटी के नेता संजय राउत की तरफ से दी गई। फिलहाल, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता संदीप देशपांडे ने संयुक्त मार्च को लेकर बनी सहमति के बारे में बताया है।
मनसे नेता संदीप देशपांडे ने कहा, “राज ठाकरे ने सामने आकर संजय राउत को फोन किया। उन्होंने एक ही मार्च निकालने के लिए कहा। मार्च की तारीख को लेकर मतभेद जरूर था, उसे दूर कर 5 जुलाई को मार्च निकालने पर सहमति बनी है।”
देशपांडे ने कहा कि 5 जुलाई की रैली मराठी गौरव के लिए है, राज या उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में नहीं। उन्होंने कहा, “ये जो संयुक्त मार्च 5 जुलाई को निकलने वाला है, ये न तो राज ठाकरे का मार्च है और न ही उद्धव ठाकरे का है। ये मार्च मराठी मानुष का है। इसे संयुक्त महाराष्ट्र की लड़ाई पार्ट-2 कहेंगे।”
महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने का फैसला लिया था। सबसे पहले राज ठाकरे ने फैसले का विरोध शुरू किया। गुरुवार को उन्होंने 7 जुलाई को मुंबई में मार्च निकालने की घोषणा की। उसके बाद उद्धव ठाकरे की तरफ से उस मार्च को समर्थन दिया गया। हालांकि, साथ ही उद्धव ठाकरे ने 7 जुलाई को अपना आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया।
इसी बीच, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को जानकारी दी कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे दोनों का एकजुट मार्च होगा। 5 जुलाई को दोनों नेता संयुक्त मार्च करेंगे।
संयुक्त मार्च पर मनसे नेता देशपांडे ने कहा कि जब-जब मराठी भाषा पर आक्रमण होगा, तब-तब सभी मराठी एक साथ आकर सबक सिखाएंगे। इस तरह का संदेश देशभर में जाना चाहिए।
उन्होंने बीजेपी पर उत्तर भारतीय वोट हासिल करने के लिए हिंदी-मराठी मुद्दों का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। देशपांडे ने कहा, “बीजेपी को राजनीति करने की आदत है। हिंदी-मराठी भाषा विवाद निकाला किसने? उत्तर भारतीयों का वोट पाने के लिए हिंदी शक्ति का निर्णय लिया गया। हम पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं।”
अंतरराष्ट्रीय
सर्वसम्मति से चलता है एससीओ, राजनाथ का दस्तावेज पर हस्ताक्षर न करना सही फैसला: जयशंकर

नई दिल्ली, 27 जून। आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की तरफ से ‘मॉक पार्लियामेंट’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शिरकत की। उन्होंने एससीओ समिट, आपातकाल के दौर और ऑपरेशन सिंदूर पर भी बात की। उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह का एससीओ समिट में दस्तावेज पर साइन नहीं करना सही फैसला है।
जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एससीओ समिट पर कहा, “एससीओ का गठन आतंकवाद से लड़ने के उद्देश्य से किया गया था। जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रक्षा मंत्रियों की बैठक में गए और दस्तावेज पर चर्चा हुई, तो एक देश ने कहा कि वे इसमें आतंकवाद का उल्लेख नहीं चाहते। राजनाथ सिंह का सही मत था कि बिना आतंकवाद के उल्लेख के ( वो भी तब जब संगठन का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद से लड़ना है) वे इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे। एससीओ सर्वसम्मति से चलता है, इसलिए राजनाथ सिंह ने स्पष्ट कहा कि अगर बयान में आतंकवाद का उल्लेख नहीं होगा, तो हम उस पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।”
विदेश मंत्री जयशंकर ने इमरजेंसी पर बात करते हुए कहा, “मैंने मॉक पार्लियामेंट में इमरजेंसी से जुड़े अपने विचार साझा किए। जिस दौरान देश में इमरजेंसी की घोषणा की गई थी, उस समय मेरी उम्र 20 साल के आसपास थी। हमें युवा पीढ़ी को बताना होगा कि आपातकाल के क्या नुकसान थे? उस दौर में किस तरह से मीडिया पर हमला किया गया। लोकतंत्र और संविधान की हत्या की गई और इसके जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी छवि को बिगाड़ा गया। हम सभी लोगों को इमरजेंसी पर जरूर विचार करना चाहिए। मैंने युवाओं से कहा कि आपातकाल इसलिए लगाया गया, क्योंकि एक परिवार के हित को राष्ट्र हित से आगे रखा गया। आज राष्ट्र के हित को प्राथमिकता दी जाती है।”
विदेश मंत्री जयशंकर ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “संविधान हाथ में रखकर घूमने से कुछ नहीं होता है। संविधान मन में होना चाहिए। कांग्रेस के डीएनए में इमरजेंसी है। आज वो संविधान की बात करते अच्छे नहीं लगते हैं।”
जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सभी दलों के एकजुट होने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, “मुझे बहुत गर्व महसूस होता है, जब मैं शशि थरूर, सुप्रिया सुले, कनिमोझी, संजय झा, जय पांडा, रविशंकर प्रसाद और श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में संसदीय प्रतिनिधिमंडलों को देखता हूं। जब मैं सभी दलों को एकजुट होकर विश्व पटल पर राष्ट्रीय हित में बोलते देखता हूं, उन्हें ये कहते सुनता हूं कि आतंकवाद स्वीकार्य नहीं है और जब सब एक सुर में कहते हैं हमें आतंक के खिलाफ अपनी रक्षा का अधिकार है, तो मेरे लिए वो गर्व का क्षण होता है।”
उन्होंने कहा, “हर देश में जहां भी प्रतिनिधिमंडल गया, उन्हें बताया गया कि सबसे प्रभावशाली बात यह थी कि सभी दल एकजुट होकर देश का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। यह हमारे लिए एक महान क्षण था।”
अपराध
दिल्ली: बवाना में कुख्यात गैंगस्टर मंजीत महाल के भांजे की हत्या, पुलिस ने जताई गैंगवार की आशंका

नई दिल्ली, 27 जून। दिल्ली में सरेआम कुख्यात गैंगस्टर मंजीत महाल के भांजे की हत्या कर दी गई है। दिल्ली के बवाना थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह हत्या की घटना को अंजाम दिया गया। मृतक की पहचान मंजीत महाल के भांजे दीपक के रूप में हुई, जो सुबह टहलने के लिए निकला था। इस घटना में हत्याकांड में गैंगवार का संदेह जताया जा रहा है।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि घटना सुबह करीब 7 से 8 बजे के बीच की है। दो हमलावर बाइक पर सवार होकर आए और दीपक पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। उन्होंने कई राउंड फायर किए थे। मौके पर ही दीपक की मौत हो गई। दीपक को निशाना बनाकर हमला किया गया, जिसमें उसकी बेटी भी घायल हो गई। हमले के समय दीपक के साथ मॉर्निंग वॉक पर उसकी बेटी भी थी। गोलीबारी में उसकी बेटी के हाथ में चोट आई है। हालांकि वो खतरे से बाहर है।
पुलिस ने बताया कि दीपक को 7-8 घाव लगे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक गोलियों की सही संख्या का पता नहीं चलेगा।
जांच में सामने आया है कि दीपक की हत्या करने के बाद हमलावर आगे की ओर बढ़े थे, लेकिन वो फिर वापस लौटकर आए और दोबारा भी दीपक को गोली मारी। उसके बाद दोनों हमलावर मौके से फरार हो गए। पुलिस के मुताबिक, मृतक दीपक कुख्यात गैंगस्टर मंजीत महाल का भांजा था, हालांकि उसकी खुद की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं थी।
घटना में पुलिस को संदेह है कि ये हत्या इलाके में चल रही गैंगवार का हिस्सा हो सकती है। पुलिस ने बताया कि दो हमलावरों में से एक की पहचान कर ली गई है और उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही ये स्पष्ट हो सकेगा कि हत्या के पीछे असल वजह क्या थी।
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