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Tuesday,14-October-2025
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मोटिवेशन का नहीं है कोई इंजेक्शन, आत्म विश्लेषण से सशक्त और स्थिर बनें छात्र: पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों के साथ परीक्षा पर चर्चा संवाद शुरू करते हुए छात्रों से कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस वर्ष आपको परीक्षा का तनाव नहीं होगा। प्रधानमंत्री ने छात्रों को आने वाले त्योहारों की शुभकामनाएं दी और कहा है परीक्षाओं के बीच में त्यौहार आने पर त्यौहार का आनंद नहीं ले ले पाते लेकिन यदि हम परीक्षा को ही त्यौहार मान लें तो हम भरपूर आनंद ले सकते हैं।

दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में प्रधानमंत्री ने छात्रों अभिभावकों एवं शिक्षकों के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा नामक’ संवाद किया। प्रधानमंत्री से सबसे पहला प्रश्न दिल्ली के विवेकानंद स्कूल में 12वीं कक्षा की छात्रा खुशी जैन ने पूछा। खुशी ने प्रधानमंत्री से पूछा कि जब हम घबराहट की स्थिति में होते हैं तो परीक्षा की तैयारी कैसे करें। कुछ ऐसा ही प्रश्न छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित रेलवे स्कूल के छात्र ए श्रीधर शर्मा और वड़ोदरा की कैनी पटेल का भी था।

प्रधानमंत्री ने जवाब में कहा कि आपके मन में यह में क्यों होता है। क्या आप पहली बार परीक्षा देने जा रहे हैं। आप में से कोई नहीं है जो पहली बार परीक्षा देने जा रहा है। आप सभी बहुत सारे एग्जाम दे चुके हैं। आप एग्जाम के आखरी छोर की ओर पहुंच चुके हैं। आप एक बात तय कर लीजिए की परीक्षा जीवन का एक सहज हिस्सा है। जीवन के यह छोटे-छोटे पड़ाव है जिनसे हमें गुजारना है और हम पहले गुजर भी चुके हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा आप सुनी सुनाई बातों से प्रभावित मत होइए। आप यह मत देखिए कि दूसरे क्या कर रहे हैं। फिर आप बहुत सरलता से उमंग से उत्साह से परीक्षा दे पाएंगे और सफल होंगे।

मैसूर के तरुण और दिल्ली के साहिर अली ने पूछा कि पिछले 2 वर्षों से हम पढ़ाई ऑनलाइन मोड में कर रहे हैं। हमें ऑनलाइन का एडिक्शन सा हो गया है, इससे बाहर निकलने के लिए हम क्या करें। कई अन्य छात्रों एवं यहां तक कि शिक्षकों ने भी ऑनलाइन शिक्षा की चुनौतियों को लेकर प्रधानमंत्री से प्रश्न पूछे।

इसके जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे मन में एक सवाल आता है थोड़ा अपने आप को पूछिए जब आप ऑनलाइन रीडिंग करते हैं तो सच सचमुच में रीडिंग करते हैं या रील देखते हैं। आपने अनुभव किया हुआ की क्लास में भी बहुत बाहर आपकी आंखें टीचर की तरफ होगी लेकिन दिमाग में एक भी बात नहीं जाती क्योंकि आपका दिमाग कहीं और रहता है। मन यदि कहीं और हो तो सुनना ही बंद हो जाता है।

पीएम मोदी ने कहा कि माध्यम समस्या नहीं है। मन समस्या है। माध्यम ऑनलाइन हो या ऑफलाइन अगर हमारा मन पूरी तरह से उस से जुड़ा हुआ है तो ऑनलाइन या ऑफलाइन से खास फर्क नहीं पड़ता है। जब युग बदलता है तो माध्यम भी बदलते हैं। पहले जब गुरुकुल थे तब किताब भी नहीं थी तब सब कंठस्थ होता था और पीढ़ी दर पीढ़ी कान के द्वारा सीखा जाता था। यह एक तकनीक का हिस्सा है कि आज टेक्नोलॉजी के माध्यम से सीख सकते हैं। ऑनलाइन को एक अवसर मानना चाहिए चुनौती नहीं मानना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन पाने के लिए है ऑफलाइन बनने के लिए है। ऑनलाइन से जो हमने हासिल किया है ऑफलाइन के माध्यम से हम उसे पनपने का अवसर दे सकते हैं। मान लीजिए आपने ऑनलाइन डोसा कैसे बनता है इसकी रेसिपी देखी और इस जान का आपने इस्तेमाल करते हुए डोसा बना दिया तो आपका पेट भरेगा। ऑनलाइन का इस्तेमाल अपने ज्ञान का आधार मजबूत करने के लिए करें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी की बजाय हमें कहना चाहिए कि यह नेशनल एजुकेशन पॉलिसी है। हमारी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी पर देश भर से 15 से 20 लाख इनपुट्स आए थे। देश के लाखों लोग हैं जिन्होंने इस पॉलिसी को बनाया है। यह पॉलिसी सरकार ने नहीं बनाई है। इसे देश के टीचर्स ने बनाया है और देश के भविष्य के लिए बनाया है। प्रधानमंत्री ने शिक्षा नीति के कुछ महत्वपूर्ण प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले हमारे यहां खेलकूद को एक्स्ट्रा एक्टिविटी माना जाता था। अब शिक्षा नीति में इसे शिक्षा का हिस्सा बना दिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि खिलने के लिए खेलना जरूरी होता है बिना खेले कोई खिल नहीं सकता कोई खुल नहीं सकता।

प्रधानमंत्री ने अभिभावकों से कहा कि आप अपने सपने, अपनी आकांक्षाओं को एक प्रकार से अपने बच्चों में इंजेक्ट करने की कोशिश करते हैं। वहीं स्कूल में टीचर बच्चों को बताते हैं कि आप ऐसा करो, वैसा करो, हमारे स्कूल की यह परंपरा है आप इसके मुताबिक कार्य करो। पहले टीचर और छात्र के परिवार के बीच में संपर्क रहता था। अब ऐसा नहीं है। जब स्कूल, शिक्षक और पेरेंट्स छात्रों की इच्छाएं, उनकी अपेक्षा, उनकी सीमाओं को जानने की कोशिश नहीं करते तो छात्र ऐसी स्थिति में लड़खड़ा जाते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं सभी टीचर्स और पेरेंट्स को कहना चाहूंगा कि आपके मन की आशा आकांक्षाओं के कारण आपके बच्चों पर बोझ पड़ जाए इससे बचने की कोशिश करें। पीएम मोदी ने पेरेंट्स से कहा कि यह अभिभावकों की कमी है यदि वह बच्चे के टैलेंट को पहचान नहीं पाते हैं। पीएम ने यह भी कहा कि मैं यह नहीं कहूंगा कि छात्र टीचर या पेरेंट्स की बात न सुने छात्रों को टीचर पर पेरेंट्स की बात सुननी भी है और समझनी भी है।

प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा कि आप समय स्वयं के विषय में स्वयं ही विश्लेषण कीजिए। यदि आप ऐसे में किसी और की मदद ढूंढ लेंगे तो फिर आपने एक ऐसी प्रवृत्ति पैदा होगी जो हर बार आप किसी की मदद के भरोसे रहेंगे।

प्रधानमंत्री ने अपनी पुस्तक एग्जाम वारियर का जिक्र करते हुए छात्रों से कहा कि आप कभी परीक्षा को ही एक पत्र लिख दो और इस पत्र में बता दो कि मैंने क्या-क्या तैयारियां की है। परीक्षा को बता दो कि मैं इतना तो सीख कर आया हूं कि तुम होते कौन हो मेरे मुकाबला करने वाले। परीक्षा को बता दो कि तुम होते ही कौन हूं मेरा एग्जाम लेने वाले मैंने इतनी तैयारी की है कि मैं तुम्हारा एग्जाम लूंगा।

कई अन्य छात्रों ने कॉलेज अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं व अन्य परीक्षाओं में बढ़ते कंपटीशन को लेकर प्रश्न पूछा। प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों को पढ़ाई अलग-अलग एग्जाम को ध्यान में रखते हुए नहीं करनी चाहिए। अपने आपको एग्जाम में खपाने की बजाय अपने आप को योग्य शिक्षित व्यक्ति बनाने का प्रयास करें। ऐसा होने पर आप किसी भी परीक्षा एग्जाम या मुकाबले की तैयारी के लिए स्वयं को तैयार कर सकेंगे।

महाराष्ट्र

हाफिज तौसीफ अंसारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार, दूसरे आतंकी संगठन युवाओं को गुमराह करते हैं और फंसाते हैं: जांच एजेंसियों का दावा

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मुंबई : मुंबई के मालेगांव में आंध्र पुलिस एटीएस और स्थानीय पुलिस स्टेशन द्वारा छापेमारी के बाद पुलिस ने नोमानी नगर इलाके से एक संदिग्ध युवक को गिरफ्तार करने का दावा किया है। उक्त युवक सोशल मीडिया पर सक्रिय था और सोशल मीडिया पर अपनी गतिविधियों के साथ-साथ वह दुश्मन देश पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन के संपर्क में था। इसी आरोप में आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही आंध्र के धर्मापुर टाउन पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है। महाराष्ट्र एटीएस और खुफिया एजेंसियों ने भी उससे पूछताछ की है। आरोपी की पहचान हाफिज तौसीफ असलम अंसारी के रूप में हुई है। वह पेशे से दर्जी है और सोशल मीडिया पर भी सक्रिय था। वह जानबूझकर या जानबूझकर पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन के संपर्क में आया या उसे इसकी जानकारी थी, पुलिस उसकी जांच कर रही है। हाफिज तौसीफ की गिरफ्तारी से मालेगांव में सनसनी फैल गई है उसके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज है या नहीं, इसकी जांच चल रही है। साथ ही, उसकी संदिग्ध गतिविधियों और कितनी बार उसने आतंकवादी संगठनों को भारत से जुड़ी जानकारियां मुहैया कराई हैं, इसकी भी जांच की जा रही है। उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स की भी जांच और निगरानी की जा रही है। इससे पहले, महाराष्ट्र एटीएस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों से संबंध रखने के आरोप में एक युवा पीआईओ समेत कई युवकों को गिरफ्तार किया था। कई युवक पीआईओ के हनी ट्रैप में भी फंस चुके हैं। पीआईओ का तरीका कुछ ऐसा है कि पहले पीआईओ किसी भारतीय नागरिक और युवती से नियमित रूप से बात करता है और फिर उसकी तस्वीरें और अश्लील वीडियो सार्वजनिक कर देता है। अश्लील चैट सार्वजनिक करने की धमकी देकर, वे उसे पैसों का लालच देते हैं और खाते में पैसे ट्रांसफर कर देते हैं। ऐसे में खुफिया एजेंसियों का फर्ज बनता है कि वे ऐसे युवकों के खिलाफ कार्रवाई करें। कई युवा अनजाने में इस भ्रामक प्रचार के झांसे में आ जाते हैं और बुरी तरह फंस जाते हैं। इसलिए, सतर्क रहना चाहिए और सोशल मीडिया के दुरुपयोग से बचना चाहिए।

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राष्ट्रीय समाचार

दिल्ली दंगा मामले में आरोपी शरजील इमाम ने वापस ली अपनी अंतरिम जमानत याचिका

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नई दिल्ली, 14 अक्टूबर: 2020 के दिल्ली दंगा मामले में आरोपी और जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने मंगलवार को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट से अपनी अंतरिम जमानत याचिका वापस ले ली। उन्होंने यह याचिका बिहार चुनाव में भाग लेने के लिए दायर की थी।

शरजील इमाम ने अदालत से 14 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी ताकि वे बहादुरगंज विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकें। हालांकि, सुनवाई के दौरान उनके वकील ने याचिका वापस लेने का निर्णय किया।

शरजील इमाम के वकील ने कहा कि उनकी नियमित जमानत याचिका फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसलिए अंतरिम जमानत के लिए आवेदन करने का उचित मंच सुप्रीम कोर्ट ही होगा न कि ट्रायल कोर्ट। इस आधार पर कड़कड़डूमा कोर्ट में दाखिल अंतरिम जमानत याचिका को वापस लेने की अनुमति मांगी गई।

शरजील इमाम पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप हैं। उन पर देशद्रोह, आपराधिक साजिश और राजद्रोह से संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज है। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील ने शाहीन बाग और जामिया इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध के दौरान उकसाने वाले भाषण दिए थे, जिनसे हिंसा भड़की।

शरजील को जनवरी 2020 में बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था और तब से वे न्यायिक हिरासत में हैं।

शरजील इमाम ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बहादुरगंज सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरने का ऐलान किया था। उन्होंने इसके लिए अदालत से दो सप्ताह की अस्थायी रिहाई मांगी थी ताकि नामांकन और प्रचार में हिस्सा ले सकें।

शरजील के चुनाव लड़ने के इरादे ने बिहार की सियासत में नई चर्चा छेड़ दी है।

इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने 2 सितंबर को इमाम, खालिद और मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, अतर खान, शिफा-उर-रहमान, मोहम्मद सलीम खान, शादाब अहमद और खालिद सैफी समेत अन्य आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था।

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राष्ट्रीय समाचार

इस वर्ष सितंबर में थोक मंहगाई दर घट कर 0.13 प्रतिशत रह गई

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नई दिल्ली, 14 अक्टूबर: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर सितंबर में 0.13 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो कि इससे पिछले महीने अगस्त में 0.52 प्रतिशत थी।

मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों, अन्य मैन्युफैक्चरिंग, गैर-खाद्य वस्तुओं, अन्य परिवहन उपकरणों और वस्त्रों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।

आंकड़ों के अनुसार, फसल की अधिक पैदावार और गेहूं व चावल के पर्याप्त बफर स्टॉक के कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में इस महीने 1.38 प्रतिशत की गिरावट आई।

फूड इंडेक्स में सितंबर में सालाना आधार पर 1.99 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

सितंबर के दौरान पेट्रोल, डीजल और प्राकृतिक गैस जैसे ईंधनों की कीमतों में भी गिरावट जारी रही और ईंधन मुद्रास्फीति नकारात्मक क्षेत्र में -2.58 प्रतिशत पर रही।

सितंबर महीने के लिए थोक मूल्य सूचकांक में मासिक आधार पर बदलाव अगस्त की तुलना में -0.19 प्रतिशत रहा।

इस बीच, सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित देश की मुद्रास्फीति दर पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में इस वर्ष सितंबर में घटकर आठ साल के निचले स्तर 1.54 प्रतिशत पर आ गई है, क्योंकि इस महीने के दौरान खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतें सस्ती हुईं।

यह जून 2017 के बाद सालाना आधार पर सबसे कम मुद्रास्फीति है और अगस्त की 2.05 प्रतिशत की मुद्रास्फीति दर से भी कम है।

आंकड़ों के अनुसार, खाद्य मुद्रास्फीति लगातार चौथे महीने नकारात्मक क्षेत्र में रही और सितंबर के दौरान -2.28 प्रतिशत दर्ज की गई।

आधिकारिक बयान में कहा गया है, “सितंबर के दौरान हेडलाइन मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट मुख्य रूप से अनुकूल आधार प्रभाव और सब्जियों, खाद्य तेलों फल, दालें, अनाज और अंडा की मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण हुई है।”

अच्छे दक्षिण-पश्चिम मानसून, अच्छी खरीफ बुवाई, पर्याप्त जलाशय स्तर और खाद्यान्नों के पर्याप्त बफर स्टॉक के साथ बड़े अनुकूल आधार प्रभावों के कारण 2025-26 के लिए मुद्रास्फीति का दृष्टिकोण अधिक सौम्य हो गया है।

22 सितंबर से शुरू हुई जीएसटी दरों में कटौती से सभी वस्तुओं की कीमतें कम हो रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति में कमी आएगी।

मुद्रास्फीति दर में गिरावट आरबीआई को ब्याज दरों में कटौती और विकास को बढ़ावा देने के लिए अर्थव्यवस्था में अधिक धन डालकर नरम मुद्रा नीति जारी रखने के लिए अधिक गुंजाइश देती है।

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 1 अक्टूबर को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की मुद्रास्फीति दर के अपने पूर्वानुमान को अगस्त के 3.1 प्रतिशत से घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया, जिसका मुख्य कारण जीएसटी रेट कट और खाद्य कीमतों में नरमी है।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने कहा, “हाल ही में लागू जीएसटी रेट्स को रेशनलाइज बनाने से सीपीआई बास्केट की कई वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी। कुल मिलाकर, मुद्रास्फीति का परिणाम अगस्त की मौद्रिक नीति समिति के प्रस्ताव में अनुमानित से कम रहने की उम्मीद है।”

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