व्यापार
हरे निशान में खुले सेंसेक्स-निफ्टी, बाजार को फेड से पॉजिटिव खबर मिलने की उम्मीद
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मुंबई, 29 अक्टूबर: भारतीय शेयर बाजार बुधवार को हरे निशान में बढ़त के साथ खुला। सुबह के कारोबार में निफ्टी मेटल, आईटी, पीएसयू बैंक, फार्मा और एफएमसीजी सेक्टर्स में खरीदारी देखी जा रही थी।
सुबह करीब 9 बजकर 27 मिनट पर सेंसेक्स 202 अंक या 0.24 प्रतिशत की तेजी के साथ 84,830.28 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी 70.75 अंक या 0.27 प्रतिशत की बढ़त के साथ 26,006.95 स्तर पर बना हुआ था।
सुबह के कारोबार के निफ्टी बैंक 28.40 अंक या 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,185.70 पर था। वहीं, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 40.85 अंक या 0.07 प्रतिशत की गिरावट के बाद 59,724.50 पर कारोबार कर रहा था। दूसरी ओर, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 63.20 अंक या 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,344.40 स्तर पर था।
निफ्टी को लेकर विशेषज्ञों ने कहा, “पॉजिटिव शुरुआत के बाद,निफ्टी को 25,800, 25,850 और इसके बाद 25,900 स्तर पर पर सपोर्ट मिल सकता है। ऊपर की तरफ, 26,000 पर रेजिस्टेंस हो सकता है, उसके बाद 26,050 और 26,100 पर रेजिस्टेंस हो सकता है।”
बाजार जानकारों का कहना है कि बाजार को फेड से एक और पॉजिटिव खबर मिलने की उम्मीद की जा रही है। फेड ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती कर सकता है। हालांकि, रेट के फैसले से ज्यादा जरूरी फेड की कमेंट्री होगी।
इस बीच सेंसेक्स पैक में ट्रेंट, एशियन पेंट्स, एचसीएल टेक, अदाणी पोर्ट्स, सनफार्मा और टाटा स्टील टॉप गेनर्स थे। वहीं, एमएंडएम, टीएमपीवी, बजाज फाइनेंस, बीईएल और बजाज फिनसर्व टॉप लूजर्स की लिस्ट में शामिल थे।
एशियाई बाजारों की बात करें तो अधिकांश बाजार हरे निशान में काम कर रहे थे। केवल जकार्ता लाल निशान में कारोबार कर रहा था।
दूसरी ओर, अमेरिकी बाजार आखिरी कारोबारी दिन हरे निशान में बंद हुए। डाउ जोंस 0.34 प्रतिशत या 161.78 अंक की तेजी के साथ 47,706.37 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.23 प्रतिशत या 15.73 अंक की तेजी के साथ 6,890.89 स्तर पर और नैस्डेक 0.80 प्रतिशत या 190.04 अंक की तेजी के बाद 23,827.49 स्तर पर बंद हुआ।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 28 अक्टूबर को शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 10,339.80 करोड़ रुपए के भारतीय शेयर खरीदे। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) भी इसी कारोबारी दिन शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 1,081.55 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।
व्यापार
पीएम मोदी के नेतृत्व में ऊर्जा को लेकर आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा भारत : हरदीप पुरी

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर: केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को तेल क्षेत्र (विनियमन एवं विकास संशोधन) अधिनियम 2025 को लेकर कहा कि यह अधिनियम आज के ऊर्जा युग के लिए 1948 के कानून का आधुनिकीकरण करता है।
केंद्रीय मंत्री पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। अधिनियम एक समान पेट्रोलियम लीज सिस्टम को पेश करता है। इसके अलावा, यह सीबीएम, शेल गैस, टाइट ऑयल, गैस हाइड्रेट्स का दायरा बढ़ाता है। साथ ही, तेजी से अप्रूवल मिलने, इंफ्रा-शेयरिंग को लेकर निवेशकों का विश्वास बढ़ता है। इस अधिनियम के तहत तेल क्षेत्र में सोलर और हाइब्रिड सिस्टम को अनुमति दी जा रही है।”
तेल क्षेत्र अधिनियम 2025 को लेकर शेयर किए गए वीडियो में दी गई जानकारी के अनुसार, मार्च 2025 में सरकार द्वारा तेल क्षेत्र (विनियमन एवं विकास संशोधन) अधिनियम 2025 के रूप में एक ऐतिहासिक सुधार पेश किया गया। यह अधिनियम भारत के तेल और गैस सेक्टर को नई दिशा, नया अनुशासन और एक हरित भविष्य देता है।
नए अधिनियम के साथ नियम आसान होने जा रहे हैं। यह पुराने माइनिंग लीज को एक आधुनिक पेट्रोलियम लीज से बदलता है ताकि कंपनियां एक जैसे नियमों के तहत तेल और गैस की खोज और उत्पादन कर सकें।
इसके अलावा, अधिनियम मिनरल ऑयल की परिभाषा का विस्तार करता है, जिसमें कोल बेड मीथेन, शेल गैस, टाइट ऑयल और गैस हाइड्रेट्स शामिल हैं, जिससे स्वच्छ ऊर्जा के नए घरेलू स्रोत खुलते हैं।
यह अधिनियम लीज नियमों को आधुनिक बनाकर, मंजूरी को आसान बनाता है और इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरिंग को बढ़ावा देकर ओएएलपी राउंड 10 के तहत भारत के एक्सप्लोरेशन अभियान को भी पूरा करता है।
अधिनियम तेल का उत्पादन करने वाली जमीन को क्लीन पावर भी पैदा करने की अनुमति देता है। अधिनियम के साथ छोटे प्लेयर्स को भी कम लागत के साथ विकास के अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, भारत को आयात कम करने और कीमती संसाधनों को बचाने में मदद मिलेगी।
पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत अपने तेल क्षेत्रों का आधुनिकीकरण कर रहा है और धीरे-धीरे ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार हल्की गिरावट के साथ बंद, बैंकिंग और मेटल शेयरों में हुई खरीदारी

share market
मुंबई, 28 अक्टूबर: भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 150.68 अंक या 0.18 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 84,628.16 और निफ्टी 29.85 अंक या 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,936.20 पर था।
व्यापक बाजार में हल्की गिरावट रही, लेकिन बैंकिंग और मेटल शेयरों में मजबूती खरीदारी देखने को मिली। निफ्टी पीएसयू बैंक 1.21 प्रतिशत और निफ्टी बैंक 0.17 प्रतिशत की मजबूती के साथ बंद हुए। इसके साथ निफ्टी मेटल 1.23 प्रतिशत, निफ्टी इन्फ्रा 0.15 प्रतिशत और निफ्टी कमोडिटीज 0.14 प्रतिशत की तेजी के साथ हरे निशान में बंद हुआ।
हालांकि, निफ्टी ऑटो 0.42 प्रतिशत, निफ्टी आईटी 0.74 प्रतिशत, निफ्टी फार्मा 0.27 प्रतिशत, निफ्टी एफएमसीजी 0.57 प्रतिशत, निफ्टी रियल्टी 1.05 प्रतिशत और निफ्टी एनर्जी 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुआ।
निफ्टी मिडकैप और निफ्टी स्मॉलकैप में भी मिलाजुला कारोबार हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 14 अंक की मामूली गिरावट के साथ 59,765.35 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 4 अंक की मामूली तेजी के साथ 18,407.60 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में टाटा स्टील, एलएंडटी, एसबीआई, कोटक महिंद्रा बैंक, भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल, इटरनल (जोमैटो) और एचडीएफसी बैंक टॉप गेनर्स थे। ट्रेंट, आईसीआईसीआई बैंक, टेक महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, एमएंडएम, पावर ग्रिड, टीसीएस, बजाज फाइनेंस, एनटीपीसी, एचसीएल टेक, एक्सिस बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप लूजर्स थे।
एसबीआई सिक्योरिटीज के टेक्निकल और डेरिवेटिव्स रिसर्च प्रमुख सुदीप शाह ने कहा कि मासिक एक्सपायरी के दिन निफ्टी की शुरुआत काफी मजबूत हुई। हालांकि, यह 26,000 के स्तर को तोड़ने में नाकामयाब रहा। हालांकि, व्यापक बाजार ने मुख्य सूचकांकों को आउटपरफॉर्म किया।
उन्होंने आगे बताया कि निफ्टी के लिए 26,050 से लेकर 26,100 एक रुकावट का स्तर है और एक बार यह स्तर निकल जाता है तो रैली 26,300 तक देखने को मिल सकती है। वहीं, सपोर्ट 25,750 से लेकर 25,700 के स्तर पर है।
राजनीति
भारत 2050 तक बनेगा सोलर एनर्जी का ग्लोबल हब, इनोवेशन और मैन्युफैक्चरिंग को देगा बढ़ावा : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि 2050 तक भारत न केवल अपने क्लीन एनर्जी टारगेट्स को पूरा करना चाहता है, बल्कि एक ऐसा हब भी बनना चाहता है जो ग्लोबल सोलर मांग को एकीकृत करे और इनोवेशन, मैन्युफैक्चरिंग और नॉलेज के आदान-प्रदान को बढ़ावा दे।
राष्ट्रीय राजाधानी में भारत मंडपम में इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) की असेंबली के आठवें सत्र को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत एक ग्लोबल सोलर एनर्जी हब बनने की राह पर है।
उन्होंने समय से पहले रिन्यूएबल एनर्जी टारगेट्स को प्राप्त करने में देश की प्रगति पर प्रकाश डाला और ग्लोबल सोलर डिमांड को एकीकृत करने और क्लीन एनर्जी इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए एक दृष्टिकोण की रूपरेखा प्रस्तुत की।
राष्ट्रपति ने कहा कि आईएसए मानवता की साझा आकांक्षा का प्रतीक है, जिसमें समावेशिता, सम्मान और सामूहिक समृद्धि के स्रोत के रूप में सोलर एनर्जी का उपयोग करना शामिल है।
राष्ट्रपति ने सभी सदस्य देशों से इन्फ्रास्ट्रक्चर से आगे सोचने और लोगों के जीवन पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस असेंबली को एक सामूहिक कार्य योजना विकसित करनी चाहिए जो सोलर एनर्जी को रोजगार सृजन, महिला नेतृत्व, ग्रामीण आजीविका और डिजिटल समावेशन से जोड़े।
राष्ट्रपति ने कहा, “हमारी प्रगति केवल मेगावाट से नहीं, बल्कि रोशन हुए जीवन, मजबूत हुए परिवारों और समुदायों में आए बदलाव से भी मापी जानी चाहिए। टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट और अधिकतम लाभ के लिए नवीनतम और उन्नत तकनीकों को सभी के साथ साझा करने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।”
राष्ट्रपति ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है। इस खतरे से निपटने के लिए तत्काल और ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है और दृढ़ संकल्पित कदम उठा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि आईएसए सोलर एनर्जी को अपनाने और उपयोग को प्रोत्साहित करके इस वैश्विक चुनौती से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस कार्यक्रम में बोलते हुए, उपभोक्ता मामले और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, प्रल्हाद जोशी ने भारत की रिन्यूएनबल एनर्जी यात्रा के बारे में बताया।
उन्होंने आगे कहा कि देश में रिन्यूएबल एनर्जी का उत्पादन बढ़कर 257 गीगावाट हो गया है, जो कि पहले 2014 में 81 गीगावाट था।
केंद्रीय मंत्री ने संबोधन में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत ने 2030 के लक्ष्य से 5 साल पहले ही गैर-जीवाश्म स्रोतों से 50 प्रतिशत ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य हासिल कर लिया है, जिससे स्वच्छ ऊर्जा सुलभ और सस्ती हो गई है।”
जोशी ने आगे कहा कि पीएम-कुसुम, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, पीएम-जनमन और ‘एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड’ जैसी परिवर्तनकारी पहलों के माध्यम से, भारत ऊर्जा न्याय सुनिश्चित करने, सबसे गरीब लोगों को सशक्त बनाने और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करने के प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है।
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