राजनीति
यूपी सरकार का दावा : 46 जिलों में 215 उद्योग लगे, 1,32,951 लोगों को रोजगार

बेरोजगारी और आर्थिक संकट की खबरों के बीच यूपी सरकार का दावा है कि प्रदेश में 46 जिलों 215 उद्योग लगे हैं और इन उद्योगों से 1,32,951 लोगों को रोजगार मिला है। सरकार के मुताबिक नोएडा सहित राज्य के 46 जिलों में बड़े उद्योगपतियों ने अपने उद्यम स्थापित कर उनमें उत्पादन भी शुरू कर दिया है। कुल 51,710.14 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। इसके अलावा अब चंद महीनों में ही 37698.63 करोड़ रुपए का निवेश करके स्थापित किए जा रहे 132 उद्यमों में भी उत्पादन शुरू हो जाएगा। इन 132 उद्यमों में 2,16,236 लोगों को रोजगार मिलेगा।
राज्य सरकार से मिली जानकारी के अनुसार महज साढ़े तीन साल में देश तथा विदेश के बड़े -बड़े उद्योगपति 89,408.82 करोड़ रुपए का निवेश कर अपनी फैक्ट्री लगा रहे हैं। जिसमें से सूबे के 46 जिलों में 51,710.14 करोड़ रुपए के हुए निवेश का परिणाम दिख रहा है। इन जिलों में उद्योगपतियों के स्थापित किए गए उद्यम (फैक्ट्री) में उत्पादन शुरू हो गया है। औद्योगिक विकास विभाग में कार्यरत अधिकारियों के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से ही यह संभव हुआ है। मुख्यमंत्री ने राज्य के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना अपनी प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल किया था। जिसके तहत उन्होंने फरवरी 2018 में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया। इस आयोजन में देश के सभी प्रमुख औद्योगिक घरानों के मुखिया आए। इस इन्वेस्टर्स समिट में बड़े उद्योगपतियों ने यूपी में निवेश करने में रूचि दिखाते हुए 4.28 लाख करोड़ रुपए के 1045 निवेश प्रस्ताव सरकार को सौपे थे। उद्योगपतियों के यह निवेश प्रस्ताव राज्य में लगे, इसके लिए मुख्यमंत्री ने करीब दर्जन भर अलग-अलग विभागों की नीतियां बनवाईं। इसके अलावा प्रदेश में लॉ एंड आर्डर और बुनियादी ढांचे को सु²ढ़ करने पर काम किया। यहीं नहीं विभिन्न क्षेत्रों में रिकॉर्ड 186 सुधारों को लागू किया गया। राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों का ही यह असर है कि महज साढ़े तीन वर्षों के भीतर ही प्रदेश में बड़े उद्योगपतियों ने 215 उद्यमों में 51710.14 करोड़ रुपए का निवेश कर उत्पादन शुरू कर दिया है। इन उद्यमों में 1,32,951 लोगों को रोजगार मिला है।
औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जिन 215 उद्यमों में उत्पादन शुरू हुआ है, वह सूबे के 46 जिलों में स्थापित किए गए हैं। इनमें सबसे अधिक 38 उद्यम गौतमबुद्धनगर (नोयडा) में स्थापित किए गए हैं। लखनऊ में 20, गाजियाबाद में 14, मेरठ में 10, बाराबंकी में 9, कानपुर में 8, गोरखपुर तथा वाराणसी में 7-7, पीलीभीत, बदायूं तथा हरदोई में 6-6, झांसी में 5, बस्ती, एटा, शाहजहांपुर, बिजनौर, बहराइच, संभल में 4-4, तथा कानपुर देहात, उन्नाव, अलीगढ़, हाथरस, सीतापुर, मैनपुरी, संतकबीर नगर में 3-3 तथा लखीमपुरखीरी, बरेली, फिरोजाबाद, मथुरा, गाजीपुर तथा बलरामपुर में 2-2 उद्यम स्थापित किए गए हैं। सुल्तानपुर, कन्नौज, हापुड़, रामपुर, श्रावस्ती, प्रतापगढ़, मिजार्पुर, देवरिया, आगरा, चंदौली, बुलंदशहर तथा प्रयागराज में एक-एक उद्यम स्थापित किया गया है। जिन 215 उद्यमों में उत्पादन होने लगा है, उनमें सबसे अधिक 101 उद्यम (फैक्ट्री) फूड प्रोसेसिंग से संबंधित हैं। फूड प्रोसेसिंग की इन 101 यूनिटों की स्थापना में 4074.02 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है और इन यूनिटों में 20,176 लोगों को रोजगार मिला है। मैन्युफैक्च रिंग से संबंधित 62 उद्यमों की स्थापित कर उसमें 12,378 लोगों को रोजगार दिया गया है। मैन्युफैक्च रिंग से संबंधित 62 उद्यमों की स्थापना पर 4819.45 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्च रिंग की 16 यूनिटों में 23762.67 करोड़ रुपए का निवेश कर उसमें 61195 लोगों को रोजगार दिया गया है और टेलिकॉम सेक्टर में भी दो उद्यमों की स्थापना पर 15,000 करोड़ रुपए का निवेश कर उसमें दो हजार लोगों को रोजगार दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, इसी प्रकार 6 डिस्टिलरी, 7 टेक्सटाइल्स फैक्ट्री, दो चीनी मिल तथा एक डेयरी फैक्ट्री की स्थापना भी की गई है।
नोएडा सहित 48 जिलों के 215 उद्यमों में उत्पादन शुरू होने के चलते अब 37698.63 करोड़ रुपए का निवेश करके स्थापित किए जा रहे 132 उद्यमों के निर्माण कार्य में भी तेजी आ गई है। अधिकारियों का कहना है कि चंद महीनों में उक्त 132 उद्यमों में निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा और इसी साल इन उद्यमों में उत्पादन भी शुरू हो जाएगा। इन 132 उद्यमों में 2,16,236 लोगों को रोजगार मिलेगा। इन उद्यमों में भी सबसे अधिक 38 फैक्ट्री फूड प्रोसेसिंग से संबंधित हैं । उसके बाद 28 उद्यम मैन्युफैक्च रिंग से संबंधित हैं। उक्त फैक्ट्रियों में उत्पादन जल्दी से शुरू हो इसके लिए उक्त उद्यमों के निवेशकों से अधिकारी लगातार संपर्क में हैं।
राजनीति
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश, 31 जनवरी 2026 तक कराने होंगे चुनाव

SUPRIM COURT
नई दिल्ली, 16 सितंबर। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और राज्य चुनाव आयोग को स्पष्ट निर्देश दिया है कि राज्य में लंबे समय से लंबित स्थानीय निकाय चुनाव 31 जनवरी 2026 तक हर हाल में कराए जाएं। अदालत ने कहा कि चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और इसके लिए तय समयसीमा के भीतर सभी प्रक्रियाएं पूरी की जाएं।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि 31 अक्टूबर तक परिसीमन की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि चुनाव प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए कर्मचारियों को रिटर्निंग ऑफिसर के रूप में तुरंत नियुक्त किया जाए।
राज्य निर्वाचन आयोग को आदेश दिया गया है कि दो सप्ताह के भीतर कर्मचारियों की सूची मुख्य सचिव को सौंपें, ताकि चुनाव की तैयारियों में किसी तरह की देरी न हो।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से यह भी कहा कि ईवीएम की उपलब्धता को लेकर 31 नवंबर तक एक हलफनामा दाखिल किया जाए। सरकार ने अदालत को बताया कि राज्य के पास वर्तमान में 65,000 ईवीएम मशीनें हैं और करीब 50,000 अतिरिक्त मशीनों की आवश्यकता है। इसके लिए ऑर्डर दिए जा चुके हैं।
सुनवाई के दौरान अदालत ने महाराष्ट्र सरकार की कार्यशैली पर नाराजगी जताई। अदालत ने कहा कि सरकार की निष्क्रियता और देरी उसकी अक्षमता को दर्शाती है। कोर्ट ने सवाल किया कि मई में दिए गए आदेश के बावजूद अब तक चुनाव क्यों नहीं कराए गए।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मई 2024 में ही एक अंतरिम आदेश पारित करते हुए चार महीने के भीतर यानी सितंबर के अंत तक चुनाव कराने का निर्देश दिया था। यह चुनाव 2022 से लंबित थे, क्योंकि ओबीसी आरक्षण से जुड़ी मुकदमेबाजी के चलते इन्हें टाल दिया गया था।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि राज्य में पहली बार एक साथ 29 नगर निगमों के चुनाव कराए जाने हैं। इतने बड़े स्तर पर चुनाव आयोजित करने के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट इस दलील से संतुष्ट नहीं हुआ और जनवरी 2026 तक चुनाव कराना अनिवार्य कर दिया।
महाराष्ट्र
भारत-पाक क्रिकेट मैच: भाजपा सरकार अपनी नीति स्पष्ट करे: उद्धव ठाकरे

मुंबई: मुंबई शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भारत-पाक क्रिकेट मैच के बाद भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि भारतीय जनता पार्टी भाजपा केवल देशभक्ति का दिखावा करती है और यह अब स्पष्ट हो गया है। अगर पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच नहीं खेला जाता तो क्या होता? एक तरफ पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को दुश्मन देश घोषित कर दिया गया और उसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रतिनिधिमंडल भेजा गया। वहां पाकिस्तान की करतूतों को सामने रखा गया, लेकिन अगर पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेला जाए तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या संदेश जाएगा। पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकी हमले करता है और हम उसके साथ मैच खेलते हैं। पहलगाम हमले के बाद देश ने पाकिस्तान के खिलाफ जो रुख स्पष्ट किया था, उसे बरकरार रखना चाहिए, लेकिन भाजपा अमित शाह और जय शाह का कसीदा पढ़ना चाहती है। देश भर के प्रतिनिधिमंडल कहते हैं कि पाकिस्तान ने भारत पर आतंकी हमला किया और अब उसके साथ मैच खेला जा रहा है। क्या यह सही है? उद्धव ठाकरे ने पाकिस्तान को लेकर विदेश नीति पर भी सवाल उठाए और कहा कि एक तरफ हम पाकिस्तान को आतंकी देश कहते हैं और दूसरी तरफ उसके साथ क्रिकेट खेलते हैं। हम विदेश यात्राओं के दौरान पाकिस्तान की करतूतों का बखान करते हैं। तो इन देशों में क्या संदेश जाएगा कि एक तरफ़ भारत पाकिस्तान को आतंकवादी कहता है और दूसरी तरफ़ उससे रिश्ते बनाए रखता है। तो कोई भी देश पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत का समर्थन क्यों करेगा? इसलिए यह तय करना ज़रूरी है कि पाकिस्तान दुश्मन है या दोस्त। अगर हम पाकिस्तान से रिश्ते ख़त्म कर लें, तो हम दूसरे देशों को भी ऐसा करने के लिए राज़ी कर सकते हैं। लेकिन जब हम पाकिस्तान के ख़िलाफ़ बात करेंगे और उसके साथ क्रिकेट खेलेंगे, तो क्या संदेश जाएगा? इसीलिए मैं भारतीय जनता पार्टी को एक बनावटी जनता पार्टी कहता हूँ।
महाराष्ट्र
कैबिनेट बैठक में महाराष्ट्र के किसानों के लिए 79 किसान भवन स्थापित करने को मंजूरी दी गई

KISAN
मुंबई: महाराष्ट्र कैबिनेट की आज हुई बैठक में 8 अहम फ़ैसले लिए गए। कैबिनेट बैठक में राज्य की बुनियादी सुविधाओं पर ज़ोर देते हुए सामान्य सुविधाओं के लिए उप-समिति को मंज़ूरी दे दी गई है। इस समिति में मुख्यमंत्री और मंत्रीगण सदस्य के रूप में शामिल होंगे। राज्य के किसानों के लिए 79 किसान भवन स्थापित करने के प्रस्ताव को भी मंज़ूरी दे दी गई है। महाराष्ट्र विकास के लिए गठित उप-समिति यानी उत्तर प्रदेश समिति की मंज़ूरी के बाद अब यही समिति विकास कार्यों और परियोजनाओं से जुड़े फ़ैसलों पर फ़ैसला लेगी। गुढ़चिरौली को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए 94 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी गई है। इसकी अनुमानित लागत 931 करोड़ 15 लाख रुपये होगी। इसकी ज़िम्मेदारी निर्माण और लोक निर्माण मंत्रालय को दी गई है। ऊर्जा विभाग का राज्य में 5,000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है और यह काम ऊर्जा मंत्रालय को सौंपा गया है।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र3 months ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार7 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा