महाराष्ट्र
सम्राट पृथ्वीराज जैसी फिल्मों से देश को होगा फायदा, फिल्म देखने के बाद बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने सम्राट पृथ्वीराज फिल्म की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि इस तरह की फिल्मों का परिणाम भविष्य में निश्चित तौर पर भारत के लिए अच्छा होगा और आने वाले दिनों में सभी भारतवासी एक होकर भारत के सम्मान की रक्षा उसी प्रकार से करेंगे , जैसा कि इस फिल्म में दिखाया गया है।
शुक्रवार को नई दिल्ली में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संघ के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों और फिल्म में लीड रोल निभाने वाले अक्षय कुमार और मानुषी छिल्लर के साथ इस फिल्म को देखने के बाद इसे तथ्यों पर आधारित फिल्म बताते हुए इसकी जमकर तारीफ की।
भागवत ने कहा कि पृथ्वीराज चौहान , मोहम्मद गौरी और मत चूको चौहान , यह सब बातें हम पहले भी पढ़ चुके हैं लेकिन पहले हमने किसी और का लिखा हुआ इतिहास पढ़ा है। भारत की भाषा में , भारत में लिखा हुआ, जो चित्रित किया गया है वो आज हम पहली बार देख रहे हैं।
भागवत ने सम्राट पृथ्वीराज जैसी फिल्मो को देश के लिए फायदेमंद एवं इस तरह की और फिल्मों को भविष्य में बनाने की वकालत करते हुए कहा कि अब हमारे इतिहास को हम अपनी नजर से , अपने दिल से समझ रहे हैं और यह समझने का मौका देशवासियों को मिलेगा तो देश के भविष्य के लिए निश्चित ही इसका परिणाम अच्छा होगा। भारतवासी सब एक होकर भारत के सम्मान की रक्षा करने में उसी प्रकार से पराक्रमी होंगे, जिस प्रकार से पराक्रमी वीरों को इस फिल्म में दिखाया गया है।
भागवत ने फिल्म के कलाकारों और इसके निर्माण से जुड़े सभी लोगों का अभिनंदन करते हुए कहा कि फिल्म की सफलता की औपचारिक शुभकामना देने का कोई तुक नहीं है क्योंकि हम साथ में ही है। इसके साथ ही उन्होंने भविष्य में इस तरह की और फिल्में बनाए जाने की भी वकालत की।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में कोविड: स्वास्थ्य विभाग सतर्क, मुंबई में कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 10 के पार

मुंबई, 21 मई। महाराष्ट्र में कोविड ने दस्तक दे दी है। प्रदेश की राजधानी मुंबई में ही मंगलवार को कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 15 बताई गई। स्वास्थ्य विभाग ने 20 मई को इसकी जानकारी दी साथ ही लोगों से अपील की कि वो किसी भी स्थिति में घबराएं नहीं।
इसके मुताबिक ऐहतियातन वर्तमान में महाराष्ट्र में कोविड के लिए आईएलआई (इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी) और एसएआरआई (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) को लेकर सर्वे चल रहा है।
टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए संक्रमितों का उपचार किया जा रहा है। विभाग के मुताबिक फिलहाल मामले ज्यादा भयावह नहीं हैं, मरीजों में लक्षण बेहद सामान्य या हल्के हैं।
इसके साथ ही जनता से अपील की गई है कि वो डरे नहीं, घबराएं नहीं। किसी भी तरह के लक्षण दिखें तो तुरंत पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के माध्यम से कोविड परीक्षण कराएं। उपचार की सुविधा उपलब्ध है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जनवरी से अब तक कोरोनावायरस के लिए 6,066 स्वैब नमूनों की जांच की गई है, जिनमें से 106 मरीजों के नतीजे पॉजिटिव आए। इनमें से 101 मुंबई से और शेष 1 पुणे, 1 ठाणे और 3 कोल्हापुर से थे। मुंबई में कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 101 पाई गई। राज्य में 52 मरीज हल्के लक्षणों के कारण उपचार करा रहे हैं, जबकि 16 मरीज अस्पतालों में उपचार करा रहे हैं।
वहीं, जनवरी से अब तक कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 2 रही है। दोनों ही को-मॉर्बिड केस थे। जिनमें से एक मरीज को हाइपोकैल्सीमिया दौरे के साथ नेफ्रोटिक सिंड्रोम था और दूसरे को कैंसर था।
दिशानिर्देशों का पूर्णत: पालन किया जा रहा है और मरीजों को 7 दिनों के बाद छुट्टी दे दी जाती है। मरीजों की संख्या में छिटपुट वृद्धि केवल महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों और कुछ अन्य देशों में भी देखी जा रही है।
महाराष्ट्र में कोविड जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट बी. जे. मेडिकल कॉलेज पुणे और एनआईवी पुणे में किया जाता है।
अपराध
मुंबई : बिना पहचान के सिम बेचने का खेल हुआ खत्म, आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

मुंबई , 21 मई। मुंबई क्राइम ब्रांच ने बिना दस्तावेज के सिम कार्ड देने वाला युवक गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के पास से 75 सिम कार्ड्स और 2 मोबाइल जब्त किए हैं। पुलिस ने उसके खिलाफ बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
मुंबई पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी का नाम समीर मेहबूब खान है, जिसकी उम्र महज 23 साल है।
पहलगाम हमले के बाद, मुंबई शहर को हाई अलर्ट पर रखने के दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच को ऐसे गिरोह की जानकारी मिली जो मोटी रकम लेकर बिना दस्तावेज में सिम कार्ड मुहैया करवाता है। मुंबई क्राइम ब्रांच के पुलिस अधिकारी को एक गुप्त सूचना मिली थी कि एक शख्स वीआई, एयरटेल और जियो जैसी टेलीकॉम कंपनियों के अधिकृत सिम कार्ड वितरक के रूप में काम करता है।
मुंबई पुलिस के मुताबिक, इस दौरान आरोपी ग्राहकों की आंखों की स्कैनिंग और अंगूठे के निशान को बार-बार लेकर अवैध रूप से सिम कार्ड जारी कर रहा है। अधिकारी ने आगे बताया कि वह बिना वैध केवाईसी प्रक्रिया पूरी किए सिम कार्ड अधिक कीमत पर बेच रहा था।
इस जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई करने के लिए क्राइम ब्रांच ने एक जाल बुना। एक नकली ग्राहक को तैयार कर समीर के पास भेजा गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने उस ग्राहक से बिना किसी वैध दस्तावेज के अधिक पैसे लेकर सिम कार्ड बेच दिया। इसके बाद तुरंत ही आरोपी को हिरासत में लिया गया और उसके पास से सिम कार्ड्स और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए।
बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से कई शहर हाई अलर्ट पर हैं। इस दौरान देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों की तलाश की जा रही है और ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकाला जा रहा है।
महाराष्ट्र
हजरत सैयद बाले शाह पीर दरगाह ध्वस्तीकरण आदेश, चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश, दरगाह प्रबंधन को राहत

मुंबई: भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने मुंबई के मीरा भयंदर स्थित हजरत सैयद बाले शाह पीर दरगाह को संरक्षण प्रदान किया है तथा चार सप्ताह के लिए ध्वस्तीकरण प्रक्रिया पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। महाराष्ट्र सरकार चार सप्ताह के भीतर अदालत में जवाब दाखिल करेगी, जिसके बाद ही दरगाह को गिराने की प्रक्रिया पर निर्णय लिया जाएगा।
राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बांकोले ने सदन में 20 मई तक धर्मस्थल को ध्वस्त करने का आदेश जारी किया था और सार्वजनिक बयान भी जारी किया था, लेकिन किसी तरह का कोई नोटिस जारी नहीं किया गया। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति एजी मसीह की पीठ ने ध्वस्तीकरण प्रक्रिया पर प्रभावी रोक लगाने का आदेश दिया और दरगाह प्रशासन द्वारा दायर याचिका पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब भी मांगा।
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि किसी सरकारी नोटिस के अभाव के बावजूद, राज्य विधानसभा में मंत्री के सार्वजनिक बयानों और हाल की पुलिस रिपोर्ट के आधार पर ध्वस्तीकरण का आदेश दिया गया। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि दरगाह 350 साल पुरानी है और फिर भी राज्य सरकार ने इसे अवैध संरचना के रूप में वर्गीकृत किया है। ट्रस्ट ने दावा किया है कि संपत्ति का औपचारिक पंजीकरण भी 2022 में कराने की मांग की गई है और यह मंदिर दशकों से उसी स्थान पर स्थित है। याचिकाकर्ता के अनुसार, बॉम्बे हाईकोर्ट की अवकाश पीठ ने 15 और 16 मई को तत्काल सुनवाई की याचिकाओं को गलती से खारिज कर दिया था। दरगाह प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पुलिस ने 15 मई को एक नोटिस भी जारी किया था। नोटिस में ट्रस्ट के सदस्यों को चेतावनी दी गई थी कि वे विध्वंस प्रक्रिया में बाधा या व्यवधान न डालें। ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया 20 मई के लिए निर्धारित की गई है।
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई बिना किसी कानूनी आदेश या उचित प्रक्रिया, जैसे नोटिस या सुनवाई का अवसर दिए बिना की गई, जो उनके अधिकारों का उल्लंघन है। सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी और महाराष्ट्र सरकार को उस समयावधि के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।
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