अपराध
लोकल ट्रेन में छात्र का यौन उत्पीड़न करने वाले शख्स ने सीएसएमटी स्टेशन पर 5 अन्य महिलाओं के साथ किया दुर्व्यवहार

मुंबई: यह एक सदमा देने वाला है! बुधवार सुबह सीएसटी और मस्जिद स्टेशनों के बीच पनवेल जाने वाली लोकल ट्रेन में 20 वर्षीय छात्रा का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति नवाजु करीम शेख (40) ने पांच अन्य महिलाओं के साथ अश्लील तरीके से मारपीट की और उन्हें भगाया। प्लेटफार्म नं. उस दिन सीएसटी का 1। सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि आदमी अपने दैनिक आवागमन में लीन महिलाओं के साथ फ्रेश होने की कोशिश कर रहा है। इससे भी ज्यादा दुख की बात यह थी कि मंच पर मौजूद किसी ने भी इस विकृत व्यक्ति को रोकने की जहमत नहीं उठाई। 20 वर्षीय हार्बर लाइन ट्रेन के महिला डिब्बे में सुबह 7.26 बजे चढ़ी जब करीम ने ट्रेन में उसका पीछा किया। इसके बाद उसने कथित तौर पर उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया। लेकिन लड़की ने कड़ा प्रतिरोध किया, तब तक ट्रेन मस्जिद स्टेशन पहुँच चुकी थी, जहाँ से वह प्लेटफार्म पर कूद गई और एक सामान्य डिब्बे में जा घुसी। करीम भी मस्जिद स्टेशन पर उतर गया, जहां उसे राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की एक संयुक्त टीम ने अपराह्न 3.00 बजे पाया। जब उसकी गतिविधि को फिर से संगठित करने के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई, तो पता चला कि करीम, जो स्पष्ट रूप से शराब के नशे में था, ने पांच अन्य महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया था।
आश्चर्यजनक रूप से पर्याप्त है, किसी भी यात्री द्वारा किसी भी अपमानजनक घटना की सूचना सुरक्षा कर्मियों को नहीं दी गई। खुले में एक सीरियल मोलेस्टर ने सीएसटी पर सुरक्षा को बहुत खराब तरीके से दिखाया। फुटेज में दिखाया गया है कि दुर्व्यवहार निरा और अक्खड़ था। एक उदाहरण में, यह उन्हें सीएसएमटी पर जानबूझकर एक महिला को कोहनी मारते हुए दिखाता है; अन्य क्लिप में उसके इरादे का पता चलता है क्योंकि वह तिरछा चलता है और जानबूझकर किसी अन्य महिला से टकराता है, लेकिन वह सकुशल निकल जाता है। इस घटना को देखने वाले एक पुरुष यात्री ने हस्तक्षेप नहीं करने का फैसला किया। इसके अलावा, सीसीटीवी फुटेज में अनुचित स्पर्श कैद हो गया। हालांकि, इस मामले में भी, महिला ने घटना की रिपोर्ट नहीं करने का फैसला किया और चलती रही। आरोपी को प्लेटफॉर्म पर दो अन्य महिला यात्रियों के रास्ते में जानबूझकर बाधा डालते हुए देखा गया था, लेकिन उन्होंने भी मामले की रिपोर्ट नहीं करने का फैसला किया और आगे बढ़ गईं।
अधिकारियों के अनुसार, पीड़ितों की जड़ता और कदाचार की रिपोर्ट करने में विफलता ने यात्रियों की समग्र सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। सीसीटीवी फुटेज ने ऐसी घटनाओं की रिपोर्टिंग में सतर्कता बढ़ाने और एक सक्रिय दृष्टिकोण की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया है। हालांकि, यह प्लेटफॉर्म पर गश्त करने के लिए वर्दी में पुरुषों की विफलता पर प्रकाश नहीं डालता है। एक अधिकारी ने कहा, “यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि इस तरह के कृत्यों से निपटने और संभावित अपराधियों को रोकने के लिए यात्रियों का सहयोग और समय पर सूचना देना महत्वपूर्ण है।” अधिकारी ने यात्रियों से सतर्क रहने, किसी भी संदिग्ध गतिविधि या उत्पीड़न की सूचना तुरंत अधिकारियों को देने और सभी यात्रियों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए सामूहिक रूप से काम करने का आग्रह किया। इन अश्लील झड़पों के बारे में पूछे जाने पर, रेल यात्री परिषद के अध्यक्ष सुभाष गुप्ता ने कहा, “घटनाओं के कारण लोकल ट्रेनों के साथ-साथ रेलवे स्टेशनों पर भी सुरक्षा व्यवस्था और प्रोटोकॉल का पुनर्मूल्यांकन किया गया है। अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई की उम्मीद है।” सुरक्षा उपायों को मजबूत करने, निगरानी बढ़ाने और यात्रियों, विशेष रूप से महिलाओं की दैनिक यात्रा के दौरान सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता अभियान बढ़ाने के लिए”।
अपराध
दिल्ली: चार वर्षीय बच्ची को अपहरणकर्ता से छुड़ाया, महिला गिरफ्तार

नई दिल्ली, 23 जून। दिल्ली के चांदनी महल थाना पुलिस ने चार साल की बच्ची को अपहरणकर्ता के चंगुल से सुरक्षित छुड़ा लिया। 40 वर्षीय आरोपी बरखा को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय यूपी पुलिस के सहयोग से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
घटना 18 जून 2025 को सामने आई, जब एक दंपति ने चांदनी महल थाने में अपनी चार वर्षीय बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने बताया कि शाम करीब 5 बजे, उनकी पत्नी व्यस्त थी, तभी उनकी बेटी गायब हो गई। काफी खोजबीन के बाद भी बच्ची का पता नहीं चला और उन्हें संदेह हुआ कि किसी ने गलत इरादे से अपहरण किया है। इस आधार पर पुलिस ने एफआईआर (संख्या 212/25, धारा 137(2) बीएनएस) दर्ज की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, इंस्पेक्टर महावीर प्रसाद, एसएचओ/चांदनी महल, के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। इसमें एसआई सतीश, एसआई समेंद्र, एसआई गोविंद, एसआई अवधेश नारायण, एचसी सतेश, कांस्टेबल विक्रम, घनश्याम, गौरव, नरेंद्र और महिला कांस्टेबल दिव्यांशी और सिमरन शामिल थे। टीम की निगरानी एसीपी (दरियागंज, मध्य जिला) ने की।
पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें बच्ची को दिल्ली गेट के पास संचार भवन की ओर अकेले जाते देखा गया।
गुप्त सूत्रों से पता चला कि एक महिला भिखारी बच्ची को बाराबंकी के बेहटा गांव ले गई है। इस जानकारी को स्थानीय यूपी पुलिस के साथ साझा किया गया और एक टीम तुरंत बाराबंकी रवाना हुई। वहां पहुंचने पर पता चला कि संदिग्ध बरखा बच्ची को लेकर दिल्ली लौट आई थी, क्योंकि उसे पुलिस की तलाश का पता चल गया था।
21 जून को सुबह चांदनी महल थाना पुलिस ने नई और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशनों पर सादे कपड़ों में निगरानी शुरू की। उसी दिन बरखा को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बच्ची के साथ उतरते देखा गया। वह छिपने की कोशिश कर रही थी, लेकिन पुलिस ने उसे तुरंत पकड़ लिया। बच्ची को सुरक्षित छुड़ा लिया गया। पूछताछ में बरखा ने कबूल किया कि उसने बच्ची का अपहरण भीख मंगवाने और तस्करी के इरादे से किया था।
अपराध
जेएनपीए में 800 करोड़ रुपये की कथित भ्रष्टाचार: सीबीआई ने पूर्व चीफ मैनेजर, निजी कंपनियों पर केस दर्ज किया

सीबीआई ने जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) के पूंजी ड्रेजिंग प्रोजेक्ट में 800 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान के आरोप में जेएनपीटी के तत्कालीन चीफ मैनेजर (पीपी डब्ल्यूडी), मुंबई और चेन्नई स्थित निजी कंपनियों व अन्य के खिलाफ 18 जून 2025 को एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि जेएनपीए अधिकारियों और निजी कंपनियों के बीच आपराधिक साजिश रची गई, जिससे ठेकों में भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
यह मामला जेएनपीए के नेविगेशनल चैनल की गहराई बढ़ाने के लिए हुए पूंजी ड्रेजिंग प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जिसमें मुंबई की एक निजी कंपनी और चेन्नई की एक अन्य कंपनी को ठेका दिया गया था। टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स (टीसीई) इस प्रोजेक्ट में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट के तौर पर शामिल थी।
आरोप है कि प्रोजेक्ट के पहले फेज में चैनल की मेंटेनेंस के दौरान ठेकेदारों को 365.90 करोड़ रुपये की अतिरिक्त भुगतान की गई। वहीं, दूसरे फेज में, जो पहले फेज की मेंटेनेंस अवधि से ओवरलैप करता था, ठेकेदार को 438 करोड़ रुपये की और अतिरिक्त राशि दी गई, जबकि दावा किया गया कि पहले फेज में कोई ओवर ड्रेजिंग नहीं हुई थी।
सीबीआई ने मुंबई और चेन्नई में जेएनपीए अधिकारियों, कंसल्टिंग कंपनी और आरोपी निजी कंपनियों के पांच ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान प्रोजेक्ट से जुड़े कई दस्तावेज, डिजिटल डिवाइसेज और सार्वजनिक कर्मचारियों द्वारा किए गए निवेश के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है और मामले की जांच जारी है।
एफआईआर में नामजद आरोपी:
श्री सुनील कुमार मदाभावी, तत्कालीन चीफ मैनेजर (पीपी डब्ल्यूडी), जेएनपीटी
श्री देवदत्त बोस, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स
टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स, मुंबई
बोस्कालिस स्मिट इंडिया एलएलपी, मुंबई
जान डी नुल ड्रेजिंग इंडिया प्रा. लि., चेन्नई
अन्य अज्ञात सरकारी और निजी व्यक्ति
सीबीआई मामले की गहन जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई जारी है।
अपराध
मुंबई पुलिस ने एमडी ड्रग्स के साथ तीन तस्करों को किया गिरफ्तार, पूछताछ जारी

मुंबई, 20 जून। मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल (एएनसी) की घाटकोपर यूनिट ने एक बड़ी कार्रवाई में तीन ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 1.18 किलोग्राम मेथमफेटामाइन (एमडी) ड्रग्स बरामद की गई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 2.03 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। यह कार्रवाई मुंबई के अंधेरी और घाटकोपर इलाकों में की गई।
एएनसी की घाटकोपर यूनिट ने गुप्त सूचना के आधार पर घाटकोपर बस स्टॉप के पास नियमित गश्त के दौरान दो संदिग्धों को देखा। संदिग्धों की तलाशी लेने पर पुलिस ने 40 वर्षीय कांदिवली निवासी से 257 ग्राम एमडी और 29 वर्षीय अंधेरी (पश्चिम) निवासी से 156 ग्राम एमडी बरामद किया।
दोनों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने अंधेरी इलाके में तीसरे संदिग्ध को पकड़ा, जिसके पास से 605 ग्राम एमडी जब्त की गई। कुल मिलाकर 1.18 किलोग्राम ड्रग्स बरामद की गई, जो नशीली दवाओं के अवैध व्यापार पर एक बड़ा प्रहार है।
पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। सभी आरोपी वर्तमान में पुलिस हिरासत में हैं और उनसे गहन पूछताछ की जा रही है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये आरोपी मुंबई के घाटकोपर और अंधेरी इलाकों में सक्रिय एक बड़े ड्रग तस्करी नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं।
जांचकर्ताओं का मानना है कि यह गिरफ्तारी ड्रग तस्करी के एक संगठित रैकेट को उजागर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस अब आरोपियों के कनेक्शन, उनके आपराधिक इतिहास और संभावित बड़े सिंडिकेट की जांच कर रही है। इसके लिए डिजिटल रिकॉर्ड, कॉल डेटा और वित्तीय लेनदेन की गहन पड़ताल की जा रही है ताकि इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और उनके संचालन के तरीकों का पता लगाया जा सके।
मुंबई पुलिस की ड्रग तस्करी के खिलाफ उनकी कार्रवाई निरंतर जारी है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस तरह की गतिविधियों की सूचना तुरंत दें ताकि शहर को सुरक्षित बनाया जा सके।
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