राष्ट्रीय समाचार
मौद्रिक नीति से पहले लाल निशान में बंद हुआ शेयर बाजार, सेंसेक्स 213 अंक गिरा
मुंबई, 6 फरवरी। आरबीआई की मौद्रिक नीति से पहले भारतीय शेयर बाजार गुरुवार के कारोबारी सत्र में नुकसान के साथ बंद हुआ। बाजार में चौतरफा गिरावट देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 213 अंक या 0.27 प्रतिशत गिरकर 78,058 और निफ्टी 92 अंक या 0.39 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 23,603 पर था।
लार्जकैप के अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में अधिक गिरावट हुई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 680 अंक या 1.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 53,500 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 51 अंक या 0.30 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 17,056 पर बंद हुआ।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से मौद्रिक नीति का ऐलान 7 फरवरी को किया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती कर सकता है, जो कि फिलहाल 6.50 प्रतिशत है।
आईटी, फार्मा और प्राइवेट बैंक इंडेक्स में तेजी देखी गई। ऑटो, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, एफएमसीजी, मेटल और रियल्टी इंडेक्स दबाव के साथ बंद हुए हैं।
सेंसेक्स पैक में अदाणी पोर्ट्स, इन्फोसिस, एक्सिस बैंक, एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और बजाज फाइनेंस टॉप गेनर्स थे। भारती एयरटेल, टाइटन, एनटीपीसी, एसबीआई, आईटीसी और टाटा स्टील टॉप लूजर्स थे।
जानकारों के मुताबिक, निफ्टी के लिए 23,600 एक मजबूत सपोर्ट है। अगर यह टूटता है तो 23,500 और 23,400 के स्तर देखने को मिल सकते हैं। 23,800 एक रुकावट का स्तर है। अगर निफ्टी इससे ऊपर निकलता है तो 23,900 और 24,000 तक भी जा सकता है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,917 शेयर हरे निशान, 2,017 शेयर लाल निशान और 129 बिना किसी बदलाव के बंद हुए।
गिरावट के कारण बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप 2 लाख करोड़ रुपये गिरकर 425 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो कि बुधवार को 427 लाख करोड़ रुपये था।
शेयर बाजार की शुरुआत सपाट हुई थी। सुबह 9:26 पर सेंसेक्स 7 अंक की मामूली तेजी के साथ 78,279 और निफ्टी 2 अंक की तेजी के साथ 23,698 पर था।
राष्ट्रीय समाचार
NIA चीफ सदानंद दाते की महाराष्ट्र कैडर में वापसी, 26/11 में कसाब से लिया था लोहा, अब बनेंगे DGP

NIA चीफ सदानंद दाते: केंद्र सरकार की कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने एक अहम प्रशासनिक निर्णय लेते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के महानिदेशक और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सदानंद वसंत दाते को तत्काल उनके मूल कैडर महाराष्ट्र में वापस भेजने की मंजूरी दे दी है। यह आदेश 22 दिसंबर को जारी किया गया, जिसे प्रशासनिक और राजनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सदानंद दाते 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और केंद्र व राज्य स्तर पर एक सख्त, ईमानदार और अनुभवी अधिकारी के रूप में उनकी पहचान है। एनआईए प्रमुख के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान कई संवेदनशील और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में एजेंसी की भूमिका को और मजबूत किया गया। उनके नेतृत्व में एनआईए की कार्यक्षमता और विश्वसनीयता बढ़ी है।
यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब जनवरी में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के चुनाव प्रस्तावित हैं। बीएमसी देश की सबसे बड़ी नगरपालिकाओं में से एक है और इसके चुनावों के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्य पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होती है। ऐसे में केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर अनुभवी नेतृत्व की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
महाराष्ट्र के मौजूदा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि शुक्ला का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में सदानंद दाते का नाम राज्य के अगले डीजीपी के रूप में सबसे आगे माना जा रहा है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, दाते की नियुक्ति से चुनावों के दौरान निष्पक्ष और सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकती है।
सदानंद दाते को 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के दौरान ‘कामा एंड अल्ब्लेस’ अस्पताल में आतंकवादी अजमल कसाब से सीधे मुकाबला करने वाले साहसी अधिकारी के रूप में जाना जाता है। इस दौरान वे गंभीर रूप से घायल हुए थे, लेकिन कर्तव्य के प्रति उनका साहस और समर्पण उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाला साबित हुआ।
यदि सदानंद दाते को महाराष्ट्र का नया डीजीपी नियुक्त किया जाता है, तो यह राज्य की कानून-व्यवस्था और सुरक्षा तंत्र के लिए एक बड़ा और सकारात्मक कदम माना जाएगा। प्रशासनिक हलकों का मानना है कि उनकी नियुक्ति से पुलिस बल का मनोबल बढ़ेगा और आगामी चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने में मदद मिलेगी।
राजनीति
राहुल गांधी विदेश में जाकर गलत बयान देकर भारत को कर रहे बदनाम: शहजाद पूनावाला

नई दिल्ली, 23 दिसंबर: भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेसवार्ता कर राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए विदेश में जाकर भारत को बदनाम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने राहुल गांधी को “प्रोपेगेंडा का नेता” करार दिया और उन पर विदेशी धरती पर भारत के बारे में झूठ फैलाने का आरोप लगाया है।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की आदत बन गई है कि वे विदेश यात्रा के दौरान अपने ही देश को बदनाम करने के लिए उल्टा-सीधा बयान देते रहते हैं। आईएनसी इंडियन नेशनल कांग्रेस नहीं है, बल्कि यह एंटी-नेशनल कांग्रेस बन गई है, जबकि अलओपी प्रोपेगेंडा का नेता बन गया है।
शहजाद पूनावाला ने कहा, “यह देश विरोधी कांग्रेस है। राहुल गांधी विपक्ष के नेता नहीं हैं, वह असल में ‘प्रचार के नेता,’ ‘पर्यटन के नेता,’ और ‘पलायन के नेता’ बन गए हैं। बांग्लादेशी पत्रकार, जो लगातार भारत और जम्मू-कश्मीर के खिलाफ बोलते हैं, उनसे राहुल गांधी ने मुलाकात की है और उनके साथ सीक्रेट मीटिंग्स की हैं।”
उन्होंने कहा कि बर्लिन में राहुल गांधी के भारत-विरोधी बयान के लेटेस्ट मामले के बारे में, मैं कुछ पॉइंट्स पर बात करना और उनकी सच्चाई जानना चाहता हूं। राहुल गांधी ने अपने एक घंटे के भाषण में दावा किया कि संसद चुनावों में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) खराब थीं और उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। इसके बाद भी उनके पार्टी के नेता ईवीएम को सही बता रहे हैं।
शहजाद पूनावाला ने कहा कि जिस भी राज्य में कांग्रेस जीत जाती है, वहां पर ईवीएम को सही बताने लगते हैं और जब हार जाते हैं तो अपनी गलती छुपाने के लिए ईवीएम को दोष देने लगते हैं, जबकि इनकी पार्टी के ही कुछ नेता हार के लिए पार्टी को जिम्मेदार बताते हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि लेफ्ट से लेकर उमर अब्दुल्ला तक, जिन्होंने राहुल गांधी के बयानों को खारिज किया, साथ ही सुप्रिया सुले, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस, सभी ने उनके दावों को खारिज कर दिया है। इससे साफ पता चल रहा है कि ईवीएम सही काम कर रही है और चुनाव सही तरीके से कराया जा रहा है।
शहजाद पूनावाला ने कहा कि झारखंड और तेलंगाना में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें ठीक से काम कर रही थीं, लेकिन जब भी वे हारते हैं, जैसे बिहार में, वे सिस्टम पर आरोप लगाने लगते हैं। ईवीएम के पक्ष में अलग-अलग अदालतों के 41 फैसले हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि ईवीएम पर आरोप तभी लगते हैं जब पार्टियां चुनाव हार जाती हैं।
राजनीति
भाजपा नेता राम कदम का राहुल गांधी पर हमला, देश के खिलाफ बोलने वाले गद्दार

मुंबई, 23 दिसंबर: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के चीन को लेकर बयान पर भाजपा नेता राम कदम ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि वह देश के खिलाफ बोलने वाले को गद्दार समझेंगे।
मुंबई में मीडिया से बातचीत के दौरान राम कदम ने कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था। अगर किसी पार्टी का कोई सीनियर नेता या विपक्ष का नेता सत्र के दौरान विदेश जाता है, तो इससे सीधे पता चलता है कि वह देश के विकास को लेकर गंभीर नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी विदेश गए हैं और देश की छवि खराब की है, यह लगातार होता रहा है। इसी वजह से अब देश के लोगों को उन्हें सबक सिखाने की जरूरत महसूस हो रही है। राहुल गांधी, जिनकी पार्टी देश की सेवा करने का दावा करती है, वह विदेश में भारत माता की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसा सिर्फ वही कर सकता है जिसे देश से प्यार न हो। ऐसा भी लगता है कि दुश्मन देश उन्हें ऐसे लापरवाह बयान देने के लिए बढ़ावा देते हैं और स्पॉन्सर करते हैं।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बिहार सरकार की तारीफ करने पर राम कदम ने कहा कि शशि थरूर एक ऐसे नेता हैं जो अपनी बात मजबूती से रखने के लिए जाने जाते हैं। यह सिर्फ उनकी पर्सनल राय नहीं है, यह पूरे देश की भावना को दिखाता है। उनका मानना है कि बिहार बदल रहा है। लालू यादव के राज में, गायों के चारे तक की अनदेखी की गई। घर के क्लर्क से लेकर मंत्रियों तक उन्होंने सरकार को एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चलाया। अब बिहार धीरे-धीरे विकास की मुख्यधारा का हिस्सा बन रहा है। यह प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार की उपलब्धि है, जो उनकी जीत है।
भाजपा नेता राम कदम ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक साथ आने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे साथ आएं या नहीं, यह उनका निजी फैसला है। खबरें आ रही हैं कि मराठी बहुल क्षेत्रों की सीटें मनसे चाहती है, लेकिन यूबीटी देना नहीं चाहती। यह एक पूरी तरह समाप्त हो चुकी पार्टी का व्यवहार है। यह उनका निजी मामला है लेकिन असली विषय यह नहीं है।
मुख्य विषय यह है कि जब चुनावी रैलियां शुरू होंगी तो भीड़ तो दिखाई देगी, लेकिन वोट नहीं मिलेंगे। लोगों को अच्छी तरह पता है कि जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब घोटाले हो रहे थे। कोविड के दौरान 11 हजार लोगों की मौत हुई, इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
उन्होंने कहा कि बीएमसी चुनाव में महायुति का महापौर आएगा। राम कदम ने कहा कि इंडी अलायंस के तीनों दल पूरी तरह कन्फ्यूज्ड हैं। इन तीनों दलों ने साथ आकर महाराष्ट्र को लूटने का काम किया। अब महायुति की जीत काम के आधार पर हो रही है। उद्धव ठाकरे लोगों को मिलने वाले नहीं हैं। आपस में दुकान चलाने के लिए झगड़े कर रहे हैं। कांग्रेस और यूबीटी को डर है कि अगर अलग-अलग लड़े तो दिक्कतें ज्यादा हो जाएंगी।
बीएमसी चुनाव को लेकर राम कदम ने कहा कि 90 प्रतिशत सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत हो चुकी है। केवल 10 सीटों पर चर्चा बाकी है और जल्द ही उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी जाएगी।
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