राजनीति
सुप्रीम कोर्ट का ज्ञानवापी मस्जिद पर बड़ा फैसला, पूरे मामले की सुनवाई वाराणसी जिला जज करेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद पर बड़ा फैसला देते हुए कहा कि पूरे मामले की सुनवाई वाराणसी जिला जज करेंगे और दोनों पक्षों की दलील वो सुनेंगे…सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई जुलाई के दूसरे हफ्ते में होगी..इस पूरे मामले में 17 मई को सुनाया गया सर्वोच्च न्यायालय का अंतरिम आदेश 8 हफ्ते तक जारी रहेगा…आदेश के मुताबिक मस्जिद में नमाज जारी रहेगी और नमाजियों के वजू का इंतजाम प्रशासन को करना होगा..
कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट लीक होने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मीडिया में रिपोर्ट लीक नहीं होनी चाहिए थी..इसके अलावा सर्वे रिपोर्ट पर माननीय कोर्ट ने कहा कि जांच का आदेश नियमों के तहत है..
राष्ट्रीय समाचार
कांग्रेस के मंच से पीएम मोदी पर नहीं की गई कोई अमर्यादित टिप्पणी : प्रियंका गांधी वाड्रा

नई दिल्ली, 15 दिसंबर: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई टिप्पणी को लेकर बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मंच से इस तरह की कोई टिप्पणी नहीं की गई थी।
उन्होंने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि कांग्रेस के मंच से प्रधानमंत्री के संबंध में किसी भी प्रकार की अर्मादित टिप्पणी का इस्तेमाल नहीं किया गया। हमने खुद यह सुनिश्चित किया था कि मंच पर किसी के भी बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी का इस्तेमाल नहीं हो। हमें जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक किसी ने भीड़ में इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी साक्षात्कार के दौरान की थी। अब किसने यह टिप्पणी की थी, हमें ( कांग्रेस) इस बारे में जानकारी नहीं है।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि इस मुद्दे का सहारा लेकर भाजपा के लोग शीतकालीन सत्र को बाधित कर रहे हैं। अगर आप लोगों को संसद का सत्र नहीं चलाना है, तो यह बात खुद ही स्पष्ट कर दीजिए। इस तरह से किसी अन्य मुद्दों का सहारा मत लीजिए।
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि संसद के शीतकालीन सत्र में दिल्ली में मौजूद प्रदूषण को लेकर चर्चा हो, लेकिन यह अफसोस की बात है कि सत्तापक्ष के लोग संसद के सत्र को बाधित कर रहे हैं।
प्रियंका गांधी ने कहा कि अगर आप लोगों को संसद में चर्चा ही नहीं करानी है, तो हम लोग यहां पर नहीं आएंगे। यहां किसी भी प्रकार की सार्थक चर्चा का गुंजाइश नहीं बन रही है। यह दुर्भाग्य की बात है कि सरकार के लोग खुद संसद के शीतकालीन सत्र को बाधित कर रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्री खुद सत्र को बाधित कर रहे हैं। पत्रकारों को इस संबंध में सवाल करना चाहिए।
मनरेगा का नाम बदलने पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा है कि भला ये लोग नाम क्यों बदल रहे हैं, जब सरकार की तरफ से किसी परियोजना का नाम बदला जाता है, तो उस पर बहुत बड़ी राशि खर्च होती है। ऐसी स्थिति में भला ये लोग किसी योजना का नाम क्यों बदल रहे हैं, ये समझ से परे है। ये लोग अब महात्मा गांधी नाम भी हटा रहे हैं। आखिर इन लोगों की मंशा क्या है?
राजनीति
तमिलनाडु चुनाव 2026 : एआईएडीएमके ने उम्मीदवारों के लिए एप्लीकेशन फॉर्म बांटना शुरू किया

चेन्नई, 15 दिसंबर: अगले साल अप्रैल में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव होने की संभावना को देखते हुए, राज्य में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। एआईएडीएमके ने इस अहम चुनावी लड़ाई के लिए शुरुआती तैयारियां शुरू कर दी हैं।
पार्टी की जनरल कमेटी और एग्जीक्यूटिव कमेटी की हाल की बैठकों के बाद, एआईएडीएमके ने सोमवार को घोषणा की कि पार्टी के बैनर तले आने वाले विधानसभा चुनावों में चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एप्लीकेशन फॉर्म बांटना शुरू किया जा रहा है।
तमिलनाडु में कड़े मुकाबले की उम्मीद है, जिसमें सत्ताधारी डीएमके, एआईएडीएमके के नेतृत्व वाला गठबंधन, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाला गठबंधन, और एक्टर विजय की तमिलगा वेट्री कजगम (टीवीके) मुख्य खिलाड़ी बनकर उभर रहे हैं।
फिलहाल, एआईएडीएमके भाजपा के साथ गठबंधन में है, और गठबंधन की गतिशीलता चुनावी नतीजों को तय करने में अहम भूमिका निभा सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, एआईएडीएमके नेतृत्व अपने गठबंधन को मजबूत करने के लिए पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) जैसे अन्य क्षेत्रीय दलों को साथ लाने की संभावना तलाश रहा है। डीएमके का मुकाबला करने के लिए विपक्षी मोर्चे को बड़ा करने के मकसद से अप्रत्यक्ष बातचीत के भी संकेत मिले हैं, हालांकि अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।
इसी बीच, राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर उत्सुकता बढ़ रही है कि अगर सीटों के बंटवारे का औपचारिक समझौता होता है, तो एआईएडीएमके अपने मौजूदा सहयोगी भाजपा को कितनी सीटें देगी।
इसी पृष्ठभूमि में, एआईएडीएमके ने संगठनात्मक तैयारी और एकता बनाने के उपायों के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है।
पार्टी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि एआईएडीएमके उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने के इच्छुक पार्टी कार्यकर्ताओं के आवेदन सोमवार से इस महीने की 23 तारीख तक स्वीकार किए जाएंगे। आवेदन पार्टी मुख्यालय में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच जमा किए जा सकते हैं।
बयान में कहा गया है कि यह प्रक्रिया तमिलनाडु विधानसभा के आगामी आम चुनावों के साथ-साथ पुडुचेरी और केरल में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए शुरू की जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता एम.जी. रामचंद्रन द्वारा 1972 में स्थापित, एआईएडीएमके पांच दशकों से अधिक समय से तमिलनाडु की राजनीति में दो प्रमुख द्रविड़ पार्टियों में से एक रही है।
2016 में अपनी लंबे समय की सुप्रीमो जे. जयललिता के निधन के बाद, पार्टी को कई आंतरिक और राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। एडप्पादी के. पलानीस्वामी के नेतृत्व में, एआईएडीएमके अब अपनी संगठनात्मक संरचना को मजबूत करने और एक एकजुट मोर्चा पेश करने की कोशिश कर रही है, क्योंकि वह आगामी चुनावों में सत्ताधारी डीएमके का मुकाबला करने की तैयारी कर रही है।
अपराध
पहलगाम आतंकी हमला: एनआईए जम्मू कोर्ट में दाखिल करेगी चार्जशीट

जम्मू, 15 दिसंबर: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) सोमवार को जम्मू-कश्मीर के जम्मू शहर में स्पेशल एनआईए कोर्ट में 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के मामले में चार्जशीट दाखिल कर सकती है।
एनआईए सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी यहां तय कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर रही है क्योंकि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत 180 दिन की कानूनी समय सीमा, पहली गिरफ्तारी के बाद से खत्म होने वाली है।
पहलगाम इलाके के दो निवासी, बशीर अहमद जोथर और परवेज अहमद जोथर, को 22 जून को गिरफ्तार किया गया था।
एनआईए के सूत्रों ने बताया, “गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों पर तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों, सुलेमान शाह, हमजा अफगानी उर्फ अफगानी और जिब्रान को पनाह देने और लॉजिस्टिकल सपोर्ट देने का आरोप है, जिन्होंने हमला किया था। चार्जशीट दाखिल करने की 180 दिन की समय सीमा 18 दिसंबर को खत्म हो रही है और एजेंसी आज तय समय सीमा के भीतर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर रही है।”
एनआईए ने जांच पूरी करने के लिए शुरुआती 90 दिन की अवधि के अलावा अतिरिक्त 45 दिन का समय मांगा था, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया था।
आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और उसके प्रॉक्सी, द रेजिस्टेंस फ्रंट का नाम चार्जशीट में शामिल होने की संभावना है।
हमले को अंजाम देने में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों की संलिप्तता की पुष्टि पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में की थी।
एनआईए ने अब तक 1,000 से अधिक लोगों से पूछताछ की है, जिनमें पर्यटक, टट्टू मालिक, फोटोग्राफर, दुकानदार और कर्मचारी शामिल हैं।
एनआईए ने कोर्ट को सूचित किया है कि आतंकी नेटवर्क की पूरी सीमा और ओवरग्राउंड कार्यकर्ताओं की भूमिका स्थापित करने के लिए आगे की फोरेंसिक रिपोर्ट, मोबाइल फोन डेटा विश्लेषण और अतिरिक्त संदिग्धों का सत्यापन किया जा रहा है। पहलगाम आतंकी हमले से पूरा देश गुस्से में था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हत्याओं का जवाब देने के लिए सशस्त्र बलों को पूरी छूट दे दी थी।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के अंदर लाहौर के पास मुरीदके, बहावलपुर, कोटली और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मुजफ़्फराबाद में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया।
जब तक पाकिस्तान ने नागरिक और सैन्य ठिकानों पर हमला करके स्थिति को और नहीं बिगाड़ा, तब तक भारतीय सेना ने किसी भी सैन्य ठिकाने पर हमला नहीं किया था।
जवाबी कार्रवाई में, भारतीय सशस्त्र बलों ने सीमा पार किए बिना पाकिस्तान में 11 सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाया।
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