राष्ट्रीय समाचार
दिसंबर 2024 में भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स सामान निर्यात में 35 प्रतिशत का जबरदस्त उछाल

नई दिल्ली, 16 जनवरी। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 में भारत के ‘इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात’ में 35.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2023 के इसी महीने में 2.65 बिलियन डॉलर से बढ़कर दो साल के उच्चतम स्तर 3.58 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है। यह उच्च मूल्य वाले भारतीय सामानों की विदेशी मांग में वृद्धि और घरेलू उत्पादन क्षमताओं में वृद्धि को दर्शाता है।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा, “दिसंबर 2024 में इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात पिछले 24 महीनों में अब तक का सबसे अधिक रहा है।”
केंद्र की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की सफलता से प्रेरित होकर देश में नई मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी सामने आने के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स सामान भारत के निर्यात बास्केट में सबसे तेजी से बढ़ने वाले सेगमेंट के रूप में उभरे हैं।
देश का इलेक्ट्रॉनिक निर्यात 2024-25 के अप्रैल-नवंबर में 27.4 प्रतिशत बढ़कर 22.5 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 में इसी अवधि में यह 17.66 बिलियन डॉलर था।
उद्योग निकाय इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने कहा है कि पिछले दो वर्षों में इस सेक्टर में निरंतर वृद्धि हुई है, क्योंकि भारत से अमेरिका को इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात जनवरी-सितंबर 2023 के दौरान सालाना आधार पर दोगुना बढ़कर 6.6 बिलियन डॉलर हो गया है।
इलेक्ट्रॉनिक सामान अब भारत के निर्यात सेक्टर में शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में तीसरे स्थान पर आ गए हैं, जो पिछले साल छठे स्थान से इंजीनियरिंग उत्पादों और पेट्रोलियम के बाद अब तीसरे स्थान पर है। इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में स्मार्टफोन निर्यात में 45 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, क्योंकि एप्पल और सैमसंग जैसी प्रमुख कंपनियां देश में उत्पादन का विस्तार कर रही हैं।
पीएलआई योजना और सरकार द्वारा तुरंत मंजूरी एक बड़ी सफलता साबित हो रही है क्योंकि वैश्विक दिग्गज अल्टरनेटिव सप्लाई चेन स्थापित करने के लिए अलग-थलग पड़े चीन से आगे बढ़कर देख रहे हैं।
भारत में एप्पल के प्रवेश ने इस वर्ष स्मार्टफोन निर्यात को बढ़ावा दिया है। उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर मॉड्यूल, डेस्कटॉप और राउटर के निर्यात में भी शानदार वृद्धि दर्ज की गई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश में सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षमताएं स्थापित होने के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में और तेजी आने की उम्मीद है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में गुजरात के साणंद में 3,307 करोड़ रुपये के निवेश से सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करने के लिए केनेस सेमीकॉन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
यह भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत स्वीकृत की जाने वाली पांचवीं सेमीकंडक्टर यूनिट है और साणंद में स्थापित होने वाली दूसरी इकाई है।
राष्ट्रीय समाचार
मेडिकल क्लेम के भुगतान में शारीरिक और मानसिक बीमारी के नाम पर भेदभाव नहीं करें : झारखंड हाईकोर्ट

रांची, 11 फरवरी। झारखंड हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि मानसिक बीमारी के इलाज में होने वाले खर्च को मेडिकल क्लेम के दायरे से बाहर नहीं किया जा सकता। कोई भी कंपनी अपने मौजूदा या सेवानिवृत्त कर्मियों को मेडिकल क्लेम के भुगतान में शारीरिक और मानसिक बीमारी के नाम पर भेदभाव नहीं कर सकती।
यह फैसला जस्टिस आनंद सेन की बेंच ने झारखंड स्थित कोल इंडिया की सहयोगी कंपनी बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) के एक रिटायर एग्जीक्यूटिव की याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया। अदालत ने बीसीसीएल को आदेश दिया कि वह याचिकाकर्ता की पत्नी के मानसिक स्वास्थ्य उपचार पर किए गए खर्च का भुगतान करे।
बीसीसीएल ने कोल इंडिया और उसकी सहयोगी कंपनियों में लागू “कंट्रीब्यूटरी पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकेयर स्कीम फॉर एक्जीक्यूटिव्स ऑफ सीआईएल एंड इट्स सब्सिडियरीज” के प्रावधान का हवाला देते हुए मानसिक बीमारी के इलाज में किए गए खर्च का भुगतान करने से इनकार कर दिया था।
अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद अपने फैसले में कहा कि मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 की धारा 21 यह स्पष्ट करती है कि मानसिक और शारीरिक बीमारियों के इलाज में भेदभाव नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने अधिनियम का हवाला देते हुए कहा है कि प्रत्येक बीमाकर्ता को मानसिक रोगों के उपचार के लिए उसी तरह की स्वास्थ्य बीमा सुविधा प्रदान करनी होगी, जैसे कि शारीरिक बीमारियों के लिए की जाती है।
कोर्ट ने कहा, “भारत सरकार के अधिनियम के अनुसार, किसी भी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में मानसिक रोगों के उपचार को बाहर करने के लिए प्रावधान नहीं हो सकता।” कोर्ट ने पाया कि कोल इंडिया और इसकी सहयोगी कंपनियों में मेडिकल बीमा की जो योजना लागू है, उसमें मानसिक रोगों के उपचार के खर्च के भुगतान का प्रावधान नहीं है। लेकिन, यह प्रावधान मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के सीधे विरोध में है।
कोर्ट ने कहा, “कोल इंडिया लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनियां संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत ‘राज्य’ की परिभाषा में आती हैं। उनकी कोई भी नीति या संकल्प संसद द्वारा पारित किसी भी कानून के खिलाफ नहीं हो सकती। यदि कोई संकल्प या उसका कोई भाग किसी संसदीय कानून के विपरीत है, तो वह भाग अमान्य माना जाएगा।”
राष्ट्रीय समाचार
झारखंड बोर्ड की मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं शुरू, 1,297 केंद्रों पर 7.83 लाख परीक्षार्थी शामिल

रांची, 11 फरवरी। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) की मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो गईं। इन परीक्षाओं में 7 लाख 83 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे हैं।
काउंसिल ने दावा किया है कि स्वच्छ एवं कदाचार रहित माहौल में परीक्षा के लिए सभी आवश्यक बंदोबस्त किए गए हैं। सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी मॉनिटरिंग जैक के हेडक्वार्टर में बनाए गए कंट्रोल रूम से की जा रही है। जिला मुख्यालयों में भी कंट्रोल रूम बनाए गए हैं।
मैट्रिक की परीक्षा के लिए राज्यभर में 1,297 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जबकि इंटरमीडिएट की परीक्षा 789 केंद्रों पर ली जा रही है। मैट्रिक में 4,33,890 और इंटरमीडिएट में 3,50,138 छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। जैक के अध्यक्ष नटवा हांसदा ने कहा है कि परीक्षा प्रक्रिया के दौरान किसी तरह की अनियमितता की सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई होगी।
मंगलवार को पहली पाली में मैट्रिक में आईआईटी और अन्य व्यावसायिक विषयों की परीक्षा सुबह 9.45 बजे शुरू हुई। दूसरी पाली में दो बजे से 5.15 बजे तक इंटरमीडिएट के तीनों संकायों के वोकेशनल विषयों की परीक्षा ली जा रही है। परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए अतिरिक्त 15 मिनट का समय दिया गया है। परीक्षाएं तीन मार्च तक चलेंगी।
लिखित परीक्षाओं के बाद 4 मार्च से विद्यालयों में प्रैक्टिकल विषयों की परीक्षाएं ली जाएंगी। रांची स्थित झारखंड एकेडमिक काउंसिल के मुख्यालय की ओर से बताया गया है कि सभी केंद्रों पर शांतिपूर्ण माहौल में परीक्षा शुरू हो गई है। सभी परीक्षा केंद्रों पर पुलिस बलों के साथ दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। प्रत्येक जिले में परीक्षा प्रक्रिया पर निगरानी के लिए उड़नदस्तों का गठन किया गया है।
जिलों के उपायुक्त, एसपी, जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित अन्य अफसर परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं। सभी परीक्षा केंद्रों के 200 मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा लागू की गई है। परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्रों के आसपास फोटो कॉपी, प्रिंटिंग और साइबर कैफे की दुकानें बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।
दुर्घटना
कैमूर में महाकुंभ से वापस लौट रहे तीर्थ यात्रियों की ऑटो ट्रक से टकराई, तीन की मौत, दो घायल

भभुआ, 11 फरवरी। बिहार के कैमूर जिले में मंगलवार को एक अनियंत्रित ऑटो ने सड़क किनारे खड़े ट्रक में टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि, दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। ऑटो पर सवार सभी लोग प्रयागराज के महाकुंभ से पवित्र स्नान कर वापस लौट रहे थे। मृतकों में एक महिला भी बताई जा रही है।
मोहनिया थाना प्रभारी प्रियेश कुमार प्रियदर्शी ने मंगलवार को बताया कि पांच लोग एक ऑटो पर सवार होकर महाकुंभ से वापस लौट रहे थे। इसी दौरान मोहनिया थाना क्षेत्र के मुठानी के पास चालक का वाहन से नियंत्रण हट गया और ऑटो ने सड़क किनारे खड़े एक ट्रक में जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ऑटो के परखच्चे उड़ गए।
उन्होंने बताया कि इस दुर्घटना में ऑटो पर सवार एक महिला सहित तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य लोग घायल हो गए। सभी लोग औरंगाबाद जिले के रहने वाले बताए जा रहे हैं। मृतकों के परिजनों को पुलिस ने सूचना दी है।
उन्होंने बताया कि घटना में घायल लोगों को ग्रामीणों की मदद से इलाज के लिए मोहनिया के अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती करा दिया गया, जहां दोनों की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है। शवों को पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
घटना के बारे में बताया जाता है कि ऑटो चालक को नींद आ गई थी, जिस कारण उसका वाहन से नियंत्रण हट गया। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
उल्लेखनीय है कि बिहार से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज के महाकुंभ में पवित्र स्नान करने के लिए जा रहे हैं।
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