राष्ट्रीय
‘मामले की गंभीरता को समझें’, सुप्रीम कोर्ट का पहलगाम हमले को लेकर दाखिल याचिका की सुनवाई से इनकार

नई दिल्ली, 1 मई। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पहलगाम आतंकी हमले को लेकर दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को चेतावनी दी और कहा कि इस तरह की याचिका दाखिल करने से बचना चाहिए।
दरअसल, पहलगाम हमले की जांच को लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी। इसमें मांग की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाए।
इसके अलावा, याचिका में एनआईए को जम्मू-कश्मीर के पर्यटक स्थलों में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक्शन प्लान तैयार करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटेश्वर सिंह की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि क्या आप सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज से इस मामले की जांच कराना चाहते हैं? मामले की गंभीरता को समझें।
उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा कि देश के हर नागरिक के लिए यह कठिन समय है और मामले की गंभीरता को समझना चाहिए। साथ ही इस तरह की याचिका दाखिल करने से बचना चाहिए।
बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच की जिम्मेदारी एनआईए ने संभाली है। इसके बाद एनआईए की टीम पहलगाम स्थित घटनास्थल पर पहुंची और साक्ष्य जुटाने में जुट गई।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एनआईए की टीम आतंकियों के हमले के तरीके और भागने के रास्तों का पता लगाने के लिए इलाके की बारीकी से जांच कर रही है।
बैसरन घाटी में हुए इस हमले को कश्मीर के सबसे भयानक आतंकी हमलों में से एक माना जा रहा है। एनआईए की टीम उनसे पूछताछ कर रही है, जिन्होंने इस खौफनाक मंजर को अपनी आंखों से देखा था।
एनआईए के एक आईजी, एक डीआईजी और एक एसपी की निगरानी में जांच चल रही है। टीम आतंकियों के प्रवेश और निकास बिंदुओं की जांच कर रही है, ताकि यह समझा जा सके कि हमलावर कैसे आए और कहां से भागे।
इस बीच, गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिदेशक सदानंद दाते जम्मू-कश्मीर के पहलगाम पहुंचे। सदानंद दाते उस जगह भी जाएंगे, जहां आतंकियों ने 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान उलेमा काउंसिल की गीदड़ भभकी में नहीं आएगा भारत का मुसलमान : मौलाना शहाबुद्दीन

बरेली, 1 मई। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने पाकिस्तान के उलेमा काउंसिल को कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने पाकिस्तान के उलेमा काउंसिल को चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी गीदड़ भभकी में भारत का मुसलमान नहीं आने वाला है।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा, “पाकिस्तान के उलेमा काउंसिल ने धमकी दी है कि कश्मीर को गाजा बनने नहीं दिया जाएगा। मैं उन्हें (पाकिस्तान उलेमा काउंसिल) चेतावनी देता हूं कि उनकी गीदड़ भभकी में भारत का मुसलमान नहीं आने वाला है। कश्मीर भारत का अंग है, जो कल भी भारत का हिस्सा था, आज भी है और आगे भी रहेगा। एक दिन ऐसा आएगा कि पीओके पर भारतीय तिरंगा लहराएगा।”
उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा, “भारत मुंहतोड़ जवाब देना जानता है और इस तरह की भ्रमित करने वाली चीजें कभी बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। हिंदुस्तान का मुसलमान देश में सभी के साथ मिलजुलकर रहता आया है। मैं मस्जिद के इमाम और तमाम मुसलमानों से यही अपील करना चाहता हूं कि जुमे के दिन ‘यौम-ए-दुआ’ के तौर पर मनाएं। साथ ही जुमे की नमाज के बाद सामूहिक तौर पर देश की एकता, अखंडता के लिए दुआ की जाए। इमाम अपनी तकरीरों के माध्यम से आतंकवाद के खिलाफ आवाम को जागरूक करें और ये भी बताएं कि भारत इस मुश्किल घड़ी में दुश्मन का मुकाबला करने के लिए एकजुट है।”
दरअसल, मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का यह बयान पाकिस्तान के उलेमा काउंसिल की उस टिप्पणी के जवाब में आया है, जिसमें पाकिस्तान के उलेमा काउंसिल ने धमकी देते हुए कहा था कि इस जुमे को पाकिस्तान की सभी मस्जिदों से भारत के खिलाफ एकजुटता का ऐलान होगा और हम कश्मीर को गाजा नहीं बनने देंगे।
अंतरराष्ट्रीय
भारत-इजरायल संबंध को नुकसान पहुंचाने की साजिश ! इजरायली दूतावास ने किस वायरल दावे को बताया ‘फर्जी’

नई दिल्ली, 30 अप्रैल। भारत में इजरायल के दूतावास ने बुधवार को उस दावे को फर्जी बताया जिसमें कहा गया कि उसकी ओर से विदेश मंत्रालय को ‘ नोट वर्बल’ जारी किया गया। इस कथित ‘नोट वर्बल’ में जम्मू-कश्मीर में संयुक्त सैन्य अभ्यास के दौरान एक भारतीय सेना अधिकारी पर इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) की एक कर्मी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया।
दूतावास ने इस घटना पर हैरानी जताते हुए कहा कि भारत और इजरायल के बीच मजबूत रिश्ते को नुकसान पहुंचाने के लिए इस तरह की ‘फर्जी खबरों’ का सहारा लेने वाले सफल नहीं होंगे।
इजरायली दूतावास ने एक्स पर लिखा, “अविश्वसनीय! इजरायल और भारत के बीच रिश्ता इतना मजबूत है कि नफरत करने वाले इसे नुकसान पहुंचाने के लिए फर्जी खबरों का सहारा ले रहे हैं। यह काम नहीं करेगा।”
इजरायल ने घातक पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और भारत के लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
नेतन्याहू ने 24 अप्रैल को एक्स पर लिखा, “मैंने आज भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और कश्मीर में इस्लामी आतंकवादी हमले के बाद भारत के लोगों के प्रति अपनी और इजरायल के लोगों की संवेदनाएं व्यक्त कीं। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के दुख को साझा करने के लिए मुझे धन्यवाद दिया और इस बात पर जोर दिया कि हमारे दोनों देश जानलेवा आतंकवाद के खिलाफ महत्वपूर्ण लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।”
पिछले सप्ताह विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नई दिल्ली में इजरायल के राजदूत रियूवेन अजार से मुलाकात की थी। उन्होंने सीमा पार आतंकवाद से निपटने में इजरायल के दृढ़ समर्थन की सराहना की।
अजार ने सोशल मीडिया पर उपयोगी चर्चा के लिए विदेश मंत्री जयशंकर का आभार व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, “विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ उपयोगी चर्चा के लिए धन्यवाद। आम चुनौतियों का मुकाबला करने और कई अवसरों का लाभ उठाने के लिए भारत और इजरायल के मिलकर काम करने की उम्मीद है!”
आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल – पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं। हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे।
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तानी हैकर्स का राजस्थान में साइबर अटैक, राज्य सरकार की तीन वेबसाइट्स हैक

जयपुर, 29 अप्रैल। पाकिस्तानी हैकर्स ने राजस्थान सरकार की तीन वेबसाइटों को निशाना बनाया और उन पर भारत विरोधी संदेश लिख दिए।
पाकिस्तानी साइबर अपराधियों ने राज्य में कई सरकारी वेबसाइटों को निशाना बना चुके हैं, जिनमें नवीनतम निशाना शिक्षा विभाग के आधिकारिक पोर्टल है।
मंगलवार को राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस घटना का संज्ञान लिया और विभाग की सूचना प्रौद्योगिकी शाखा को सक्रिय कर दिया। हैक की गई वेबसाइट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया, जबकि रिकवरी ऑपरेशन चल रहा है।
साइबर सुरक्षा एजेंसियों को भी सूचित कर दिया गया है। जिम्मेदार हैकिंग समूह की पहचान करने और किसी भी संभावित डाटा उल्लंघन का आकलन करने के लिए जांच शुरू कर दी गई है।
अभी तक किसी भी संवेदनशील डेटा लीक की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी विभागीय प्रणालियों का व्यापक ऑडिट जारी है।
यह घटना सोमवार को हुए एक ऐसे ही साइबर हमले के बाद हुई, जिसमें हैकरों ने स्थानीय स्वशासन विभाग (डीएलबी) और जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) की वेबसाइटों पर हमला किया था और उन पर पाकिस्तान समर्थक प्रचार सामग्री लगा दी थी। अब उन दोनों वेबसाइटों को बहाल कर दिया गया है।
एक पोस्ट में, ‘पाकिस्तान साइबर फोर्स’ का हिस्सा होने का दावा करने वाले हैकर्स ने पहलगाम में हाल की आतंकवादी घटना का हवाला देते हुए भारत के बारे में भड़काऊ टिप्पणी की।
शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि शिक्षा विभाग की वेबसाइट को जल्द ही बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में उल्लंघनों को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि यह घटना भू-राजनीतिक तनाव के साथ-साथ साइबर युद्ध के बढ़ते खतरे को रेखांकित करती है। यह सरकारी प्लेटफार्मों पर डिजिटल सुरक्षा बढ़ाने की तत्काल जरुरत को पर प्रकाश डालती है।
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