व्यापार
कोरोना काल मे चांदी की कीमत दोगुनी, 52 हजारी बना सोना

कोरोना काल में देश में चांदी की कीमत दोगुनी हो गई, जबकि सोना लगातार नई उंचाई को छू रहा है। घरेलू वायदा बाजार में सोमवार को चांदी का भाव 66,164 रुपये किलो तक उछला, जोकि बीते 18 मार्च के भाव से तकरीबन दोगुनी है। जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चांदी दोगुनी से ज्यादा उछली है। एमसीएक्स पर सोना भी सोमवार को 52,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार चला गया। सोने का भाव भी 16 मार्च के बाद करीब 36 फीसदी उछला है।
कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के चलते चांदी की खनन बाधित होने और दुनिया के विभिन्न देशों में औद्योगिक गतिविधियां पटरी पर लौटने से चांदी की औद्योगिक मांग बढ़ने की उम्मीदों से इसकी कीमतों में लगातार तेजी का रुख बना हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमत 18 मार्च को 12 डॉलर प्रति औंस से भी नीचे गिर गई थी, जबकि इस समय चांदी कॉमेक्स पर 24 डॉलर प्रति औंस से उपर चल रही है।
देश के सबसे बड़े वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर शाम 18.30 बजे चांदी के सितंबर अनुबंध में पिछले सत्र से 3,430 रुपये यानी 5.60 फीसदी की तेजी के साथ 64,653 रुपये प्रति किलो पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले चांदी का भाव एमसीएक्स पर कारोबार के दौरान 66,164 रुपये प्रति किलो तक उछला। कोरोना काल में 18 मार्च को चांदी का भाव एमसएक्स पर 33,580 रुपये प्रति किलो तक टूटा था, जिसके बाद कीमतों में तकरीबन दोगुनी उछाल आई है।
एमसीएक्स पर सोने के अगस्त वायदा अनुबंध में पिछले सत्र की क्लोजिंग से 812 रुपये यानी 1.59 फीसदी की तेजी के साथ 51,847 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले सोने का भाव 52,220 रुपये प्रति 10 ग्राम तक उछला, जोकि अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। सोने का भाव 16 मार्च 2020 को 38,400 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जिसके बाद 35.94 फीसदी की तेजी आई है।
कमोडिटी बाजार विश्लेषक बताते हैं कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को लेकर वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर को लेकर बनी चिंता से निवेशकों का रुझान निवेश के सुरक्षित साधन की तरफ है, इसलिए महंगी धातु के दाम में उछाल आया है।
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर सोने के अगस्त वायदा अनुबंध में सोमवार को पिछले सत्र से 34.05 डॉलर यानी 1.79 फीसदी की तेजी के साथ 1931.55 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले सोने का भाव 1941.65 डॉलर प्रति औंस तक उछला, जोकि कॉमेक्स पर सोने के वायदा भाव का एक नया रिकॉर्ड है।
वहीं, सोने का हाजिर भाव वैश्विक बाजार में 1945.26 डॉलर प्रति औंस तक उछला जोकि एक नया रिकॉर्ड है। इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने के हाजिर भाव का रिकॉर्ड स्तर 1,921.17 डॉलर प्रति औंस था। इस प्रकार, कोरोना काल में सोने ने अब तक सारा रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
कॉमेक्स पर चांदी के सितंबर अनुबंध में पिछले सत्र से मुकाबले 1.55 डॉलर यानी 6.81 फीसदी की तेजी के साथ 24.405 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले चांदी का भाव कॉमेक्स पर कारोबार के दौरान 24.797 डॉलर प्रति औंस तक उछला। कॉमेक्स पर चांदी का भाव 18 मार्च को 11.68 डॉलर प्रति औंस तक टूटा था।
सर्राफा बाजार विशेषज्ञ बताते हैं कि मेक्सिको में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने से खनन कार्य बाधित है जिससे चांदी की आपूर्ति घटने की आंशंका बनी हुई है जबकि इसकी औद्योगिक मांग आने वाले दिनों में और बढ़ने की संभावना है।
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने बताया कि डॉलर में आई कमजोरी से सोने को सपोर्ट मिला है। दुनिया की छह प्रमुख मुद्रा के मुकाबले डॉलर की ताकत का सूचक डॉलर इंडेक्स 18 मई को 100.43 पर था, जोकि फिसलकर 93.76 पर आ गया है। बीते सात सत्रों से डॉलर इंडेक्स में कमजोरी बनी हुई है।
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि कोरोना के गहराते प्रकोप के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर को लेकर चिंता बनी हुई है और शेयर बाजार में भी अस्थिरता का माहौल है, जिससे निवेशकों का रुझान बहरहाल निवेश के सुरक्षित साधन की तरफ है, यही कारण है कि महंगी धातुओं के दाम में लगातार तेजी का रुख बना हुआ है। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में भारी इजाफा होना होने से बाजार में चिंता का माहौल है।
vबाजार विश्लेषकों के अनुसार, बुलियन को बहरहाल कोरोना के कहर और अमेरिका-चीन के बीच तकरार से पैदा हुए भूराजनीतिक तनाव से सपोर्ट मिल रहा है।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार लगातार आठवें दिन तेजी के साथ बंद, सेंसेक्स 355 अंक उछला

SHARE MARKET
नई दिल्ली, 12 सितंबर। भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में लगातार आंठवें दिन तेजी के साथ बंद हुआ। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी गई। सेंसेक्स 355.97 अंक या 0.44 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,904.70 और निफ्टी 108.50 अंक या 0.43 प्रतिशत की मजबूती के साथ 25,114 पर था।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी तेजी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 183.65 अंक या 0.32 प्रतिशत की तेजी के साथ 58,227.20 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 114.70 अंक या 0.64 प्रतिशत की मजबूती के साथ 17,989.90 पर था।
बाजार को ऊपर खींचने का काम डिफेंस, मेटल और फाइनेंस शेयरों ने किया। निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स (4.38 प्रतिशत), निफ्टी मेटल (0.93 प्रतिशत), निफ्टी ऑटो (0.46 प्रतिशत), निफ्टी फाइनेंस सर्विस (0.70 प्रतिशत), निफ्टी फार्मा (0.53 प्रतिशत), निफ्टी प्राइवेट बैंक (0.41 प्रतिशत) और निफ्टी कमोडिटीज (0.41 प्रतिशत) की तेजी के साथ बंद हुआ।
निफ्टी पीएसयू (0.27 प्रतिशत), निफ्टी एफएमसीजी (0.71 प्रतिशत), निफ्टी मीडिया (0.39 प्रतिशत) और निफ्टी कंजप्शन (0.29 प्रतिशत) की कमजोरी के साथ बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में बीईएल, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी, इन्फोसिस, टीसीएस, टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, कोटक महिंद्रा बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप गेनर्स थे। इटरलन (जोमैटो), एचयूएल, ट्रेंट, टाइटन, भारती एयरटेस, एशियन पेंट्स , आईटीसी, एमएंडएम, एचसीएल टेक, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई टॉप लूजर्स थे।
एक्सपर्ट के मुताबिक, अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती की संभावना के कारण बाजार में तेजी बनी हुई है। यूरोपीय संघ द्वारा रूसी तेल खरीदने पर भारत पर अमेरिकी टैरिफ प्रस्तावों को अस्वीकार करने की खबरों से धारणा में और सुधार हुआ। अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता में प्रगति से भी निकट भविष्य में सकारात्मक गति बरकरार रहने की उम्मीद है। सत्र में रक्षा क्षेत्र ने बेहतर प्रदर्शन किया। इसकी वजह भारतीय खरीद अधिकारियों द्वारा अगली पीढ़ी की छह पारंपरिक पनडुब्बियों के लिए बातचीत शुरू करने की रिपोर्ट्स का आना है।
भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुआ। सुबह 9.25 बजे तक, सेंसेक्स 114 अंक या 0.14 प्रतिशत बढ़कर 81,663 पर कारोबार कर रहा था और निफ्टी 39 अंक या 0.16 प्रतिशत बढ़कर 25,045 पर था।
व्यापार
मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच मामूली बढ़त के साथ कारोबार कर रहे सेंसेक्स-निफ्टी

मुंबई, 11 सितंबर। भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार वार्ता में प्रगति और अन्य वैश्विक संकेतों के कारण गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुला। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी मामूली बढ़त में रहे।
सुबह 9.25 बजे तक, सेंसेक्स 85 अंक या 0.11 प्रतिशत बढ़कर 81,510 पर और निफ्टी 24 अंक या 0.09 प्रतिशत बढ़कर 24,997 पर कारोबार कर रहे थे।
ब्रॉडकैप सूचकांकों में बेंचमार्क सूचकांकों से बेहतर प्रदर्शन के साथ निफ्टी मिडकैप 100 में 0.16 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
निफ्टी पैक में एनटीपीसी, ओएनजीसी, टीसीएस और एसबीआई टॉप गेनर्स रहे। जबकि एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, हीरो मोटरकॉर्प, डॉ रेड्डीज लैब्स, टेक महिंद्रा और ट्रेंट टॉप लूजर्स रहे।
सेक्टोरल फ्रंट पर निफ्टी मीडिया 1.46 प्रतिशत की तेजी के साथ कारोबार कर रहा था। निफ्टी पीएसयू बैंक 1.11 प्रतिशत और निफ्टी ऑयल एंड गैस 0.91 प्रतिशत की तेजी में रहे। अन्य सभी सूचकांकों में मामूली बढ़त या गिरावट दर्ज की गई।
अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार वार्ता में उत्साहजनक प्रगति के कारण, निफ्टी ने बीते कारोबारी दिन लगातार छठे सत्र में अपनी तेजी जारी रखी।
मार्केट का सेंटीमेंट सतर्क और आशावादी बना हुआ है, हालांकि लगातार अस्थिरता और मिले-जुले वैश्विक संकेत निवेशकों के विश्वास पर दबाव बना रहे हैं।
विश्लेषकों ने कहा कि 25,160 से ऊपर एक निर्णायक कदम 25,340 की ओर रास्ता खोल सकता है, जबकि तत्काल समर्थन 24,950 और 24,850 के स्तर पर है।
एशिया-प्रशांत बाजारों में, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ीं, जबकि निवेशकों ने चीन के अगस्त मुद्रास्फीति के आंकड़ों का भी आकलन किया। नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में चीन में कंज्यूमर प्राइस में सालाना आधार पर 0.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
सुबह के सत्र में एशियाई बाजारों में शानदार बढ़त दर्ज की गई। चीन का शंघाई सूचकांक 0.92 प्रतिशत और शेन्जेन सूचकांक 2.32 प्रतिशत की बढ़त में रहे। जापान का निक्केई 0.99 प्रतिशत बढ़ा, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक 0.41 प्रतिशत की गिरावट में रहा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.31 प्रतिशत की बढ़त में रहा।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 115.69 करोड़ रुपए के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 5,004.29 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।
राजनीति
‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से भारत की अर्थव्यवस्था को निरंतर मजबूत बनाने के लिए कार्य करें : राष्ट्रपति मुर्मू

नई दिल्ली, 8 सितंबर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को निर्यातकों से अपील करते हुए कहा कि ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को निरंतर मजबूत बनाने के लिए कार्य करें। साथ ही, वैश्विक व्यापार की चुनौतियों को हमारे देश में उपलब्ध असाधारण क्षमताओं का उपयोग करके अवसरों में बदलने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय राजधानी में इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट्स प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) के प्लेटिनम जयंती समारोह में संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा,”प्राचीन काल में भारत ने अध्यात्म और व्यापार दोनों में विश्व का नेतृत्व किया था। भारत को एक बार फिर ज्ञान और व्यापार का अग्रणी केंद्र बनाना सभी नागरिकों का संकल्प होना चाहिए। आर्थिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण हितधारक होने के नाते ईईपीसी को यह संकल्प दृढ़तापूर्वक लेना चाहिए।”
राष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी जताई कि पिछले 10 वर्षों में भारत का इंजीनियरिंग निर्यात 70 अरब डॉलर से बढ़कर 115 अरब डॉलर से भी अधिक हो गया है।
उन्होंने कहा कि निर्यात में यह वृद्धि तब और भी प्रभावशाली लगती है, जब हम यह देखते हैं कि पिछले दशक के दौरान अंतरराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में कई चुनौतियां रही हैं। उन्होंने इस उपलब्धि में योगदान के लिए ईईपीसी की सराहना की।
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि ईईपीसी अंतरराष्ट्रीय बाजार और भारतीय उत्पादकों के बीच एक सेतु का काम करता है। उन्होंने ईईपीसी से वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भारत और भारतीय उद्यमियों की भूमिका का निरंतर विस्तार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार व्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था में हो रहे बदलावों के कारण इसकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
राष्ट्रपति के अनुसार, वैश्विक व्यापार की चुनौतियों को हमारे देश में उपलब्ध असाधारण क्षमताओं का उपयोग करके अवसरों में बदलने की आवश्यकता है। पिछले सात दशकों में भारत के इंजीनियरिंग निर्यात में बड़ा परिवर्तन आया है। ईईपीसी को परिवर्तन की इस प्रक्रिया को जारी रखना चाहिए और ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को निरंतर मजबूत बनाने के लिए कार्य करते रहना चाहिए।
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