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वेंचुरा ने ब्लैक बॉक्स लिमिटेड को दी खरीद रेटिंग, जताई 27.3 प्रतिशत वृद्धि की संभावना
मुंबई, 3 जनवरी। ब्रोकरेज हाउस वेंचुरा की गुरुवार को आई रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ब्लैक बॉक्स के शेयर में अगले 24 से 30 महीनों में मौजूदा कीमत 649 रुपये से 826 रुपये तक 27.3 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है।
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 24 में बिक्री वृद्धि में मंदी व परियोजना निष्पादन और निर्णय लेने में देरी के बावजूद ब्लैक बॉक्स अपने अगले विकास चरण के लिए तैयार है। कंपनी को उम्मीद है कि इसकी पाइपलाइन बढ़कर तीन बिलियन डॉलर हो जाएगी और इसका लक्ष्य मौजूदा 20 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 25 प्रतिशत की रूपांतरण दर हासिल करना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्लैक बॉक्स ने शीर्ष 300 ग्राहकों पर ध्यान केंद्रित करके और कम लाभदायक लॉन्ग-टेल ग्राहकों से बाहर निकलकर अपनी रणनीति में बदलाव किया है, क्योंकि वे मार्जिन वृद्धि में योगदान नहीं देते हैं।
इसके अतिरिक्त, कंपनी ने उद्योग वर्टिकल और उत्पाद पोर्टफोलियो क्षैतिज को शामिल करते हुए मैट्रिक्स-आधारित दृष्टिकोण को अपनाकर अपनी गो-टू-मार्केट रणनीति को नवीनीकृत करने की योजना बनाई है। यह रणनीति उद्योग-विशिष्ट समाधान प्रदान करने और ग्राहक जुड़ाव को बढ़ाने के लिए डिजाइन की गई है।
वेंचुरा ने कहा, “हमें उम्मीद है कि हमारा राजस्व वित्त वर्ष 24 में 6,281.6 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 27 ई तक 7,996 करोड़ रुपये हो जाएगा।”
“कंपनी मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका और भारत में डेटा केंद्रों पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रही है। मेटा, अमेजॉन और माइक्रोसॉफ्ट जैसे प्रमुख हाइपरस्केलर्स वाले ग्राहक आधार के साथ, जिनसे डेटा सेंटर बिल्डआउट में महत्वपूर्ण रूप से निवेश करने की उम्मीद है, डेटा सेंटर से राजस्व में योगदान अनुपातहीन रूप से उच्च होने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 27 ई तक 1,256 करोड़ रुपये से बढ़कर 15 प्रतिशत की सीएजीआर पर 1,994 करोड़ रुपये हो जाएगा।”
इस बीच, प्रौद्योगिकी उत्पाद समाधान (टीपीएस) वर्टिकल वर्तमान में कुल राजस्व में 12 से 13 प्रतिशत के बीच योगदान देता है और उम्मीद है कि इसमें तेजी आएगी। राजस्व के 9 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़कर वित्त वर्ष 27ई तक 758 करोड़ रुपये से 982 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त, परामर्श व्यवसाय से भी समग्र विकास प्रक्षेपवक्र को पूरक बनाने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 27ई तक 2 प्रतिशत सीएजीआर से 106 करोड़ रुपये से बढ़कर 112 करोड़ रुपये हो जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है, “मार्जिन के मोर्चे पर, कंपनी ने 10 प्रतिशत ईबीआईटीडीए मार्जिन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है, जो ग्राहकों, प्रौद्योगिकी विक्रेता भागीदारों के साथ बेहतर बातचीत और परिचालन दक्षता में वृद्धि से प्रेरित है। हमें उम्मीद है कि ईबीआईटीडीए और शुद्ध मार्जिन क्रमशः 6.8 प्रतिशत से 9.2 प्रतिशत और 250 आधार अंकों से बढ़कर 4.7 प्रतिशत हो जाएगा।” ब्लैक बॉक्स डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर समाधानों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है, जिसमें कनेक्टिविटी समाधान, डेटा सेंटर समाधान, एंटरप्राइज नेटवर्किंग, आधुनिक कार्यस्थल समाधान, साइबर सुरक्षा समाधान, प्रौद्योगिकी उत्पाद समाधान और परामर्श सेवाएं शामिल हैं।
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अप्रैल-नवंबर 2024 में भारत का कॉफी निर्यात रिकॉर्ड 1 बिलियन डॉलर के पार
नई दिल्ली, 4 जनवरी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-नवंबर के दौरान भारत के कॉफी निर्यात में उछाल दर्ज हुआ। भारत का कॉफी निर्यात 8 महीने की अवधि के दौरान रिकॉर्ड 1 बिलियन डॉलर के पार पहुंच गया है।
निर्यात के मूल्य में उछाल ‘रोबस्टा कॉफी’ की कीमतों में जबरदस्त वृद्धि और यूरोपीय यूनियन के नए डिफोरेस्टेशन रेगुलेशन से पहले स्टॉकिंग के कारण दर्ज हुआ।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक बाजारों में ‘रोबस्टा कॉफी’ की अधिक मांग के कारण 2023-24 में पूरे वर्ष के लिए भारत का कॉफी निर्यात 12.22 प्रतिशत बढ़कर 1.28 बिलियन डॉलर हो गया। देश ने 2022-23 में 1.14 बिलियन डॉलर मूल्य की कॉफी का निर्यात किया।
भारत के कॉफी निर्यात के प्रमुख बाजारों में इटली, रूस, यूएई, जर्मनी और तुर्की शामिल हैं।
भारत 2022-2023 के दौरान दुनिया का आठवां सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक बन गया। भारतीय कॉफी अपनी उच्च गुणवत्ता के कारण दुनिया की सर्वश्रेष्ठ कॉफी में से एक है और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रीमियम पर है।
भारत दो प्रकार की कॉफी अरेबिका और रोबस्टा का उत्पादन करता है।
अपने हल्के सुगंधित स्वाद के कारण अरेबिका का रोबस्टा कॉफी से ज्यादा बाजार मूल्य है।
रोबस्टा कॉफी का इस्तेमाल इसके स्ट्रॉन्ग फ्लेवर के कारण अलग-अलग मिश्रण बनाने में किया जाता है।
रोबस्टा की भारतीय कॉफी के कुल उत्पादन में 72 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
भारत को वैश्विक स्तर पर रोबस्टा कॉफी का पांचवां सबसे बड़ा उत्पादक माना जाता है।
यह उद्योग भारत में 2 मिलियन से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है। कॉफी भारत के लिए एक निर्यात वस्तु है, इसलिए घरेलू मांग और खपत कॉफी की कीमतों पर बहुत ज्यादा असर नहीं डालती है।
कॉफी का उत्पादन मुख्य रूप से भारत के दक्षिणी राज्यों में होता है, जिसमें कर्नाटक सबसे बड़ा उत्पादक है, जो फसल के कुल उत्पादन का 71 प्रतिशत हिस्सा है।
केरल कॉफी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन कुल उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी केवल 20 प्रतिशत है।
तमिलनाडु भारत के कुल कॉफी उत्पादन का 5 प्रतिशत हिस्सा लेकर तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
तमिलनाडु की आधी कॉफी नीलगिरि जिले में बनाई जाती है, जो अरेबिका उगाने वाला एक प्रमुख क्षेत्र है। उड़ीसा और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में उत्पादन का अनुपात कम है।
भारत की कंबाइंड अरेबिका और रोबस्टा फसल 2023-24 फसल वर्ष के लिए लगभग 3.74 लाख टन होने का अनुमान है। जबकि अरेबिका का उत्पादन 1 लाख टन से थोड़ा अधिक है, रोबस्टा का उत्पादन लगभग 2.6 लाख टन है।
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एसबीआई ने अपने ग्राहकों के लिए लॉन्च की दो नई डिपॉजिट स्कीम
नई दिल्ली, जनवरी 4। देश के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक एसबीआई ने अपने ग्राहकों के लिए दो नई डिपॉजिट स्कीम, ‘हर घर लखपति’ और ‘एसबीआई पैट्रन्स’ की घोषणा की है।
एसबीआई की ‘डिपॉजिट’ में लगभग 23 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है। इन इनोवेटिव पेशकश के साथ बैंक ‘इनोवेशन को प्राथमिकता’ देने की ओर अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
‘हर घर लखपति’ एक प्री-कैलकुलेट रिकरिंग डिपॉजिट स्कीम है, जिसे ग्राहकों के लिए 1,00,000 और इसके मल्टीपल में सेविंग करने के लिए डिजाइन किया गया है।
इस प्रोडक्ट के साथ ग्राहक अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए योजना और बचत पर ध्यान दे सकते हैं।
एसबीआई की यह योजना 18 वर्ष से कम उम्र के आयु वर्ग के लिए भी पेश की गई है, ताकि यह वर्ग भी अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग और सेविंग पर छोटी उम्र से ही काम कर सके।
एसबीआई ने 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष टर्म डिपॉजिट स्कीम ‘एसबीआई पैट्रन्स’ भी शुरू की है।
इस प्रोडक्ट के साथ बैंक बढ़ी हुई ब्याज दरें ऑफर कर रहा है। बैंक की यह स्कीम मौजूदा और नए टर्म डिपॉजिट ग्राहकों दोनों के लिए उपलब्ध है।
भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष सीएस सेट्टी ने कहा, “हमारा उद्देश्य गोल-ओरिएंटेड डिपॉजिट प्रोडक्ट बनाना है, जो न केवल वित्तीय रिटर्न को बढ़ाए बल्कि हमारे ग्राहकों की आकांक्षाओं के अनुरूप भी हो। हम पारंपरिक बैंकिंग को और अधिक समावेशी (इनक्लूसिव) और प्रभावशाली बनाने के लिए इसे फिर से परिभाषित कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “हम 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की विकास यात्रा में योगदान देने के लिए वित्तीय समावेशन (फाइनेंशियल इन्क्लूशन) और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
इन प्रोडक्ट के लॉन्च के साथ एसबीआई ग्राहक-केंद्रित समाधान प्रदान करने के लिए अपने समर्पण की पुष्टि करता है, जो विभिन्न वित्तीय उद्देश्यों को पूरा करता है।
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जनवरी-नवंबर 2024 में अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर 64.5 मिलियन यात्रियों ने की यात्रा: केंद्र
नई दिल्ली, 4 जनवरी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, जनवरी-नवंबर 2024 की अवधि में शेड्यूल भारतीय और विदेशी ऑपरेटरों द्वारा अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर कुल 64.5 मिलियन यात्रियों को ले जाया गया। 2023 में समान अवधि में 58 मिलियन यात्रियों ने हवाई सफर किया था, जो 2024 में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल 64.5 मिलियन यात्रियों में से 29.8 मिलियन यात्रियों को भारतीय ऑपरेटरों द्वारा ले जाया गया था, जबकि 34.7 मिलियन यात्रियों को विदेशी ऑपरेटरों द्वारा ले जाया गया था।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा साझा किए गए पहले के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-नवंबर की अवधि में घरेलू एयरलाइंस ने कुल 1.02 मिलियन उड़ानें संचालित कीं, जिनमें कुल 146.4 मिलियन यात्री सवार थे। पिछले वर्ष 2023 (जनवरी-नवंबर) के दौरान 0.97 मिलियन उड़ानों में कुल 138.2 मिलियन शेड्यूल यात्री सवार थे।
मंत्रालय ने कहा, “शेड्यूल घरेलू भारतीय वाहकों द्वारा ले जाए जाने वाले घरेलू यात्रियों की संख्या में पिछले वर्ष 2023 की इसी अवधि की तुलना में वर्ष 2024 में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।”
17 नवंबर, 2024 को एक दिन में पहली बार घरेलू हवाई यात्री ट्रैफिक ने नया रिकॉर्ड बनाते हुए 5 लाख यात्रियों की संख्या को पार कर लिया।
1 जनवरी को लागू हुए भारतीय वायुयान अधिनियम 2024 का उद्देश्य वैश्विक मानकों के अनुरूप विमान अधिनियम, 1934 को फिर से लागू कर भारत के विमानन क्षेत्र का आधुनिकीकरण करना है।
सरकार ने कहा कि नया कानून ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देगा, शिकागो कन्वेंशन और आईसीएओ जैसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के साथ अलाइन होगा और लाइसेंस जारी करने को सरल बनाने जैसी नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगा।
इसके अलावा, पिछले साल महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास में वाराणसी, आगरा, दरभंगा और बागडोगरा में नए टर्मिनलों की नींव रखना शामिल था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करते हुए सरसावा, रीवा और अंबिकापुर में हवाई अड्डों का उद्घाटन भी किया।
सरकार ने देश भर में 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना के लिए ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी भी दी है।
मंत्रालय के अनुसार, “विमानन क्षेत्र में जेंडर इक्वैलिटी को बढ़ावा देने के लिए, हितधारकों के लिए एक सलाह जारी की गई है कि वे भारत के विमानन उद्योग में 2025 तक विभिन्न पदों पर महिलाओं की संख्या को 25 प्रतिशत तक बढ़ाएं।”
इसके अलावा, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू हवाई अड्डों पर ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
मंत्रालय के अनुसार, 80 हवाई अड्डों ने 100 प्रतिशत हरित ऊर्जा उपयोग को अपना लिया है, जिनमें से 12 हवाई अड्डे 2024 तक इस पर काम शुरू कर देंगे।
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