अंतरराष्ट्रीय
शेख हसीना बांग्लादेश से भागीं, जल्द ही दिल्ली पहुंच सकती हैं; सेना अंतरिम सरकार बनाएगी।

कई लोगों की जान लेने वाले उग्र विरोध प्रदर्शनों के बीच, बांग्लादेश की मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना कथित तौर पर अपने देश से भाग गई हैं और कथित तौर पर भारत के लिए रवाना हो गई हैं। ऐसी खबरें हैं कि उनका विमान जल्द ही दिल्ली में उतरेगा और भारतीय एजेंसियां उड़ान पर नज़र रख रही हैं।
देश में आरक्षण प्रणाली के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शनों के कारण लंबे समय से सत्ता में रही नेता पर दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि ढाका और बंगाली भाषी देश के अन्य शहरों की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन भड़क उठे हैं। रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेशी प्रादेशिक सेना ने दावा किया है कि वह संघर्ष-ग्रस्त देश में एक अंतरिम सरकार बनाएगी।
इंटरनेट पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि सेना का एक हेलीकॉप्टर किसी अज्ञात स्थान पर उतरा है या उड़ान भरने के लिए तैयार है। दावा किया जा रहा है कि शेख हसीना भारत में उतरी हैं। कई दावे हैं कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल में हैं और यह भी दावा है कि वह त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में उतरी हैं। हालांकि, सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा या कोई जानकारी नहीं है कि शेख हसीना भारत में उतरी हैं।
वीडियो को कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, “रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारतीय राज्य त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में उतरी हैं। अगरतला, ढाका से सबसे नजदीकी भारतीय शहर है। नीचे शेख हसीना और उनकी बहन के बांग्लादेश वायुसेना के हेलिकॉप्टर में भागने के दृश्य हैं।”
दावा किया जा रहा है कि वह बांग्लादेश से C-139 विमान में सवार होकर निकल चुकी हैं और यह भी दावा किया जा रहा है कि विमान दिल्ली की ओर जा रहा है। “भारतीय सुरक्षा एजेंसियां बांग्लादेश से लगी भारतीय सीमा से 10 किलोमीटर दूर से ही AJAX1431 कॉल साइन वाले C-130 विमान पर नज़र रख रही हैं और यह विमान दिल्ली की ओर बढ़ रहा है। माना जा रहा है कि शेख हसीना और उनके दल के कुछ सदस्य इस विमान में सवार हैं: सूत्र”
“सी-130 विमान के यहां रनवे पर लगभग 1700-1715 बजे पहुंचने की उम्मीद है। बांग्लादेश वायुसेना का विमान पटना पार कर यूपी-बिहार सीमा के पास पहुंच गया है। शीर्ष सुरक्षा अधिकारी स्थिति पर बहुत बारीकी से नजर रख रहे हैं। सभी रडार सक्रिय हैं और इस पर कड़ी नजर रखी जा रही है: सूत्र।”
सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो भी वायरल हो रहे हैं जिनमें देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में पीएम आवास पर धावा बोल दिया है। वीडियो में प्रदर्शनकारी पीएम आवास में बिस्तर और सोफे पर आराम करते हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने मौके से महंगी चीजें भी उठा ली हैं और पीएम आवास से बकरी, मछली, बत्तख और खरगोश भी चुरा लिए हैं।
अंतरराष्ट्रीय
भारत और ग्रीस के बीच रक्षा बातचीत हुई तेज, भारत ने S-400 एयर डिफेंस सिस्टम का दिया ऑफर… तुर्की और पाकिस्तान में हड़कंप

अंकारा : तुर्की की मीडिया ने दावा किया है कि भारत ने ग्रीस को Long Range Land Attack Cruise Missile (LR-LACM) की “अनौपचारिक पेशकश” की है। यानि भारत और ग्रीस के बीच LR-LACM क्रूज मिसाइल को लेकर पर्दे के पीछे से बात चल रही है जो तुर्की के लिए खतरे का संकेत है। तुर्की के TRHaber की रिपोर्ट में ग्रीस के साथ भारत की LR-LACM मिसाइल को लेकर हो रही बातचीत को तुर्की की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि “भारत का यह प्रस्ताव ग्रीस के साथ उसके बढ़ते रणनीतिक संबंधों और हालिया ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की के पाकिस्तान को समर्थन देने के जवाब में हो सकता है।” हालांकि, नई दिल्ली या एथेंस की तरफ से अभी तक ऐसे किसी पेशकश को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की को सबसे ज्यादा डर इस मिसाइल की क्षमता और रेंज को लेकर है। इस मिसाइल को DRDO ने विकसित किया है और ब्रह्मोस मिसाइल की कामयाबी ने भारत की मिसाइल क्षमता का पूरी दुनिया में डंका पीट दिया है। भारत की ये LR-LACM मिसाइल 1,000 से 1,500 किलोमीटर तक की दूरी तक सटीक निशाना साध सकती है और पारंपरिक के साथ-साथ परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। सबसे खास बात ये है कि इसे भी ब्रह्मोस मिसाइल की ही तरह दुश्मनों के रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देने के लिए डिजाइन किया गया है।
LR-LACM मिसाइल की खतरनाक खासियत इसकी terrain-hugging flight path यानि धरती से काफी कम ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता है, जिससे यह दुश्मन के रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को काफी आसानी से चकमा दे देती है। इसकी यही शानदार ताकत तुर्की के लिए इसे परेशानी भरा बनाती है। तुर्की एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल करता है और इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत ऐसे एयर डिफेंस सिस्टम को ही चकमा देना है। हालांकि तुर्की ने अभी तक एस-400 को एक्टिव नहीं किया है और वो घरेलू एयर डिफेंस सिस्टम बना रहा है, लेकिन अभी तक उसे ज्यादा कामयाबी नहीं मिल पाई है। एस-400 इसलिए उसने एक्टिव नहीं किया है, क्योंकि वो एफ-35 फाइटर जेट के लिए अमेरिका से डील कर रहा है।
तुर्की मीडिया के मुताबिक, अगर ग्रीस इस मिसाइल को भारत से हासिल कर लेता है तो यह एथेंस को तुर्की के संवेदनशील ठिकानों पर अचूक हमला करने की क्षमता दे सकता है। यह मिसाइल मोबाइल लॉन्चर और भारतीय नौसेना के 30 से ज्यादा जहाजों पर लगे वर्टिकल लॉन्च सिस्टम से दागी जा सकती है। TRHaber ने यह भी कहा है कि यह मिसाइल तुर्की के S-400 जैसे हवाई रक्षा सिस्टम को भी चकमा दे सकती है। इससे अंकारा (तुर्की की राजधानी) की चिंता बढ़ गई है, खासकर अगर ग्रीस इसे तैनात करता है तो।
इसके अलावा TRHaber की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत और ग्रीस के बीच हाल ही में रक्षा बातचीत तेज हुई है। इस सिलसिले में पिछले महीने भारतीय वायुसेना के प्रमुख एपी सिंह ने एथेंस का दौरा किया था और ग्रीक वायुसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल दिमोस्थेनीस ग्रिगोरियादिस से मुलाकात की थी। यह मुलाकात ऐसे समय हुई जब भारत ने एथेंस में आयोजित DEFEA-25 रक्षा प्रदर्शनी में LR-LACM को भी प्रदर्शित किया था। भले ही इस मुलाकात में मिसाइल को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया, लेकिन तुर्की मीडिया ने इसे रक्षा सौदे की दिशा में एक संकेत के तौर पर देखा है। तुर्की का यह भी दावा है कि भारत-ग्रीस के बीच का यह संभावित सौदा भारत के ऑपरेशन सिंदूर में तुर्की की पाकिस्तान को दी गई मदद का जवाब हो सकता है।
TRHaber ने मिसाइल की पेशकश को भारत की क्षेत्रीय रणनीति का हिस्सा बताया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2023 में ग्रीस और 2025 में साइप्रस की यात्राओं का भी जिक्र किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये दौरे भारत, ग्रीस और साइप्रस के बीच तुर्की के प्रभाव को कम करने के लिए त्रिपक्षीय सहयोग के संकेत हैं। उनका यह भी कहना है कि इससे साइप्रस के बंदरगाहों के पास भारतीय नौसेना की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। तुर्की मीडिया के मुताबि, भारत का ग्रीस और साइप्रस के साथ बढ़ता सहयोग पूर्वी भूमध्य सागर में तुर्की के प्रभाव को संतुलित करने की दिशा में एक सोची-समझी पहल है। रिपोर्ट यह भी कहती है कि भविष्य में भारतीय नौसेना की मौजूदगी साइप्रस के बंदरगाहों पर बढ़ सकती है, जिससे तुर्की की समुद्री सुरक्षा को नई चुनौती मिलेगी।
अंतरराष्ट्रीय
मानवता की हत्या: एनसीपी ने ब्रिक्स में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा का समर्थन किया

नई दिल्ली, 7 जुलाई। ब्रिक्स नेताओं द्वारा पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की निंदा करने के बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, एनसीपी-एससीपी विधायक रोहित राजेंद्र पवार ने प्रस्ताव का समर्थन किया और इसे “मानवता की हत्या” कहा, साथ ही आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध करने की सार्वभौमिक जिम्मेदारी पर जोर दिया।
“यह वास्तव में मानवता की हत्या है। जब भी किसी देश का नागरिक आतंकवाद या ऐसे किसी कृत्य का शिकार होता है, तो यह मानवता पर हमला होता है। आतंकवाद का किसी भी रूप में समर्थन नहीं किया जा सकता। जो कहा गया वह सच है, भारत में हाल ही में हुआ हमला निश्चित रूप से मानवता पर हमला था,” रोहित पवार ने कहा।
पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) द्वारा अंजाम दिया गया यह हमला राजनीतिक नेताओं सहित रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी तीखी निंदा कर रहा है, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक रुख की पुष्टि की गई।
दूसरी ओर, कांग्रेस नेता मनोज कुमार ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के जवाबी हमलों के दौरान स्थिति से निपटने पर निराशा व्यक्त की और पाकिस्तान के साथ समझौते तक पहुँचने में कथित बाहरी हस्तक्षेप पर चिंता व्यक्त की।
“पूरी दुनिया ने इसकी निंदा की। लेकिन मैं पूछना चाहता हूँ: जब हमारी सेना इन आतंकवादियों को खत्म करने के लिए मजबूती से आगे बढ़ रही थी, तो उसे क्यों रोका गया?” उन्होंने पूछा।
“रोकने का आदेश किसने दिया? ट्रम्प ने ट्वीट करके अभियान को रोकने के लिए दबाव क्यों डाला? और आतंकवाद के केंद्र पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करते देखना इससे अधिक शर्मनाक क्या हो सकता है? एक संप्रभु राष्ट्र को इस तरह से काम नहीं करना चाहिए। ऐसा लगता है कि अब देश को हमारे प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि ट्रम्प चला रहे हैं। पहलगाम हमला भयानक था और दुनिया इसके लिए जिम्मेदार लोगों को माफ नहीं करेगी।”
ब्रिक्स नेताओं द्वारा अपनाए गए रियो डी जेनेरियो घोषणापत्र में पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई, जिसमें सीमा पार आतंकवाद, इसके वित्तपोषण और सुरक्षित ठिकानों से निपटने की उनकी प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई।
घोषणापत्र के पैराग्राफ 34 में कहा गया है, “हम 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं… हम आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही, आतंकवाद के वित्तपोषण और सुरक्षित ठिकानों सहित सभी रूपों में आतंकवाद का मुकाबला करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।” ब्रिक्स नेताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि आतंकवाद को किसी धर्म, जातीयता या राष्ट्रीयता से नहीं जोड़ा जाना चाहिए और सभी अपराधियों और उनके समर्थकों को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
व्यापार
जीएसटी डे : बीते 5 वर्षों में वस्तु एंव सेवा कर संग्रह बढ़कर दोगुना हुआ, सक्रिय करदाता 1.51 करोड़ के पार

नई दिल्ली, 30 जून। 1 जुलाई 2025 को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के आठ वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। जीएसटी को एक सशक्त और अधिक एकीकृत अर्थव्यवस्था की नींव रखने में महत्वपूर्ण मानते हुए वर्ष 2017 में शुरू किया गया था।
जीएसटी के साथ कर अनुपालन सरल होने के साथ कारोबारियों की लागत में कमी आई और माल को बिना किसी परेशानी के देश के एक राज्य से दूसरे में ले जाने की अनुमति मिली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी का परिचय ‘नए भारत के एक मार्गदर्शक कानून’ के रूप में दिया था। बीते आठ वर्षों में जीएसटी को जबरदस्त सफलता मिली और जीएसटी कलेक्शन को लेकर लगातार वृद्धि दर्ज की गई।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जीएसटी कलेक्शन को लेकर बीते 5 वर्षों में लगभग दोगुना वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 11.37 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-2025 में 22.08 लाख करोड़ रुपए हो गया। जीएसटी कलेक्शन में यह तेजी अनुपालन और आर्थिक गतिविधि में निरंतर वृद्धि को दर्शाती है।
आधिकारिक डेटा के अनुसार, जीएसटी कलेक्शन के साथ-साथ सक्रिय जीएसटी करदाताओं की संख्या में भी जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया है, जो कि 30 अप्रैल 2025 तक बढ़कर 1,51,80,087 हो गए हैं।
जीएसटी के वर्तमान स्ट्रक्चर में दरों के चार मुख्य स्लैब 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत हैं। ये दरें देशभर में अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होती हैं। हालांकि, मुख्य स्लैब के अलावा, तीन विशेष दरें भी तय की गई हैं। जीएसटी की दर सोना, चांदी, हीरा और आभूषण पर 3 प्रतिशत, कटे एवं पॉलिश किए गए हीरे पर 1.5 प्रतिशत और कच्चे हीरे पर 0.25 प्रतिशत लगती है।
जीएसटी को एक राष्ट्र, एक कर के उद्देश्य से पेश किया गया था। जीएसटी आने के साथ ही विभिन्न अप्रत्यक्ष करों की एक विस्तृत श्रृंखला को एक कर दिया गया। जीएसटी ने उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट जैसे करों की जगह ले ली। इससे देश में कर प्रणाली में एकरूपता आई।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
महाराष्ट्र7 days ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
न्याय10 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार5 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा