राजनीति
सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल भाजपा नेता के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता कबीर शंकर बोस के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर रोक लगा दी है। अदालत ने बोस के खिलाफ दायर उस एफआईआर की कार्रवाई पर रोक लगा दी, जो तृणमूल कांग्रेस नेता कल्याण बनर्जी की ओर से दर्ज कराई गई थी।
बोस की ओर से अदालत में दलील दी गई कि उनके खिलाफ दायर आपराधिक कार्रवाई को समाप्त कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि यह कार्रवाई उनके खिलाफ निजी स्वार्थ के लिए प्रतिशोध के तौर पर की गई है।
न्यायाधीश संजय किशन कौल, दिनेश माहेश्वरी और हृषिकेश रॉय की एक पीठ ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) द्वारा दायर रिपोर्ट की जांच के बाद पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस भी जारी किया।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने केंद्र से बोस और तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सुरक्षा कर्मचारियों के बीच कथित हाथापाई पर सीआईएसएफ की ओर से दर्ज रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लाने के लिए कहा था।
शीर्ष अदालत ने केंद्र को घटना के दिन की जानकारी एक सीलबंद लिफाफे में दाखिल करने के लिए भी कहा था।
बोस ने दावा किया है कि राजनीतिक और व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता के कारण उन्हें विशेष रूप से पश्चिम बंगाल सरकार और बनर्जी ने निशाना बनाया है।
उन्होंने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि वह राज्य में उसे उसके जीवन और स्वतंत्रता के लिए उत्पन्न खतरों से बचाए। प्रदेश में आगामी चुनावों की पृष्ठभूमि में बोस ने दावा किया कि राज्य सरकार उनके चुनाव प्रचार में बाधा डालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
बोस ने कहा कि उनके खिलाफ टीएमसी के गुंडों से जान बचाने के लिए सीआईएसएफ सुरक्षा की कथित कार्रवाई के लिए आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत संतोष कुमार सिंह की शिकायत पर पिछले साल दिसंबर में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
बोस ने अपनी याचिका में दावा किया है कि पश्चिम बंगाल के सेरामपुर में वह और उनके साथ चल रही सीआईएसएफ की टुकड़ी पर उनके घर के बाहर ही रात करीब आठ बजे संतोष कुमार सिंह उर्फ पप्पू सिंह के नेतृत्व में जबर्दस्त पथराव किया गया था।
यह हमला होते ही सीआईएसएफ याचिकाकर्ता को तुरंत ही सुरक्षित स्थान पर ले गई और इसके बाद क्षेत्र के सांसद कल्याण बनर्जी के नेतृत्व में राज्य पुलिस के सक्रिय समर्थन से कथित तौर पर टीएमसी के 200 से ज्यादा गुंडों ने पूरी इमारत की घेराबंदी कर रखी थी। बोस ने कहा कि सात दिसंबर को पश्चिम बंगाल पुलिस ने पूरी इमारत की घेराबंदी कर ली थी और उन्हें कानून व्यवस्था की समस्या का हवाला देते हुए इमारत से बाहर निकलने से रोका गया।
बाद में जब वह थाने गए, तो पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्हें गिरफ्तार करने के लिए बहुत दबाव है। बोस को पुलिस स्टेशन में गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले में न्याय के लिए बोस और पांच अन्य भाजपा नेताओं ने शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें सत्तारूढ़ दल के इशारे पर पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा उनके खिलाफ निजी स्वार्थ के तहत कार्रवाई का आरोप लगाया गया। भाजपा नेताओं ने शीर्ष अदालत से सभी मामलों को एक स्वतंत्र जांच एजेंसी को स्थानांतरित करने का आग्रह किया है।
राजनीति
चुनाव आयोग की महत्वपूर्ण बैठक, बिहार चुनाव की तैयारियों पर जोर

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर: चुनाव आयोग शुक्रवार को एक अहम बैठक करने जा रहा है।
इस बैठक में बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी, बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के साथ वर्चुअली शामिल होंगे। बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान निष्पक्ष और पारदर्शी मतदान सुनिश्चित करना है। बैठक में चर्चा का मुख्य विषय यह रहेगा कि बिहार में विधानसभा चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति पैदा नहीं हो। इसके लिए पूरी रूपरेखा इस बैठक में निर्धारित की जा सकती है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस समिति में 17 विभाग शामिल हैं, जिनमें केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो (सीईआईबी), वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू-आईएनडी), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), भारतीय बैंक संघ (आईबीए), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस), भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) और डाक विभाग शामिल हैं।
बैठक में बिहार चुनाव के दौरान उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों द्वारा अवैध खर्च पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाने पर चर्चा होगी। इसके लिए सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों से सक्रिय और निवारक कार्रवाई करने को कहा गया है। साथ ही, आर्थिक अपराधों से जुड़ी खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान और एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल पर जोर दिया जाएगा।
इसके अलावा, अंतर्राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के जरिए नकली मुद्रा, ड्रग्स, शराब और नकदी की तस्करी रोकने के उपायों पर भी विचार-विमर्श होगा। चुनाव आयोग का लक्ष्य है कि बिहार में स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव हो, जिसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके। इस बैठक के बाद सभी एजेंसियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएंगे ताकि चुनाव प्रक्रिया सुचारू और पारदर्शी रहे।
अपराध
आईआईटी बॉम्बे हॉस्टल वीडियो रिकॉर्डिंग विवाद में पूर्व एमटेक छात्र पर मामला दर्ज

CRIME
मुंबई, 17 अक्टूबर: मुंबई के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के हॉस्टल में छात्रों की निजता भंग करने का एक गंभीर मामला सामने आया है। पवई पुलिस ने संस्थान के एक 32 वर्षीय पूर्व एमटेक छात्र के खिलाफ हॉस्टल के अंदर छात्रों की वीडियो रिकॉर्डिंग करने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना हॉस्टल नंबर 14 में हुई, जहां आरोपी ने लड़कों के बाथरूम में नहाते हुए छात्रों के चुपके से वीडियो रिकॉर्ड किए। हॉस्टल में रह रहे एक छात्र ने संदिग्ध गतिविधि देखी और तुरंत आईआईटी बॉम्बे के सुरक्षा विभाग को सूचित किया।
जांच में पता चला है कि आरोपी ने जून 2025 में एमटेक की पढ़ाई पूरी की थी और वह नौकरी की तलाश में था। वह एक दोस्त से मिलने के उद्देश्य से कैंपस में आया था, क्योंकि उस समय प्लेसमेंट प्रक्रिया चल रही थी। वह अपने दोस्त के कमरे में रुका हुआ था और उसी दौरान उसने यह सब किया। छात्रों ने उसे मौके पर ही पकड़ लिया और सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया।
पुलिस ने आरोपी के मोबाइल की जांच में कुछ आपत्तिजनक वीडियो मिलने की पुष्टि की है। हालांकि, शुरुआत में न तो छात्रों और न ही सुरक्षा अधिकारियों ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराने में रुचि दिखाई थी। बाद में, पुलिस ने आईआईटी बॉम्बे के सुरक्षा अधिकारी का बयान दर्ज किया, जिसके आधार पर आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और आईटी एक्ट की धारा 66 (ई) के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह धारा बिना सहमति के किसी की निजी तस्वीर या वीडियो कैप्चर या साझा करने पर लागू होती है।
इस घटना से हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के बीच चिंता का माहौल है, क्योंकि उन्हें अपनी निजता भंग होने का डर सता रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की पूरी जांच के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
श्रीलंका की पीएम हरिनी अमरसूर्या पीएम मोदी से करेंगी मुलाकात

PM MODI
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर: श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या दो दिवसीय यात्रा पर भारत में मौजूद हैं। अपनी यात्रा के दूसरे दिन आज वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी।
इससे पहले श्रीलंकाई पीएम ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी। वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज भी पहुंची। वह हिंदू कॉलेज में कार्यक्रम में शामिल हुईं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “यह यात्रा भारत और श्रीलंका के बीच नियमित उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को आगे बढ़ाती है और गहरी एवं बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढ़ाती है। यह भारत के ‘महासागर विजन’ और उसकी ‘पड़ोसी पहले’ नीति से प्रेरित होकर मित्रता के बंधन को और मजबूत करेगी।”
दूसरी ओर मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती दो दिवसीय दौरे पर भारत में मौजूद हैं। आज उनके दौरे का दूसरा दिन है। आज वह भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।
इससे पहले मिस्र के विदेश मंत्री ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी। विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत-मिस्र रणनीतिक वार्ता में अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “भारत और मिस्र ग्लोबल साउथ की प्रगति और विश्व मामलों में राष्ट्रों की स्वतंत्रता एवं चयन की स्वतंत्रता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह एकजुटता निश्चित रूप से आज हमारी चर्चाओं का मार्गदर्शन करेगी।”
उन्होंने मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती का दो दिवसीय भारत दौरे पर स्वागत भी किया। बता दें, विदेश मंत्री के रूप में अब्देलती की यह पहली भारत यात्रा है। ईएमए जयशंकर ने बताया कि पहली भारत-मिस्र रणनीतिक वार्ता द्विपक्षीय संबंधों में एक मील का पत्थर है, जिसमें 2023 में रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक संबंधों के बेहतर होने के बाद से विभिन्न क्षेत्रों में गहन सहयोग देखा गया है।
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