अंतरराष्ट्रीय
भारत और न्यूजीलैंड के बीच टी20 सीरीज का बुधवार से आगाज

आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप में अपने खराब प्रदर्शन को भुलाकर बुधवार से तीन मैचों की टी20 सीरीज में यहां सवाई सिंह स्टेडियम में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत अच्छा प्रदर्शन करना चाहेगा। ऑस्ट्रेलिया में आईसीसी टी20 विश्व कप 2022 के लिए केवल ग्यारह महीने शेष रह गए हैं। इस दौरान, नए कप्तान रोहित शर्मा और मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को एक बेहतरीन टीम तैयार करना होगा।
हाल ही में संपन्न हुए टी20 विश्व कप भारत के लिए अच्छा नहीं गया। वहीं, विराट कोहली, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ियों को आराम दिया गया है। उनकी जगह नए युवा खिलाड़ियों को टीम में मौका गया है।
बता दें कि वेंकटेश अय्यर, रुतुराज गायकवाड़, अवेश खान और हर्षल पटेल यूएई में आईपीएल 2021 के दूसरे फेस में चमकते सितारे के रूप में उभरे, इनके प्रदर्शन के आधार पर ही इनका भारतीय टीम में चयन किया गया। साथ ही स्पिनर युजवेंद्र चहल, जिनको विश्व कप टीम से बाहर कर दिया गया था। उनके पास भी टीम में वापस जगह बनाने का अच्छा मौका है।
टी20 कप्तान रोहित शर्मा और मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह सुनिश्चित करना होगा कि टी20 फॉर्मेट में दुनिया की विकसित होती बाकी टीमों की तरह हमारी टीम भी हो।”
शर्मा ने कहा, “मुझे लगता है कि टीम को तैयार करना बहुत जरूरी है। हमें बस यह करने की आवश्यकता है और हमारे पास ऐसा करने के लिए कुछ समय है। निश्चित रूप से कुछ कमियां हैं, जिन्हें हम दूर करने की कोशिश करेंगे। यह हमारी टीम के लिए सबसे अच्छा रहेगा।”
उन्होंने विश्व कप के दौरान नीचले क्रम में बल्लेबाजी करने पर भी सफाई दी। साथ ही कहा कि भारतीय टीम तय करती है कौन कहा बल्लेबाजी करेगा। हम खिलाड़ियों को नई भूमिका सौंपना चाहते हैं, जिस पर वे खरे उतरें, क्योंकि आखिर में आपका प्रदर्शन ही मायने रखता है।
दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में हारने के बाद न्यूजीलैंड को तैयारियों के लिए सिर्फ तीन दिन का समय मिला है। केन विलियम्सन टेस्ट सीरीज पर ध्यान देने के लिए टी20 सीरीज से बारह हो गए हैं। टिम साउदी को टीम का नया कप्तान बनाया गया है। वहीं, न्यूजीलैंड के पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपने दम पर अकेले मैच को पलट सकते हैं।
वे पिचों और परिस्थितियों को जल्दी से समझकर और उसी के अनुसार खेलने में माहिर हैं। हालांकि भारत के खिलाफ खुद को बेहतर साबित करने के लिए व्यस्त शेड्यूल से भी लड़ना होगा। वे काइल जैमीसन, मार्क चैपमैन और टॉड एस्टल को मौका देना चाहेंगे, जिन्होंने टी20 विश्व कप के दौरान एक भी मैच नहीं खेला। वहीं, लॉकी फग्र्यूसन एक मैच खेलने के बाद ही चोटिल हो गए थे। ओस फैक्टर को ध्यान में रखते हुए कीवी की टीम भारत को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है।
टीमें-
भारत : रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल, रुतुराज गायकवाड़, श्रेयस अय्यर, सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), ईशान किशन (विकेटकीपर), वेंकटेश अय्यर, युजवेंद्र चहल, रविचंद्रन अश्विन, अक्षर पटेल, अवेश खान, भुवनेश्वर कुमार, दीपक चाहर, हर्षल पटेल और मोहम्मद सिराज।
न्यूजीलैंड : टिम साउदी (कप्तान), टॉड एस्टल, ट्रेंट बोल्ट, मार्क चैपमैन, लॉकी फग्र्यूसन, मार्टिन गुप्टिल, काइल जैमीसन, एडम मिल्ने, डेरिल मिशेल, जिमी नीशम, ग्लेन फिलिप्स, मिशेल सेंटनर, टिम सेफर्ट और ईश सोढ़ी।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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