अंतरराष्ट्रीय
अंडर-19 सीडब्ल्यूसी : इंग्लैंड को हराकर पांचवी बार चैपियन बना भारत

सर विवियन रिचर्डस मैदान में भारत और इंग्लैंड के बीच शनिवार को खेले गए अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल मैच में भारतीय टीम ने इंग्लैंड को पस्त करते हुए पांचवी बार खिताब अपने नाम किया। टीम ने चार विकेट से मैच को अपने नाम कर लिया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की टीम को भारतीय गेंदबाजों ने चित कर दिया। राज बावा और रवि कुमार की गेंद से बल्लेबाजों पर दबदबा कायम रहा और टीम के एक के बाद एक विकेट गिरते चले गए। गेंदबाज राज बावा ने पांच और रवि कुमार ने चार विकेट चटकाए। जहां टीम ने 44.5 ओवर में 10 विकेट खोकर 189 रन बनाए और भारतीय टीम को 190 रनों का आसान सा लक्ष्य जीत के लिए दिया।
रवि कुमार ने बेथेल (2), टॉम प्रेस्ट (0), जेम्स रेव (95) और थॉमस एस्पिनवाल (0) ने विकेट चटकाया। वहीं राज बावा ने सलामी बल्लेबाज जॉर्ज थॉमस (27), विल लैक्सटन (4), जॉर्ज बेल (0), रेहान अहमद (10) और बॉयडन (1) का विकेट झटका। कौशल तांबे ने भी एक विकेट चटकाया। जिसमें एलेक्स होर्टन (10) का विकेट शामिल है। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने आसानी से लक्ष्य को पार कर लिया। शेख राशिद और निशांत संधू के अर्धशतक से टीम को मजबूती मिली।
सलामी बल्लेबाज रघुवंशी शून्य पर आउट होकर वापस पवेलियन लौट गए। दूसरे बल्लेबाज हरनूर सिंह ने 46 गेंदों में 21 रन की पारी खेली। जिसमें तीन चौके भी शामिल हैं। शेख राशिद और यश ढूल की पारी से टीम को थोड़ी मजबूती मिली और बल्लेबाज टीम में रनों को जोड़ने में सफल रहे। जिसमें अहमद ने 50 और ढूल ने 17 रन की पारी खेली। इसके बाद बल्लेबाजी करने आए निशांत संधू की नाबाद अर्धशतकीय पारी और राज बावा की 35 रन की पारी से टीम को जीतने से मदद मिली। हालांकि बावा के आउट होने के बाद कौशल तांबे बल्लेबाजी करने आए लेकिन वे भी 1 रन बनाकर आउट हो गए।
वहीं दिनेश बाना ने राशिद का साथ दिया और टीम में 13 रन जोड़े, जिसमें वे दो छक्के लगाकर रन बटोरने में सफल रहे। टीम ने 47.4 ओवर में छह विकेट खोकर 195 रन बनाए। इंग्लैंड के गेंदबाज जोशुआ बायडन, जेम्स सेल्स और थॉमस एस्पिनवाल ने 2-2 विकेट चटकाए। इस तरह टीम ने इंग्लैंड टीम को चार विकेट से पस्त कर दिया।
संक्षिप्त स्कोर :
इंग्लैंड : 44.5 ओवर में 189 (जेम्स रेव 95; राज बावा 5/31, रवि कुमार 4/34)।
भारत : 47.4 ओवर में 195/6 (रशीद 50, निशांत सिंधु 50; जोशुआ बॉयडेन 2/24)।
अंतरराष्ट्रीय
7 अक्टूबर: हमास ने इजरायल के ऊपर दागे तीन हजार से ज्यादा रॉकेट, दो साल बाद भी ताजा हैं नरसंहार के जख्म

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर : हमास और और इजरायल के बीच जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के 20 सूत्रीय प्लान पर चर्चा होनी है। बता दें, गाजा में इस संघर्ष के शुरू होने की वजह 7 अक्टूबर 2023 को हमास की ओर से इजरायल पर किया गया हमला है। इजरायल पर हमास के हमले को दो साल होने जा रहे हैं।
7 अक्टूबर 2023 को हमास की ओर से इजरायल पर हुए हमले में करीब 1200 से ज्यादा लोग मारे गए। इसके अलावा 250 के करीब लोगों को हमास आतंकियों ने बंधक बना लिया। मरने वालों में महिला, बच्चे और बूढ़ों समेत कुछ विदेशी लोग भी शामिल थे। वहीं इसमें 300 से ज्यादा इजरायली सैनिक भी शामिल थे।
हमास के 7 अक्टूबर के हमले की भयावहता आज भी मन को झकझोर देती है। सामने आईं तस्वीरों और रिपोर्टों के अनुसार, यह हमला अत्यंत क्रूर और अमानवीय था। आतंकियों ने आम नागरिकों को बर्बरता से मारा।
हमास ने इजरायल पर 4,300 से अधिक रॉकेट दागे। आतंकियों ने इजरायल में घुसपैठ कर भारी तबाही मचाई। माना जाता है कि महज छह घंटों के अंदर हमास ने इजरायल को ऐसा गहरा आघात पहुंचाया जिसकी टीस लंबे समय तक महसूस की जाएगी। इस हमले की बर्बरता के कारण यह निश्चित तौर पर वैश्विक इतिहास में सबसे क्रूर आतंकी घटनाओं से एक के रूप में याद किया जाता है।
इस हिंसक घटना के बाद इजरायल ने गाजा में अपना ऑपरेशन शुरू किया। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को जड़ से मिटाने की कसम खाई। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हमास के लड़ाके गाजा छोड़कर नहीं जाते हैं, तो वह इस शहर को नक्शे से मिटा देंगे।
7 अक्टूबर को हमास के हमले का जवाब इजरायल ने देना शुरू किया और गाजा में भारी तबाही मची। इजरायली डिफेंस फोर्स के सैनिकों ने ग्राउंड से लेकर हवाई ऑपरेशन चलाकर हमास के ठिकानों को एक-एक कर तबाह करना शुरू किया।
धीरे-धीरे इजरायल के सैनिक गाजा के अंदर घुस गए और हमास के कई शीर्ष नेतृत्व को मौत के घाट उतार दिया। इजरायल और हमास की लड़ाई में फिलिस्तीनी नागरिकों का भयंकर नुकसान हुआ।
इस हमले के दो साल पूरे होने पर इजरायल वॉर रूम की ओर से लिखा गया, “7 अक्टूबर, 2023 को, हमास और अन्य आतंकवादियों ने दक्षिणी और मध्य इजरायल में नागरिकों पर 3,000 से ज्यादा रॉकेट दागे। उसी समय, आतंकवादियों ने गाजा से दक्षिणी इजरायल पर हमला किया और 0-91 वर्ष की आयु के 40 से ज्यादा देशों के लगभग 1,200 लोगों का नरसंहार किया। 251 लोगों को बंधक बना लिया गया; उनमें से 47 अभी भी गाजा में बंदी हैं, साथ ही 2014 में मारे गए और अपहृत एक इजरायली का शव भी मौजूद है।”
इजरायली मीडिया ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया कि युद्ध शुरू होने से अब तक 1,152 सुरक्षाकर्मी मारे गए, जिनमें आईडीएफ सैनिक, इजरायली पुलिस अधिकारी, शिन बेट और जेल सेवा कर्मी, और इजरायल, गाजा, लेबनान और पश्चिमी तट में तैनात स्थानीय सुरक्षा दस्तों के सदस्य शामिल हैं। लगभग 42 प्रतिशत शहीद 21 वर्ष से कम आयु के थे, जिनमें से अधिकांश अनिवार्य सैन्य सेवा में कार्यरत युवा थे, और 141 शहीद 40 वर्ष से अधिक आयु के थे, जो शहीदों की विस्तृत आयु सीमा को दर्शाता है।
भारी संख्या में फिलिस्तीनी लोग मारे गए, बूढ़े हों या बच्चे, किसी को खाने के लिए रोटी तक नहीं मिल पा रही। हाल ही में गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक रिपोर्ट साझा की, इस रिपोर्ट के अनुसार अब तक 66,005 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 168,162 लोग घायल हुए।
अंतरराष्ट्रीय
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भूटान के पीएम सेरिन तोबके से की मुलाकात, जलविद्युत और व्यापार पर हुई चर्चा

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर : भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भूटान के प्रधानमंत्री सेरिन तोबके से मुलाकात की। विदेश सचिव मिस्री 3 अक्टूबर को अपने भूटान दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने पीएम तोबके के साथ जलविद्युत से लेकर व्यापार और लोगों के बीच संबंधों को लेकर चर्चा की।
भूटान में भारतीय दूतावास की तरफ से ‘एक्स’ पर इस मुलाकात की तस्वीरें साझा कर लिखा, “प्रगति और विकास के लिए एक साथ। नियमित उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को बनाए रखते हुए, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने विशेष और बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी के संपूर्ण पहलुओं पर चर्चा के लिए 3 अक्टूबर 2025 को भूटान का दौरा किया।”
दूतावास ने आगे लिखा कि अपनी यात्रा के दौरान, विदेश सचिव ने महामहिम नरेश से मुलाकात की और भूटान के प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री से मुलाकात की।
वहीं भूटान के पीएम ने भी अपनी प्रतिक्रिया में लिखा, “मुझे कल भारत सरकार के विदेश सचिव, महामहिम विक्रम मिस्री से मिलकर बहुत खुशी हुई। हमने भूटान और भारत के बीच संपर्क, जलविद्युत, लोगों के बीच संबंधों और व्यापार एवं वाणिज्य सहित विभिन्न पारस्परिक हितों पर चर्चा की।”
बता दें, भारत और भूटान के बीच रेलवे कनेक्शन की शुरुआत होने जा रही है। इसे लेकर सोमवार, 29 सितंबर को भारत सरकार ने 69 किलोमीटर और 20 किलोमीटर लंबी दो सीमा पार रेलवे परियोजनाओं की घोषणा की। यह रेल लाइन भूटान को असम और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों से जोड़ेंगी। 69 किलोमीटर लंबी कोकराझार (असम)-गेलेफू (भूटान) और 20 किलोमीटर लंबी बनारहाट (पश्चिम बंगाल)-समत्से (भूटान) रेल लाइन की लागत 3,456 करोड़ रुपये और 577 करोड़ रुपये होगी।
यह घोषणा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संयुक्त रूप से की। बाद में, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार और भूटान के विदेश सचिव ओम पेमा चोडेन ने रेल संपर्क स्थापित करने के लिए एक औपचारिक अंतर-सरकारी समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
बता दें, इस समय भूटान में कोई रेल नेटवर्क नहीं है। गेलेफू और समत्से लाइन पड़ोसी देश में इस तरह की पहली परियोजना होगी। भूटान के साथ भारत के ऐतिहासिक रूप से शांतिपूर्ण संबंधों को देखते हुए, इन दोनों रेल परियोजनाओं से इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सक्रियता के बीच संबंधों में मजबूती आने और पूरे क्षेत्र में व्यापार बढ़ने की उम्मीद है।
अंतरराष्ट्रीय
ऑस्ट्रेलिया में घर पाना हुआ मुश्किल, 66,117 लोग लाइन में लगे, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

सिडनी, 1 अक्टूबर : ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में लोगों को रहने के लिए घरों ढूंढने में परेशानी आ रही है। बुधवार को एक रिपोर्ट सामने आई, जिसके अनुसार लोगों को रहने के लिए यहां घर लेना बहुत मुश्किल हो चुका है।
द काउंसिल टू होमलेस पर्सन (सीएचपी) नाम के एनजीओ ने एक रिपोर्ट जारी किया है। इसके अनुसार विक्टोरिया में मार्च 2025 तक सरकार द्वारा समर्थित सामाजिक आवास के लिए 66,117 लोग वेटिंग लिस्ट में थे। बता दें, ये आंकड़ा 2024 की तुलना में 7.4 प्रतिशत ज्यादा है।
इसमें कहा गया है कि विक्टोरिया में सामाजिक आवास का अनुपात, जो उन लोगों के लिए आरक्षित है, जो सामान्य बाजार मूल्य पर आवास का खर्च नहीं उठा सकते, 3 प्रतिशत है – जो ऑस्ट्रेलिया के आठ राज्यों और क्षेत्रों में सबसे कम है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विक्टोरिया में पारिवारिक हिंसा की वजह से हर महीने 13 हजार लोग बेघर सहायता सेवाओं का सहारा लेते हैं, और 10,000 से ज्यादा लोग हर महीने आवास की सामर्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण बेघर सहायता सेवाओं का सहारा लेते हैं।
इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि जून में 33,467 विक्टोरियावासियों को विशेषज्ञ बेघर सेवाओं से सहायता मिल रही थी, जो जुलाई 2017 से 9.7 प्रतिशत ज्यादा है।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, विक्टोरिया जनसंख्या के हिसाब से ऑस्ट्रेलिया का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है, जहां मार्च तक 70.5 लाख निवासी थे – जो राष्ट्रीय जनसंख्या का 25.6 प्रतिशत है।
सीएचपी रिपोर्ट में तीन प्रमुख सिफारिशें की गईं, जिनमें राज्य सरकार से हर साल कम से कम 4,000 नए सामाजिक आवास बनाने, बेघर होने की रोकथाम के लिए निवेश बढ़ाने और संकटकालीन आवास एवं बेघर सेवाओं के लिए धन जुटाने का आह्वान किया गया।
सीएचपी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेबोरा डि नताले ने एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा, “विक्टोरिया में हर दिन, हजारों लोगों को किराया चुकाने, हिंसा से बचने या बेघर होने के बीच असंभव विकल्पों का सामना करना पड़ता है।”
रिपोर्ट के अनुसार, आवास की सामर्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण विशेषज्ञ बेघर सेवाओं का उपयोग करने वाले सभी ऑस्ट्रेलियाई लोगों में से एक-तिहाई से ज्यादा विक्टोरिया में रहते हैं, लेकिन आवास और बेघर सेवाओं में राज्य सरकार का निवेश राष्ट्रीय औसत से कम है।
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