राजनीति
बिहार में चुनाव की आहट से विपक्षी दलों के महागठबंधन में किचकिच

बिहार में इस साल के अंत में होने वाले संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर अब सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं वहीं विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल दलों में किचकिच प्रारंभ हो गई है, जिससे गठबंधन में दरार काफी चौड़ी होती जा रही है।
महागठबंधन के नेता भी अब खुलकर इसके लिए राजद के तानाशाही रवैये को दोष दे रहे हैं। दीगर बात है कि यही नेता यह भी कहते हैं कि लालू प्रसाद अगर होते तो यह समस्या नहीं होती।
कोरोना संक्रमण के इस दौर में बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां प्रारंभ है। राजद के नेता और लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव को राजद ने मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया है, लेकिन हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने साफ तौर पर कह दिया है कि तेजस्वी यादव महागठबंधन के नेता नहीं है।
इस बीच, महागठबंधन में शामिल छोटे दलों हम के अध्यक्ष मांझी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी पिछले कुछ दिनों के अंदर दो बार बैठक कर चुके हैं। ये सभी नेता महागठबंधन में समन्वय समिति बनाकर कोई भी निर्णय लेने की मांग कर रहे हैं। लेकिन राजद अपनी जिद पर अड़ी है।
महागठबंधन के कई नेताओं ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर कहते हैं कि राजद कई बार निर्णय बिना किसी अन्य दलों की सूचना के लेते रहा है। मांझी ने भी कई मौके पर इसे लेकर विरोध जता चुके हैं। मांझी ने यहां तक कह दिया कि तेजस्वी अपने सामने किसी को समझते ही नहीं।
इधर, हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान सीधे तो कुछ नहीं कहते हैं, लेकिन इतना जरूर कहते हैं, “मुख्यमंत्री के चेहरे पर कॉर्डिनेशन कमेटी (समन्वय समिति) फैसला करेगी। राजद के कुछ तानाशाह नेताओं की वजह से अभी तक महागठबंधन में कॉर्डिनेशन कमेटी का गठन नहीं किया गया है। विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का चेहरा कौन होगा यह कॉर्डिनेशन कमेटी में ही तय होगा।”
उन्होंने सीधे तौर पर तेजस्वी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कहा कि राजद के वरिष्ठ नेताओं के कारण महागठबंधन में दरार है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर लालू प्रसाद होते, तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती।
इधर, सूत्रों का कहना है कि ये छोटे दल कांग्रेस के बड़े नेताओं के संपर्क साध रहे हैं। कहा जा रहा है कि महागठबंधन में अगर बात नहीं बनी तो कई दल मिलकर अलग मोर्चा बना सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि इन नेताओं की बात जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव, वामपंथी दलों और वंचित समाज पार्टी जैसे दलों से हो रही है।
वंचित समाज पार्टी के उपाध्यक्ष और चुनाव अभियान समिति के चेयरमैन ललित मोहन सिंह स्वीकार करते हैं कि कई छोटे दल उनके संपर्क में है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि बिहार में होने वाले चुनाव में छोटे दल मिलकर लड़ेंगे, जिसके लिए बात चल रही है।
इधर, कांग्रेस भी महागठबंधन में टूट को नकार रही है। युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने कहा कि महागठबंधन एकजुट है। उन्होंने स्वीकार किया कि गठबंधन में टूट का लाभ भाजपा, जदयू को होगा। उन्होंने कहा कि आज सभी को एकजुट रहने की जरूरत है।
राजद भी टूट से इंकार करते हुए कहा कि महागठबंधन एकजुट है। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं, “समय आने पर सबकुछ तय हो जाएगा। राजद ने बड़ा दल होने के नाते मुख्यमंत्री चेहरा के रूप में तेजस्वी यादव के नाम की घोषणा कर चुकी है।”
उन्होंने महागठबंधन के तीन दलों के बैठक के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि चुनाव का साल है सभी दल बैठक करते हैं। समन्वय समिति के संबंध में तिवारी कहते हैं कि पहले भी सामूहिक रूप से निर्णय होता था, तभी तो पूर्व मुख्यमंत्री मांझी जी के पुत्र को विधान परिषद भेजा गया।
राजनीति
महाराष्ट्र का डिजिटल सुधार की ओर बड़ा कदम, ई-बॉन्ड और स्टांपिंग की मिलेगी सुविधा

मुंबई, 3 अक्टूबर: महाराष्ट्र ने डिजिटल सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है। प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने शुक्रवार को घोषणा की है कि महाराष्ट्र में इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड, ई-स्टाम्पिंग, ई-हस्ताक्षर और ऑनलाइन भुगतान की सुविधा शुरू हो रही है।
महाराष्ट्र इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड, ई-स्टाम्पिंग, ई-हस्ताक्षर और ऑनलाइन भुगतान की सुविधा को लागू करने वाला देश का 17वां राज्य बन गया है। इस नई प्रणाली के तहत लगभग 50 हजार दस्तावेजों के लिए अब ई-बॉन्ड की सुविधा उपलब्ध होगी। यह प्रणाली राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा लिमिटेड (एनईएसएल) और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के तकनीकी सहयोग से विकसित की गई है।
चंद्रशेखर बावनकु ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया, “महाराष्ट्र सरकार ने बहुत महत्वपूर्ण फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में प्रदेश में ई-बॉन्ड की सुविधा दी गई है। इस डिजिटल पहल से आयातकों और निर्यातकों के लिए सीमा शुल्क प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और सरल हो जाएगी। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि पारदर्शिता बढ़ेगी और राज्य के राजस्व में भी वृद्धि होगी। यह कदम महाराष्ट्र को डिजिटल गवर्नेंस के क्षेत्र में और मजबूत बनाएगा।”
लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अपनी विदेशी यात्रा के दौरान कोलंबिया में भारत के लोकतंत्र पर खतरे की बात कहने पर राजनीतिक बयानबाजी तेज है। चंद्रशेखर बावनकुले ने राहुल गांधी के बयान पर तंज कसते हुए कहा, “राहुल गांधी विदेश में जाकर कितना भी बोलें, देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रगति कर रहा है।”
बावनकुले ने आरोप लगाया, “राहुल गांधी देश में अपनी छवि नहीं बना पाए हैं और विदेशी धरती पर जाकर भारत की छवि खराब करने का काम कर रहे हैं। राहुल गांधी का बार-बार देश का अपमान करना जनता को स्वीकार्य नहीं है और देश की जनता उन्हें सबक सिखाएगी।”
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अगर राहुल गांधी को भारत पसंद नहीं है, तो वे इटली जाकर अपना काम करें।”
महाराष्ट्र
मैं उद्धव ठाकरे का आभारी हूं: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे ने विकास कार्यों के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा। मैं उनका आभारी हूँ क्योंकि उन्होंने मेरे 1,000 रुपये बचाए। मैंने कहा था कि उद्धव ठाकरे विकास कार्यों की बात नहीं करेंगे और वही हुआ, इसीलिए मैंने 1,000 रुपये बचाए हैं।
फडणवीस ने कहा कि राज्य में आई बाढ़ का राजनीतिकरण करने के बजाय सहायता की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जिस तरह से बाढ़ प्रभावित इलाकों की मदद की है, उससे कुछ राहत ज़रूर मिली है। इसके साथ ही, फडणवीस ने विदेश में देश के लोकतंत्र पर निशाना साधने के लिए राहुल गांधी को झूठा करार दिया और कहा कि राहुल गांधी लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखते, इसलिए झूठ बोलते हैं। उनकी दादी इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया था। अब देश में लोकतंत्र खतरे में है।
महाराष्ट्र
मुंबई के स्कूलों में साइबर शिक्षा दी जाएगी, साइबर धोखाधड़ी रोकने के लिए जागरूकता जरूरी: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

मुंबई: महाराष्ट्र में साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार ने अब स्कूलों और कॉलेजों में साइबर जागरूकता अभियान शुरू करने का फैसला किया है। इसके साथ ही कक्षा 6 से बच्चों को साइबर शिक्षा भी दी जाएगी। साइबर अपराधों को आरोपी को गिरफ्तार करके हल नहीं किया जा सकता क्योंकि अगर कोई लालच के बहकावे में आकर निवेश करता है, तो इसका उसके दिमाग पर असर पड़ता है और वह मानसिक रूप से परेशान होता है। गिरफ्तारी के बाद इसका समाधान नहीं हो सकता। इसलिए साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए एहतियाती उपाय और जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। इस जागरूकता माह की शुरुआत की गई है। साइबर अपराध सरकार के लिए एक चुनौती हैं और इससे निपटने के लिए कदम उठाना भी जरूरी है।
इस तरह का दावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज यहां साइबर जागरूकता अभियान कार्यक्रम के दौरान किया। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में साइबर अपराधों में भारी वृद्धि हुई है स्कूलों में छठी कक्षा के छात्रों के पाठ्यक्रम में साइबर की शिक्षा देने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि वे साइबर अपराधों के प्रति भी जागरूक हों। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार साइबर अपराधों से निपटने के लिए निश्चित रूप से सशक्त है, इसीलिए राज्य में सर्वश्रेष्ठ साइबर केंद्र की स्थापना की गई है। इसके साथ ही, साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती हैं, इसलिए इस मामले में जागरूकता बेहद ज़रूरी है। फडणवीस यहाँ डीजी कार्यालय में आयोजित साइबर जागरूकता अभियान कार्यक्रम में भाग ले रहे थे। इस अवसर पर डीजीपी रश्मि शुक्ला और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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