अंतरराष्ट्रीय
साउथ अफ्रीका ने पहले वनडे में भारत को 31 रनों से हराया, सीरीज में 1-0 की बनाई बढ़त
पार्ल के बोलैंड पार्क में बुधवार को खेले गए पहले मैच में साउथ अफ्रीका ने भारत को 31 रनों से हरा दिया। प्रोटियाज के 297 रनों के लक्ष्य के जवाब में भारत ने 50 ओवरों में आठ विकेट खोकर 265 रन ही बनाए, जिससे अफ्रीका की टीम ने तीन मैचों की वनडे सीरीज में 1-0 से बढ़त बना ली। भारत की ओर से शिखर धवन ने सबसे ज्यादा 79 रन बनाए। साउथ अफ्रीका की ओर से सबसे ज्यादा लुंगी एनगिडी, एंडिले फेहलुकवायो और तबरेज शम्सी ने दो-दो सफलताएं अपने नाम कीं। वहीं एडेन मार्करम और केशव महाराज ने एक-एक विकेट लिया।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत ठीक-ठीक रही, क्योंकि भारत को पहला झटका 46 रनों पर लगा, जब सलामी बल्लेबाज कप्तान केएल राहुल (12) को एडेन मार्करम ने आउट कर दिया।
इसके बाद, तीसरे नंबर पर आए विराट कोहली ने शिखर धवन के साथ मिलकर टीम के स्कोर को आगे बढ़ाया, जिससे टीम 9वें ओवरों में ही 50 के आंकड़े को छूने में कामयाब रही। साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों के खिलाफ दोनों ने तेजी से रन बटोरे। इस बीच, सलामी बल्लेबाज धवन ने अपना अर्धशतक पूरा किया।
वहीं, 20वें ओवर में भारत का स्कोर भी एक विकेट के नुकसान पर 100 के पार पहुंच गया। इस समय तक भारतीय टीम को जीतने के लिए 197 रनों की जरूरत थी और दोनों बल्लेबाज अच्छे टच में दिखाई दे रहे थे। लेकिन 26वें ओवर में धवन 10 चौके की मदद से 79 रन बनाकर महाराज की गेंद पर बोल्ड हो गए। इसी के साथ ही कोहली और धवन के बीच 102 गेंदों पर 92 रनों की साझेदारी का भी अंत हो गया।
इस बीच, चौथे स्थान पर आए ऋषभ पंत बल्लेबाजी करने आए। वहीं दूसरी छोर पर कोहली ने भी अपना अर्धशतक पूरा कर लिया। लेकिन इसके बाद वह ज्यादा देर तक वह टिक नहीं पाए और 29वें ओवर में शम्सी की गेंद पर कैच आउट हो गए। कोहली ने तीन चौके की मदद से 63 गेंदों पर 51 रन बनाए। इस समय तक भारत का स्कोर तीन विकेट के नुकसान पर 152 रन हो चुके थे। टीम को अभी भी जीत के लिए 145 रनों की आवश्यकता थी।
पांचवें नंबर पर आए श्रेयस अय्यर ने पंत का अच्छा साथ दिया और दोनों ने मिलकर 33 गेंदों में 29 रनों की साझेदारी की। इसके बाद, अय्यर (17) और फिर पंत (16) रन बनाकर आउट हो गए। छठे स्थान पर आए ऑलराउंडर वेंकटेश अय्यर (2) भी एनगिडी की गेंद पर आउट होकर पवेलियन लौट गए। अश्विन (7) भी बिना कमाल किए चलते बने। इस समय तक 39वें ओवर में भारत का स्कोर 7 विकेट के नुकसान पर 199 रन पहुंच चुका था।
भुवनेश्वर कुमार (4) के आउट होने के बाद शार्दुल ठाकुर और जसप्रीत बुमराह ने थोड़ा साहस दिखाते हुए अफ्रीकी गेंदबाजों के खिलाफ चौके-छक्के लगाए, जिससे दोनों के बीच 51 रनों की साझेदारी हुई। इस बीच, शार्दुल ने 43 गेंदों में पांच चौके और एक छक्के की मदद से अपना अर्धशतक भी पूरा कर लिया। वहीं, आखिरी तक शार्दुल (50) और बुमराह (14) रन बनाकर नाबाद रहे।
इसी के साथ ही भारत 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 265 रन ही बना सका, जिससे साउथ अफ्रीका ने इस मैच को 31 रनों से जीतकर तीन मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त बना ली।
इससे पहले, टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी साउथ अफ्रीका टीम की शुरूआत खराब रही, क्योंकि उनके सलामी बल्लेबाज जल्द ही आउट होकर पवेलियन लौट गए। इस दौरान, 5वें ओवर में बुमराह ने जेनमैन मलान (6) को पंत के हाथों कैच आउट करवाया।
इसके बाद, तीसरे स्थान पर आए कप्तान टेम्बा बावुमा ने क्विंटन डी कॉक के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाया और दोनों ने कुछ अच्छे शॉट लगाए। लेकिन 16वें ओवर में अश्विन ने क्विंटन डी कॉक (27) को बोल्ड कर दिया। इसी के साथ दोनों के बीच 66 गेंदों में 33 रनों की साझेदारी का अंत भी हो गया।
चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए एडेन मार्करम (4) भी बिना कोई कमाल दिखाए रन आउट हो गए। इस समय तक साउथ अफ्रीका का स्कोर 20 ओवरों में तीन विकेट के नुकसान पर 80 रन हो चुके थे। प्रोटियाज की लड़खड़ाती पारी को पांचवें स्थान पर आए रस्सी वैन डेर डूसन ने कप्तान बावुमा के साथ मिलकर संभाला।
इस बीच, डूसन ने अश्विन और युजवेंद्र चहल को एक-एक चौका लगाया, जिससे साउथ अफ्रीका टीम ने 23 ओवरों में 3 विकेट के नुकसान पर 100 रन पूरे कर लिए थे।
28वें ओवर में शार्दुल की गेंद पर शॉट खेलकर कप्तान बावुमा ने 76 गेंदों में अपना अर्धशतक भी पूरा किया। इसके बाद, डूसन ने भी जल्द ही अपना अर्धशतक पूरा कर लिया। दोनों टीम के स्कोर को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय गेंदबाजों पर हावी दिखाई दे रहे थे।
इस दौरान, कप्तान बावुमा ने सात चौके की मदद से अपने करियर का दूसरा शतक लगाया। डूसन ने भी 83 गेंदों पर अपना शतक पूरा कर लिया। इसके बाद, डूसन ने भुवनेश्वर की गेंद पर मैच का दूसरा छक्का लगाया।
49वें ओवर में बुमराह की गेंद पर कप्तान बावुमा ने आठ चौके की मदद से 110 रन बनाकर आउट हो गए। इसी के साथ डूसन के हो रही रिकॉर्ड साझेदारी (204) का भी अंत हो गया। इसके बाद, डूसन ने शार्दुल को एक छक्का और एक चौका लगाकर टीम के स्कोर को 50 ओवरों में चार विकेट के नुकसान पर 296 रनों तक पहुंचा दिया। डूसन ने 9 चौके और 4 छक्कों की मदद से 129 रन और डेविड मिलर 2 रन बनाकर नाबाद रहे।
भारत की ओर से जसप्रीत बुमराह ने सबसे ज्यादा दो विकेट चटकाए। वहीं, आर अश्विन ने एक विकेट अपने नाम किया।
अंतरराष्ट्रीय
भारत ने अफगानिस्तान को फिर से भेजी मदद, जीवनरक्षक चिकित्सीय सहायता काबुल पहुंची

काबुल, 28 नवंबर : भारत हमेशा से अफगानिस्तान के लिए मजबूती से खड़ा रहा है। समय-समय पर मदद की खेप भेजता है। भारत ने निरंतर समर्थन को दोहराते हुए, शुक्रवार को अफगानिस्तान को 73 टन जीवनरक्षक दवाइयों, टीकों और आवश्यक पोषक सप्लीमेंट्स की खेप भेजी। यह सहायता अफगान स्वास्थ्य प्रणाली की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से काबुल पहुंचाई गई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने एक्स पर लिखा, “अफगानिस्तान के स्वास्थ्य प्रयासों को मजबूती देते हुए भारत ने 73 टन जीवनरक्षक दवाइयां, टीके और आवश्यक सप्लीमेंट्स तत्काल चिकित्सा जरूरतों के लिए काबुल पहुंचाए हैं। अफगान लोगों के प्रति भारत का अटूट समर्थन जारी है।”
पिछले सप्ताह नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और अफगानिस्तान के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री अल्हाज नूरुद्दीन अजीजी के बीच मुलाकात हुई थी। बैठक में व्यापार, संपर्क और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर विस्तृत चर्चा हुई।
जयशंकर ने एक्स पर लिखा, “अफगानिस्तान के उद्योग और वाणिज्य मंत्री अल्हाज नूरुद्दीन अज़ीज़ी से मुलाकात कर खुशी हुई। व्यापार, कनेक्टिविटी और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। अफगान जनता के विकास और कल्याण के लिए भारत के समर्थन को दोहराया।”
इससे पहले भी भारत ने अफगानिस्तान के भूकंप प्रभावित परिवारों की मदद के लिए खाद्य सामग्री भेजी थी। बाल्ख, समनगन और बगलान प्रांतों में आए विनाशकारी भूकंप में 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे।
10 अक्टूबर को भारत ने अतिरिक्त खाद्य सहायता भी भेजी थी। उसी दिन विदेश मंत्री जयशंकर की अफगान समकक्ष मौलवी आमिर खान मुत्ताकी से नई दिल्ली में मुलाकात हुई। बैठक में विकास सहयोग, व्यापार, अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता व स्वतंत्रता, आपसी संपर्क और क्षमता निर्माण जैसे मुद्दों पर वार्ता हुई।
जयशंकर ने मुत्ताकी की भारत यात्रा को “द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम” बताया और अफगानिस्तान को पांच एम्बुलेंस सौंपने की घोषणा भी की।
भारत की यह मानवीय सहायता अफगानिस्तान के लिए हाल के महीनों में की गई कई निरंतर मददों की नवीनतम कड़ी है, जो दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और जन-संपर्क आधारित रिश्तों को मजबूत करती है।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान ने तीसरे देश के जरिए नहीं भेजा अमेरिका को कोई मैसेज, खामेनेई बोले-झगड़े बढ़ा रहा अमेरिका

तेहरान, 28 नवंबर : हाल ही में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद अमेरिका दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात की। ट्रंप से मुलाकात के पहले क्राउन प्रिंस को ईरान की एक चिट्ठी मिली थी। इस चिट्ठी को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि इस चिट्ठी में अमेरिका के लिए एक मैसेज था। हालांकि, ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने इन सभी दावों को मनगढ़ंत बताया है।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार खामेनेई ने गुरुवार रात को टीवी पर दिए गए संदेश में मीडिया के इन सभी दावों को खारिज कर दिया। अफवाह थी कि ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने सऊदी क्राउन प्रिंस को उनके यूएस दौरे से पहले जो मैसेज भेजा था, वह वॉशिंगटन के लिए था।
ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने कहा, “वे अफवाहें फैला रहे हैं कि ईरानी सरकार ने किसी तीसरे देश के जरिए अमेरिका को मैसेज भेजा है, जो सरासर झूठ है।”
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेजेशकियन की चिट्ठी में कहा गया कि ईरान टकराव नहीं चाहता है। उसका मकसद क्षेत्रीय सहयोग को गहरा करना है और वह कूटनीति के जरिए न्यूक्लियर विवाद को सुलझाने के लिए तैयार है, बशर्ते उसके अधिकारों की गारंटी हो।
खामेनेई ने अपने भाषण के दौरान इजरायल के हमलों और अपराधों में अमेरिका के समर्थन की कड़ी आलोचना की। ईरानी सुप्रीम ने अमेरिका पर अपनी रणनीति और रिसोर्स के फायदे के लिए झगड़ों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
दूसरी ओर, ईरानी अधिकारियों ने पहले ही इस बात को साफ कर दिया था कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस को जो चिट्ठी दी गई, वह सिर्फ द्विपक्षीय मुद्दों को लेकर थी।
तेहरान और वॉशिंगटन ने इसी साल अप्रैल और जून के बीच ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम और अमेरिकी बैन पर बातचीत की थी। दोनों पक्षों के बीच ओमान की मध्यस्थता में पांच राउंड की बातचीत हुई। इसके बाद छठे राउंड की बातचीत की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन उससे पहले ही इजरायल ने ईरान में कई जगहों पर अचानक हमले कर दिए।
इस हमले में ईरान के न्यूक्लियर वैज्ञानिक और सीनियर कमांडर मारे गए। इसके बाद ईरान ने मिसाइल और ड्रोन से जवाबी कार्रवाई की।
22 जून को अमेरिकी सेना ने नतांज, फोर्डो और इस्फहान में ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला किया। ईरान ने अगले दिन कतर में अमेरिकी अल उदीद एयर बेस को निशाना बनाकर जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद ईरान और इजरायल के बीच 24 जून से सीजफायर लागू हुआ।
अंतरराष्ट्रीय
ट्रंप के टैरिफ वॉर से दुनिया को राहत? अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में आज हो सकता है आखिरी फैसला!

नई दिल्ली, 6 नवंबर : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के साथ वैश्विक व्यापार जगत में उथल-पुथल मच गई। ट्रंप के टैरिफ को लेकर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रही, जिसके बाद उम्मीद की जा रही है कि इसपर आखिरी फैसला भी आज आ जाए। वहीं, दूसरी ओर पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं।
5 नवंबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में आखिरी सुनवाई शुरू हुई, जिसमें अधिकांश जजों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसले पर सवाल खड़े किए।
निचली फेडरल कोर्ट ने इससे पहले टैरिफ के मामले में फैसला सुनाया था कि ट्रंप के पास अमेरिका के कई व्यापारिक साझेदारों से आयात पर टैरिफ लगाने और कनाडा, चीन और मैक्सिको के उत्पादों पर फेंटानिल टैरिफ लगाने का कानूनी अधिकार नहीं है। निचले कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
बता दें, टैरिफ को लेकर करीब ढाई घंटे से ज्यादा कोर्ट में बहस चली। कोर्ट ने ट्रंप सरकार के टैरिफ के फैसले पर सवाल उठाए। जस्टिस सोनिया सोतोमयोर ने कहा, “आप कहते हैं कि टैरिफ टैक्स नहीं हैं, लेकिन वास्तव में वे टैक्स ही हैं। वे अमेरिकी नागरिकों से पैसा, राजस्व कमा रहे हैं।”
इस पर सॉलिसिटर जनरल जॉन सॉयर ने कहा, “मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, यह एक नियामक टैरिफ है, टैक्स नहीं। यह सच है कि टैरिफ से राजस्व बढ़ता है और यह केवल आकस्मिक है।”
इसके अलावा जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने कहा, “अगर मैं सही नहीं हूं तो मुझे सुधारें, लेकिन यह तर्क किसी भी देश के किसी भी उत्पाद पर, किसी भी मात्रा में, किसी भी अवधि के लिए टैरिफ लगाने की शक्ति के लिए दिया जा रहा है।”
जस्टिस रॉबर्ट्स की इस टिप्पणी के बाद अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल डी. जॉन सॉयर ने तर्क दिया कि आईईईपीए राष्ट्रपति को इमरजेंसी की स्थिति के दौरान ‘आयात को विनियमित करने’ की इजाजत देता है।
अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल के तर्क से जस्टिस एमी कोनी बैरेट सहमत नहीं थीं। उन्होंने सॉयर से कहा, “क्या आप संहिता में ऐसे किसी दूसरे स्थान या इतिहास में किसी दूसरे समय का जिक्र कर सकते हैं, जहां ‘आयात को विनियमित करना’ वाक्यांश का उपयोग टैरिफ लगाने का अधिकार देने के लिए किया गया हो?”
इसके अलावा, जस्टिस बैरेट ने कहा कि अगर कांग्रेस भविष्य में आपातकालीन टैरिफ पर किसी भी सीमा को मंजूरी देना चाहती है, तो उसे राष्ट्रपति के वीटो को पार करने के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी।
जस्टिस बैरेट ने पूछा, “अगर कांग्रेस कहती है, ‘अरे, हमें यह पसंद नहीं है, इससे राष्ट्रपति को आईईईपीए के तहत बहुत ज्यादा अधिकार मिल जाते हैं,’ तो उसे आईईईपीए से उस टैरिफ शक्ति को वापस लेने में बहुत मुश्किल होगी, है ना?”
हालांकि, कोर्ट की तरफ से मामले में अब तक आखिरी फैसला सामने नहीं आया है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के टैरिफ वाले फैसले पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं।
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