व्यापार
शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन हरे निशान में हुआ बंद, मिडकैप और स्मॉलकैप चमके
मुंबई, 29 जनवरी। भारतीय शेयर बाजार बुधवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान में बंद हुआ। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 631.55 अंक या 0.83 प्रतिशत की तेजी के साथ 76,532.96 और निफ्टी 205.85 अंक या 0.90 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23,163.10 पर बंद हुआ।
कारोबारी सत्र में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में बड़ी खरीदारी देखने को मिली, जो निवेशकों के तेजी के रुझान को दिखाता है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1,189.40 अंक या 2.31 प्रतिशत की तेजी के साथ 52,718.85 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 532.05 या 3.32 प्रतिशत की तेजी के साथ 16,540 पर बंद हुआ।
ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंसियल सर्विसेज और फार्मा समेत सभी इंडेक्सों में खरीदारी देखी गई। केवल एफएमसीजी इंडेक्स ही लाल निशान में बंद हुआ।
व्यापक बाजार में तेजी का रुझान था। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 2,979 शेयर हरे निशान में और 1,009 शेयर लाल निशान में और 94 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए।
शेयर बाजार में तेजी के कारण बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का मार्केटकैप करीब 10 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 416 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
सेंसेक्स पैक में जोमैटो, टाटा मोटर्स, इन्फोसिस, अल्ट्राटेक सीमेंट, टेक महिंद्रा, एमएंडएम, बजाज फाइनेंस, अदाणी पोर्ट्स, सन फार्मा और कोटक महिंद्रा बैंक टॉप गेनर्स थे। भारती एयरटेल, मारुति सुजुकी, एशियन पेंट्स, आईटीसी, एक्सिस बैंक और एचयूएल टॉप लूजर्स थे।
चॉइस ब्रोकिंग के मुताबिक, निफ्टी ने 22,800 के अपने सपोर्ट जोन से मजबूत रिकवरी दिखाई है और 23,100 के ऊपर बंद होने में कामयाब रहा, जो कि मजबूती का संकेत है। अगर आने वाले सत्र में अगर निफ्टी 23,300 के ऊपर बंद होता है, तो 23,650 और 23,800 के भी स्तर देखने को मिल सकते हैं।
सोमवार को बाजार लगातार दो दिनों की गिरावट के बाद तेजी के साथ बंद हुए थे। इस दौरान सेंसेक्स 535 अंक या 0.71 प्रतिशत की तेजी के साथ 75,901 और निफ्टी 128 अंक या 0.56 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,957 पर बंद हुआ।
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फरवरी में ब्याज दरों में कटौती से अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार: इंडस्ट्री
नई दिल्ली, 30 जनवरी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं और फरवरी की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती करना उचित है। यह जानकारी गुरुवार को इंडस्ट्री के सदस्यों द्वारा दी गई।
एंजेल वन में आयनिक वेल्थ की मुख्य मैक्रो और ग्लोबल रणनीतिकार, अंकिता पाठक ने कहा कि केंद्रीय बैंक द्वारा फरवरी में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती करना उचित फैसला रहेगा। आरबीआई पहले ही बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के उपाय लागू कर रहा है।
ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने कहा कि आने वाली आरबीआई की मौद्रिक नीति कमेटी की बैठक में सकारात्मक फैसले देखने को मिल सकते हैं और इससे विकास को बढ़ावा मिलेगा।
आरबीआई की मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) की बैठक 5 से 7 फरवरी के बीच होगी और इसके फैसलों का ऐलान 7 फरवरी को किया जाएगा।
जेफरीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम काफी सकारात्मक हैं। हाल ही में आरबीआई द्वारा की गई घोषणा से आने वाले हफ्तों में (फरवरी के अंत तक) बैंकिंग सिस्टम में 1.5 लाख करोड़ की लिक्विडिटी आएगी।
इससे पहले आरबीआई ने दिसंबर की एमपीसी में कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) को 0.5 प्रतिशत घटाने का फैसला किया था, जिससे बैंकों के पास अधिक धन उपलब्ध हो। हालांकि, इस दौरान रेपो रेट को स्थिर रखा गया था।
अमेरिकी फेड रिजर्व की ओर से जनवरी में ब्याज दरों को 4.25 प्रतिशत से लेकर 4.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों और उनके प्रभाव पर अनिश्चितता के कारण अमेरिकी केंद्रीय बैंक निकट भविष्य में ब्याज दरों को कम करने की “जल्दबाजी” में नहीं है।
एक्सिस सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख अक्षय चिंचालकर ने कहा, “एक मजबूत श्रम बाजार और लगातार बढ़ती अर्थव्यवस्था ने फेड को आने वाले आंकड़ों का आकलन करने के लिए पर्याप्त समय दिया है। फेड का मानना है कि दरों में कटौती के अगले दौर के लिए महंगाई के दबाव में महत्वपूर्ण गिरावट देखी जानी चाहिए।”
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भारतीय शेयर बाजार में तेजी, आईटी और फाइनेंस शेयरों में खरीदारी
मुंबई, 28 जनवरी। भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में तेजी के साथ खुला। बाजार के मुख्य सूचकांकों में खरीदारी का ट्रेंड देखा जा रहा है। सुबह 9:45 पर सेंसेक्स 384 अंक या 0.51 प्रतिशत की तेजी के साथ 75,750 और निफ्टी 78 अंक या 0.34 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,907 पर था।
लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में बिकवाली का ट्रेंड देखने को मिल रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 661 अंक या 1.28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,134 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 453 अंक या 2.78 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,850 पर था।
आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंसियल सर्विस और रियल्टी इंडेक्स में तेजी के साथ कारोबार हो रहा है। ऑटो, मेटल, फार्मा और एनर्जी इंडेक्स में बिकवाली बनी हुई है।
सेंसेक्स पैक में एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, बजाज फाइनेंस, जोमैटो, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, एचसीएल टेक, इंडसइंड बैंक और टाटा स्टील टॉप गेनर्स हैं। सन फार्मा, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, एलएंडटी, एमएंडएम, अल्ट्राटेक सीमेंट और रिलायंस इंडस्ट्रीज टॉप लूजर्स हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, 23,000 और 23,050 के स्तर निफ्टी के लिए रुकावट के रूप में काम करेंगे, जबकि 22,800 और 22,750 समर्थन क्षेत्र के रूप में कार्य कर सकते हैं।
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, “यदि यह 22,750 से नीचे गिरता है, तो बिक्री दबाव बढ़ सकता है, जो बाजार को 22,600 के स्तर पर पहुंचा सकता है। रणनीति 23000-23050 के स्तर के आसपास कमजोर लॉन्ग पोजीशन को कम करने की होनी चाहिए। हालांकि, सप्ताह के दौरान, यदि यह 22600 तक गिरता है, तो हमें मध्यम से लंबी अवधि के दृष्टिकोण के साथ चुनिंदा स्टॉक खरीदने पर विचार करना चाहिए।”
एशिया के बाजार में मिलाजुला कारोबार हो रहा है। टोक्यो और बैंकॉक लाल निशान में हैं। वहीं, हांगकांग में तेजी के साथ कारोबार हो रहा है। अमेरिकी बाजार सोमवार को मिलेजुले बंद हुए थे।
कच्चे तेल में तेजी देखी जा रही है। ब्रेंट क्रूड 0.39 प्रतिशत की तेजी के साथ 76.50 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.40 प्रतिशत की बढ़त के साथ 73.48 डॉलर प्रति बैरल पर था।
राष्ट्रीय समाचार
भारतीय बैंकों की स्थिति और होगी मजबूत, एनपीए में मार्च तक आएगी 0.4 प्रतिशत की गिरावट : फिच
नई दिल्ली, 24 जनवरी। भारतीय बैंकों का ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) रेश्यो मार्च 2025 तक 0.4 प्रतिशत कम होकर 2.4 प्रतिशत हो सकता है। इसमें अगले साल तक 0.2 प्रतिशत की और कमी देखने को मिल सकती है। यह जानकारी रेटिंग एजेंसी फिच द्वारा एक रिपोर्ट में दी गई।
एनपीए का कम होना दिखाता है कि देश की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत बनी हुई है और बैंकिंग सेक्टर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
फिच की रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, खुदरा ऋणों (विशेष रूप से असुरक्षित ऋण में) में तनाव बढ़ रहा है, लेकिन मजबूत विकास, वसूली और राइट-ऑफ किए गए ऋणों से नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स में वृद्धि की भरपाई होने की उम्मीद है।
फिच ने नोट में बताया कि वर्तमान में दबाव 600 डॉलर (51,000 रुपये से अधिक) से कम के छोटे असुरक्षित व्यक्तिगत ऋणों पर केंद्रित है। इसका प्रभाव नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनियों (एनबीएफसी) और कम आय वर्ग पर केंद्रित फिनटेक कंपनियों पर अधिक देखने को मिलेगा।
पिछले तीन वर्षों (वित्त वर्ष 24 तक) में असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण और क्रेडिट कार्ड उधारी क्रमशः 22 प्रतिशत और 25 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ी। असुरक्षित ऋण से जुड़े जोखिम भार में वृद्धि के बाद सितंबर 2024 को समाप्त होने वाली चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में यह गति क्रमशः11 प्रतिशत और 18 प्रतिशत रह गई है।
भारत में घरेलू कर्ज जून 2024 में जीडीपी का 42.9 प्रतिशत था, जो कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के भी कई देशों के मुकाबले कम है। असुरक्षित खुदरा ऋण पर दबाव बढ़ रहा है और यह वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में कुल बैड लोन का करीब 52 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बैंकों के पास गैर-बैंकों और फिनटेक की फंडिंग के माध्यम से कुछ अप्रत्यक्ष जोखिम हो सकता है, जो कम आय वाले उधारकर्ताओं को अधिक लोन देते हैं। ऐसे उधारकर्ता जिनकी आय का खुलासा नहीं किया गया है, इनकी हिस्सेदारी फाइनेंसियल सिस्टम में बकाया कंज्यूमर क्रेडिट में एक तिहाई से अधिक की है।
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