पर्यावरण
कश्मीर में भीषण ठंड, श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.1 डिग्री सेल्सियस नीचे गिरा
श्रीनगर, 13 जनवरी। जम्मू एवं कश्मीर में सोमवार को न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया। बढ़ती ठंड के चलते वहां सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है।
श्रीनगर शहर में न्यूनतम तापमान माइनस 5.1 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि गुलमर्ग और पहलगाम में यह माइनस 6.5 और माइनस 8.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
जम्मू शहर में न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस, कटरा शहर में 6, बटोटे में 2.6, बनिहाल में माइनस 0.6 और भद्रवाह में माइनस 0.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम विभाग ने एक बयान में कहा, “13 जनवरी को जम्मू-कश्मीर में मौसम मुख्य रूप से साफ और शुष्क रहेगा। 14 जनवरी को बादल छाए रहेंगे और मौसम शुष्क रहेगा। 15 और 16 जनवरी को आमतौर पर बादल छाए रहेंगे और 16 जनवरी की सुबह के समय ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी होगी। 17 से 19 जनवरी को आमतौर पर बादल छाए रहेंगे और 19 तारीख तक बारिश की संभावना नहीं दिख रही है।”
इसके साथ ही पर्यटकों और यात्रियों को यातायात विभाग द्वारा जारी एडवायजरी का पालन करने की सलाह दी गई है।
जम्मू संभाग में लोगों ने ‘लोहड़ी’ त्योहार मनाया, जो सर्दी के मौसम के खत्म होने का प्रतीक है। आम तौर पर माना जाता है कि लोहड़ी के बाद मौसम में थोड़ा सुधार देखने को मिलता है, लेकिन घाटी में 40 दिनों की भीषण ठंड 30 जनवरी तक जारी रहती है।
स्थानीय रूप से ‘चिल्लई कलां’ कहलाने वाली भीषण सर्दी की 40 दिनों की अवधि 21 दिसंबर से शुरू हुई और 30 जनवरी को समाप्त होगी।
डॉक्टरों ने लोगों, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को सलाह दी है कि वे लंबे समय तक बाहर न रहें, इससे हाइपोथर्मिया हो सकता है। जिससे शरीर में रक्त जम जाता है और दिल के दौरे का खतरा बना रहता है।
बता दें कि घाटी में बिजली की कमी के कारण लोग खुद को गर्म रखने के लिए पारंपरिक तरीकों पर अधिक निर्भर हैं। विलो विकर की टोकरी में बुने हुए मिट्टी के चूल्हे को ‘कांगड़ी’ कहा जाता है, जिसमें अंगारे भरे जाते हैं और ढीले से गर्म कपड़े ‘फिरन’ के नीचे रखा जाता है। जब सभी आधुनिक हीटिंग उपकरण उनकी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरते, तब भी फिरन और कांगड़ी कश्मीरियों का साथ देते हैं।
पर्यावरण
दिल्ली-एनसीआर में घना कोहरा, हल्की बारिश और तापमान में गिरावट की आशंका
नई दिल्ली, 11 जनवरी। दिल्ली-एनसीआर में शनिवार सुबह कोहरे की चादर छाई रही। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बादल छाए रहने और हल्की बारिश की आशंका जताई है।
इसके साथ ही ठंड की स्थिति बनी रहने की उम्मीद है, जिससे घने कोहरे और शीत लहर से तत्काल राहत नहीं मिलेगी।
आईएमडी ने 11 और 12 जनवरी को सुबह के समय हल्की बारिश या बूंदाबांदी के साथ आसमान में बादल छाए रहने का अनुमान लगाया है। पिछले 24 घंटों के दौरान तापमान में भारी गिरावट देखी गई, जिसमें तापमान 1 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। अधिकतम तापमान 18-22 डिग्री सेल्सियस के बीच और न्यूनतम तापमान 6-8 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया।
हालांकि, दिन चढ़ने के साथ-साथ कोहरा छंटने की उम्मीद है, लेकिन हल्की बारिश इसके प्रभाव को बढ़ा सकती है। आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने का अनुमान है और यह लगभग 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।
सफदरजंग में विजिबिलिटी की स्थिति शुरू में 1:30 बजे 50 मीटर तक गिर गई, लेकिन बाद में 200 मीटर तक सुधर गई। पालम में विजिबिलिटी सुबह 2 बजे तक शून्य हो गई, साथ ही 6-8 किमी/घंटा की रफ्तार से पूर्वी हवाएं चल रही थीं।
धीरे-धीरे स्थिति में सुधार हुआ और सुबह 7 बजे तक यह 500 मीटर तक पहुंच गया, क्योंकि हवाएं 15-18 किमी/घंटा की गति से पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर मुड़ गईं।
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे ने सुबह 6 बजे एक एडवाइजरी जारी कर कहा कि कम विजिबिलिटी के कारण कैट-3 अनुपालन से लैस नहीं होने वाली उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, कम विजिबिलिटी प्रक्रियाओं के साथ उड़ान संचालन सामान्य बताया गया।
इस बीच, वायु गुणवत्ता में गिरावट के बीच गुरुवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत तीसरे स्टेज के प्रतिबंधों को फिर से लागू किया गया। यह निर्णय मौसम की स्थिति में सुधार के कारण पहले हटाए गए प्रतिबंधों के बाद आया है।
दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को लगातार ठंड और कोहरे की स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि तापमान में गिरावट जारी है और विजिबिलिटी कम बनी हुई है।
अंतरराष्ट्रीय
2024 रहा अब तक का सबसे गर्म वर्ष
ब्रुसेल्स, 10 जनवरी। यूरोपीय संघ द्वारा वित्तपोषित कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा (सी3एस) ने शुक्रवार को कहा कि वर्ष 2024, 1850 के बाद से वैश्विक स्तर पर सबसे गर्म वर्ष रहा। 1850 में वैश्विक तापमान की माप शुरूआत हुई थी।
मीडिया ने यूरोपीय जलवायु निकाय की प्रेस विज्ञप्ति के हवाले से बताया कि 2024 पहला कैलेंडर वर्ष है, जिसमें औसत वैश्विक तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा, जो कि पेरिस समझौते द्वारा निर्धारित एक महत्वपूर्ण सीमा है।
2024 में वैश्विक औसत तापमान 15.1 डिग्री सेल्सियस था। यह 2023 से 0.12 डिग्री सेल्सियस अधिक था जो अब तक सबसे गर्म वर्ष था। कोपरनिकस ने कहा कि यह पूर्व-औद्योगिक स्तर के अनुमान से 1.6 डिग्री सेल्सियस अधिक है।
कोपरनिकस ने कहा कि यह पूर्व-औद्योगिक स्तर के अनुमान से 1.6 डिग्री सेल्सियस अधिक है।
बयान में कहा गया कि 2023 और 2024 के लिए दो साल का औसत भी पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक हो गया है।
पेरिस समझौते का उद्देश्य वैश्विक तापमान वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक स्तर से दो डिग्री सेल्सियस से भी कम पर सीमित रखना है। इस सदी के अंत तक इसे 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का लक्ष्य है।
बयान में कहा गया है, “हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि हमने पेरिस समझौते द्वारा निर्धारित सीमा का उल्लंघन किया है – यह कम से कम 20 वर्षों के औसत तापमान विसंगतियों को संदर्भित करता है – लेकिन यह रेखांकित करता है कि वैश्विक तापमान आधुनिक मानव द्वारा अनुभव किए गए तापमान से कहीं अधिक बढ़ रहा है।”
पर्यावरण
राजस्थान : कुछ जिलों में बारिश के साथ ओलावृष्टि की आशंका, अलर्ट जारी
जयपुर, 9 जनवरी। पिछले कुछ दिनों से पड़ रही भीषण ठंड से राजस्थान वासियों को थोड़ी राहत मिली है। यहां कई क्षेत्रों के न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हुई है। अगले कुछ दिनों में कई जगह आने वाले दिनों में बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना है। छह जिलों में इसे लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है।
बुधवार को फतेहपुर में 1.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था, जो गुरुवार को बढ़कर 3.3 डिग्री सेल्सियस हो गया, जिससे लोगों को ठंड से थोड़ी राहत मिली।
मौसम विभाग के अनुसार, बाड़मेर में राज्य का सबसे अधिकतम तापमान 27.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि फतेहपुर में सबसे कम तापमान 3.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
वहीं अब मौसम विभाग ने शुक्रवार और शनिवार को बीकानेर, जयपुर, भरतपुर और अजमेर में हल्की बारिश की संभावना जताई है। इसके साथ ही 11 जनवरी को सीकर, चूरू, झुंझुनू और अलवर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और ओलावृष्टि की आशंका है।
वहीं मौसम में थोड़े बदलाव के बावजूद जयपुर, धौलपुर, बाड़मेर और जैसलमेर सहित कई इलाकों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा।
जयपुर, अजमेर और बीकानेर जैसे शहरों में आसमान साफ रहा और धूप खिली रही, जिससे ठंड से कुछ समय के लिए राहत मिली। हालांकि, 12 जनवरी से घना कोहरा छाने की उम्मीद है, जिससे मौसम की स्थिति और जटिल हो जाएगी।
राजस्थान में सुबह और शाम मौसम बेहद ठंडा रहता है। सीकर के फतेहपुर में सबसे कम 1.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जबकि सिरोही के माउंट आबू में 1.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ।
इसके साथ ही छह जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। पिछले 24 घंटों की बात करें तो जैसलमेर, बाड़मेर, जयपुर और अजमेर सहित कई शहरों में दिन के अधिकतम तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस से 4 डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि हुई।
बाड़मेर में दिन का सबसे अधिक तापमान 27.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, इसके बाद जैसलमेर में 27 डिग्री सेल्सियस, बीकानेर में 25.6 डिग्री सेल्सियस, चित्तौड़गढ़ में 25.2 डिग्री सेल्सियस, जालौर में 25.7 डिग्री सेल्सियस, अजमेर में 23.4 डिग्री सेल्सियस, पिलानी में 23.9 डिग्री सेल्सियस, उदयपुर में 23.4 डिग्री सेल्सियस, जोधपुर में 24.5 डिग्री सेल्सियस, गंगानगर में 23.9 डिग्री सेल्सियस और चूरू में 23.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के अनुसार 10 से 12 जनवरी तक बीकानेर, जयपुर और भरतपुर संभाग में बारिश और आंधी-तूफान आएगा, जिससे ठंड बढ़ जाएगी।
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