राजनीति
मुंबई हादसे में जान गवाने वालों के परिजनों को दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा
मुंबई के चेंबूर और विक्रोली इलाकों में भारी बारिश के कारण दीवार गिरने से हुई जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त करते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जान गंवाने वालों और घायलों के परिजनों को अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
प्रत्येक मृतक के परिवार के सदस्यों को 2 लाख रुपये और घटना में घायल हुए लोगों को 50,000 रुपये की राशि दी जाएगी।
अधिकारियों ने कहा कि मुंबई और उसके उपनगरों में शनिवार की रात और रविवार की सुबह भारी बारिश के बाद भूस्खलन के कारण गिरे घरों के नीचे फंसने से कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, प्रधानमंत्री ने कहा, “मुंबई के चेंबूर और विक्रोली में दीवार गिरने के कारण लोगों की मौत से दुखी हूं। दुख की इस घड़ी में, मेरी संवेदना शोक संतप्त परिवारों के साथ है। जो लोग घायल हुए हैं, उनके लिए प्रार्थना है कि वे शीघ्र स्वस्थ हों।”
यह राशि प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से वितरित की जाएगी, जिसे पूरी तरह से सार्वजनिक योगदान के साथ स्थापित किया गया था और इसे कोई बजटीय समर्थन नहीं मिलता है।
पीएमएनआरएफ के संसाधनों का उपयोग मुख्य रूप से बाढ़, चक्रवात और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों के परिवारों और बड़ी दुर्घटनाओं और दंगों के पीड़ितों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए किया जाता है। हृदय शल्य चिकित्सा, गुर्दा प्रत्यारोपण, कैंसर उपचार और एसिड अटैक आदि जैसे चिकित्सा उपचार के खचरें को आंशिक रूप से चुकाने के लिए भी पीएमएनआरएफ से सहायता प्रदान की जाती है।
महाराष्ट्र
मुंबई में लूट का भगोड़ा 20 साल बाद पुलिस स्टेशन से गिरफ्तार

मुंबई : मुंबई पुलिस ने 20 साल बाद लूट के एक मामले में वॉन्टेड आरोपी को गिरफ्तार करने का दावा किया है। 47 साल के जावेद यूसुफ शेख के खिलाफ मुंबई के रफी अहमद किदवई मार्ग RA पुलिस स्टेशन की हद में 2005 में लूट का मामला दर्ज किया गया था। इस दौरान पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया था और वह बेल पर था और कोर्ट की कार्रवाई में शामिल नहीं हुआ था, जिसके बाद सेशन कोर्ट ने उसके खिलाफ वारंट जारी कर उसे भगोड़ा आरोपी घोषित कर दिया था। उसके खिलाफ वारंट जारी होने के बाद पुलिस ने भगोड़े आरोपी की तलाशी के दौरान उसे गिरफ्तार कर लिया। इस बारे में जोन 4 और पुलिस को जानकारी मिली थी कि वह पुलिस स्टेशन में किराए के मकान में रह रहा है। पुलिस ने उसे पुलिस स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट के आदेश का पालन किया। कोर्ट ने पहले उसके खिलाफ नॉन-बेलेबल वारंट जारी किए थे और अब पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बाद उसे भगोड़ा घोषित करते हुए कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती के निर्देश पर की गई। CP ज़ोन चार का काम रागसुधा आर. ने किया है।
राष्ट्रीय समाचार
महाराष्ट्र में भाषा विवाद: 19 वर्षीय किशोर ने की खुदकुशी, तहसीन पूनावाला ने की कार्रवाई की मांग

पुणे, 21 नवंबर: महाराष्ट्र के कल्याण पूर्व के तिसगांव नाका इलाके में भाषा विवाद के चलते 19 साल के छात्र अर्णव खैरे ने आत्महत्या कर ली। आरोप है कि लोकल ट्रेन में वह मराठी में बात नहीं कर रहा था और इसी बात पर कुछ लोगों ने उसे पीट दिया और अपमानित किया। इस घटना के बाद वह इतना तनाव में आ गया कि घर लौटकर उसने आत्महत्या कर ली। इस घटना पर इंटरनेट पर्सनालिटी तहसीन पूनावाला ने गहरी संवेदना जताई।
तहसीन पूनावाला ने कहा कि जो बातें सामने आई हैं, उसके मुताबिक अर्णव को सिर्फ इसलिए मारा-पीटा गया क्योंकि वह हिंदी में बात कर रहा था। पूनावाला ने कहा कि जरा सोचिए, एक 19 साल के लड़के ने ऐसी स्थिति में क्या झेला होगा और उसके परिवार पर इस वक्त क्या बीत रही होगी?
पूनावाला ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में भाषा को लेकर जो माहौल बन रहा है, वह खतरनाक होता जा रहा है। उन्होंने इस माहौल के लिए राज ठाकरे और मनसे को जिम्मेदार बताया। उनका कहना है कि भाषा के नाम पर नफरत फैलाने से समाज में हिंसा बढ़ती है और इसका परिणाम आज अर्णव की मौत जैसे मामले के रूप में सामने आया है।
उन्होंने एक पुराने केस का भी जिक्र किया और कहा कि कुछ महीने पहले जावेद शेख के बेटे राहिल शेख पर एक मराठी लड़की से छेड़छाड़ का आरोप लगा था, लेकिन उस मामले में क्या कार्रवाई हुई?
पूनावाला ने ठाकरे परिवार पर भी कई राजनीतिक आरोप लगाए। उनका कहना है कि उनके बेटे महंगी गाड़ियों में घूमते हैं, बड़े-बड़े अस्पतालों में इलाज करवाते हैं और इसलिए आम मराठी मानूस की परेशानियों को नहीं समझते।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ठाकरे परिवार की राजनीति आम जनता से ज्यादा बीएमसी के बजट पर केंद्रित रहती है, जो 70,000 करोड़ रुपए से ज्यादा है। यही वजह है कि ठाकरे परिवार के दोनों भाई कभी साथ आते हैं, कभी अलग होते हैं, क्योंकि असली लड़ाई सत्ता और कंट्रोल की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भाषा के नाम पर हिंसा न फैलाई जाए और समाज को बांटने वाले कदमों पर रोक लगनी चाहिए।
कर्नाटक की राजनीति पर बात करते हुए तहसीन पूनावाला ने कहा कि डी.के. शिवकुमार कांग्रेस के बेहद वफादार नेता हैं और उनकी अध्यक्षता में पार्टी ने कर्नाटक चुनाव जीता था।
उन्होंने सलाह दी कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसी गलतियां फिर न हों, इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डी.के. शिवकुमार दोनों से बैठकर बातचीत करनी चाहिए।
राष्ट्रीय समाचार
भारत व श्रीलंका के बीच सैन्य वार्ता, बॉर्डर डिफेंस पार्टनरशिप को मजबूती

नई दिल्ली, 21 नवंबर: भारत व श्रीलंका के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच एक महत्वपूर्ण वार्ता हुई है। इस वार्ता में सैन्य कमांडर्स ने दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करने व क्षेत्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने पर विस्तृत चर्चा की।
यह भारत और श्रीलंका के बीच आर्मी-टू-आर्मी स्टाफ वार्ता थी। भारतीय सेना के मुताबिक यह तीन दिवसीय सैन्य वार्ता बोधगया में आयोजित की गई। तीन दिनों तक चली इन बैठकों में दोनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने द्विपक्षीय सैन्य सहयोग को और मजबूत करने, इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाने, तथा क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे को सुदृढ़ करने पर विस्तृत चर्चा की है।
बैठक में श्रीलंका की ओर से छह-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। इस सैन्य प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व श्रीलंकाई आर्मी के मेजर जनरल रवी पथिराविथाना, डायरेक्टर जनरल जनरल स्टाफ ने किया। वहीं भारतीय पक्ष की ओर से संबंधित सैन्य शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
इस वार्ता में प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास, तकनीकी सहयोग और आधुनिक सैन्य क्षमताओं के विकास पर कमांडर्स ने अपने अनुभव व प्रस्ताव साझा किए। वार्ता के दौरान दोनों देशों ने कई प्रमुख क्षेत्रों पर गहन विचार-विमर्श किया। इनमें संयुक्त सैन्य अभ्यासों की संख्या और दायरा बढ़ाना, आतंकवाद-रोधी अभ्यास और मानवीय सहायता एवं आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
सैनिकों के पेशेवर प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु कोर्स एक्सचेंज और ट्रेनिंग प्रोग्राम विस्तार पर भी चर्चा की गई। लॉजिस्टिक्स, संचार और तकनीकी सहयोग को और मजबूत करने की बात भी वार्ता में रखी गई। ऐसा होने पर दोनों सैन्य बल वास्तविक परिस्थितियों में बेहतर समन्वय कर सकेंगे। दोनों देशों द्वारा रक्षा साझेदारी के नए अवसरों की पहचान, विशेषकर सीमा सुरक्षा, समुद्री सहयोग और नई तकनीक अपनाने पर जोर दिया गया।
भारत और श्रीलंका के प्रतिनिधियों ने इस दौरान यह भी रेखांकित किया कि दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंधों की विरासत, रक्षा सहयोग को एक नई दिशा प्रदान करती है। वार्ता के अंत में दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
बोधगया में संपन्न हुई यह वार्ता न केवल सैन्य संबंधों को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुई, बल्कि भारत व श्रीलंका के व्यापक रक्षा संबंधों को नई ऊर्जा प्रदान करने वाला मंच भी रही। अगले चरण की वार्ताएं अब 2026 में आयोजित की जाएंगी, जिसमें अब तक तय हुए सहयोगात्मक एजेंडे की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
गौरतलब है कि फिलहाल भारत और श्रीलंका की सेनाएं एक महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास को भी अंजाम दे रही हैं। इस युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देशों के जवानों ने कई महत्वपूर्ण ड्रिल किए हैं।
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