राजनीति
यूपी चुनाव : कांग्रेस युवा घोषणा पत्र जारी, बीजेपी का विजन देश का विजन नहीं हो सकता : राहुल गांधी
कांग्रेस ने दावा किया है कि प्रचार के दौरान वो नकारात्मक नहीं, बल्कि सकारात्मक प्रचार करेगी। हिंदुस्तान को जो मोदी सरकार ने विजन दिया था आज वो फेल हो गया है। हिंदुस्तान को विजन कांग्रेस पार्टी ही दे सकती है, बीजेपी का विजन देश का विजन नहीं हो सकता। भारत में एक नई विजन के तहत काम करने की जरूरत है, उत्तरप्रदेश इसका इंतजार कर रहा है।
उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी ने युवाओं के लिए घोषणा पत्र जारी किया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने दोपहर 12 बजे प्रेसवार्ता कर दिल्ली मुख्यालय में ये घोषणा पत्र जारी किया।
राहुल गांधी ने इस मौके पर कहा, “देश और उत्तरप्रदेश की समस्या हिंदुस्तान के हर युवा को मालूम है। कांग्रेस पार्टी युवाओं को भविष्य के लिए चिंतित है इसलिए एक ठोस रणनीति बनाई है। जिसके बाद ये घोषणा पत्र तैयार किया है। यूपी में पिछले 5 सालों में 16 लाख युवाओं ने रोजगार खोया है। हर दिन 880 युवा रोजगार खो रहे हैं क्योंकि देश का पूरा धन देश के बड़े उद्योगपतियों को दिया जा रहा है। हिंदुस्तान को जो मोदी सरकार ने विजन दिया था आज वो फेल हो गया है। हिंदुस्तान को विजन कांग्रेस पार्टी ही दे सकती है, बीजेपी का विजन देश का विजन नहीं हो सकता। शुरूआत उत्तरप्रदेश से होती है जिसके बाद पूरे देश इसके तहत आता है।”
राहुल गांधी ने कहा भारत में एक नई विजन के तहत काम करने की जरूरत है, उत्तरप्रदेश इसका इंतजार कर रहा है।
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, बीजेपी की रणनीति छोटे व्यापारी को खत्म करने का है। जीएसटी -नोटबंदी लागू कर, कोरोना काल में जैसे रोजगार खत्म किया। मैं आपको कह रहा हूं कि अगर आपकी नियत ही गलत है तो आप रोजगार पैदा ही नहीं कर सकते।
प्रियंका गांधी ने कहा कि यूपी में सबसे बड़ी समस्या भर्ती है। इसलिए हमने इसका नाम भर्ती विधान रखा है। हमारा ये प्रयास रहा है कि जो युवाओं की समस्याएं है उन्हें इसके मध्य से दूर की जाएगी।
प्रियंका गांधी ने कहा, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आएगी तो शिक्षा का बजट बढ़ाया जाएगा। परीक्षा प्रक्रिया मुफ्त किया जाएगा। निषादों के लिए मत्स्य पालन, नौका व्यापार के लिए विश्व स्तरीय विद्यालय बनाया जाएगा। विश्व स्तरीय खेल अकदमी बनाई जाएगी। एक सिंगल विंडो स्कॉलरशिप खोला जाएगा।
उन्होंने कहा, युवाओं को 20 लाख नौकरी दी जाएगी, इसमें से 8 लाख पद आरक्षण के मध्य से महिलाओं को भी नौकरी मिलेगी। परीक्षाओं में घोटाले दूर किये जायेंगे। यूपी में प्राथमिक स्कूलों में 1 लाख शिक्षक की भर्ती की जाएगी। इसी तरह तमाम खाली पड़ भरे जाएगी। भर्ती प्रक्रिया में फॉर्म भरने की फीस, परीक्षा स्थल तक जाने का शुल्क माफ की जाएगी। पेपर लीक को बंद किया जायेगा ताकि युवाओं को सुविधा हो सकते। आरक्षण के घोटाले रोके जायेगे, सामाजिक न्याय पर्यवेक्षक नियुक्त किये जायेंगे। मत्स्य पालन, नौका व्यापार के लिए विश्व स्तरीय विद्यालय बनाया जाएगा। यूपी को नशा मुक्त करने के लिए नशा मुक्ति केंद्र खोले जाएंगे। हर साल यूथ फेस्टिवल होगा।
हालांकि अपने चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि फिलहाल उन्होंने चुनाव लड़ने को लेकर कुछ तय नहीं किया है लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि उत्तरप्रदेश चुनाव उन्हीं के चेहरे पर लड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस जाति के आधार पर राजनीति को खत्म करना चाहती हैं।
डिजिटल प्रचार को लेकर प्रियंका ने कहा डोर-टू-डोर कैम्पेन पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। महिलाओं को तरजीह देने उन्हें शसक्त करने की दिशा में ये बड़ा कमद है। चाहे नतीजे जो भी हो महिलाएं शसक्त होंगी। अब कोई राजनीतिक दल एक गैस सिलेंडर देकर सन्तुष्ट नहीं कर सकते। महिलाओं को राजनीति में पीछे नहीं छोड़ सकते।
दरअसल कांग्रेस ने घोषणा पत्र को भर्ती विधान युवा घोषणा पत्र नाम दिया है। इसमें प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पड़े 1.5 लाख पद भरने की घोषणा की गई है। माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के 38 हजार पद भरने का वादा किया गया है। उच्च शिक्षा और कॉलेज में खाली पड़े 8000 रिक्त पद भरने की घोषणा है। आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं के 19300 और आगनवाड़ी सहायिकाओं के 27000 रिक्त पदों को भरने की घोषणा की है।
कांग्रेस स्टार्ट एप के लिए 5 हजार करोड रूपए का सीड स्टार्ट अप फंड देगी। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एग्जाम फीस माफ करने का वादा किया है। कांग्रेस की 20 लाख नौकरियां देने की गारंटी, 8 लाख नौकरियां महिलाओं को दी जाएगी ये कहा गया है।
कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव में युवाओं और महिलाओं पर विशेष जोर दे रही है और उसने घोषणा की है कि वह उत्तर प्रदेश में 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देगी।
इससे पहले कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी ने कुछ महीने पहले लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ अभियान की शुरूआत करते हुए घोषणा की थी कि विधानसभा चुनाव में 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को दिये जाएंगे। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को 41 और उम्मीदवारों की घोषणा की थी। इनमें 16 महिला उम्मीदवार शामिल हैं। पार्टी की ओर से जारी दूसरी सूची में भी पहली सूची की तरह महिलाओं की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है। इससे पहले पार्टी ने 13 जनवरी को 125 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी और उसमें 50 महिलाओं को टिकट दिया गया था।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को अपना यूथ घोषणापत्र जारी किया। इसके अलावा शुक्रवार को पहले फेज के चुनाव के लिए नामांकन का आखिरी दिन है। यूपी के दूसरे चरण के चुनाव के लिए नामंकन प्रक्रिया भी शुक्रवार को से शुरू हो जाएगी।
महाराष्ट्र
गाजा पर इजरायली आक्रमण के खिलाफ 10 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन पुलिस अलर्ट पर है और सभी स्थितियों पर नजर रख रही है।

मुंबई: गाजा में इजरायली आक्रामकता और फिलिस्तीनियों पर लगातार बमबारी के खिलाफ मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन किया गया है। इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मुंबई पुलिस भी अलर्ट पर है। मुंबई में फिलिस्तीनियों के समर्थन में हो रहे विरोध प्रदर्शन के चलते बैठकों का दौर शुरू हो गया है। विधायक अबू आसिम आजमी, रईस शेख और नेताओं ने विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है। इतना ही नहीं, विरोध प्रदर्शन के लिए कई इलाकों में नुक्कड़ सभाएं और एनजीओ की बैठकें भी शुरू हो गई हैं।
शुक्रवार, 10 अक्टूबर को भारत-फिलिस्तीन एकजुटता मंच के बैनर तले एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया है। पूर्व सांसद और पत्रकार कुमार किटकर, फिरोज मेथी बोरवाला, कॉमरेड शैलेंद्र कांबले, कॉमरेड अजीत पाटिल, एम.ए. खालिद और सईद खान इस विरोध प्रदर्शन को संबोधित करेंगे। फिलिस्तीन में हुए नरसंहार के खिलाफ दुनिया भर में विरोध प्रदर्शनों का एक लंबा सिलसिला चल रहा है, लेकिन इजरायल की हठधर्मिता अभी भी कायम है और आक्रमण व बमबारी जारी है।
मुंबई में हो रहे विरोध प्रदर्शन के चलते पुलिस हालात पर नज़र रख रही है। इतना ही नहीं, पुलिस ने आज़ाद मैदान की सुरक्षा व्यवस्था और सोशल मीडिया पर भी नज़र रखनी शुरू कर दी है। मुंबई में फ़िलिस्तीन के समर्थन में हो रहे विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों के शामिल होने की उम्मीद है, इसलिए पुलिस भी अलर्ट पर है। सिर्फ़ मुंबई ही नहीं, बल्कि आसपास के इलाकों और उपनगरों से भी मुसलमान और इंसाफ़ पसंद लोग इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे।
गाज़ा में लगातार हो रहे इसराइली आक्रमण के ख़िलाफ़ अब मुस्लिम देश भी एकजुट हो गए हैं। ऐसे में मुंबई में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर भी पुलिस की नज़र है। इसके साथ ही, भड़काऊ और विवादित बयानों से लेकर विवादित और भड़काऊ बैनर-पोस्टर तक, हर चीज़ पर पुलिस की नज़र है।
शुक्रवार को फ़िलिस्तीन के विरोध प्रदर्शन के दौरान बरेली में हुई हिंसा के बाद मुसलमानों के घरों पर बुलडोज़र चलाने, हिंसा के बाद मुसलमानों को गिरफ़्तार करने और मौलाना तौकीर रज़ा की गिरफ़्तारी और रिहाई की मांग की संभावना है। ऐसे में पुलिस ने आज़ाद मैदान में विरोध प्रदर्शन की इजाज़त दे दी है। नेता और राष्ट्रीय दल भी इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए सोशल मीडिया पर अपील जारी कर रहे हैं, जिससे बड़ी संख्या में प्रतिभागियों के आकर्षित होने की संभावना है।
राजनीति
मुस्लिम मतदाता गलती न करें, वोटों का बंटवारा न हो: उदित राज

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर : बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इस बीच, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है, जिससे यह चुनाव और भी रोमांचक होने की संभावना है। इस पर कांग्रेस नेता उदित राज ने मुस्लिम मतदाताओं से अपील की है कि वे इस बार अपने वोटों का बंटवारा न करें।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि पिछली बार की गलती को दोहराने से बचें, जिसके कारण पांच साल तक परेशानियां और कठिनाइयां झेलनी पड़ीं। इस बार एकजुट होकर वोट करें ताकि मजबूत नेतृत्व चुना जा सके।
चीफ जस्टिस का अपमान करने वाले आरोपी वकील के दावे पर कि उसे ‘दैवीय सिग्नल’ प्राप्त हुआ था। इस पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि सनातनी तो रावण भी था, सनातनी गोडसे भी था जिसने गांधी जी की हत्या की। क्या सनातन धर्म का मतलब हिंसा, नफरत और घृणा फैलाना है? सनातनियों को इस पर जवाब देना चाहिए कि क्या वे इस आरोपी वकील का समर्थन करते हैं, जो खुद को सनातनी कहता है।
उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम के बीच जहर फैलाने की राजनीति अब सर्वत्र फैल रही है, जिसके कारण हिंसा, गाली-गलौज और नफरत आम हो गए हैं।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के विदेश दौरे पर भाजपा नेता के बयानों पर उदित राज ने कहा कि भाजपा को चिंता क्यों हो रही है। राहुल गांधी तो भाजपा को नहीं चला रहे। वे कभी-कभी विदेश जाते हैं, इसमें हाय-तौबा मचाने की क्या जरूरत है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के केंद्र सरकार पर लगाए गए आरोपों का समर्थन करते हुए उदित राज ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान संघीय है, लेकिन इसे तोड़ा जा रहा है। मनरेगा का फंड रोका जा रहा है, बड़े प्रोजेक्ट्स को मंजूरी नहीं दी जा रही, और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों के साथ भी बुरा बर्ताव हो रहा है।
भारत में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का दो दिवसीय दौरे को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा कि स्वागत है। उन्होंने कहा जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव था, तब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने निष्पक्ष रुख नहीं अपनाया और न ही भारत का साथ दिया। देखते हैं कि दो दिवसीय उनके दौरे से भारत को क्या लाभ होता है।
राजनीति
शिवसेना चुनाव चिन्ह विवाद : उद्धव ठाकरे की याचिका पर 12 नवंबर को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर : शिवसेना पार्टी के चुनाव चिन्ह विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट अगले महीने सुनवाई करेगा। उद्धव ठाकरे की ओर से दायर याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 12 नवंबर की तारीख निर्धारित की।
शिवसेना-यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े को पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और उसका चुनाव चिन्ह ‘धनुष-बाण’ आवंटित किया गया था।
उद्धव ठाकरे का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव जनवरी 2026 में होने हैं, इसलिए इस मामले पर तत्काल विचार करने की जरूरत है, जिसके बाद न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मामले की सुनवाई अगले महीने तय करने पर सहमति जताई।
शीर्ष अदालत ने कहा, “हम 12 नवंबर को सभी पक्षों की सुनवाई करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो हम 13 नवंबर को सुनवाई जारी रख सकते हैं।”
कपिल सिब्बल ने शिवसेना (यूबीटी) गुट की तरफ से दायर एक अन्य याचिका पर भी तत्काल सुनवाई की मांग की। इस याचिका में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने से इनकार कर दिया गया था।
इस पर, न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने टिप्पणी की कि कपिल सिब्बल को संयुक्त सुनवाई के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) की अनुमति लेनी चाहिए, क्योंकि दूसरी याचिका एक अलग बेंच के सामने लंबित है।
बुधवार की सुनवाई से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि यह निर्णय पर निर्भर करता है कि इस देश को किस ओर लेकर जाना है। उन्होंने यह भी कहा कि यहां लोकतंत्र जिंदा रहना चाहिए और मजबूत होना चाहिए। हम यही अपेक्षा करते हैं कि न्यायालय का निर्णय न्यायसंगत होगा और संविधान पर आधारित होगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में विजय वडेट्टीवार ने कहा, “यह जनता को यह दिखाने का सुनहरा अवसर है कि देश संविधान और कानून के शासन से चलता है।”
बता दें कि मार्च 2023 में, शीर्ष अदालत ने एकनाथ शिंदे गुट को आधिकारिक शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे पार्टी का नाम व चुनाव चिन्ह देने के चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हालांकि, वह इस फैसले को चुनौती देने वाली उद्धव ठाकरे की याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गई। फिलहाल, सुनवाई की तारीख 12 नवंबर तय की गई है।
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