अंतरराष्ट्रीय
तीसरा टी20 : भारत ने सीरीज में किया क्लीन स्वीप, न्यूजीलैंड को 73 रनों से दी मात
अक्षर पटेल (9/3) की शानदार गेंदबाजी के कारण यहां कोलकाता के ईडन गार्डन्स में रविवार को खेले गए टी20 सीरीज के तीसरे मैच में भारत ने न्यूजीलैंड को 73 रनों से हराया दिया। इसके साथ ही भारत ने तीन मैचों की टी20 सीरीज में कीवियों के खिलाफ क्लीन स्वीप कर लिया। बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 20 ओवरों में 7 विकेट के नुकसान पर 184 रन बनाए थे। जवाब में, न्यूजीलैंड की टीम 17.2 ओवरों में 111 रनों पर ही सिमट गई। कीवियों की ओर से सबसे ज्यादा रन सलामी बल्लेबाज मार्टिन गुप्टिल (51) ने बनाए। भारत की ओर से अक्षर पटेल ने सबसे ज्यादा तीन विकेट चटकाए। वहीं, हर्षल पटेल ने दो विकेट लिए, जबकि युजवेंद्र चहल, वेंकटेश अय्यर और दीपक चाहर को एक-एक विकेट मिला।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड की शुरुआत बेहद खराब रही, क्योंकि उन्होंने पावरप्ले में तीन विकेट गंवाकर 37 रन ही जोड़े। इस दौरान, अक्षर ने शानदार गेंदबाजी करते हुए डेरिल मिशेल (5), मार्क चैपमैन (0) और ग्लेन फिलिप्स (0) को जल्द ही पवेलियन भेज दिया। पांचवें नंबर पर आए टिम सीफर्ट ने गुप्टिल के साथ मिलकर संभलकर खेला।
इस बीच, गुप्टिल भारतीय गेंदबाजों पर जमकर बरसते हुए तेज गति से रन बनाए और अपना अर्धशतक पूरा कर लिया, इस समय तक कीवियों ने 10 ओवरों में तीन विकेट के नुकसान पर 68 रन बनाए। अब न्यूजीलैंड को जीत के लिए 60 गेंदों में 117 रन चाहिए थे।
लेकिन, चहल के 11वें ओवर में तेज गति से रन बनाने के चक्कर में गुप्टिल चार चौके और चार छक्कों की मदद से 36 गेंदों में 51 रन बनाकर आउट हो गए। गुप्टिल और सीफर्ट के बीच 35 गेंदों में 39 रनों की साझेदारी हुई। इसके बाद, छठे स्थान पर बल्लेबाजी के लिए जेम्स नीशन ने सीफर्ट के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाया। इस दौरान, सीफर्ट (17) रन बनाकर रन आउट हो गए।
सातवें स्थान पर आए कप्तान मिशेल सेंटनर ने टीम के लिए कुछ रन बटोरे, लेकिन उनके साथी नीशल (3) हर्षल की गेंद पर खराब शॉट खेलकर आउट हो गए। आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए एडम मिल्ने ने कप्तान सेंटनर का साथ दिया। इस दौरान, न्यूजीलैंड को 42 गेंदों में 102 रनों की जरूरत थी। लेकिन, कप्तान सेंटनर (2) भी रन आउट हो गए। भारतीय गेंदबाजों ने कीवी बल्लेबाजों को टिकने का मौका नहीं दिया और आखिर में मिल्ने (7), ईश सोढ़ी (9), लॉकी फग्र्यूसन (14) और ट्रेंट बोल्ट के नाबाद (2) रनों की बदौलत 17.2 ओवरों में ही न्यूजीलैंड की टीम 111 रन पर ही ऑल आउट हो गई।
इससे पहले, बल्लेबाजी के लिए उतरी भारतीय टीम की शुरुआत शानदार रही, क्योंकि सलामी जोड़ी कप्तान शर्मा और ईशान ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की। दोनों ने मिलकर पावरप्ले में बिना विकेट खोए 69 रन जोड़े, लेकिन इसके बाद ही ईशान छह चौके की मदद से 21 गेंदों में 29 रन बनाकर सेंटनर के शिकार बन गए। तीसरे नंबर पर आए सूर्यकुमार यादव भी बिना खाता खोले उसी ओवर में आउट होकर पवेलियन लौट गए।
चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए ऋषभ पंत ने कप्तान शर्मा के साथ मिलकर संभलकर खेला, लेकिन पंत (4) ज्यादा देर तक टिक नहीं पाए और सेंटनर को अपनी विकेट झोली में देकर चलते बने। पांचवें स्थान पर आए श्रेयस अय्यर ने पारी को आगे बढ़ाया। इस बीच, कप्तान शर्मा मैदान पर डटे रहे, जिससे टीम का स्कोर 10 ओवरों में 3 विकेट के नुकसान पर 90 रन पहुंच गया। इस दौरान कप्तान शर्मा ने अपना अर्धशतक पूरा कर लिया।
इसके बाद, 11वें ओवर में ही भारत ने 100 का आंकड़ा पार कर लिया, लेकिन सोढ़ी की एक गेंद पर कप्तान शर्मा पांच चौके और तीन छक्कों की मदद से 31 गेंदों में 56 रन बनाकर आउट हो गए। छठे नंबर पर आए वेंकटेश अय्यर ने श्रेयस के साथ मिलकर बीच के ओवरों में सिंगल-डबल्स के साथ पारी को आगे बढ़ाया। दोनों ने मिलकर बीच में कुछ बड़े शॉट भी खेले, जिससे टीम ने 15 ओवरों में चार विकेट के नुकसान पर 134 रन बना लिए।
16वें ओवर में कीवी गेंदबाजों ने वापसी करते हुए वेंटकेश (20) को पवेलियन का रास्ता दिखाया। इसके बाद ही श्रेयस दो चौके की मदद से 20 गेंदों में 25 रन बनाकर आउट हो गए। सातवें और आठवें नंबर पर आए अक्षर पटेल और हर्षल पटेल ने आखिरी के ओवरों में धीमी बल्लेबाजी की, जिससे 18 ओवरों में टीम का स्कोर छह विकेट के नुकसान पर 156 रन पहुंचा।
19वें ओवर में हर्षल ने अपने हाथ खोले और लॉकी फग्र्यूसन को लॉन्ग ऑफ पर छक्का जड़ दिया, लेकिन अगली गेंद पर हर्षल दो चौके और एक छक्का लगाकर 11 गेंदों में 18 रन बनाकर आउट हो गए। आठवें स्थान पर बल्लेबाजी के लिए दीपक चाहर ने लास्ट ओवर में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की और 19 रन बना दिए, जिससे चाहर (21) और अक्षर (2) की नाबाद रनों की वजह से भारत 20 ओवरों में 7 विकेट के नुकसान पर 184 रन बना सका। वहीं, न्यूजीलैंड की ओर से कप्तान मिशेल सेंटनर ने तीन सफलताएं अपने नाम कीं। वहीं, ईश सोढ़ी, लॉकी फग्र्यूसन, एडम मिन्ले और ट्रेंट बोल्ट को एक-एक विकेट मिला।
अंतरराष्ट्रीय
भारत ने अफगानिस्तान को फिर से भेजी मदद, जीवनरक्षक चिकित्सीय सहायता काबुल पहुंची

काबुल, 28 नवंबर : भारत हमेशा से अफगानिस्तान के लिए मजबूती से खड़ा रहा है। समय-समय पर मदद की खेप भेजता है। भारत ने निरंतर समर्थन को दोहराते हुए, शुक्रवार को अफगानिस्तान को 73 टन जीवनरक्षक दवाइयों, टीकों और आवश्यक पोषक सप्लीमेंट्स की खेप भेजी। यह सहायता अफगान स्वास्थ्य प्रणाली की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से काबुल पहुंचाई गई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने एक्स पर लिखा, “अफगानिस्तान के स्वास्थ्य प्रयासों को मजबूती देते हुए भारत ने 73 टन जीवनरक्षक दवाइयां, टीके और आवश्यक सप्लीमेंट्स तत्काल चिकित्सा जरूरतों के लिए काबुल पहुंचाए हैं। अफगान लोगों के प्रति भारत का अटूट समर्थन जारी है।”
पिछले सप्ताह नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और अफगानिस्तान के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री अल्हाज नूरुद्दीन अजीजी के बीच मुलाकात हुई थी। बैठक में व्यापार, संपर्क और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर विस्तृत चर्चा हुई।
जयशंकर ने एक्स पर लिखा, “अफगानिस्तान के उद्योग और वाणिज्य मंत्री अल्हाज नूरुद्दीन अज़ीज़ी से मुलाकात कर खुशी हुई। व्यापार, कनेक्टिविटी और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। अफगान जनता के विकास और कल्याण के लिए भारत के समर्थन को दोहराया।”
इससे पहले भी भारत ने अफगानिस्तान के भूकंप प्रभावित परिवारों की मदद के लिए खाद्य सामग्री भेजी थी। बाल्ख, समनगन और बगलान प्रांतों में आए विनाशकारी भूकंप में 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे।
10 अक्टूबर को भारत ने अतिरिक्त खाद्य सहायता भी भेजी थी। उसी दिन विदेश मंत्री जयशंकर की अफगान समकक्ष मौलवी आमिर खान मुत्ताकी से नई दिल्ली में मुलाकात हुई। बैठक में विकास सहयोग, व्यापार, अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता व स्वतंत्रता, आपसी संपर्क और क्षमता निर्माण जैसे मुद्दों पर वार्ता हुई।
जयशंकर ने मुत्ताकी की भारत यात्रा को “द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम” बताया और अफगानिस्तान को पांच एम्बुलेंस सौंपने की घोषणा भी की।
भारत की यह मानवीय सहायता अफगानिस्तान के लिए हाल के महीनों में की गई कई निरंतर मददों की नवीनतम कड़ी है, जो दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और जन-संपर्क आधारित रिश्तों को मजबूत करती है।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान ने तीसरे देश के जरिए नहीं भेजा अमेरिका को कोई मैसेज, खामेनेई बोले-झगड़े बढ़ा रहा अमेरिका

तेहरान, 28 नवंबर : हाल ही में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद अमेरिका दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात की। ट्रंप से मुलाकात के पहले क्राउन प्रिंस को ईरान की एक चिट्ठी मिली थी। इस चिट्ठी को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि इस चिट्ठी में अमेरिका के लिए एक मैसेज था। हालांकि, ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने इन सभी दावों को मनगढ़ंत बताया है।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार खामेनेई ने गुरुवार रात को टीवी पर दिए गए संदेश में मीडिया के इन सभी दावों को खारिज कर दिया। अफवाह थी कि ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने सऊदी क्राउन प्रिंस को उनके यूएस दौरे से पहले जो मैसेज भेजा था, वह वॉशिंगटन के लिए था।
ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने कहा, “वे अफवाहें फैला रहे हैं कि ईरानी सरकार ने किसी तीसरे देश के जरिए अमेरिका को मैसेज भेजा है, जो सरासर झूठ है।”
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेजेशकियन की चिट्ठी में कहा गया कि ईरान टकराव नहीं चाहता है। उसका मकसद क्षेत्रीय सहयोग को गहरा करना है और वह कूटनीति के जरिए न्यूक्लियर विवाद को सुलझाने के लिए तैयार है, बशर्ते उसके अधिकारों की गारंटी हो।
खामेनेई ने अपने भाषण के दौरान इजरायल के हमलों और अपराधों में अमेरिका के समर्थन की कड़ी आलोचना की। ईरानी सुप्रीम ने अमेरिका पर अपनी रणनीति और रिसोर्स के फायदे के लिए झगड़ों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
दूसरी ओर, ईरानी अधिकारियों ने पहले ही इस बात को साफ कर दिया था कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस को जो चिट्ठी दी गई, वह सिर्फ द्विपक्षीय मुद्दों को लेकर थी।
तेहरान और वॉशिंगटन ने इसी साल अप्रैल और जून के बीच ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम और अमेरिकी बैन पर बातचीत की थी। दोनों पक्षों के बीच ओमान की मध्यस्थता में पांच राउंड की बातचीत हुई। इसके बाद छठे राउंड की बातचीत की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन उससे पहले ही इजरायल ने ईरान में कई जगहों पर अचानक हमले कर दिए।
इस हमले में ईरान के न्यूक्लियर वैज्ञानिक और सीनियर कमांडर मारे गए। इसके बाद ईरान ने मिसाइल और ड्रोन से जवाबी कार्रवाई की।
22 जून को अमेरिकी सेना ने नतांज, फोर्डो और इस्फहान में ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला किया। ईरान ने अगले दिन कतर में अमेरिकी अल उदीद एयर बेस को निशाना बनाकर जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद ईरान और इजरायल के बीच 24 जून से सीजफायर लागू हुआ।
अंतरराष्ट्रीय
ट्रंप के टैरिफ वॉर से दुनिया को राहत? अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में आज हो सकता है आखिरी फैसला!

नई दिल्ली, 6 नवंबर : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के साथ वैश्विक व्यापार जगत में उथल-पुथल मच गई। ट्रंप के टैरिफ को लेकर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रही, जिसके बाद उम्मीद की जा रही है कि इसपर आखिरी फैसला भी आज आ जाए। वहीं, दूसरी ओर पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं।
5 नवंबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में आखिरी सुनवाई शुरू हुई, जिसमें अधिकांश जजों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसले पर सवाल खड़े किए।
निचली फेडरल कोर्ट ने इससे पहले टैरिफ के मामले में फैसला सुनाया था कि ट्रंप के पास अमेरिका के कई व्यापारिक साझेदारों से आयात पर टैरिफ लगाने और कनाडा, चीन और मैक्सिको के उत्पादों पर फेंटानिल टैरिफ लगाने का कानूनी अधिकार नहीं है। निचले कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
बता दें, टैरिफ को लेकर करीब ढाई घंटे से ज्यादा कोर्ट में बहस चली। कोर्ट ने ट्रंप सरकार के टैरिफ के फैसले पर सवाल उठाए। जस्टिस सोनिया सोतोमयोर ने कहा, “आप कहते हैं कि टैरिफ टैक्स नहीं हैं, लेकिन वास्तव में वे टैक्स ही हैं। वे अमेरिकी नागरिकों से पैसा, राजस्व कमा रहे हैं।”
इस पर सॉलिसिटर जनरल जॉन सॉयर ने कहा, “मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, यह एक नियामक टैरिफ है, टैक्स नहीं। यह सच है कि टैरिफ से राजस्व बढ़ता है और यह केवल आकस्मिक है।”
इसके अलावा जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने कहा, “अगर मैं सही नहीं हूं तो मुझे सुधारें, लेकिन यह तर्क किसी भी देश के किसी भी उत्पाद पर, किसी भी मात्रा में, किसी भी अवधि के लिए टैरिफ लगाने की शक्ति के लिए दिया जा रहा है।”
जस्टिस रॉबर्ट्स की इस टिप्पणी के बाद अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल डी. जॉन सॉयर ने तर्क दिया कि आईईईपीए राष्ट्रपति को इमरजेंसी की स्थिति के दौरान ‘आयात को विनियमित करने’ की इजाजत देता है।
अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल के तर्क से जस्टिस एमी कोनी बैरेट सहमत नहीं थीं। उन्होंने सॉयर से कहा, “क्या आप संहिता में ऐसे किसी दूसरे स्थान या इतिहास में किसी दूसरे समय का जिक्र कर सकते हैं, जहां ‘आयात को विनियमित करना’ वाक्यांश का उपयोग टैरिफ लगाने का अधिकार देने के लिए किया गया हो?”
इसके अलावा, जस्टिस बैरेट ने कहा कि अगर कांग्रेस भविष्य में आपातकालीन टैरिफ पर किसी भी सीमा को मंजूरी देना चाहती है, तो उसे राष्ट्रपति के वीटो को पार करने के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी।
जस्टिस बैरेट ने पूछा, “अगर कांग्रेस कहती है, ‘अरे, हमें यह पसंद नहीं है, इससे राष्ट्रपति को आईईईपीए के तहत बहुत ज्यादा अधिकार मिल जाते हैं,’ तो उसे आईईईपीए से उस टैरिफ शक्ति को वापस लेने में बहुत मुश्किल होगी, है ना?”
हालांकि, कोर्ट की तरफ से मामले में अब तक आखिरी फैसला सामने नहीं आया है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के टैरिफ वाले फैसले पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं।
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