राजनीति
उत्तर प्रदेश : उपचुनाव में 9 बजे तक 7.87 प्रतिशत मतदान

उत्तर प्रदेश में विधानसभा की सात सीटों के लिए मंगलवार को मतदान हो रहा है। सुबह से ही लोग बूथ पर पहुंच गए। मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा। सातों सीटों पर 88 उम्मीदवार मैदान में हैं, इनमें 9 महिलाएं हैं। सभी सीटों पर नौ बजे तक 7.87 प्रतिशत मतदान होने की खबर है। संयुक्त मुख्य निर्वाच अधिकारी रमेश चन्द्र राय के अनुसार, अमरोहा की नौगांवा सादात में 8.50 प्रतिशत, बुलंदशहर में 7.80 प्रतिशत, फिरोजाबाद की टूंडला में 8 प्रतिशत, उन्नाव की बांगरमऊ में 8.27 प्रतिशत, कानपुर नगर की घाटमपुर में 5 प्रतिशत, देवरिया में 10 प्रतिशत और जौनपुर की मल्हनी सीट पर 7.50 प्रतिशत मतदान हुआ।
कोविड-19 के खतरे के मद्देनजर इस बार बूथों के बाहर दो-दो गज की दूरी पर गोले बनाए गए हैं। मतदाताओ को इसी में खड़ा किया जा रहा है। मॉडल और पिंक बूथों पर विशेष सुरक्षा इंतजाम के साथ मतदाताओं का उत्साह नजर आ रहा है।
अभी तक किसी भी स्थान से कोई अप्रिय सूचना नहीं प्राप्त हुई है। मतदान शांति पूर्वक जारी है। कंट्रोल रूम में जिलाधिकारी अन्य अफसरों के साथ सभी व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए हैं। जौनपुर जिले की मल्हनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान के प्रति वोटर का रुझान सुबह से ही दिख रहा है। बूथों पर मतदाताओं की कतार लगनी शुरू हो गई है। जौनपुर में मल्हनी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी बाहुबली धनंजय सिंह ने गांव के पास बने मतदान केंद्र में अपनी पत्नी श्रीकला सिंह के साथ मतदान किया। जौनपुर से सांसद रहे धनंजय सिंह मल्हनी विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरे हैं। बीते विधानसभा चुनाव 2017 में वह निषाद पार्टी के प्रत्याशी थे।
उधर अमरोहा के नौगांवा सादात क्षेत्र के उपचुनाव में मतदान के दौरान ईवीएम मशीन भी दगा दे रही हैं। गांव लिसडी बुजुर्ग व भीकनपुर सुमाली में ईवीएम मशीन खराब होने के कारण मतदान रुक गया। लिसडी बुजुर्ग में 7.30 बजे मतदान शुरू होने के बाद ईवीएम में तकनीकी दिक्कत के कारण बंद हो गया। इसके चलते करीब 20 मिनट तक मतदान रुका रहा। इसके बाद करीब 8.30 बजे गांव में भिकनपुर शुमाली में बूथ नंबर 308 में मशीन रुक गई। जिसके कारण मतदान रुक गया। 9.10 पर जोन मजिस्ट्रेट द्वारा मौके पर पहुंचकर दूसरी ईवीएम मशीन लगाकर मतदान शुरू कराया गया।
बुलंदशहर के देहात क्षेत्र में चार बूथों पर ईवीएम और वीवीपैट मशीनों में गड़बड़ी हुई, जिसके बाद मशीन को बदला गया। नौगांवा सादात क्षेत्र के सब्दलपुर शर्की गांव में चुनाव का बहिष्कार जारी है। यहां वोट नहीं डाले जा रहे हैं।
कानपुर के घाटमपुर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में मतदान को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। सुबह से ही लोग बूथ पर पहुंच गए। इसी बीच दो बूथ पर ईवीएम मशीन में खराबी की सूचना पर उनको बदला गया। यहां के पतारा तथा शास्त्रीनगर पोलिंग बूथ पर ईवीएम मशीन में खराबी आ गई।
कोरोनावायरस से मतदान कर्मियों व मतदाताओं की सुरक्षा के लिए थर्मल स्कैनर, सैनिटाइजर, ग्लव्स, फेस मास्क, फेस शील्ड, पीपीई किट, साबुन, पानी आदि की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
उत्तर प्रदेश की इन सात विधानसभा सीटों में 13.03 लाख पुरुष, 11.30 लाख महिलाएं व 130 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। चुनाव के लिए सात सामान्य प्रेक्षक व सात व्यय प्रेक्षकों के अलावा 301 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 46 जोनल मजिस्ट्रेट, 76 स्टैटिक मजिस्ट्रेट तथा 333 माइक्रो ऑब्जर्वर तैनात किए गए हैं। मतदान के लिए 5,127 ईवीएम की कंट्रोल यूनिट व 6,710 बैलट यूनिट तथा 5,492 वीवीपैट लगाए गये हैं। उपचुनाव में 17,183 मतदान कर्मी लगाए गए हैं। चुनाव प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए 1,046 भारी वाहन तथा 467 हल्के वाहन लगाए गए हैं।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस ने गणपति उत्सव के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की है: पुलिस आयुक्त देवेन भारती

मुंबई: मुंबई पुलिस ने गणपति उत्सव के संदर्भ में कड़े सुरक्षा इंतजाम करने का दावा किया है। मुंबई पुलिस आयुक्त देवेन भारती के नेतृत्व में संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्यनारायण चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही मुंबई पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त, 36 डीसीपी, 51 एसीपी, 2336 अधिकारी, 14430 जवानों सहित अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके अलावा पुलिस बलों में दंगा निरोधक दस्ता, आरपीएफ, एसआरपीएफ, त्वरित प्रतिक्रिया बल, डेल्टा कॉम्बैट, होमगार्ड और अन्य बल भी तैनात किए गए हैं। कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने गणपति मंडलों पर विशेष व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था की है ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे। इसलिए पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे भीड़ के दौरान धैर्य और संयम दिखाएं, संदिग्ध और संदिग्ध लोगों पर नजर रखें और भीड़ के दौरान पुलिस का सहयोग करें
राजनीति
नया बिल संविधान की रक्षा के लिए, विपक्ष को डरने की जरूरत नहीं : श्रीकांत शिंदे

मुंबई, 25 अगस्त। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से संसद में पेश किए गए तीन विधेयकों को लेकर अपनी बातें रखीं। उन्होंने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह बिल संविधान की रक्षा के लिए लाया जा रहा है, न कि किसी को जेल में डालने के लिए।
उन्होंने कहा, “हमने देखा है कि देश में कई बड़े नेता, यहां तक कि मुख्यमंत्री और मंत्री भी जेल गए। लेकिन, उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया। लोकतंत्र में जब किसी पर आरोप लगता है, तो जांच और विचार-विमर्श जरूरी होता है। इसी सोच के साथ सरकार यह नया बिल ला रही है, जो संविधान की रक्षा के लिए है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बिल किसी को निशाना बनाने के लिए नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए है।
उन्होंने विपक्ष के सवाल पर कहा, “अगर विपक्ष के नेताओं ने कुछ गलत नहीं किया, तो उन्हें इस बिल से डरने की क्या जरूरत है? यह बिल लोकतंत्र और संविधान के हित में है। सरकार का मकसद किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।”
दरअसल, पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के मानसून सत्र में तीन अहम बिल पेश किए थे। उनकी ओर से पेश किए गए बिल में मुख्य रूप से संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025, संघ राज्य क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 शामिल थे।
लोकसभा में पेश किए गए बिल का मुख्य उद्देश्य यह है कि अगर कोई केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य का मुख्यमंत्री या किसी केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री किसी आपराधिक मामले में आरोपी पाया जाता है, तो उसे तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना होगा। लेकिन, केंद्रीय मंत्री की ओर से पेश किए गए इस बिल का विपक्ष की ओर से विरोध किया जा रहा है।
राष्ट्रीय समाचार
सीएसडीएस एनालिस्ट संजय कुमार को ‘सुप्रीम’ राहत, महाराष्ट्र वोटर डेटा मामले में एफआईआर पर रोक

SUPRIM COURT
नई दिल्ली, 25 अगस्त। ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज’ (सीएसडीएस) के एनालिस्ट संजय कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जुड़े एक मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर पर स्टे लगा दी है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से संबंधित वोटर डेटा पर कथित रूप से भ्रामक जानकारी प्रकाशित करने को लेकर संजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में संजय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की।
सुप्रीम कोर्ट ने सीएसडीएस के एनालिस्ट संजय कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने साफ किया है कि अगली सुनवाई तक पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी। मामले की अगली सुनवाई तक सुप्रीम कोर्ट ने संजय कुमार को राहत दी है।
इससे पहले, संजय कुमार ने इस मामले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए माफी भी मांगी थी। उन्होंने पोस्ट में लिखा था, “महाराष्ट्र चुनावों के संबंध में पोस्ट किए गए ट्वीट के लिए मैं तहे दिल से माफी चाहता हूं। 2024 के लोकसभा और 2024 के विधानसभा चुनावों के आंकड़ों की तुलना करते समय त्रुटि हुई। पंक्ति में दिए गए आंकड़ों को हमारी डेटा टीम ने गलत पढ़ा था। ट्वीट को अब हटा दिया गया है। मेरा किसी भी प्रकार की गलत सूचना फैलाने का कोई इरादा नहीं था।”
आपको बताते चलें, संजय कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची का जिक्र करते हुए मतदाताओं की संख्या में भारी बदलाव होने का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि रामटेक विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में 38.45 फीसदी की कमी आई। वहीं, देवलाली में भी उन्होंने 36.82 फीसदी मतदाताओं की कमी का दावा किया था।
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