राजनीति
उदित राज का केंद्र पर हमला, कहा- सरकार ‘मनोवैज्ञानिक रूप से झूठी’ है
LOKSABHA
नई दिल्ली, 30 जुलाई। कांग्रेस नेता उदित राज ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने केंद्र सरकार को “मनोवैज्ञानिक रूप से झूठा” करार देते हुए कहा कि यह सरकार बार-बार झूठ बोलती है।
उदित राज ने मिडिया से बातचीत में ऑपरेशन सिंदूर, पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) और विदेश नीति को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और कहा कि केंद्र सरकार ने देश को बहुत कुछ देने के बजाय केवल झूठ दिया है।
उदित राज ने पीओके को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा दशकों से पीओके को वापस लेने की बात करती रही है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दावा किया था कि छह महीने में पीओके भारत का हिस्सा होगा। अब छह महीने बीत गए, पीओके कहां है? रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पीओके वापस लेने की बात कही थी। लेकिन, अब वे घबराने लगे हैं। प्रियंका गांधी ने सही कहा कि अगर आप घबराने लगे, तो इसका मतलब है कि आपमें हिम्मत नहीं है।”
उदित राज ने भाजपा के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह दुष्प्रचार है कि 15 अगस्त 1947 को कश्मीर भारत का हिस्सा था और कहा, “यह पूरी तरह गलत है। उस समय कश्मीर राजा हरि सिंह की रियासत थी, जो न तो भारत और न ही पाकिस्तान के साथ मिलना चाहते थे। जब पाकिस्तान की सेना और कबीलों ने हमला किया, तब हरि सिंह भागकर भारत आए और अक्टूबर 1947 में संधि हुई। बीजेपी इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करती है।”
कांग्रेस नेता ने कहा, “पाकिस्तान के आतंकवादी भारत में घुसकर हमले करते हैं और फिर भी उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समर्थन मिलता है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को एंटी-टेरर कमेटी का उपाध्यक्ष और सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बनाया गया। जब तक पाकिस्तान को सबक नहीं सिखाया जाता, तब तक दोस्ती की बात बेइमानी है। भारतीय सेना में ताकत है, लेकिन केंद्र सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण आतंकवाद पर काबू नहीं हो रहा।”
उदित राज ने बिहार के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा और कहा कि बिहार के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया और वहां से पलायन रुकने का नाम नहीं ले रहा। चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे किए गए, लेकिन बिहार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यह सरकार केवल झूठे दावों पर चल रही है।
उदित राज ने ऑपरेशन सिंदूर पर उठे सवालों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को इसकी सफलता के दावों पर स्पष्ट जवाब देना चाहिए। 26 लोगों की जान गई, लेकिन सरकार इसे तमाशा बनाकर पेश कर रही है। अगर ऑपरेशन इतना सफल था, तो आतंकियों को पहले क्यों नहीं रोका गया? यह सरकार की नाकामी है।
अपराध
महाराष्ट्र : मुंबई रेलवे पुलिस ने अवैध धरना को लेकर सीएसएमटी के दो कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया

मुंबई, 13 नवंबर: मुंबई रेलवे पुलिस ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) पर 6 नवंबर को हुए अवैध विरोध प्रदर्शन का संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई की है। सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (सीआरएमएस) के दो कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
रेलवे पुलिस ने एस.के. दुबे और विवेक सिसोदिया के खिलाफ सीएसएमटी रेलवे पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। यह प्रदर्शन मुंब्रा स्टेशन पर हुई दुर्घटना में मारे गए पांच लोगों के मामले में दो इंजीनियरों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी वापस लेने की मांग को लेकर किया गया था।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “बिना पूर्व अनुमति के सीएसएमटी परिसर में धरना देना गैरकानूनी है। इससे रेलवे परिचालन बाधित हुआ और यात्री परेशान हुए। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 189(2), 190, 127(2), 221, 223 तथा महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 37(1), 135 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आईपीसी की धारा 163 के तहत लागू निषेधाज्ञा का भी उल्लंघन हुआ।”
घटना की शुरुआत शाम 4 बजे हुई, जब सीआरएमएस अध्यक्ष प्रवीण वाजपेयी के नेतृत्व में 100-200 रेल कर्मचारी मिलन हॉल में एकत्र हुए। इसके बाद वे शांतिपूर्वक डीआरएम कार्यालय की ओर मार्च करने लगे। आधिकारिक प्रदर्शन समाप्त होने के बाद शाम 5:30 बजे अचानक एस.के. दुबे और विवेक सिसोदिया के नेतृत्व में 30-40 कर्मचारी मोटरमैन लॉबी में घुस गए। उन्होंने लोहे की बेंचों से मोटरमैन, गार्ड और स्टेशन मैनेजर कार्यालय का प्रवेश द्वार अवरुद्ध कर दिया। इससे कर्मचारी अंदर फंस गए और शाम 5:41 बजे से लोकल ट्रेन सेवाएं पूरी तरह ठप हो गईं।
इसके बाद प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई और अफरा-तफरी मच गई। करीब एक घंटे तक परिचालन बाधित रहा। डीआरएम के आश्वासन के बाद शाम 6:38 बजे धरना समाप्त हुआ और सेवाएं धीरे-धीरे बहाल हुईं।
पुलिस ने कहा कि प्रदर्शन की अनुमति नहीं ली गई थी, जो रेलवे पुलिस आयुक्तालय के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि आंदोलन को उकसाने और समर्थन देने वाले अन्य लोग कौन हैं। दोनों आरोपियों को जल्द पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
महाराष्ट्र
मुंबई मौसम अपडेट: शहर में धूप खिली, ठंडी हवाएं और धुंध; AQI 233 पर अस्वास्थ्यकर श्रेणी में, वडाला और कोलाबा सबसे ज्यादा प्रभावित

WETHER
मुंबई: गुरुवार को मुंबई की सुबह साफ़ नीले आसमान और ठंडी हवाओं के साथ हुई, जिससे निवासियों को सर्दियों के आगमन का हल्का सा एहसास हुआ। हालाँकि, धुंध और स्मॉग की एक पतली परत आसमान में छाई रही, जिससे शहर की वायु गुणवत्ता की एक और चिंताजनक तस्वीर सामने आई।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, मुंबई में दिन भर आसमान साफ़ रहने की संभावना है, दिन का तापमान 32°C के आसपास रहेगा और न्यूनतम तापमान 19°C तक गिर जाएगा, जिससे सुबह हल्की ठंडक महसूस होगी। हालाँकि मौसम सुहावना है, लेकिन शहर भर में धुंध छाए रहने के कारण सुबह के समय दृश्यता काफी कम हो गई।
प्रदूषण के स्तर में यह वृद्धि भारी बारिश के बमुश्किल एक हफ़्ते बाद हुई है, जिसने वातावरण को अस्थायी रूप से साफ़ कर दिया था, प्रदूषक तत्वों को धो डाला था और आर्द्रता में सुधार किया था। हालाँकि, ताज़गी का वह संक्षिप्त दौर ज़्यादा देर तक नहीं चला। बारिश के थम जाने के साथ ही, शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) एक बार फिर अस्वस्थ स्तर पर पहुँच गया है।
AQI.in के अनुसार, गुरुवार सुबह मुंबई का समग्र AQI 233 रहा, जिसे अस्वस्थ श्रेणी में रखा गया है। यह इस महीने की शुरुआत में दर्ज किए गए मध्यम स्तर से काफ़ी गिरावट दर्शाता है। कई निवासियों ने हल्की जलन की गंध और धुंधले क्षितिज की शिकायत की, जो आमतौर पर हवा में PM2.5 की बढ़ी हुई सांद्रता से जुड़े लक्षण हैं।
शहर के निगरानी केंद्रों में, वडाला ट्रक टर्मिनल ने सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की, जिसका एक्यूआई 405 था, जिससे यह पूरी तरह से खतरनाक श्रेणी में आ गया। कोलाबा (305) और मझगांव (295) जैसे अन्य स्थानों में भी गंभीर से लेकर अस्वस्थ तक वायु की स्थिति दर्ज की गई। बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (287) और देवनार (270) क्षेत्र भी अस्वस्थ श्रेणी में रहे।
इसके विपरीत, पश्चिमी उपनगरों का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर रहा, हालाँकि हालात आदर्श से कोसों दूर थे। जोगेश्वरी (120) और मलाड पश्चिम (133) को खराब श्रेणी में रखा गया, जबकि सांताक्रूज़ पूर्व (137), कांदिवली पूर्व (160) और बोरिवली पूर्व (163) खराब स्तर पर रहे। इन मामूली बदलावों के बावजूद, मुंबई का ज़्यादातर हिस्सा धुंध की मोटी परत से ढका रहा।
AQI दिशानिर्देशों के अनुसार, 0-50 के बीच की रीडिंग को अच्छा, 51-100 को मध्यम, 101-150 को खराब, 151-200 को अस्वास्थ्यकर तथा 200 से ऊपर की रीडिंग को गंभीर या खतरनाक माना जाता है।
राष्ट्रीय समाचार
भारत ने आतंकवाद के विरुद्ध अपने दृढ़ संकल्प को दर्शाते हुए बड़ी कार्रवाई की

नई दिल्ली, 12 नवंबर: भारत ने आतंकवाद के विरुद्ध अपने दृढ़ संकल्प को दर्शाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। लाल किला के पास हुए विस्फोट से जुड़े जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल को ध्वस्त करने के मामले में सख्त तथा त्वरित कार्रवाई करते हुए भारत ने आतंकवाद का कठोरता से जवाब दिया है। यह सफलता हमारी आसूचना एजेंसियों, सुरक्षाबलों और विधि प्रवर्तन अधिकारियों के अथक समर्पण को दर्शाती है, जो हमारे नागरिकों की सुरक्षा के लिए दिन-रात कार्यरत हैं।
लाल किले के पास हुए विस्फोट के तार अंतत: उस घटना से जुड़े हुए हैं, जो कुछ आपत्तिजनक पोस्टर्स, जो कि जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के नौगाम पुलिस चौकी के क्षेत्र में पाए गए थे, और जिसके उपरांत एक प्राथमिकी 19 अक्टूबर, 2025 को दर्ज की गई थी।
इस प्रकरण के अन्वेषण में मौलवी इरफान अहमद वाघे को शोपियां से और ज़मीर अहमद को वाकुरा, गांदरबल से 20 से 27 अक्टूबर, 2025 के बीच गिरफ्तार किया गया।
दिनांक 05.11.2025 को डॉक्टर अदील को सहारनपुर से पकड़ा गया और 7 नवंबर, 2025 को एक एके-56 बंदूक और अन्य गोला-बारूद अनंतनाग अस्पताल में जब्त हुए। दिनांक 08.11.2025 को कुछ और बंदूक, पिस्तौल और बारूद अलफला मेडिकल कॉलेज से जब्त हुए।
इनसे पूछताछ के दौरान, इस मॉड्यूल में अन्य सम्मिलित लोगों के बारे में सूचना मिली, जिसके उपरांत फरीदाबाद के अलफला मेडिकल कॉलेज से एक डॉक्टर मुज़म्मिल नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। इन सभी सुरागों के आधार पर, और गिरफ्तारियां भी की गईं एवं बड़ी मात्रा में हथियार और बारूद भी ज़ब्त हुआ।
दिनांक 09.11.2025 को फरीदाबाद में ही एक मदरासी नामक व्यक्ति जो धौज, फरीदाबाद का निवासी था, को उसके घर से पकड़ा गया और फिर अगले ही दिन 10.11.2025 विस्फोटों की बड़ी मात्रा की खेप जिसका वजन 2563 किलो था, धेरा कॉलोनी, फरीदाबाद में एक हफीज मोहम्मद इश्तियाक जो मेवात का रहने वाला है और अलफला मस्जिद में बतौर ईमाम कार्यरत है, के घर से ज़ब्त हुआ। छापों के दौरान 358 किलो विस्फोटक सामग्री और डेटोनेटर/टाईमर इत्यादि भी ज़ब्त किये गए। इस प्रकार, इस पूरे मॉड्यूल के पास संग्रहित लगभग 3000 किलो के विस्फोटक पदार्थ और बम बनाने के अन्य उपकरणों को पकड़ा गया। इन सभी कार्रवाईयों के दौरान एक व्यक्ति – डॉक्टर उमर – जो इस मॉड्यूल का अंग था और अलफला मेडिकल कॉलेज में ही कार्यरत था, एजेंसियों की लगातार दबिश के कारण उसने अपना स्थान बदल लिया।
लाल किला प्रकरण में जिस गाड़ी में विस्फोट हुआ, वह इसी मॉड्यूल के डॉक्टर उमर द्वारा चलाई जा रही थी, ऐसा सीसीटीवी कैमरों से प्राप्त फुटेज के आधार पर लगभग-लगभग अंतिम रूप से कहा जा सकता है। विस्फोट का कारण भी उसी सामग्री से हुआ है, जिसका संग्रहण फरीदाबाद में किया जा रहा था, जहां से लगभग 3000 किलो की विस्फोटक सामग्री ज़ब्त हुई है। यह विस्फोट या तो पूर्व-नियोजितथा या फिर एक्सीडेंटल था, जो आगे के अन्वेषण में निकल कर आएगा।
इस पूरे प्रकरण का सार यह है कि भारत की सुरक्षा एजेंसियों और आसूचना तंत्र ने इस फरीदाबाद मॉड्यूल को ध्वस्त करके और वृहद मात्रा में विस्फोटक पदार्थ ज़ब्त करके एक बहुत बड़ी साजिश को नाकाम किया है जो भारत में एक बहुत बड़ी क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से रची जा रही थी। फरारी उमर एजेंसियों की बड़ी सफल कार्रवाई के कारण बौखलाकर भागा और उसकी बौखलाहट, घबराहट और विकल्पहीनता, लाल किला के विस्फोट का कारण बनी। यह बाद में विदित होगा कि यह पूर्वनियोजित था या एक्सीडेंटल। हालांकि, यह निश्चित है कि यह उस कड़ी का एक अभिन्न अंग है जिसके दौरान सुरक्षा एजेंसियों और आसूचना तंत्र ने एक बड़े मॉड्यूल का पर्दाफाश किया और बड़ी मात्रा में विस्फोटक पदार्थों को ज़ब्त किया।
दिनांक 10.11.2025 को जैसे ही विस्फोट की खबर आई, दिल्ली पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियां वहां तत्काल पहुंची। केंद्रीय गृह मंत्री ने एनएसजी, एनआईए और फॉरेंसिक की टीम को वहां पहुंचने के निर्देश दिए। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल भेजा गया। इस ब्लास्ट में उपयोग की गई कार के स्वामित्व की पुष्टि कर ली गई है। घटनास्थल से आवश्यक डीएनए, विस्फोटक एवं अन्य सैंपल एकत्रित कर, फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिए गए हैं। प्रकरण का अन्वेषण दिनांक 11.11.2025 को ही एनआईए को सौंप दिया गया है, ताकि इस आतंकी मॉड्यूल से संबंधित सभी पहलुओं की जांच की जा सके तथा इस आतंकी मॉड्यूल के वित्त पोषण एवं परिचालन करने वालों को भी उजागर किया जा सके।
घटना की महत्वपूर्ण टाइमलाइन
10 नवंबर 2025
6.55 PM – दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास पर ब्लास्ट हुआ
7.15 PM – गृह मंत्री श्री अमित शाह ने दिल्ली कमिश्नर से फोन पर घटना की जानकारी ली
9:00 PM – गृह मंत्री ने मीडिया बाइट देकर घटना की जानकारी दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री से बात कर घटना की जानकारी ली।
09:30 PM – गृह मंत्री एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे
09:35 PM – एलएनजेपी अस्पताल में दिल्ली पुलिस कमिश्नर और अन्य अधिकारियों से घटना की जानकारी ली
09:45 PM – एलएनजेपी अस्पताल में घायलों से मुलाकात की
09:55 PM – अस्पताल में डॉक्टरों से ब्लास्ट के विक्टिमों के बारे में जानकारी ली
10:10 PM – गृह मंत्री ने अस्पताल से मीडिया को घटना की जानकारी दी
10:20 PM – गृहमंत्री ने दुर्घटना स्थल का दौरा किया
11 नवंबर 2025
11.00 AM – गृह मंत्री ने अधिकारियों के साथ एक के बाद दो बैठकें कीं। पहली बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव, आईबी के निदेशक, एनआईए के डीजी, दिल्ली पुलिस कमिश्नर और वर्चुअल माध्यम से जम्मू-कमिश्नर के डीजी मौजूद थे। दूसरी बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, आईबी के निदेशक, राष्ट्रीय सुरक्षा गारद के डीजी, एनआईए के डीजी, डीएफएसएस के निदेशक, एफएसएल के प्रधान निदेशक व निदेशक मौजूद रहे।
02:30 PM – दिल्ली ब्लास्ट की घटना की जांच एनआईए को सौंपी गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री से विस्तृत जानकारी ली और सतत रिव्यू किया।
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