खेल
सात अक्टूबर से शुरू होगा प्रो कबड्डी का सीजन 9
वीवो प्रो कबड्डी लीग के आयोजक मशाल स्पोर्ट्स ने सीजन 9 के पहले हाफ के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। यह 7 अक्टूबर, 2022 से बेंगलुरु के श्री कांतीरावा इंडोर स्टेडियम में शुरू होगा और फिर अगले चरण के लिए 28 अक्टूबर को पुणे के बालेवाड़ी स्थित श्री शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स (बैडमिंटन कोर्ट) तक जाएगा ।
मशाल स्पोर्ट्स ने कहा कि इस सीजन में, लीग कबड्डी फैंस का स्टेडियम में वापस स्वागत करने के लिए तैयार है। लीग ने फैंस के लिए मुकाबलों के गुलदस्तों के रूप में एक ट्रीट की तैयारी की है। शुरूआती तीन दिनों में ट्रिपल हेडर के साथ लीग की ग्रैंड ओपनिंग होगी। 66 मैचों के लिए जारी शेड्यूल में हर मैच खास है और पहले 2 दिनों के भीतर प्रशंसकों को सभी 12 टीमों को एक मैच खेलते हुए देखने को मिलेगा। वीवो पीकेएल सीजन 9 के लीग चरण के माध्यम से प्रत्येक शुक्रवार और शनिवार को ट्रिपल हेडर के साथ फैंस का भरपूर मनोरंजन किया जाएगा।
सीजन 9 की शुरूआत सीजन 8 के चैंपियन दबंग दिल्ली के.सी. और यू-मुंबा के बीच सात अक्टूबर को होने वाले मैच के साथ होगी। उसके बाद दूसरे मैच में लीग के सदर्न डर्बी की बारी है, जिसमें बेंगलुरु बुल्स का सामना तेलुगु टाइटन्स से होगा। पहले दिन के अंतिम मैच में यूपी योद्धा का सामना जयपुर पिंक पैंथर्स से होगा।
लीग के दूसरे हाफ का कार्यक्रम अक्टूबर के अंत तक जारी किया जाएगा, जिससे 12 टीमों को टूर्नामेंट के दूसरे हाफ के लिए अपनी रणनीतियों पर विचार करने और उसी अनुसार अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनाने में मदद मिलेगी।
वीवो पीकेएल सीजन 9 के शेड्यूल के बारे में बताते हेड स्पोर्ट्स लीग मशाल स्पोर्ट्स एवं लीग कमिश्नर वीवो प्रो कबड्डी लीग अनुपम गोस्वामी ने कहा, “वीवो पीकेएल सीजन 9 बैंगलोर, पुणे और हैदराबाद में भारतीय खेल प्रेमियों के सामने दुनिया में कबड्डी का सर्वश्रेष्ठ हाई-वोल्टेज एक्शन लाने के लिए तैयार है। पिछले हर एक सीजन की तरह सीजन 9 लीग और इसके प्रसारण पार्टनर के साथ-साथ हमारी 12 टीमों द्वारा स्टेडियम में आने वाले और स्क्रीन पर लुत्फ लेने वाले कबड्डी प्रशंसकों के लिए भारत में कबड्डी के विकास को जारी रखने के लिए मजबूत मानक (बेंचमार्क) स्थापित करेगा।”
फैंस लीग के टिकट बुकमाईशो पर बुक कर सकते हैं।
खेल
केन विलियमसन भारत के खिलाफ वनडे सीरीज का हिस्सा क्यों नहीं हैं?

SPORTS
नई दिल्ली, 24 दिसंबर: भारत के खिलाफ 3 वनडे और 5 टी20 मैचों की सीरीज के लिए न्यूजीलैंड ने अपनी टीम का ऐलान कर दिया है। वनडे टीम में पूर्व कप्तान केन विलियमसन का नाम नहीं है। विलियमसन न्यूजीलैंड क्रिकेट का सबसे बड़ा चेहरा है। टी20 सेटअप से उन्हें बाहर रखा जा रहा है, लेकिन वनडे टीम में उन्हें जगह नहीं मिलना उनके फैंस के लिए बड़े सवाल के रूप में उभरा है। आइए बताते हैं कि विलियमसन क्यों भारत के खिलाफ वनडे सीरीज का हिस्सा नहीं हैं।
केन विलियमसन न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने दुनियाभर में खेली जाने वाली टी20 लीग में अवसर तलाशने के उद्देश्य से सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर रहने का फैसला किया था। सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का सदस्य नहीं होने की स्थिति में विलियमसन यह निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं कि वे लीग क्रिकेट खेलेंगे या देश के लिए।
भारत के खिलाफ वनडे सीरीज के दौरान विलियमसन साउथ अफ्रीका टी20 लीग में खेलेंगे। वह इस लीग की नीलामी में अनसोल्ड रहे थे, लेकिन बाद में डरबन सुपर जायंट्स ने उन्हें बांग्लादेश के स्पिनर ताइजुल इस्लाम की जगह अपनी टीम में शामिल किया। साउथ अफ्रीका लीग में प्रतिबद्धता की वजह से विलियमसन भारत के खिलाफ वनडे सीरीज का हिस्सा नहीं होंगे। इसकी पुष्टि न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने की है। अगर डरबन सुपर जायंट्स ने विलियमसन को टीम में शामिल नहीं किया होता, तो निश्चित रूप से वह भारत के खिलाफ वनडे सीरीज का हिस्सा होते।
विलियमसन न्यूजीलैंड के लिए वनडे फॉर्मेट के सफलतम बल्लेबाजों में से एक हैं। 2010 से 2025 के बीच 175 वनडे मैचों की 167 पारियों में 15 शतक और 47 अर्धशतक लगाते हुए 48.69 की औसत से वह 7256 रन बना चुके हैं।
विलियमसन ने आखिरी वनडे इंग्लैंड के खिलाफ इसी साल 29 अक्टूबर को खेला था।
खेल
आईसीसी रैंकिंग: दीप्ति शर्मा बनी नंबर वन टी20 गेंदबाज, मंधाना को एक स्थान का नुकसान

SPORT
नई दिल्ली, 23 दिसंबर: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा टी20 फॉर्मेट की नई नंबर वन गेंदबाज बन गई हैं।
दीप्ति शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया की एनाबेल सदरलैंड को पछाड़ते हुए नंबर वन का ताज हासिल किया है। शीर्ष दस में दीप्ति एकमात्र भारतीय गेंदबाज हैं। दूसरे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया की एनाबेल सदरलैंड, तीसरे स्थान पर पाकिस्तान की सादिया इकबाल हैं। दोनों को 1-1 स्थान का नुकसान हुआ है। चौथे स्थान पर इंग्लैंड की सोफी एक्लेस्टन और पांचवें स्थान पर लॉरेन बेल हैं। छठे स्थान पर दक्षिण अफ्रीका की एन मल्बा, सातवें स्थान पर ऑस्ट्रेलिया की जॉर्जिया वॉरहेम, आठवें पर इंग्लैंड की चॉर्ली डेन, नौवें स्थान पर वेस्टइंडीज की एफी फ्लेचर और दसवें स्थान पर पाकिस्तान की नशरा संधु हैं।
महिलाओं की नई वनडे रैंकिंग में दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट एक बार फिर से स्मृति मंधाना को पछाड़ते हुए नंबर वन स्थान पर काबिज हो गई हैं। उन्हें एक स्थान का फायदा हुआ है। मंधाना दूसरे स्थान पर हैं, उन्हें एक स्थान का नुकसान हुआ है।
तीसरे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया की एश्ले गार्डनर, चौथे स्थान पर नट सेवियर ब्रंट, पांचवें स्थान पर ऑस्ट्रेलिया की बेथ मूनी, छठे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया की एलीसा हिली, सातवें स्थान पर न्यूजीलैंड की सोफी डिवाइन, आठवें स्थान पर ऑस्ट्रेलिया की एल्सी पेरी, नौवें स्थान पर हेली मैथ्यूज और दसवें स्थान पर भारत की जेमिमा रोड्रिग्ज हैं।
महिलाओं की वनडे रैंकिंग में सिर्फ मंधाना और वोल्वॉर्ड्ट की रैंकिंग में ही बदलाव दिखा है।
महिलाओं की टी20 बल्लेबाजों की रैंकिंग में ऑस्ट्रेलिया की बेथ मूनी पहले, वेस्टइंडीज की हेली मैथ्यूज दूसरे, भारत की स्मृति मंधाना तीसरे, ऑस्ट्रेलिया की ताहिला मैकग्राथ चौथे, दक्षिण अफ्रीका की लौरा वोल्वार्ड्ट पांचवें, श्रीलंका की चमारी अट्टपट्टू छठे, दक्षिण अफ्रीका की तंजिम ब्रिट्स सातवें, न्यूजीलैंड की सुजी बेट्स आठवें और भारत की जेमिमा रोड्रिग्स नौवें स्थान पर हैं। रोड्रिग्स को पांच स्थान का फायदा हुआ है। शेफाली वर्मा दसवें स्थान पर हैं। उन्हें एक स्थान का नुकसान हुआ है।
खेल
24 दिसंबर विशेष: विश्वनाथन आनंद पहली बार विश्व चैंपियन बने

नई दिल्ली, 23 दिसंबर: शतरंज की दुनिया में विश्वनाथन आनंद का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। आनंद ने शह और मात के इस खेल में दुनिया के धुरंधरों को पछाड़ते हुए वैश्विक स्तर पर भारत और अपनी प्रतिष्ठा कायम की थी। विश्वनाथन आनंद पांच बार विश्व चैंपियन रहे। उन्होंने पहला विश्व चैंपियन खिताब 2000 में जीता था।
11 दिसंबर 1969 को तमिलनाडु के मयिलादुथुराई में जन्मे आनंद को बचपन से ही शतरंज में रुचि थी। 6 साल की उम्र में ही आनंद अपने से बड़े बच्चों पर भारी पड़ने लगे थे। 14 साल की उम्र में वे सब-जूनियर शतरंज चैंपियनशिप बने और 15 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के अंतरराष्ट्रीय मास्टर बनने का गौरव हासिल कर लिया। 1988 में 19 साल की उम्र में विश्वनाथन आनंद देश के पहले ग्रैंडमास्टर बन गए।
शतरंज की दुनिया में लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ते विश्वनाथन आनंद के लिए साल 2000 बेहद गौरवपूर्ण था। यह वह साल था, जब पूरी दुनिया को हैरान करते हुए विश्वनाथन आनंद ने पहली बार विश्व चैंपियन का खिताब जीता। 2000 में फिडे विश्व कप का आयोजन 27 नवंबर से 24 दिसंबर तक नई दिल्ली और तेहरान में किया गया था। विश्वनाथन आनंद ने अलेक्सी शिरोव को हराकर खिताब जीता था। यह खिताब अगले एक दशक में शतरंज में आनंद युग के शुरुआत का शंखनाद था। आनंद ने 2007, 2008, 2010 और 2012 में भी विश्व चैंपियन का खिताब जीता।
56 साल के आनंद ने शतरंज से पूरी तरह संन्यास नहीं लिया है, लेकिन उन्होंने शीर्ष स्तर के टूर्नामेंटों में हिस्सा लेना कम कर दिया है। वह अपनी अकादमी और युवा खिलाड़ियों के विकास पर ध्यान लगाए हुए हैं। कभी-कभी वह टूर्नामेंट खेलते हैं और फिडे के उपाध्यक्ष भी हैं।
शतरंज की दुनिया में वैश्विक स्तर पर भारत को प्रतिष्ठित करने वाले विश्वनाथन आनंद को भारत सरकार ने 1985 में अर्जुन पुरस्कार, 1988 में पद्मश्री, 1991-92 में खेल रत्न, 2001 में पद्मभूषण और 2008 में पद्मविभूषण से नवाजा था।
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