राजनीति
शिवराज सच कहने का साहस दिखाएं : कमल नाथ

कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोला है और कहा है कि चौहान इस बात को स्वीकारने का साहस दिखाएं कि चीनी सैनिकों ने भारत में घुसपैठ की और हमारे 20 सैनिकों को शहादत देनी पड़ी। कमल नाथ ने एक बयान जारी कर बुधवार को कहा, “केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर सरकार गिराने वाले व उनकी कृपा पर मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान चीनी सैनिकों की घुसपैठ व हमारे 20 वीर सपूतों की शहादत पर तो कम से कम सच बोलने का साहस दिखाएं। अपने केंद्रीय नेतृत्व की असफलता को स्वीकार करने की हिम्मत तो दिखाएं।”
उन्होंने आगे कहा, “पूरा देश जानता है कि कांग्रेस पिछले कुछ माह से लगातार हमारी सीमा पर चीनी घुसपैठ को लेकर केंद्र सरकार को आगाह कर रही थी, लेकिन केंद्र सरकार लापरवाह बनी रही और निरंतर गुमराह करने व भ्रमित करने वाले बयान आते रहे। 15-16 जून को सरहद पर लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से संघर्ष में हमारे 20 वीर सैनिकों की शहादत हुई, घुसपैठ की पुष्टि हुई, उसके बाद भी प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक में कह रहे हैं कि हमारी सरजमीं में कोई चीनी घुसपैठ नहीं हुई। जबकि रक्षा मंत्री से लेकर विदेश मंत्री का बयान कुछ और है।”
राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयानों का जिक्र करते हुए कमल नाथ ने कहा यदि राहुल गांधी जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाते हुए देश के प्रधानमंत्री से इस मामले में देश को सच्चाई बताने का आग्रह कर रहे हैं तो यह उनका कर्तव्य है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाते हुए कहा, “देश के वीर सैनिकों की शहादत पर चुप बैठना क्या देशभक्ति है? राष्ट्रहित के मुद्दों पर बात करना क्या देशद्रोह है? क्या हमारे वीर सैनिकों का बलिदान यूं ही व्यर्थ जाने दें? देश की सुरक्षा पर गंभीर खतरा हो तो क्या कांग्रेस चुप बैठे? आज कांग्रेस सहित देश का हर नागरिक भारतीय सेना के साथ खड़ा है, लेकिन केन्द्र सरकार को देश को सच्चाई तो बतानी होगी।”
चौहान द्वारा राहुल गांधी को लेकर दिए गए बयान के जवाब में कमल नाथ ने कहा, “शिवराज कह रहे हैं कि राहुल गांधी को चीन से जवाब मांगना चाहिए, मोदी से क्यों मांग रहे हैं। मगर शिवराज को यह पता होना चाहिए कि देश की जवाबदारी किसकी है? शर्म तो शिवराज को नरेंद्र मोदी के उस बयान पर आनी चाहिए, जिसमें उन्होंने कहा कि हमारी सरजमीं पर कोई घुसपैठ नहीं हुई है।”
राष्ट्रीय समाचार
गणेशोत्सव 2025: ठाणे पुलिस ने शहर भर में शांतिपूर्ण गणपति उत्सव सुनिश्चित करने के लिए 7,000-8,000 कर्मियों को तैनात किया

ठाणे: गणेशोत्सव के दौरान कानून और व्यवस्था बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि नागरिक शांतिपूर्वक और बिना किसी समस्या के त्योहार मना सकें, ठाणे पुलिस शहर और आसपास के इलाकों में 7,000 से 8,000 पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को तैनात करेगी।
इस बल में राज्य रिजर्व बल, दंगा नियंत्रण दल, त्वरित कार्रवाई दल और होमगार्ड की इकाइयाँ शामिल होंगी। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस संवेदनशील इलाकों पर विशेष ध्यान देगी। लोकसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार, ठाणे शहर पुलिस का कार्यक्षेत्र ठाणे से लेकर बदलापुर और भिवंडी तक के शहरों को कवर करता है।
गणेशोत्सव नागरिकों द्वारा बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। इस वर्ष, जिले भर में 1,060 सार्वजनिक गणेश मंडलों और निजी घरों में हज़ारों मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं। जनता की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए, प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया जाएगा।
त्योहार की तैयारी के लिए, ठाणे पुलिस ने भिवंडी और मुंब्रा जैसे शहरों में शांति समिति की बैठकें आयोजित कीं और नागरिकों से सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने का आग्रह किया। अधिकारी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों पर कड़ी नज़र रख रहे हैं और संवेदनशील क्षेत्रों में सतर्कता बरत रहे हैं। खबरों के अनुसार, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर धार्मिक तनाव भड़काने वाली अफवाहों या सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है।
सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए जाएँगे। मौजूदा राज्य रिजर्व बल के अलावा, 800 होमगार्ड, अन्य क्षेत्रों से 10 पुलिस निरीक्षक, 20 सहायक पुलिस निरीक्षक, 55 उप-निरीक्षक और 50 रेलवे पुलिस बल के जवान भी तैनात किए जाएँगे। इसके अलावा, दंगा नियंत्रण दल और रैपिड एक्शन फोर्स द्वारा विभिन्न स्थानों पर मॉक ड्रिल भी की गई है ताकि तैयारी सुनिश्चित की जा सके।
राष्ट्रीय समाचार
विरार इमारत हादसा: मृतकों की संख्या 14 हुई, एनडीआरएफ और आपातकालीन टीमें बचाव अभियान जारी रखे हुए हैं

पालघर: पालघर ज़िले के विरार इलाके में एक इमारत का एक हिस्सा गिरने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। अधिकारियों ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) द्वारा चलाए गए बचाव अभियान में दो लोगों को बचा लिया गया और एक व्यक्ति घायल हो गया।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने अपनी 5वीं बटालियन से दो टीमों को घटनास्थल पर तैनात किया है।
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि पालघर जिले के विरार पूर्व में चार मंजिला इमारत रमाबाई अपार्टमेंट का एक हिस्सा मंगलवार देर रात ढह गया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
एनडीआरएफ ने एक बयान में कहा, “वसई के नारंगी रोड पर चामुंडा नगर और विजय नगर के बीच स्थित चार मंजिला रमाबाई अपार्टमेंट की इमारत का पिछला हिस्सा कल ढह जाने से 14 लोगों की मौत हो गई। बचाव अभियान जारी है।”
आगे के विवरण की प्रतीक्षा है।
शुरुआती मानवीय और कुत्तों की मदद से की गई खोज में, चार लोगों को बाहर निकाला गया; एक को मौके पर ही मृत घोषित कर दिया गया, और तीन को ज़िंदा बचा लिया गया। दुर्भाग्य से, एक साल के बच्चे ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया।
एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर प्रमोद सिंह के अनुसार, “एनडीआरएफ की दो टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंचीं – एक मुंबई से और एक पालघर से। जैसे ही रात 12 बजे सूचना मिली, निकटतम टीम ने तुरंत प्रतिक्रिया दी।”
एनडीआरएफ टीमों के साथ-साथ अग्निशमन विभाग और स्थानीय पुलिस सहित आपातकालीन सेवाएँ भी सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। अधिकारियों ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेड्स लगा दिए हैं और आस-पास की इमारतों की संरचनात्मक अखंडता का आकलन कर रहे हैं। एहतियात के तौर पर आस-पास की इमारतों में रहने वाले कई निवासियों को अस्थायी रूप से बाहर निकाल दिया गया है।
यह घटना रात करीब 12 बजे घटी, जब इमारत का पिछला हिस्सा बगल की एक चॉल पर गिर गया, जिससे कई निवासी मलबे के नीचे फंस गए।
बचाए गए लोगों का विरार और नालासोपारा के अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है।
अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए खोज जारी रखे हुए हैं कि कोई फंसा न हो तथा वे ढहने के कारणों की आगे जांच कर रहे हैं।
महाराष्ट्र
मुंबई के आजाद मैदान में आंदोलन कर पाएंगे मनोज जरांगे, पुलिस ने शर्तों के साथ दी मंजूरी

मुंबई, 27 अगस्त : मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल को मुंबई पुलिस ने कुछ शर्तों के साथ आजाद मैदान में आंदोलन की अनुमति दे दी है। यह आंदोलन 29 अगस्त को सुबह 9 बजे शुरू होगा और शाम 6 बजे समाप्त होगा।
इससे पहले, बॉम्बे हाई कोर्ट ने मनोज जरांगे को मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन करने से रोक दिया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को उन्हें (मनोज जरांगे) खारघर या नवी मुंबई में कहीं और प्रदर्शन की अनुमति देने का निर्देश दिया था।
बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद मुंबई पुलिस ने मनोज जरांगे पाटिल को कुछ शर्तों के साथ आजाद मैदान में आंदोलन की अनुमति दे दी है।
मुंबई पुलिस ने बताया कि इस आंदोलन के लिए केवल एक दिन की अनुमति दी गई है, जो 29 अगस्त को होगा। इसमें अधिकतम 5,000 लोग ही शामिल हो सकते हैं।
पुलिस ने यह भी निर्देश दिया है कि आंदोलन के लिए केवल 7,000 वर्ग मीटर का क्षेत्र उपलब्ध होगा, जो 5,000 लोगों को समायोजित करने की क्षमता रखता है। यह आंदोलन सुबह 9 बजे शुरू होगा और इसका समापन शाम 6 बजे करना होगा।
पुलिस ने मनोज जरांगे के आंदोलन के लिए निर्देश भी जारी किए हैं।
मुंबई पुलिस के अनुसार, आंदोलन के लिए केवल एक दिन की अनुमति दी जाएगी। शनिवार, रविवार या सार्वजनिक/शासकीय अवकाश के दिन कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। कुछ निश्चित वाहनों को अनुमति होगी। वाहनों के पार्किंग के लिए यातायात पुलिस से समन्वय करना होगा। आपके वाहन ईस्टर्न फ्री वे से वाडीबंदर जंक्शन तक आएंगे। वहां से केवल 5 वाहन आजाद मैदान तक जा सकेंगे, बाकी वाहनों को शिवडी, ए शेड, या कॉटनग्रीन में पुलिस द्वारा निर्दिष्ट स्थान पर पार्क करना होगा।
इसके अलावा, आंदोलन में अधिकतम 5,000 प्रदर्शनकारी हो सकते हैं। आजाद मैदान का 7,000 वर्ग मीटर क्षेत्र आंदोलन के लिए आरक्षित है, जो केवल 5,000 लोगों को समायोजित कर सकता है। अन्य आंदोलनकारियों ने भी 29 अगस्त के लिए अनुमति मांगी है, इसलिए मैदान की जगह शेयर करनी होगी।
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