राजनीति
यूपी को मिली बड़ी सौगात, पीएम नरेंद्र मोदी ने किया नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का शिलान्यास

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार प्रदेश का दौरा कर जनता को सौगातें दे रहे हैं। पूर्वांचल और बुंदेलखंड की जनता को सौगात देने के बाद गुरुवार को पीएम मोदी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता को सौगात देने के लिए गौतमबुद्धनगर के जेवर पहुंचे। जेवर में उत्तर प्रदेश खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता को बड़ी सौगात देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को गौतमबुद्धनगर जिले में प्रदेश के पांचवे अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का शिलान्यास किया। नोएडा का यह ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट भारत का पहला प्रदूषण मुक्त एयरपोर्ट होगा।
शिलान्यास कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, केंद्रीय मंत्री एस पी सिंह बघेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद महेश शर्मा के अलावा प्रदेश सरकार के कई मंत्री, सांसद, विधायक और भाजपा के नेता भी मौजूद रहे।
नोएडा का यह अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा और इसी के साथ भारत में उत्तर प्रदेश पांच अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला पहला और अकेला राज्य बन गया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में यह दूसरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा। इससे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दबाव को कम करने में भी मदद मिलेगी। दरअसल, इस इलाके में पिछले 30-35 वर्षों से इस तरह के एक अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की मांग की जा रही थी।
अगले 3 साल में यानि 2024 तक इस एयरपोर्ट से उड़ान सेवा शुरू हो जाएगी और इसके प्रथम चरण के पूरा हो जाने के बाद 1.2 करोड़ यात्री सालाना यहां से उड़ान भर सकेंगे। इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर, बुलन्दशहर, अलीगढ़, हापुड़, गाजियाबाद, मेरठ और एनसीआर के इलाके के आस-पास के जिलों में रहने वाले करोड़ो लोगों को फायदा होगा और साथ ही इस इलाके में व्यावसायिक एवं औद्योगिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी।
नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के प्रथम चरण का विकास 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जा रहा है हालांकि इस एयरपोर्ट के निर्माण में 34 से 35 हजार करोड़ रुपए की लागत आने की संभावना है। यह 1300 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैला है। पहले चरण का निर्माण हो जाने के बाद हवाई अड्डे की क्षमता वार्षिक रूप से 1.2 करोड़ यात्रियों की सेवा करने की हो जायेगी। ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी द्वारा इसका निर्माण किया जा रहा है। पहले चरण का मैदानी काम, यानी भू-अधिग्रहण और प्रभावित परिवारों का पुनर्वास पूरा किया जा चुका है। इसकी वजह से 1 लाख से अधिक लोगों को नौकरी एवं रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। साथ ही इस इलाके के विकास की वजह से 5 लाख लोगों को स्वरोजगार के अवसर मिलने की भी संभावना है।
यह हवाई अड्डा उत्तरी भारत के लिये लॉजिस्टिक्स का द्वार भी बनेगा क्योंकि पहली बार भारत में एकीकृत मल्टी मॉडल कार्गो केंद्र के रूप में किसी हवाई अड्डे को बनाया जा रहा है। समर्पित कार्गो टर्मिनल की क्षमता 20 लाख मीट्रिक टन होगी, जिसे बढ़ाकर 80 लाख मीट्रिक टन कर दिया जायेगा। हवाई अड्डे में ग्राउंड ट्रांस्पोर्टेशन सेंटर विकसित किया जायेगा, जिसमें मल्टी मॉडल ट्रांजिट केंद्र होगा, मेट्रो और हाई स्पीड रेलवे के स्टेशन होंगे, टैक्सी, बस सेवा और निजी वाहन पाकिर्ंग सुविधा मौजूद होगी। इस तरह हवाई अड्डा सड़क, रेल और मेट्रो से सीधे जुड़ने में सक्षम हो जायेगा। नोएडा और दिल्ली को निर्बाध मेट्रो सेवा के जरिये जोड़ा जायेगा। आसपास के सभी प्रमुख मार्ग और राजमार्ग, जैसे यमुना एक्सप्रेस-वे, वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे और इस तरह के अन्य एक्सप्रेस-वे को भी हवाई अड्डे से जोड़े जायेंगे। हवाई अड्डे को प्रस्तावित दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी जोड़ने की योजना है, जिसके कारण दिल्ली और हवाई अड्डे के बीच का सफर मात्र 21 मिनट का हो जायेगा।
यह भारत का पहला ऐसा हवाई अड्डा होगा, जहां उत्सर्जन शुद्ध रूप से शून्य होगा। हवाई अड्डे ने एक ऐसा समर्पित भूखंड चिह्न्ति किया है, जहां परियोजना स्थल से हटाये जाने वाले वृक्षों को लगाया जायेगा। इस तरह उसे जंगलमय पार्क का रूप दिया जायेगा। यहां के सभी मूल जंतुओं की सुरक्षा करने के साथ-साथ हवाई अड्डे के विकास के दौरान प्रकृति का पूरा ध्यान रखा जायेगा।
राजनीति
बिहार चुनाव : भाजपा-जदयू में बराबर का सीट बंटवारा, ‘बड़े भाई’ का बढ़ता दबदबा

पटना, 13 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए ने सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय कर लिया है। फॉर्मूले के तहत, भाजपा और जदयू इस बार 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। वहीं, एनडीए के सहयोगी दलों को 41 सीटें दी गई हैं।
सहयोगी दलों में लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) को 6-6 सीटें दी गई हैं। इस बार भाजपा और जदयू दोनों बराबर सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं।
इंफो इन डाटा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “2025 के बिहार चुनावों में, भाजपा और जेडीयू प्रत्येक 101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि सहयोगी एलजेपी (आरवी), एचएएम और आरएलएम 41 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। पहली बार, भाजपा और जेडीयू दोनों बराबर सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं, जो राज्य में भाजपा के बढ़ते प्रभुत्व और प्रभाव को दर्शाता है।”
इससे पहले के सीट बंटवारे पर अगर हम नजर डालें तो 2005 के अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में जदयू 139 सीटों और भाजपा 102 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इस चुनाव में जदयू को 88 सीटों पर, जबकि भाजपा को 55 सीटों पर सफलता मिली थी।
इसी तरह, 2010 के विधानसभा चुनाव में जदयू 141 और भाजपा 102 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इस चुनाव में जदयू ने 115 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि भाजपा को 91 सीटें मिलीं।
2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और जदयू के रास्ते अलग-अलग हो गए थे। इस चुनाव में जदयू महागठबंधन के साथ थी और नीतीश कुमार ने राजद और कांग्रेस के सहयोग से सत्ता में वापसी की थी। इस चुनाव में भाजपा ने 157 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन केवल 53 सीटों पर ही जीत हासिल की थी। इसके अलावा, 86 सीटों पर एनडीए के सहयोगी दलों ने अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें महज 5 सीटों पर ही जीत दर्ज की थी।
वहीं, 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू 115 सीटों पर, भाजपा 110 सीटों पर और अन्य सहयोगी दल 18 सीटों पर चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में भाजपा ने 74 सीटों पर और जदयू ने 43 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके अलावा, सहयोगी दल 8 सीट जीतने में कामयाब रहे थे।
हालांकि, 2025 में भाजपा और जदयू के बीच 101-101 सीटों का बराबर बंटवारा हुआ है। इस बदलाव से यह साफ है कि भाजपा बिहार की राजनीति में अब जूनियर पार्टनर नहीं रही। राजनीतिक जानकारों की मानें तो यह बराबरी का फॉर्मूला चुनावी मैदान में दोनों दलों के बीच समान साझेदारी का संदेश देगा।
राष्ट्रीय समाचार
जोगेश्वरी में निर्माण स्थल पर मौत की गहन जांच हो, अमित साटम ने बीएमसी को लिखा पत्र

मुंबई, 13 अक्टूबर: जोगेश्वरी पूर्व में 8 अक्टूबर को एक निर्माणाधीन साइट पर ईंट गिरने से 22 वर्षीय संस्कृति अमीन की मृत्यु के बाद मुंबई भाजपा अध्यक्ष और विधायक अमित साटम ने बीएमसी आयुक्त भूषण गगरानी को पत्र लिखकर घटना की गहन जांच की मांग की है।
उन्होंने बीएमसी से शहरभर के सभी निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों की जांच और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
अमित साटम ने अपने पत्र में कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि इस निर्माण स्थल पर पहले भी सुरक्षा नियमों के उल्लंघन की शिकायतें थीं, लेकिन बीएमसी ने कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने मांग की कि अगर ये आरोप सही हैं, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। साथ ही, उन्होंने बीएमसी से सभी निर्माण स्थलों का ऑडिट करने और सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया। साटम ने सुझाव दिया कि जहां कहीं भी सुरक्षा मानकों का उल्लंघन हो, वहां तुरंत सुधार किए जाएं और जरूरत पड़ने पर निर्माण कार्य रोकने के लिए नोटिस जारी किया जाए।
साटम ने कहा, “निर्माण स्थलों पर सुरक्षा जनता के हित में सबसे जरूरी है। बीएमसी को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी जगह सुरक्षा नियमों का पालन हो। अगर कोई लापरवाही बरती गई, तो दोषी अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाए।” उन्होंने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए शहरव्यापी सुरक्षा ऑडिट की जरूरत पर जोर दिया।
यह हादसा जोगेश्वरी (पूर्व) में एक पुनर्विकास प्रोजेक्ट के दौरान हुआ, जहां निर्माण स्थल से गिरी ईंट ने संस्कृति अमीन की जान ले ली। इस हादसे ने निर्माण स्थलों पर सुरक्षा के प्रति लापरवाही का गंभीर मुद्दा उठाया है।स्थानीय लोग और विधायक साटम चिंतित हैं कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। बीएमसी ने अभी तक इस पत्र पर कोई आधिकारिक जवाब नहीं दिया है, लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही जांच और कार्रवाई शुरू होगी।
महाराष्ट्र
मुंबई दिवाली से पहले नागरिकों के चेहरों पर मुस्कान… 1 करोड़ रुपये से अधिक का सामान लौटा, पुलिस के प्रदर्शन की सराहना, लोगों में खुशी का माहौल

मुंबई: मुंबई पुलिस ने दिवाली से पहले नागरिकों के खोए और चोरी हुए सामान लौटाकर और उनके चेहरों पर मुस्कान बिखेरकर उनकी खुशियाँ लौटा दी हैं। मुंबई के ज़ोन 8 के डीसीपी मनीष कलवानिया ने आज दिवाली से पहले नागरिकों का खोया और अन्य सामान लौटाया, जिसकी कीमत एक करोड़ से ज़्यादा है, जिसमें 2000 मोबाइल फ़ोन भी शामिल हैं। डीसीपी ने कहा कि चोरी और खोए हुए सामान की वापसी से लोगों की खुशी दोगुनी हो गई है क्योंकि ज़्यादातर लोगों ने अपने सामान की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन पुलिस ने उनके चेहरों पर मुस्कान लौटा दी है। मुंबई पुलिस ने विभिन्न पुलिस स्टेशनों पर लोगों का सामान लौटाने की प्रक्रिया शुरू की है। यह प्रक्रिया मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती की पहल पर शुरू की गई है। चोरी और खोए हुए सामान की वापसी के बाद मुंबई में लोगों का पुलिस पर भरोसा और मज़बूत हुआ है और अब पुलिस ऐसे मामलों में बेहतर प्रदर्शन कर रही है जिनमें लोगों का सामान चोरी हो गया है या गायब हो गया है। पुलिस अब कई ऐसे लोगों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है जो अपना सामान भूल गए थे या उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनका सामान उन्हें फिर से मिल पाएगा।
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