राजनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देवभूमि उत्तराखंड आगमन पर हार्दिक स्वागत : सीएम पुष्कर सिंह धामी

उत्तरकाशी, 6 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए हर्षिल-मुखवा क्षेत्र सज-संवर कर पूरी तरह से तैयार है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए आभार किया है।
सीएम धामी के आग्रह पर शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को हर्षिल-मुखवा क्षेत्र के दौरे पर होंगे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धर्म, अध्यात्म और बलिदान की पावन धरा देवभूमि उत्तराखंड आगमन पर हार्दिक स्वागत और अभिनंदन। मुखवा-हर्षिल (उत्तरकाशी) की आध्यात्मिक और प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण भूमि पर प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए हम सभी प्रदेशवासी उत्सुक हैं। निश्चित तौर पर आपकी यह शीतकालीन यात्रा हमारे प्रदेश के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पर्यटन विकास को नए आयाम देगी।”
प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को हर्षिल-मुखवा क्षेत्र के प्रस्तावित दौरे के तहत सबसे पहले गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा (मुखीमठ) जाकर गंगा मंदिर में दर्शन व पूजा करेंगे।
तय कार्यक्रमानुसार पीएम मोदी सवा नौ बजे मां गंगा का शीतकालीन प्रवास मुखवा गांव में गंगा जी की विशेष पूजा-अर्चना करेंगे। गंगोत्री मंदिर समिति ने उन्हें पारंपरिक पहाड़ी परिधान चपकन पहनाने का निर्णय लिया है। यह विशेष परिधान पारंपरिक रूप से मुखवा गांव में सम्मान का प्रतीक माना जाता है और गर्म कोट की तरह पहना जाता है।
प्रधानमंत्री सुबह 10.30 बजे हर्षिल पहुंचकर उत्तराखंड शीतकालीन पर्यटन और स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी देखेंगे। इसके बाद जादुंग व पीडीए के लिए मोटर बाइक व एटीवी-आरटीवी रैलियों तथा जनकताल एवं मुलिंगला के लिए ट्रैकिंग अभियानों को झंडी दिखाकर शुभारंभ करेंगे।
हर्षिल में ही एक जनसभा को भी पीएम मोदी संबोधित करेंगे। क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती के साथ ही विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों द्वारा क्षेत्र के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है।
उत्तराखंड सरकार ने इस साल शीतकालीन पर्यटन कार्यक्रम शुरू किया है। हजारों श्रद्धालु पहले ही गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के शीतकालीन स्थलों की यात्रा कर चुके हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना और स्थानीय अर्थव्यवस्था, होमस्टे, पर्यटन व्यवसाय आदि को बढ़ावा देना है।
महाराष्ट्र
‘मराठी मुंबई की भाषा है’: आरएसएस नेता के ‘मराठी जानना जरूरी नहीं’ वाले बयान पर सीएम फडणवीस ने विधानसभा में कहा

मुंबई: आरएसएस नेता भैयाजी जोशी के मराठी भाषा पर दिए गए बयान ने महाराष्ट्र में नया विवाद खड़ा कर दिया है। मुंबई के घाटकोपर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए आरएसएस नेता ने कहा कि मुंबई में रहने के लिए मराठी भाषा का अच्छा ज्ञान होना जरूरी नहीं है।
मराठी भाषा पर भैयाजी जोशी की टिप्पणी ने राज्य के विपक्षी नेताओं को नाराज कर दिया है। यहां तक कि सत्तारूढ़ भाजपा को भी जोशी की टिप्पणी का समर्थन करना मुश्किल लग रहा है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने राज्य विधानसभा में आरएसएस नेता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और स्पष्ट किया कि “मराठी मुंबई, महाराष्ट्र और राज्य सरकार की भाषा है।”
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, “मराठी भाषा राज्य की संस्कृति और पहचान का हिस्सा है और इसे सीखना हर नागरिक का कर्तव्य होना चाहिए। मराठी भाषा का महाराष्ट्र में सम्मान और संरक्षण किया जाएगा और यह हमारी सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग है।”
घाटकोपर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए भैयाजी जोशी ने कहा, “मुंबई में एक भी भाषा नहीं है। मुंबई के हर हिस्से की एक अलग भाषा है। घाटकोपर इलाके की भाषा गुजराती है। इसलिए अगर आप मुंबई में रहते हैं, तो यह ज़रूरी नहीं है कि आपको मराठी सीखनी ही पड़े।”
दिलचस्प बात यह है कि जोशी के भाषण के दौरान भाजपा नेता और मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा मंच पर मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि एक प्रमुख नीतिगत निर्णय के तहत महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में आईसीएसई और सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में मराठी भाषा को अनिवार्य कर दिया है।
आरएसएस नेता के बयान की कांग्रेस और शिवसेना नेताओं ने आलोचना की।
ठाणे में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने सवाल किया कि क्या कोलकाता में बंगाली और चेन्नई में तमिल के बारे में यही बात कही जा सकती है।
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों और बेरोजगारी जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भाषा पर बहस छेड़ी जा रही है।
राजनीति
पेंशन के मुद्दे पर झारखंड विधानसभा में तकरार, भाजपा विधायकों ने किया वॉकआउट

रांची, 6 मार्च। झारखंड में ‘मंईयां सम्मान योजना’ की तरह दिव्यांग, विधवा और वृद्धा पेंशन की राशि 2500 रुपए करने की मांग पर गुरुवार को विधानसभा में सरकार की ओर से स्पष्ट जवाब न मिलने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने वेल में पहुंचकर हंगामा किया।
स्पीकर रबिंद्रनाथ महतो ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन भाजपा विधायक सरकार से तत्काल जवाब की मांग पर अड़े रहे। इसके बाद भाजपा के सभी विधायकों ने सदन का वॉकआउट कर दिया। गढ़वा के भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने सदन में पेंशन की राशि बढ़ाने का मामला उठाया।
उन्होंने कहा कि राज्य में 18 साल से 50 साल तक की महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना में 2500 रुपये की प्रोत्साहन राशि मिल रही है, लेकिन जब वही मंईयां 51 साल की हो जाती है तो पेंशन राशि घटकर 1000 रुपये हो जाती है। व्यावहारिकता को ध्यान में रखते हुए वृद्ध, दिव्यांग और विधवा को भी ढाई हजार रुपए की राशि बतौर पेंशन दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूलों में काम करने वाली सेविकाओं-सहायिकाओं को मात्र 2000 रुपये मिल रहे हैं।
जवाब में कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि मंईयां सम्मान योजना का दूसरी योजनाओं से कोई संबंध नहीं है। अन्य सभी योजनाएं एकल हैं। भाजपा के बाबूलाल मरांडी ने भी इस मामले को अहम बताते हुए कहा कि जब 18 से 50 साल की महिलाओं को सरकार ढाई हजार रुपए दे रही है तो विधवा, दिव्यांग और वृद्धों को भी उनके बराबर राशि मिलनी ही चाहिए। सरकार को इस पर स्पष्ट उत्तर देना चाहिए।
कांग्रेस के रामेश्वर उरांव ने भी कहा कि मंईयां सम्मान योजना निःसंदेह अच्छी योजना है, लेकिन जो महिलाएं सेविका-सहायिका-रसोइया जैसा काम करती हैं, उन्हें कम पैसे क्यों मिल रहे हैं? सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। इस बीच भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गए। उन्होंने पेंशन राशि बढ़ाने पर वित्त मंत्री से हां या ना में जवाब मांगा। स्पीकर ने हस्तक्षेप की कोशिश की तो सभी भाजपा विधायक सदन से बाहर निकल गए।
महाराष्ट्र
रमजान और होली के लिए मुंबई पुलिस तैयार

मुंबई : रमजान और होली के मद्देनजर मुंबई पुलिस अलर्ट पर है। मुंबई पुलिस कमिश्नर विवेक पनसालकर ने दावा किया है कि रमजान के मद्देनजर मुस्लिम बहुल इलाकों में सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने मुंबई में इफ्तार बाजार, मस्जिद और मुस्लिम बहुल इलाकों पर खास ध्यान दिया है और यहां सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। साथ ही रमजान के दौरान देर रात तक चहल-पहल रहती है। ऐसे में पुलिस बाजारों पर खास नजर रखती है। उन्होंने कहा कि भिंडी बाजार और जेजे पेडहोनी इलाकों में बाजार सज जाते हैं और मुसलमान सहरी और इफ्तार के लिए यहां आते हैं।
रमजान के दौरान यातायात की समस्या भी होती है, और यातायात पुलिस को निर्देश जारी किए गए हैं। अस्र और मगरिब के दौरान इफ्तार बाजार आते हैं और ऐसे में बाजारों में भीड़ होती है। इसलिए किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि कुर्ला, साकीनाका, जोगेश्वरी, अंधेरी, मलाड और मालोनी के उपनगरीय इलाकों में भी रमजान के दौरान बाजारों में भीड़ होती है, जिससे यातायात की समस्या भी होती है, लेकिन यातायात विभाग को आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी को भी यातायात से असुविधा न हो।
ट्रैफिक पुलिस के साथ ही सिविक पुलिस को भी अलर्ट रहने के आदेश दिए गए हैं। मुंबई पुलिस सोशल मीडिया और उपद्रवियों पर भी नजर रख रही है। अगर कोई माहौल खराब करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह चेतावनी मुंबई पुलिस कमिश्नर विवेक पंचालकर ने भी दी है। उन्होंने कहा कि व्रत और उपवास एक दूसरे से मिलते जुलते हैं और हर धर्म में व्रत का जिक्र किया गया है। इसी तरह व्रत का मतलब है परमपिता परमात्मा और विषय को याद करना और उनकी पूजा करना। इसी तरह व्रत भगवान के करीब पहुंचने का एक जरिया है।
विवेक पनसालकर ने कहा है कि 13 मार्च को होलिका दहन मनाया जाएगा और 14 तारीख को होली खेली जाएगी। इस दौरान धार्मिक स्थलों और मस्जिदों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। साथ ही पुलिस उपद्रवियों और महिलाओं के साथ बदसलूकी और छेड़छाड़ करने वालों पर भी नजर रखेगी। अपराधियों की सूची भी तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि मुंबई शहर में रमजान और होली का त्योहार शांतिपूर्वक मनाया जाएगा। अगर कोई उपद्रवी इसमें व्यवधान डालने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मुंबई पुलिस कमिश्नर विवेक पंचालकर से पूछा गया कि क्या लाउडस्पीकर को लेकर भी झूठी शिकायतें दर्ज की जाती हैं, इस पर कमिश्नर ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद और उसके सत्यापन के बाद ही कार्रवाई की जाती है। अगर कोई झूठी शिकायत है तो उसकी जांच की जाती है कि शिकायत सच है या नहीं।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों को लागू करना अनिवार्य है और पुलिस उन्हें लागू करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर को तय सीमा तक ही अनुमति दी गई है, लेकिन अगर कोई ध्वनि प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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