अंतरराष्ट्रीय
दूसरा टेस्ट : कराची ऑस्ट्रेलिया-पाकिस्तान श्रृंखला में फूंक सकता है जान

आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप स्टैंडिंग में शीर्ष दो टीमों पाकिस्तानी और ऑस्ट्रेलिया को शनिवार को यहां नेशनल स्टेडियम में दूसरा टेस्ट शुरू होने पर तीन मैचों की श्रृंखला में कुछ जान डालने की उम्मीद होगी। रावलपिंडी में एक खराब शुरुआती टेस्ट के बाद, आईसीसी मैच रेफरी रंजन मदुगले ने भी पिच को ‘औसत से नीचे’ रेटिंग दी। दोनों पक्ष ऐतिहासिक श्रृंखला को वापस लाने के लिए अपने पक्षों में बदलाव करना चाहेंगे।
ऐतिहासिक रावलपिंडी टेस्ट में पांच दिनों में सिर्फ 14 विकेट गिरे और सभी हितधारक दूसरे टेस्ट के लिए बेहतर तैयार पिच की उम्मीद कर रहे होंगे। दूसरे टेस्ट के लिए पांच दिवसीय क्रिकेट के लिए अधिक अनुकूल पिच के साथ, दोनों टीमें अच्छा परिणाम हासिल करने के प्रयास में कुछ नए चेहरों को अपने लाइन-अप में शामिल करना चाहेंगी।
पाकिस्तान हसन अली, हारिस रऊफ और हरफनमौला फहीम अशरफ के साथ अपने तेज आक्रमण में फिर से फेरबदल कर सकता है, जबकि ऑस्ट्रेलिया से एक दूसरे स्पिनर को शामिल करने की उम्मीद है, जो परिस्थितियों के अनुकूल हो।
इतिहास बताता है कि इस प्रतियोगिता में पाकिस्तान को हराना मुश्किल होगा, क्योंकि मेजबान टीम ने 23 में जीत हासिल की है और नेशनल स्टेडियम में खेले गए 43 टेस्ट मैचों में से सिर्फ दो में हार का सामना करना पड़ा है।
ऑस्ट्रेलिया का आयोजन स्थल पर खराब रिकॉर्ड है और उसे मैदान पर आठ प्रयासों में एक टेस्ट जीतना बाकी है।
आईसीसी के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया वर्तमान में 77.77 प्रतिशत की जीत के साथ आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप स्टैंडिंग में शीर्ष पर है, जबकि पाकिस्तान 66.66 जीत प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है।
लगभग 24 साल पहले इसी मैदान पर पाकिस्तान के हरफनमौला खिलाड़ी शाहिद अफरीदी ने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था और उस समय के 18 वर्षीय खिलाड़ी ने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के दौरान अपना पहला पांच विकेट लेने का दावा किया था।
मैच ड्रॉ रहा, मार्क वॉ के 117 रन की दूसरी पारी में पांचवें और अंतिम दिन एजाज अहमद के नाबाद 120 रन से नाबाद रहे क्योंकि दोनों टीमों ने जल्द ही मैच खत्म कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि कराची की सूखी पिच का मतलब था कि दोनों टीमों ने टेस्ट के लिए तीन स्पिनरों का चयन किया।
अफरीदी ने ऑफ स्पिनर अरशद खान और बाएं हाथ के शकील अहमद के साथ साझेदारी की, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने न्यू साउथ वेल्स की जोड़ी स्टुअर्ट मैकगिल और गेविन रॉबर्टसन के साथ कॉलिन मिलर का इस्तेमाल किया।
पीसीबी अध्यक्ष रमीज राजा ने कहा, मुझे उम्मीद है कि आगे चलकर यह सीरीज और दिलचस्प होगी, लेकिन सिर्फ एक मैच हुआ है, इसलिए जल्दबाजी न करें, अभी काफी क्रिकेट खेलना है।
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने कहा, “कराची और लाहौर (दो स्पिनरों) के लिए हमारी समझ शायद ठीक है। हम पहले विकेट पर एक नजर डालेंगे। दो स्पिनरों को खेलना यहां मददगार साबित हो सकता है लेकिन मुझे नहीं लगता कि बहुत ज्यादा फर्क पड़ेगा।
पाकिस्तान टीम : बाबर आजम (कप्तान), मोहम्मद रिजवान, अब्दुल्ला शफीक, अजहर अली, फवाद आलम, हारिस रऊफ, इफ्तिखार अहमद, इमाम-उल-हक, मोहम्मद वसीम, नसीम शाह, नौमान अली, साजिद खान, सऊद शकील, शाहीन शाह अफरीदी, शान मसूद, जाहिद महमूद।
ऑस्ट्रेलिया टीम : पैट कमिंस (कप्तान), एश्टन एगर, स्कॉट बोलैंड, एलेक्स कैरी, कैमरून ग्रीन, मार्कस हैरिस, जोश हेजलवुड, ट्रैविस हेड, जोश इंगलिस, उस्मान ख्वाजा, मार्नस लाबुस्चागने, नाथन लियोन, मिशेल मार्श, स्टीव स्मिथ, मिशेल स्टार्क , मार्क स्टेकेटी, मिशेल स्वेपसन, डेविड वार्नर। स्टैंडबाय पर : सीन एबॉट, ब्रेंडन डोगेट, निक मैडिन्सन, मैथ्यू रेनशॉ।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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