अंतरराष्ट्रीय
टी20 विश्व कप में पहली बार विजेता बनने के लिए ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच होगी खिताबी जंग

आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में रविवार को यहां दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड खिताबी जंग के लिए तैयार हैं। जो भी टीम यह टूर्नामेंट जीतेगी उनके सिर पर पहली बार ताज सजेगा। क्योंकि 2007 के सीजन से अब तक कभी भी ये टीम ट्रॉफी नहीं जीत पाई है। अब तक इन दो टीमों ने टी20 विश्व कप नहीं जीता है। हालांकि ऑस्ट्रेलिया 2010 में फाइनल तक का सफर तय किया था लेकिन विजेता नहीं बन पाई थी।
न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया ने सेमीफाइनल में शीर्ष क्रम की दो टीमों को इंग्लैंड और पाकिस्तान को हराकर फाइनल में अपनी जगह बनाई है। इन दोनों के बीच हुए मुकाबले को देखें तो ऑस्ट्रेलिया टी20 में न्यूजीलैंड से ज्यादा मैच जीता हुआ है। कंगारूओं ने आठ तो कीवियों ने पांच मुकाबले जीते हैं।
भारत में 2016 के टी20 विश्व कप सीजन में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया का आमना-सामना हुआ था। जिसमें कीवियों ने कंगारूओं को धूल चटाई थी। इस मैच के हीरो मिशेल मैक्लेघन थे। जिन्होंने शानदार गेंदबाज करते हुए तीन विकेट अपने नाम किए थे।
इससे पहले, दोनों टीमों की मुलाकात एकदिवसीय विश्व कप फाइनल में 2015 में हुई थी, जब दोनों पड़ोसियों ने टूर्नामेंट की सह-मेजबानी की थी। हालांकि ब्रेंडन मैकुलम की टीम माइकल क्लार्क की टीम से मेलबर्न के मैदान पर हार गई थी।
उस मैच में न्यूजीलैंड 183 रन पर ही सिमट गई थी, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने खिताबी मुकाबले में सात विकेट से जीत दर्ज की थी और पांचवीं बार विश्व कप के खिताब पर कब्जा किया था। मैच में मिचेल जॉनसन और जेम्स फॉल्कनर ने तीन-तीन विकेट लिए, जबकि मिचेल स्टार्क ने दो विकेट चकटाए थे।
रविवार को होने वाले फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान एरोन फिंच पर सबकी नजरें होंगी। क्योंकि फिंच ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 मैचों में सबसे ज्यादा 251 रन बनाए हैं। जिसमें कीवियों के खिलाफ सात पारियों में दो अर्धशतक भी शामिल हैं।
वहीं, ऑस्ट्रेलिया का हरफनमौला खिलाड़ी ग्लेन मैक्सवेल ने नौ पारियों में 157.25 स्ट्राइक रेट से 206 रन और डेविड वार्नर ने 156.43 के स्ट्राइक रेट से सात पारियों में 158 रन बनाकर कीवी टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया है।
दूसरी तरफ, ब्लैक कैप्स के मार्टिन गुप्टिल ने ऑस्ट्रेलिया टीम को चुनौती दी है। उन्होंने 12 पारियों में 36.25 के औसत और 152.09 के स्ट्राइक रेट से 435 रन बनाए हैं। जिसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल हैं।
वहीं कीवी टीम को विकेटकीपर और मध्यक्रम के बल्लेबाज डेवोन कॉनवे की कमी खलेगी, जो चोट के कारण फाइनल से बाहर हो गए हैं। कॉनवे ने साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों में 48 की औसत से 192 रन बनाए, जिसमें एक मैच में नाबाद 99 का स्कोर भी शामिल था।
गेंदबाजों में एश्टन एगर ने कीवियों के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया है। वहीं दिलचस्प बात यह है कि मिचेल स्टार्क, पैट कमिंस और जोश हेजलवुड को अभी टी20 में ब्लैक कैप्स के खिलाफ खेलना है।
न्यूजीलैंड के लिए ईश सोढ़ी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए मुकाबले में सबसे ज्यादा 16 विकेट हासिल की है। वहीं, ट्रेंट बोल्ट ने उनके खिलाफ 10 विकेट, जबकि सेंटनर और टिम साउदी ने नौ-नौ विकेट लिए हैं। ऑल राउंडर जेम्स नीशम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ महंगे साबित हुए हैं उन्होंने सिर्फ दो विकेट ही झटके हैं।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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