अपराध
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर लगाम कसने में नाकाम केंद्र को खरी-खोटी सुनाते हुए कहा, नौकरशाही आलस्य का शिकार

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र और राज्य सरकारों को राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के खतरे से निपटने के लिए एक स्पष्ट रास्ता पेश करने में असमर्थता के लिए फटकार लगाई। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत के साथ ही प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमणा की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के वकील की दलीलें सुनने के बाद कहा कि राजधानी में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कदमों पर स्पष्ट जवाब की जरूरत है, जो पिछले कई सालों से एक वार्षिक घटनाक्रम बन चुका है।
न्यायमूर्ति कांत ने दिल्ली सरकार के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि कोई भी किसानों की दुर्दशा को नहीं समझता है कि आखिर उन्हें किन परिस्थितियों में पराली जलाने पर मजबूर होना पड़ता है।
न्यायमूर्ति कांत ने कहा, “दिल्ली में 5-स्टार और 7-स्टार सुविधाओं में बैठे लोग किसानों पर आरोप लगाते रहते हैं (प्रदूषण में चार प्रतिशत और जनसंख्या का 30 या 40 प्रतिशत)। किसानों को दोष देने के बजाय, अगर आपके पास एक वैज्ञानिक विकल्प (एक संकल्प) है.. तो आइए और इस पर ध्यान दीजिए।”
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि आईआईटी कानपुर के एक अध्ययन के अनुसार प्रदूषण में पराली जलाने और पटाखे फोड़ने की घटनाएं मुख्य योगदान नहीं देती हैं।
पीठ ने वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने के लिए सरकार और नौकरशाही की खिंचाई की।
पीठ ने कहा कि नौकरशाही आलस्य का शिकार हो चुकी है और वे कुछ भी नहीं करना चाहते हैं। बेंच ने नौकरशाही के रवैये की आलोचना करते हुए कहा, “नौकरशाही को लकवा मार चुका है.. हमें ये सारी बातें कहनी हैं- स्प्रिंकलर का इस्तेमाल कैसे करना है, वाहनों को कैसे रोकना है.. वे कोई फैसला नहीं लेना चाहते हैं।”
पीठ ने जोर देकर कहा कि किसी को जिम्मेदारी लेनी होगी और न्यायिक आदेश से सब कुछ नहीं किया जा सकता है। इसने बताया कि प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली में पटाखे जलाए गए।
इसने आगे कहा कि सरकारी रिपोर्ट के अनुसार वाहन मुख्य कारण हैं, लेकिन दिल्ली की सड़कों पर हाई-फाई कारें चलती हैं। अदालत ने दिल्ली की सड़कों से 10-15 साल पुराने वाहनों को हटाने की नीति के कार्यान्वयन पर भी सवाल उठाए। पीठ ने कहा, “उन्हें इसे रोकने के लिए कौन प्रोत्साहित करेगा? दिल्ली कहती है कि वाहनों पर प्रतिबंध लगाने या डब्ल्यूएफएच (वर्क-फ्रॉम-होम) शुरू करने का कोई मतलब नहीं है अगर पड़ोसी राज्यों में यह लागू नहीं किया गया है।”
पीठ ने यह भी कहा कि टीवी पर बहस अधिक प्रदूषण पैदा कर रही है और कहा कि वे इस मुद्दे को नहीं समझते हैं और बयानों को संदर्भ से बाहर कर दिया जाता है। पीठ ने कहा, “सबका अपना एजेंडा है।”
पीठ ने केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि उन्हें कार्यालय में सभी 100 अधिकारियों को बुलाने की जरूरत नहीं है, बल्कि 50 अधिकारियों को बुलाने की जरूरत है। पीठ ने कहा, “कई सरकारी इलाके हैं (सरकारी कार्यालयों के आसपास), क्या वे सार्वजनिक परिवहन में यात्रा नहीं कर सकते?”
शीर्ष अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई अगले बुधवार को तय की है।
अपराध
अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला को मिली जमानत, सोमवार को होगी रिहाई।

मुंबई: अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला, जिन्हें नवंबर 2024 में उनके आवास से मादक पदार्थों की बरामदगी के मामले में गिरफ्तार किया गया था, को मुंबई की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी है। गुलीवाला पिछले चार महीने से अधिक समय से हिरासत में थीं।
अदालत ने जमानत देते हुए कुछ शर्तें लगाई हैं, जिनमें उनका पासपोर्ट जमा करना, यात्रा पर प्रतिबंध और जांच अधिकारी के समक्ष सप्ताह में तीन बार उपस्थित होना शामिल है, जब तक कि आरोप पत्र दाखिल नहीं हो जाता।
गुलीवाला के वकील, अयाज खान, ने दलील दी कि उन्हें बरामद वस्तुओं की जानकारी नहीं थी और वह उस परिसर की अकेली निवासी नहीं थीं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छापे के दौरान सीसीटीवी सिस्टम बंद कर दिया गया था और कोई वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं की गई थी।
विशेष लोक अभियोजक विभावरी पाठक ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि गुलीवाला के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
अदालत ने यह देखते हुए कि जब्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, गुलीवाला को जमानत दी, लेकिन सख्त शर्तों के साथ।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
कनाडा में भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या

ओटावा, 5 अप्रैल। कनाडा के ओटावा के निकट रॉकलैंड इलाके में एक भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। कनाडा में भारतीय दूतावास ने शनिवार सुबह घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है।
भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवार को सहायता देने का भी ऐलान किया।
दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ओटावा के निकट रॉकलैंड में चाकू घोंपने से एक भारतीय नागरिक की दुखद मौत से हम बहुत दुखी हैं। पुलिस ने बताया है कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। हम शोक संतप्त परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय सामुदायिक संघ के माध्यम से निकट संपर्क में हैं।”
हालांकि चाकू मारने की घटना का विवरण अभी भी अस्पष्ट है, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि यह घटना सुबह-सुबह क्लेरेंस-रॉकलैंड क्षेत्र में हुई।
अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि क्या यह वही मामला है जिसका उल्लेख भारतीय दूतावास ने किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हत्या की चल रही जांच के तहत ओन्टारियो प्रांतीय पुलिस (ओपीपी) ने क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है।
पुलिस ने रॉकलैंड निवासियों को भी चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें सलाह दी गई है कि वे कानून प्रवर्तन की गतिविधियों में वृद्धि की अपेक्षा करें, जबकि अधिकारी अपराध से जुड़ी परिस्थितियों की जांच जारी रखेंगे।
कनाडा स्थित दूतावास ने जनता को आश्वासन दिया कि वह इस कठिन समय में पीड़ित परिवार को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।
चाकू घोंपने के पीछे का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है और जांच जारी है। दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने का वादा किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवार को उनकी ज़रूरत के मुताबिक सहायता मिले और मामले से जुड़ी आगे की कार्रवाई में मदद मिले।
अपराध
झारखंड में आयुष्मान भारत घोटाले में रांची सहित 21 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

रांची, 4 अप्रैल। आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों ने रांची में शुक्रवार सुबह से कई स्थानों पर छापेमारी शुरू की है। शहर के अशोक नगर, पीपी कंपाउंड, एदलहातु, बरियातू, लालपुर और चिरौंदी इलाके में कई ठिकानों पर कड़ी सुरक्षा के बीच तलाशी चल रही है।
बताया जा रहा है कि रांची के अलावा कुल 21 ठिकानों पर यह रेड चल रही है। ईडी ने आयुष्मान भारत योजना में झारखंड में हुई गड़बड़ियों को लेकर हाल में ईसीआईआर (इन्फोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट) दर्ज कर जांच शुरू की है। यह छापेमारी इसी मामले में उन लोगों के खिलाफ की जा रही है, जिनके घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त होने की संभावना है।
एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के दफ्तर में भी तलाशी की जा रही है। संसद में पेश भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट (सीएजी) में भी आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ियों का खुलासा किया गया था। इसमें बताया गया था कि झारखंड में भी कई अस्पतालों ने मरीजों के फर्जी इलाज का बिल बनाकर सरकार से करोड़ों की राशि का भुगतान ले लिया।
यहां तक कि कई ऐसे लोगों के इलाज के नाम पर राशि निकाली गई, जिनकी मौत हो चुकी थी। सीएजी की इस रिपोर्ट के बाद ईडी ने झारखंड स्टेट हेल्थ सोसायटी और स्वास्थ्य विभाग से आयुष्मान योजना में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा था। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने कुछ अस्पतालों के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर की सूचना ईडी को भेजी थी।
बताया जा रहा है कि ईडी ने इसी एफआईआर के आधार पर ईसीआईआर के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की है। झारखंड में आयुष्मान योजना के तहत करीब 750 से अधिक अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इनमें से कई अस्पतालों में करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा करने की शिकायतें हैं।
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