राजनीति
कुछ लोग अल्पसंख्यकों के बीच ‘भय-भ्रम का भूत’ खड़ा करने की कोशिश में हैं : नकवी

वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सोमवार को कहा कि मोदी सरकार के समावेशी विकास, सर्वस्पर्शी सशक्तीकरण के सफल परिणामों से परेशान कुछ लोग देश में अल्पसंख्यकों के बीच ‘भय-भ्रम का भूत’ खड़ा करने का ‘पाखंडी प्रयास’ कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यकर्ताओं को वर्चुअल मीटिंग में संबोधित करते हुए नकवी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 6 वर्षों के कार्यकाल में समावेशी विकास ‘राजनैतिक किस्सा नहीं बल्कि राष्ट्रनीति का हिस्सा’ बन गया है। समाज के सभी वर्गो के साथ अल्पसंख्यक भी समृद्धि, सशक्तीकरण एवं सम्मान के बराबर के हिस्सेदार, भागीदार बने हैं।”
नकवी ने कहा कि मोदी सरकार ने हर जरूरतमंद की आंखों में खुशी, जिंदगी में खुशहाली के संकल्प के साथ काम किया है, जिसका नतीजा है कि समाज का हर एक हिस्सा बिना भेदभाव के तरक्की के सफर का हमसफर बनकर आगे बढ़ रहा है।
नकवी ने कहा, “हमारे देश में ही कुछ ऐसे लोग, संस्थाएं और संगठन सक्रिय हैं, जो समावेशी समृद्धि, सशक्तीकरण और सम्मान के सफर पर अपनी संकीर्ण सोच का पलीता लगाने में व्यस्त हैं। जहां एक ओर मोदी सरकार, समाज के सभी वर्गों में ‘समृद्धि-सम्मान-सुरक्षा’ के संकल्प के साथ काम कर रही है, वहीं कुछ लोग समाज में दहशत और डर का माहौल खड़ा करने की ‘आपराधिक साजिश’ में लगे हुए हैं। भारत को दुनिया में बदनाम करने की ‘साजिशी सियासत’ कर रहे हैं, हमें ऐसे सौहार्द, समृद्धि एवं सम्मान के दुश्मनों से सतर्क भी रहना है और उन्हें बेनकाब भी करना है।”
नकवी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि देश के सकारात्मक माहौल और ‘रचनात्मक मूड’ से बौखलाई ‘बोगस बैशिंग ब्रिगेड’ ए कभी ‘इस्लामोफोबिया’ तो कभी तथाकथित असहिष्णुता तो कभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा जैसे झूठे-मनगढ़ंत दुष्प्रचारों के माध्यम से देश की छवि और मुल्क के सौहार्द-एकता के माहौल को खराब करने की आपराधिक साजिशों का ताना-बाना बुनते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी ही नहीं, बल्कि एक ‘समावेशी परिवार’ है, जहां कुछ पार्टियां एक खानदान के सीमित दायरे में सिमटी हैं, वहीं भाजपा सभी धर्म, जाति, क्षेत्र के लोगों का एक ‘वृहद् परिवार’ है, जहां जाति, धर्म, परिवार से ऊपर उठकर ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के सिद्धांत एवं ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प के साथ काम होता है।
उन्होंने कहा, “मोदी सरकार ने पिछले 6 वर्षों के कार्यकाल में समाज के सभी तबकों का विकास हुआ है। बिना भेदभाव के विकास, सम्मान के साथ सशक्तीकरण की हमारी नीति का ही नतीजा है कि आज अल्पसंख्यक समुदाय भी अन्य तबकों के साथ देश की तरक्की का बराबर का हिस्सेदार, भागीदार बना है।”
नकवी ने कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाओं, जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत योजना, किसान सम्मान निधि, जन धन योजना, मुद्रा योजना, विद्युतीकरण, प्रधानमंत्री सड़क योजना, एक देश-एक राशन कार्ड आदि का लाभ समान तरीके से अल्पसंख्यक समुदायों के गरीब, कमजोर तबकों को भी मिल रहा है। इसके अलावा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी अल्पसंख्यकों को मिला है।
केंद्रीय मंत्री ने याद दिलाया कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा पिछले लगभग 5 वर्षों में ‘हुनर हाट’ के माध्यम से 5 लाख से ज्यादा कारीगरों, शिल्पकारों और उनसे जुड़े लोगों को रोजगार और रोजगार के अवसर मुहैया कराए गए हैं। ‘उस्ताद’ ए ‘गरीब नवाज स्वरोजगार योजना’ ‘सीखो और कमाओ’ ‘नई मंजिल’ आदि रोजगारपरक कौशल विकास योजनाओं के माध्यम से पिछले 6 वर्षों में 10 लाख से ज्यादा अल्पसंख्यकों को रोजगारपरक कौशल विकास और रोजगार और रोजगार के मौके उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें 50 प्रतिशत से अधिक लड़कियां शामिल हैं। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के कौशल विकास कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित हजारों स्वास्थ्य सहायक कोरोना से प्रभावित लोगों की सेहत.सलामती की सेवा में लगे हैं।
नकवी ने पिछले 6 वर्षों में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का ब्योरा देते हुए कहा कि 3 करोड़ 80 लाख से ज्यादा अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को विभिन्न स्कॉलरशिप दी गई हैं। लाभार्थियों में 50 प्रतिशत से अधिक बच्चियां शामिल हैं। देशभर में वक्फ संपत्तियों पर स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, सामुदायिक भवन आदि के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के तहत शत-प्रतिशत फंडिग की है।
उन्होंने कहा कि पिछले लगभग 6 वर्षो के दौरान मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत देशभर के उपेक्षित अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में आर्थिक, शैक्षिक, सामाजिक एवं रोजगारपरक गतिविधियों के लिए बड़ी संख्या में इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कराया है।
राजनीति
चुनाव आयोग की सीपीआई के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

नई दिल्ली, 28 अगस्त। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) और राजनीतिक दलों के बीच चुनावी प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए बैठकों का दौर जारी है। इस बीच, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।
ईसीआई के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने गुरुवार को नई दिल्ली में स्थित निर्वाचन सदन में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव डी. राजा के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने आयोग के समक्ष कई सुझाव भी रखे।
चुनाव आयोग ने एक बयान में बताया कि पिछले 150 दिनों में ईसीआई ने विभिन्न स्तरों पर कुल 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की हैं, जिनमें मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) द्वारा 40, जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) द्वारा 800 और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ) द्वारा 3,879 बैठकें शामिल हैं। इन बैठकों में 28,000 से अधिक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है।
इसके अलावा, राष्ट्रीय और राज्यीय दलों के नेताओं के साथ 21 से अधिक बैठकें आयोजित की गई हैं, जिनमें भाजपा, बसपा, टीएमसी और आम आदमी पार्टी जैसे राष्ट्रीय दल शामिल हैं।
दरअसल, यह बैठक चुनाव आयोग द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय राजनीतिक दलों के अध्यक्षों के साथ आयोजित की जा रही चर्चाओं का हिस्सा है। इन बैठकों का उद्देश्य रचनात्मक संवाद को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय तथा राज्यस्तरीय दलों के नेताओं को उनके सुझाव और चिंताओं को सीधे आयोग के समक्ष रखने का अवसर प्रदान करना है।
यह पहल आयोग के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जो मौजूदा कानूनी ढांचे के तहत सभी हितधारकों के साथ मिलकर चुनावी प्रक्रिया को और मजबूत करने की दिशा में कार्यरत है।
इससे पहले, चुनाव आयोग ने 21 अगस्त को जनता दल (सेक्युलर) के प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा की थी। इस दौरान उन्होंने आयोग के समक्ष अपने सुझाव पेश किए। इसके अलावा, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू व डॉ. विवेक जोशी ने बीजू जनता दल (बीजद) के एक प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की थी।
दुर्घटना
विरार हादसा: सीएम फडणवीस का ऐलान, ‘मृतकों के परिजनों को मिलेगी 5-5 लाख रुपए की आर्थिक मदद’

मुंबई, 28 अगस्त। महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार इलाके में हुए हादसे पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दुख जताया है। साथ ही उन्होंने हादसे में जान गंवाने वाले मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की।
सीएम फडणवीस ने बताया कि एनडीआरएफ की मदद से यह बचाव अभियान 48 घंटों से चल रहा है और अगले कुछ ही घंटों में पूरा कर लिया जाएगा। अब तक 9 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है।
महाराष्ट्र सीएमओ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विरार इलाके में इमारत ढहने की दुर्घटना में 17 लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है और मृतकों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। सभी परिवारों के दुःख में अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए, मुख्यमंत्री फडणवीस ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है। एनडीआरएफ की मदद से यह बचाव अभियान 48 घंटों से चल रहा है और अगले कुछ घंटों में पूरा हो जाएगा। अब तक 9 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है।”
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने हादसे पर दुख जताते हुए एक्स पोस्ट में लिखा, ”विरार इलाके में इमारत ढहने की दुर्घटना में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है और कुछ घायल हैं। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में जान गंवाने वाले सभी नागरिकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। मैं उनके परिवारों के दुख में शामिल हूं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है। सभी एजेंसियों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया है और पिछले 48 घंटों से एनडीआरएफ की टीमों की मदद से यह कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इस दुर्घटना में घायल हुए लोगों के स्वास्थ्य में शीघ्र सुधार हो।”
मुंबई में विरार ईस्ट के नारंगी इलाके में बुधवार को एक अनधिकृत चार मंजिला इमारत का एक हिस्सा अचानक ढह गया था। हादसे में अब तक 17 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि कई लोग जख्मी हुए हैं।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई: असहयोग को लेकर बीएमसी के विरोध के बीच बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद विलिंगटन हाइट्स ताड़देव के निवासियों ने 17वीं-34वीं मंजिलें खाली कर दीं

मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद, ताड़देव स्थित विलिंगटन हाइट्स की सबसे ऊपरी मंजिलों के निवासियों ने अपने अपार्टमेंट खाली करना शुरू कर दिया है। उन्हें परिसर खाली करने के लिए तीन हफ़्ते का समय दिया गया था, जो कल 27 अगस्त की रात को समाप्त हो गया। अदालत की किसी भी अवमानना से बचने के लिए, 17वीं से 34वीं मंजिल तक के निवासियों ने अपार्टमेंट खाली करने का फैसला किया है।
इस बीच, कुछ निवासी निगम के असहयोग के विरोध में बीएमसी मुख्यालय पर एकत्रित हुए हैं। बैठक में मौजूद एक निवासी सतीश मेहता ने कहा, “हमें समय सीमा बढ़ने की उम्मीद थी क्योंकि हमें मुंबई फायर ब्रिगेड से अनुपालन पत्र मिल गया था। लेकिन बीएमसी वकील ने अदालत में कहा कि यह सिर्फ़ एक पत्र था, एनओसी नहीं। अगर बीएमसी सहयोग करती, तो हमें कुछ राहत मिलती।”
बैठक सुबह 11 बजे निर्धारित थी और निवासी पहली मंजिल पर संबंधित बीएमसी अधिकारियों का इंतज़ार कर रहे हैं। मुंबई के संरक्षक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा के भी बैठक में शामिल होने की उम्मीद है।
मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने निवासियों को कोई राहत देने से इनकार कर दिया। इस तरह, 34 मंजिला इमारत की 17वीं से 34वीं मंजिल तक के अपार्टमेंट खाली करने की उनकी समय सीमा 27 अगस्त ही रह गई। कुल 27 परिवार अपने घर खाली करेंगे।
निवासियों ने कहा, “कुछ निवासी पास ही अपने दोस्तों और परिवार के घरों में चले गए हैं, जबकि कुछ किराए के अपार्टमेंट में रहने लगे हैं। हमें उम्मीद है कि 2 सितंबर की सुनवाई के दौरान अदालत हमें कुछ राहत देगी।”
बीएमसी ने स्पष्ट किया था कि अगर निवासी अदालत के आदेश के अनुसार परिसर खाली नहीं करते हैं, तो उन्हें जबरन बेदखली की प्रक्रिया के तहत आज ही नोटिस भेजा जाएगा। अदालती आदेशों की अवमानना और जबरन बेदखली से बचने के लिए, निवासियों ने बीएमसी को दिए गए वचन के अनुसार खुद ही परिसर खाली करने का फैसला किया।
जिन्हें नहीं पता, उन्हें बता दें कि मुंबई फायर ब्रिगेड से एनओसी न मिलने के कारण इमारत के पास बीएमसी से अधिभोग प्रमाण पत्र (ओसी) नहीं है।
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